पटियाला हिंसा मास्टर माइंड परवाना समेत चार बंदी,काली मंदिर पर हमले के विरोध में हिंदुओं का बंद

पटियाला हिंसा में एक्शन:मास्टरमाइंड बरजिंदर परवाना समेत 4 गिरफ्तार; 25 लोगों पर 6 FIR; साजिश रच की गई हिंसा

चंडीगढ़30अप्रैल।पटियाला हिंसा मामले में पुलिस कार्रवाई शुरू हो गई है। मामले में मास्टरमाइंड सिख कट्‌टरपंथी बरजिंदर परवाना भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। परवाना का क्रिमिनल बैकग्राउंड के परवाना केे खिलाफ पहले ही चार केस हैं। वह इस समय जमानत पर था।

पटियाला रेंज के नए IG मुखविंदर सिंह छीना ने बताया कि 6 FIR में 25 जनेें नामजद है। इनमें हरीश सिंगला, कुलदीप सिंह और दलजीत सिंह पहले ही गिरफ्तार किये जा चुके। इस मामले में भी परवाना की गिरफ्तारी हो गई है। अब पूरी साजिश का पर्दाफाश होगा। उसे पकड़ने को लगातार रेड की जा रही थी। इसके अलावा खालिस्तान विरोधी मार्च निकालने वाले हरीश सिंगला को रिमांड पर लेकर पूछताछ हो रही है।

इससे पहले सुबह पटियाला में शुक्रवार को खालिस्तान विरोधी मार्च में हुई हिंसा बाद पटियाला के IG राकेश अग्रवाल और SSP नानक सिंह हटाये गये। उनकी जगह मुखविंदर सिंह छीना IG और दीपक पारिख SSP लाए गए हैं। सिटी SP हरपाल सिंह को हटाकर वजीर सिंह खैहरा लाये गये हैैं। DSP अशोक कुमार भी हटाये गये हैैं। थाना लाहौरी गेट के SHO गुरप्रीत सिंह और कोतवाली के SHO बिक्रम सिंह भी हटाये गये हैैं।

हिंदू संगठनों ने दिया 48 घंटे का अल्टीमेटम

पुलिस ने हिंदू संगठनों को रोष मार्च न निकालने को मना लिया। एसएसपी नानक सिंह से बातचीत पर हिंदू संगठनों ने धरना खत्म कर दिया। हिंदू संगठनों ने मंदिर पर हमला करने वालों की गिरफ्तारी को पुलिस को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। हालात सुधरने पर साढ़े 4 बजे ही पटियाला में इंटरनेट और SMS सेवा बहाल हो गई है। इसे शाम 6 बजे तक को बंद किया गया था।

हिंदू संगठनों के नेताओं से बात करते एसएसपी नानक सिंह

हिंसा पर पहली बार बोले मुुुख्यमंत्री मान- समुदाय नहीं, भाजपा-अकाली दल का टकराव

मुुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि मामले में केस दर्ज है। कुछ लोग अरेस्ट हुए हैं। हिंसा में भाजपा और शिवसेना के लोग थे। दूसरी तरफ अकाली दल के लोग थे। यह दो राजनीतिक दलों का टकराव था, इसे किसी धर्म या समुदाय से नहीं जोड़ना चाहिए। जांच हो रही है, जल्द ही सब सबके सामने आएगा। पंजाब में आप सरकार की लोकप्रियता से घबराकर विपक्षी दलों ने यह सब किया। मान ने हिंसा के दिन ही भाजपा के प्रदेश प्रधान अश्वनी शर्मा के काली माता मंदिर जाने पर भी सवाल खड़े किए।

मंदिर में तलवारें किसने चलाई? : भाजपा

भाजपा के प्रदेश महासचिव अनील सरीन ने कहा कि आप की सरकार आने के बाद आतंकवादी ताकतें मुखर हो गई हैं। जिस हरीश सिंगला मार्च निकाल रहे थे, वह काली माता मंदिर के आसपास भी नहीं था। फिर मंदिर में तलवारें किसने चलाई?। मुख्यमंत्री मान को इसका जवाब देना चाहिए।

मान सरकार फेल हुई : अकाली दल

अकाली दल के प्रवक्ता डॉक्टर चरणजीत बराड़ ने कहा कि आम आदमी पार्टी से हालात संभल नहीं रहे और विपक्षी दलों पर आरोप लगा रहे । पटियाला में हुई घटना में मान सरकार पूरी तरह फेल रही। एक हफ्ते से यह बातें सोशल मीडिया पर थी। अफसरों को भी पता था, फिर इसे रोकने को कोशिश क्यों नहीं की गई?।

