भारत में सामुदायिक जनसंख्या वृद्धि आंकड़ों से हंगामा,कांग्रेस परेशान

Eca Pm Report On Demographic Changes Dip In Hindu Share Increase In Muslim Population Sparks Row
‘वॉट्सऐप यूनिवर्सिटी रिपोर्ट’, ‘गजवा ए हिंद की कोशिश’…हिंदू-मुस्लिम डेटा पर क्यों मचा बवाल, समझिए
प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद की एक रिपोर्ट पर सियासी बवाल मच गया है। लोकसभा चुनाव के बीच आई ये रिपोर्ट 1950 से 2015 तक 65 साल में जनसांख्यिकी में आए बदलाव का विश्लेषण करती है। इस दौरान हिंदुओं की जनसंख्या 8 प्रतिशत घट गई है जबकि मुस्लिमों की आबादी 43 प्रतिशत बढ़ी है।

मुख्य बिंदु 

प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद की जनसांख्यिकी पर स्टडी रिपोर्ट पर हंगामा
भाजपा ने कांग्रेस पर बोला हमला, बताया देश को इस्लामिक स्टेट बनाने की कोशिश
रिपोर्ट के मुताबिक 1950 से 2015 के बीच हिंदुओं की जनसंख्या में 7.82 प्रतिशत की कमी
रिपोर्ट के मुताबिक, इसी दौरान मुस्लिम जनसंख्या में 43.15 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है

नई दिल्ली 09 मई 2024: प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC-PM) की एक रिपोर्ट पर राजनीतिक घमासान मचा हुआ है। रिपोर्ट में 167 देशों में 1950 से 2015 के बीच आए डेमोग्राफिक बदलावों का विश्लेषण किया गया है। लेकिन बवाल मचा है भारत में मुस्लिमों की बढ़ती और हिंदुओं की घटती आबादी पर। रिपोर्ट के अनुसार 1950 से 2015 के बीच भारत में हिंदुओं की जनसंख्या 7.82 प्रतिशत घट गई है जबकि इसी दौरान मुस्लिम जनसंख्या में 43.19% वृद्धि हुई है। हिंदू, जैन, पारसी जनसंख्या घटी है जबकि मुस्लिम, ईसाई और सिखों की जनसंख्या बढ़ी है। रिपोर्ट में आंकड़ों के हवाले से कहा गया है कि भारत में अल्पसंख्यक सुरक्षित हैं और फल-फूल रहे हैं। लेकिन लोकसभा चुनाव के दौरान आई इस रिपोर्ट ने राजनीतिक पारा चढ़ा दिया है। भाजपा जनसांख्यिकी में आए इस बदलाव को लेकर सीधे-सीधे कांग्रेस पर हमलावर है। ‘गजवा-ए-हिंद’ की तैयारी बता रही है। यही हाल रहने पर हिंदुओं के लिए कोई देश नहीं बचने की आशंका जता रही है। दूसरी तरफ, विपक्ष के नेता इस रिपोर्ट को भटकाने वाला बता रहे हैं। कोई इस रिपोर्ट को ‘वॉट्सऐप यूनिवर्सिटी’ की रिपोर्ट बताकर निरस्त कर रहा है तो कोई इसे नफरत फैलाने और जनता को गुमराह करने की कोशिश बता रहा है। आखिर रिपोर्ट में क्या-क्या है और इससे क्यों मचा है राजनीतिक बवाल, आइए सिलसिलेवार ढंग से समझते हैं।

EAC-PM रिपोर्ट में क्या है
प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) की हालिया रिपोर्ट में 1950 से 2015 के बीच जनसांख्यिकी में आए बदलाव का विश्लेषण किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 1950 से 2015 के बीच हिंदुओं की आबादी में 7.82 प्रतिशत की कमी आई है जबकि मुसलमानों की आबादी में 43.15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जिससे पता चलता है कि देश में विविधता को बढ़ावा देने के लिए अनुकूल माहौल है। ‘धार्मिक अल्पसंख्यकों की हिस्सेदारी: एक राष्ट्रव्यापी विश्लेषण (1950-2015)’ शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की आबादी में जैन समुदाय के लोगों की हिस्सेदारी 1950 में 0.45 प्रतिशत थी जो 2015 में घटकर 0.36 प्रतिशत रह गई

