क्यों योगी राज में त्वरित पुलिस न्याय है लोकप्रिय?

Uttar PradeshNoidaPolice Encounter In Ghaziabad In Kirti Snatching Case Know About Up Police Action In Yogiraj
दो युवतियां, दो वारदात, एनसीआर में दो एनकाउंटर, योगीराज में फैसला ऑन द स्पॉट क्यों पसंद कर रहे हैं लोग?

पिछले 24 घंटे में गाजियाबाद और नोएडा पुलिस ने दो अलग-अलग घटनाओं में युवतियों से अनाचारी बदमाशों का एनकाउंटर किया। हत्यारे बदमाश की मुठभेड़ में मौत हुई,जबकि रेप की कोशिश करने वाले के पैर में गोली लगी। योगीराज में एनकाउंटर को लोग पसंद क्यों करने लगे हैं, यह बड़ा सवाल है।
मुख्य बिंदु
गाजियाबाद में बीटेक स्टूडेंट कीर्ति का हत्यारा जितेंद्र एनकाउंटर में मरा
फ्लैट में युवती से रेप की कोशिश करते डिलिवरी बॉय को नोएडा पुलिस ने गोली मारी
पुलिस के एक्शन का लोग विरोध नहीं कर रहे हैं, एनकाउंटर को मौन स्वीकृति मिली हुई है?

नोएडा/गाजियाबाद 31 अक्टूबर : दिल्ली-एनसीआर में 27 अक्टूबर को दो युवतियां बदमाशों की शिकार बनी। युवती को तो स्नैचर के कारण जान से हाथ धोना पड़ा। पुलिस ने दोनों मामले में आरोपित ढूंढे। एनकाउंटर हुए। लड़की का स्नैचर हत्यारा एनकाउंटर में मारा गया। वहीं अपार्टमेंट में रेप की कोशिश करने वाले के पैर में गोली लगी। योगी आदित्यनाथ राज में एनकाउंटर के इस रिवाज पर राजनीतिक दल तो सवाल उठाते हैं,मगर जनता पुलिस के ऑन द स्पॉट फैसले के समर्थन में है । कानून के राज में इस त्वरित न्याय को लोगों की मौन सहमति क्यों है? एक्सपर्ट मानते हैं कि विफल न्यायिक प्रकिया से लोग योगी सरकार की ठोको नीति समर्थक हैं।

फोन छीनने को कीर्ती को ऑटो से गिराया था

दिल्ली सीमा से सटे एनसीआर के गाजियाबाद और नोएडा में स्नैचर्स आतंकी हैं। बस,ऑटो और ई-रिक्शा सवारों के अलावा राहगीर भी स्नैचर्स के शिकार हैं। चेन और मोबाइल फोन की छिनैती एनसीआर में सामान्य है। 27 अक्टूबर शाम गाजियाबाद एनएच-9 पर बीटेक स्टूडेंट कीर्ति भी ऐसे ही स्नैचर का शिकार थी। लूट के विरोध पर बदमाशों ने कीर्ति को ऑटो से खींचा तो वह सड़क पर सिर के बल गिरी। 48 घंटे मौत से जूझ कर रविवार रात इलाज में उसने दम तोड़ दिया। बेटी की मौत पर पिता रवींद्र ने सिर्फ इतना कहा कि कीर्ति नहीं रही। कीर्ति को ऑटो से खींचने वाले जितेंद्र पर 12 से अधिक मुकदमे थे। उसके खिलाफ गैंगस्टर का मुकदमा भी था। जितेंद्र का नाम उत्तर प्रदेश की माफिया लिस्ट में नहीं था,मगर उसके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट लग चुका था। पुलिस के अनुसार सोमवार सुबह मसूरी नहर पटरी पर जितेंद्र से मुठभेड़ में वह मारा गया। जितेंद्र की मौत पर किसी ने एनकाउंटर पर सवाल नहीं उठाया। दूसरा पहलू यह है कि कई लोगों ने चर्चा में इसे कीर्ति को न्याय बताया।