पंजाब के पुलिस महानिदेशक से भी नाराज भगवंत मान

पटियाला हिंसा के बाद मुुख्यमंत्री भगवंत मान ने चीफ सेक्रेटरी अनिरुद्ध तिवारी और पुुलि महानिदेशक वीके भावरा की अगुआई में अफसरों को तलब किया था। उन्होंने पुुलिस महानिदेशक वीके भावरा पर भी नाराजगी जता जिम्मेदार अफसरों पर हाई लेवल इंक्वायरी के आदेश दिए। इसमें पुलिस और प्रशासन की लापरवाही की जांच होगी।

हफ्तेभर से थे टकराव के हालात, पर पुलिस नहीं जागी

जानकारी के मुताबिक, एक हफ्ते से टकराव के हालात थे। इसके बावजूद पुलिस ने इसे रोकने को पक्के इंतजाम नहीं किए। इंटेलिजेंस विंग ने पुलिस को इनपुट भी दिए थे, लेकिन पुलिस अफसरों ने इन्हें हल्के में लिया और हालात काबू से बाहर हो गए।

पटियाला में तनाव के मद्देनजर सड़कों पर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं।

काली मंदिर पर जमा हुए हिंदू संगठन

हिंदू तख्त और शिवसेना हिंदुस्तान की अगुआई में शनिवार सुबह ही कई हिंदू संगठन काली माता मंदिर में इकट्‌ठा हुए। सभी रोष मार्च निकालने की तैयारी में थे, लेकिन पुलिस ने इजाजत नहीं दी। इसके बाद उन्होंने काली माता मंदिर के पास ही प्रदर्शन किया।

मार्च की अगुआई करने वाले हरीश सिंगला गिरफ्तार

पुलिस ने देर रात शिवसेना (बाल ठाकरे) नेता हरीश सिंगला को गिरफ्तार किया। सिंगला ही खालिस्तान विरोधी मार्च का नेेतृत्व कर रहे थे। इधर, शिवसेना ने उन्हें निष्कासित कर दिया है। देर शाम काली माता मंदिर में हिंदू संगठनों की मीटिंग बुलाई गई थी। सिंगला वहां पहुंचे, तो बहस में उनसे मारपीट की गई। उनकी गाड़ी भी तोड़ी गई। सिंगला के बेटे से भी लोगों ने मारपीट की।

पटियाला हिंसा के बाद अफसरों से मीटिंग करते CM भगवंत मान।

पटियाला में कल हुई फायरिंग, पत्थर और तलवारें चलीं

सिख फॉर जस्टिस के आतंकी गुरपतवंत पन्नू के विरोध में शुक्रवार को पटियाला में खालिस्तान विरोधी मार्च निकलना था। जैसे ही मार्च का पता चला, तो सिख संगठनों ने इसका विरोध शुरू कर दिया। इसके बाद शिवसेना और सिख संगठनों में पत्थर चलेे और तलवारें भी लहराई गईं। हालात इतने बिगड़े कि एक SHO का हाथ जख्मी हो गया। वहां पहुंचे SSP नानक सिंह ने हवाई फायरिंग कर हालात संभाले । देर शाम जिला मजिस्ट्रेट ने रात 7 बजे से सुबह 6 बजे तक कर्फ्यू लगाया था।

 

पटियाला में काली माता मंदिर पर हमले के विरोध में हिंदू संगठनों का बंद: खालिस्तानियों पर कार्रवाई की माँग, इंटरनेट-मैसेजिंग सब ठप्प

पटियाला हिंसा (फोटो साभार: संवाद न्यूज एजेेंसी)

पंजाब के पटियाला (Patiala, Punjab) में शुक्रवार (29 अप्रैल 2022) को खालिस्तान विरोधी मार्च के बाद हुई हिंसा के बाद राज्य सरकार अलर्ट है। काली मंदिर में तोड़फोड़ से गुस्साए हिंदू संगठनों ने शनिवार (30 अप्रैल 2022) को बंद बुलाया है। इसके बाद प्रशासन ने शाम तक मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर अस्थायी रूप से प्रतिबंध लगा दिया है। वहीं, शहर हाई अलर्ट पर है।

पंजाब सरकार के गृह मंत्रालय ने अफवाहों पर रोक लगाने और शहर में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए इंटरनेट बंद करने का निर्णय लिया है। इस संबंध में जिलाधिकारी ने एक नोटिफिकेशन जारी किया है और उसे ट्विटर पर साझा किया है।

वहीं, शुक्रवार को मंदिर में हुए हमले का एक वीडियो सामने आया है। वीडियो में स्पष्ट दिख रहा है कि कुछ अराजक तत्व मंदिर में घुसकर तोड़फोड़ की कोशिश कर रहे हैं। इनके हाथों में तलवारें और डंडे हैं। इस दौरान वहाँ मौजूद पुलिसकर्मी उपद्रवियों को रोकने का प्रयास करते दिख रहे हैं।