1950 में 9.84% थे मुस्लिम, अब बढ़कर 14.09%
ईएसी-पीएम की सदस्य शमिका रवि के नेतृत्व वाली एक टीम ने इस रिपोर्ट को तैयार किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, 1950 से 2015 के बीच बहुसंख्यक हिंदू आबादी की हिस्सेदारी में 7.82 प्रतिशत की कमी आई है जो संबंधित अवधि में 84.68 प्रतिशत से घटकर 78.06 प्रतिशत रह गई। इसमें कहा गया कि 1950 में देश में मुसलमानों की आबादी 9.84 प्रतिशत थी और 2015 में बढ़कर यह 14.09 प्रतिशत हो गई जो संबंधित अवधि में 43.15 प्रतिशत बढ़ी है।

रिपोर्ट के अनुसार, 1950 और 2015 के बीच ईसाइयों की आबादी 2.24 प्रतिशत से बढ़कर 2.36 प्रतिशत हो गई और संबंधित अवधि में इसमें 5.38 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसमें कहा गया कि 1950 में सिखों की आबादी 1.24 प्रतिशत थी जो बढ़कर 2015 में 1.85 प्रतिशत हो गई यानी इस अवधि के दौरान उसमें 6.58 प्रतिशत की वृद्धि हुई। रिपोर्ट के अनुसार, भारत में पारसी जनसंख्या में 85 प्रतिशत की भारी कमी आई है। इस समुदाय की जनसंख्या 1950 में कुल जनसंख्या का 0.03 प्रतिशत थी लेकिन 2015 में यह केवल 0.004 प्रतिशत रह गई।

गैर-मुस्लिम देशों में बहुसंख्यक जनसंख्या घटी है
रिपोर्ट के मुताबिक इन 65 वर्षों में गैर-मुस्लिम देशों में बहुसंख्यक समुदाय की जनसंख्या घटी है। हालांकि, ये बात मुस्लिम-बहुल देशों पर लागू नहीं होती। मुस्लिम देशों में बहुसंख्यक संप्रदाय की आबादी बढ़ी है. सिर्फ मालदीव एक अपवाद है। रिपोर्ट में कहा गया, ‘दक्षिण एशियाई पड़ोस के व्यापक संदर्भ में यह विशेष रूप से उल्लेखनीय है, जहां बहुसंख्यक धार्मिक संप्रदाय की जनसंख्या बढ़ी है, और बांग्लादेश, पाकिस्तान, श्रीलंका, भूटान तथा अफगानिस्तान जैसे देशों में अल्पसंख्यक आबादी में चिंताजनक रूप से कमी आई है।’ इसमें कहा गया कि यह आश्चर्य की बात नहीं है, इसीलिए तो पड़ोस से अल्पसंख्यक आबादी दबाव के समय भारत आती है।

रिपोर्ट में कहा गया कि सभी मुस्लिम बहुल देशों में बहुसंख्यक धार्मिक संप्रदाय की आबादी में वृद्धि देखी गई। हालांकि, मालदीव ऐसा मुस्लिम बहुल देश है जहां बहुसंख्यक समूह (शाफी सुन्नियों) की हिस्सेदारी में 1.47 प्रतिशत की गिरावट आई है। बांग्लादेश में, बहुसंख्यक धार्मिक समूह की हिस्सेदारी में 18 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जो भारतीय उपमहाद्वीप में इस तरह की सबसे बड़ी वृद्धि है। 1971 में बांग्लादेश के निर्माण के बावजूद पाकिस्तान में बहुसंख्यक धार्मिक संप्रदाय (हनफ़ी मुस्लिम) की हिस्सेदारी में 3.75 प्रतिशत की वृद्धि और कुल मुस्लिम जनसंख्या की हिस्सेदारी में 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

रिपोर्ट के अनुसार, गैर-मुस्लिम बहुसंख्यक देशों में म्यांमा, भारत और नेपाल में बहुसंख्यक धार्मिक संप्रदाय की हिस्सेदारी में गिरावट आई है। ये स्टडी रिपोर्ट दुनिया भर में अल्पसंख्यकों की स्थिति का एक विस्तृत राष्ट्रव्यापी विश्लेषण है जिसमें 1950 और 2015 के बीच 65 वर्षों में किसी देश की जनसंख्या में उनकी बदलती हिस्सेदारी को मापा गया है। विश्लेषण में शामिल 167 देशों के लिए, 1950 के आधारभूत वर्ष में बहुसंख्यक धार्मिक संप्रदाय की हिस्सेदारी का औसत आंकड़ा 75 प्रतिशत है, जबकि 1950 और 2015 के बीच बहुसंख्यक धार्मिक संप्रदाय की आबादी में परिवर्तन का औसत 21.9% है।

देश को इस्लामिक देश बनाने की तैयारी: गिरिराज सिंह
इस रिपोर्ट को लेकर बीजेपी जहां चिंता जता रही है, वहीं विपक्षी दल इसे मुद्दे से भटकाने की कोशिश करार दे रहे हैं। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों पर हमला करते हुए कहा कि ऐसा लग रहा है कि ये सभी मिलकर भारत में गजवा ए हिंद करना चाहते हैं। भारत को इस्लामिक स्टेट बनाने की तैयारी कर रहे हैं। गिरिराज सिंह ने कहा कि कांग्रेस ने देश को धर्मशाला बना दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि बांग्लादेशी घुसपैठिए और रोहिंग्या को वोट बैंक के लिए बढ़ाया गया। अब मुसलमानों को आरक्षण देना चाहते हैं ये लोग और देश को इस्लामिक स्टेट बनाना चाहते हैं। भाजपा सांसद साक्षी महाराज ने तो तत्काल जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू करने की मांग कर दी है।

    ‘ऐसे तो हिंदुओं के लिए कोई देश ही नहीं बचेगा’
प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद की रिपोर्ट पर भाजपा आईटी सेल के मुखिया अमित मालवीय ने भी चिंता जताई है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया, ‘1950 और 2015 के बीच हिंदुओं की आबादी 7.8 प्रतिशत सिकुड़ गई। मुस्लिम आबादी 43 % बढ़ी। कांग्रेस के दशकों के शासन ने हमारे साथ ये किया है। अगर उन पर छोड़ दिया जाए तो हिंदुओं के लिए कोई देश ही नहीं बचेगा।’

मुद्दे से भटकाने की कोशिश: प्रियंका वाड्रा
भाजपा के हमलों पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने पलटवार किया है। उन्होंने इसे असल मुद्दों से भटकाने की कोशिश करार दिया। वाड्रा ने कहा कि बात तो उन मुद्दों पर होनी चाहिए जो लोगों की जिंदगी से जुड़े हैं। बेरोजगारी पर बात होनी चाहिए। किसान, महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर बात होनी चाहिए। बीजेपी चाहती ही है कि मुद्दों पर बात न हो।

ओवैसी ने बताया वॉट्सऐप यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट
AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी से जब कुछ पत्रकारों ने इस रिपोर्ट के बारे में पूछा तो उन्होंने इसे ‘वॉट्सऐप यूनिवर्सिटी’ की रिपोर्ट बताकर निरस्त कर दिया। ओवैसी ने कहा, ‘मुझे रिपोर्ट दीजिए तब मैं बोलूंगा। किसकी रिपोर्ट है ये? किसने ये रिपोर्ट बनाई है? वॉट्सऐप यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट। किसने ये रिपोर्ट बनाई है?’

तेजस्वी ने बताया नफरत फैलाने की कोशिश
आरजेडी लीडर तेजस्वी यादव ने रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ये लोगों को भ्रम में डाल नफरत फैलाने की कोशिश है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा का यही अजेंडा है। 10 साल तक लोगों को ठगा है और फिर ठगना चाहते हैं। उन्होंने 2011 के बाद जनगणना नहीं होने पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि 2021 में जनगणना होनी चाहिए थी लेकिन 2024 तक नहीं हुई।

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