हिंसा को लेकर शुक्रवार को पंजाब पुलिस ने शिवसेना (बाल ठाकरे) नेता हरीश सिंगला को पुलिस ने गिरफ्तार किया था।पार्टी ने भी उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया । ऐसे में कई मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि हिंदू संगठन सिंगला से खफा हैं और बंद उनके खिलाफ आयोजित है। हालाँकि, हिंदू संगठनों का स्पष्ट कहना है कि सिंगला के नहीं ,खालिस्तान समर्थकों के खिलाफ बंंद आयोजित किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि सिंगला का विरोध करना होता तो अन्य तरीके से किया जा सकता था। उन्होंने गलती की तो उसकी सजा उन्हें मिल रही है। लेकिन, खालिस्तान समर्थकों को काली माता मंदिर पर हमला नहीं करना चाहिए था। यह बंद उन्हीं लोगों पर कार्रवाई की माँग को लेकर है।

पटियाला के काली माता मंदिर के महंत रवि कुमार मुनि ने बताया, “हरीश सिंगला हमारे शहर के हैं, हमारे अपने हैं। लेकिन, अगर किसी एक व्यक्ति के काम को लेकर पूरी कम्युनिटी पर प्रोब्लम आएगी तो इसमें क्या करना चाहिए? हरीश सिंगला दोषी है, इसमें कोई दो राय नहीं है, लेकिन जिन लोगों ने मंदिर पर अटैक किया वे भी दोषी हैं। मंदिर ने तो किसी को कुछ नहीं कहा था। मंदिर पर अटैक क्यों किया गया? पंजाब में आतंकवाद के दौरान भी मंदिर पर कभी अटैक नहीं हुआ।”

हिंदू रक्षा समिति के अध्यक्ष राजेश केहर ने बताया, “ये बंद हरीश सिंगला के खिलाफ नहीं, बल्कि खालिस्तानियों के मंदिर पर किए हमले के कारण आयोजित किया गया है। पटियाला के सभी हिंदू संगठनों ने मिलकर ये निर्णय लिया है।” केहर ने कहा कि रोष मार्च शिवसेना (बाल ठाकरे) ने आर्य समाज से निकाला और हमला माल रोड पर काली माता मंदिर पर हुआ। यह सोची समझी साजिश थी। उन्होंने आरोप लगाया कि सारे हमलावरों को बाहर से बुलाया गया था। इनमें 10 प्रतिशत लोग भी पटियाला से नहीं थे।

हमले को लेकर राजेश केहर ने थाने में रिपोर्ट भी दर्ज कराई है। अपनी रिपोर्ट में उन्होंने कहा कि शुक्रवार की दोपहर करीब 12 बजे 40-50 हमलावरों का एक समूह मंदिर के बाहर खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने लगा। वे मंदिर पर पथराव कर रहे थे। उन्होंने कहा, “रात के करीब 12 बजे जब मैं अपने कार्यालय में था, मैंने खालिस्तान जिंदाबाद के नारे सुने। मैं बाहर भागा, जहाँ मैंने देखा कि कुछ निहंग सिख दूसरों के साथ पथराव कर रहे थे और मंदिर भवन और लंगर भवन पर हमला कर रहे थे। उनके पास डंडे और अन्य हथियार थे। वे हिंदू विरोधी नारे लगा रहे थे।”

दर्ज कराई शिकायत में उन्होंने आगे कहा, “मैंने मंदिर के अधिकारियों और सुरक्षा को सतर्क किया और तुरंत फाटक बंद करवा दिया। कुछ ही मिनटों में हमलावरों ने मंदिर की इमारत पर हमला कर दिया, जिससे कुछ नुकसान हुआ। उन्होंने मंदिर के गेट के बाहर मंदिर की दुकानों पर भी हमला किया। उन्होंने 9 से 12 नंबर की दुकानों को क्षतिग्रस्त कर दिया और दुकानों से करीब 25-30 हजार रुपये की चोरी कर ली। पुलिस भी मौके पर मौजूद थी और हमलावरों को रोकने की कोशिश कर रही थी।”

बता दें कि सिख फॉर जस्टिस के प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू ने कुछ दिन पहले शुक्रवार को खालिस्तान का स्थापना दिवस मनाने की घोषणा की थी। इसके जवाब में शिवसेना (बाल ठाकरे) के नेता हरीश सिंगला ने शुक्रवार (29 अप्रैल) को खालिस्तान विरोधी रोष रैली निकाली थी। इस दौरान उन विरोधी गुट के साथ उनकी झड़प हो गई। दोनों तरफ से पथराव भी हुआ। वहीं अराजक तत्वों ने काली माता मंदिर पर हमला कर दिया। इस दौरान कई लोग घायल भी हुए।

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