फ्लैट में घुसकर की थी युवती से रेप की कोशिश

ग्रेटर नोएडा में 27 अक्टूबर की दोपहर ऑनलाइन कंपनी के डिलिवरी बॉय ने सोसायटी में युवती के साथ रेप की कोशिश की थी। ब्रेड दूध डिलिवरी करने सुमित फ्लैट में युवती अकेली देखकर घर में घुस गया। उसने युवती से मारपीट भी की। वो भी उस सोसायटी में जहां लोग सिक्युरिटी चौकी से एंट्री लेते हैं। युवती के शोर पर आरोपित भाग गया। रविवार को पुलिस ने बिसरख थाना क्षेत्र में आरोपित सुमित को घेरा। दोनों तरफ से गोलियां चली और एक गोली आरोपित के पैर में लगी। आरोपित सुमित भी कोई बड़ा माफिया नहीं है,मगर उसके खिलाफ भी पहले मुकदमा हैं। ऐसे बदमाश उत्तर प्रदेश के हर गली-मुहल्ले में दिखते हैं,जो पेशे से अपराधी हैं मगर कानून की नजर से छिपे हैं। जब भी लोगों का ऐसे बदमाशों से सामना होता है,वह मन मसोसकर रह जाते हैं। इन अपराधियों पर काबू पाना पुलिस को आसान नहीं है। उत्तर प्रदेश की राजनीति और सामाजिक तानेबाने पर नजर रखने वाले योगेश मिश्रा का कहना है कि जब लोगों को छुटभैये बदमाशों का एनकाउंटर की जानकारी मिलती है,तो वह अपनी कुंठा के कारण इसका समर्थन करते हैं।

लोगों का गुस्सा है एनकाउंटर का मौन समर्थन

योगी आदित्यनाथ की सरकार के दौरान 2017 से मई 2023 के बीच 10 हजार से अधिक एनकाउंटर हुए। इन मुठभेड़ों में 183 बदमाशों को पुलिस ने मार गिराया और 5 हजार से अधिक अपराधी घायल हुए। पिछले छह महीने में यह आंकड़ा और बढ़ा है। संयोग से मुठभेड़ का आंकड़ा मेरठ और गाजियाबाद में सर्वाधिक है,जो एनसीआर में आता है। योगी सरकार की ठोको नीति का समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव विरोध करते हैं,मगर उन्हें जनसमर्थन नहीं मिला। उत्तर प्रदेश का मध्यम वर्ग,जो बदमाशों से उलझ पुलिस थाने और कोर्ट के चक्कर नहीं काट सकता,वह इससे खुश है। अब तो इसे लॉ एंड ऑर्डर का जरूरी हिस्सा बताया जा रहा है। भले ही योगीराज में एनकाउंटर के ट्रेंड पर कानूनी सवाल उठ रहे हैं,मगर इसके प्रति लोगों का रुख बदलने को न्याय तंत्र को तेज करना जरूरी है। कोर्ट से जल्द न्याय मिले तो ऑन द स्पॉट फैसले की डिमांड करने वालो का नजरिया भी बदलेगा।

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एक लंगड़ा, दूसरा ढेरः योगी की पुलिस ने बता दिया लड़कियों को छेड़ा तो ‘छोड़ेंगे नहीं’

नोएडा और गाजियाबाद के दो चर्चित मामलों में गाजियाबाद में बीटेक स्टूडेंट के लूटेरे और उसकी मौत के उत्तरदायी बदमाश जीतू का एनकाउंटर हो गया। गोली लगने पर अस्पताल मे वह मर गया। मोबाइल लूट की घटना में छात्रा चलती ऑटो से गिरी थी।
उत्तर प्रदेश में कानून- व्यवस्था को लागू करने को योगी आदित्यनाथ सरकार के स्तर पर कई प्रयास किए गए हैं। इस क्रम में सरकार की ओर से तमाम अधिकारियों को कार्रवाई का टास्क दिया गया है। लड़कियों से अपराध के मामलों में योगी सरकार ने सख्त नीति अपनाई है। मुख्यमंत्री योगी ने पिछले दिनों पुलिस अधिकारियों की समीक्षा बैठक में साफ किया था कि अपराध जिस थानांतर्गत हो रहा है,वहां पर त्वरित कार्रवाई नहीं होने पर संबंधित अधिकारी जिम्मेदार होंगे। निरीक्षण जिला से राज्य स्तर तक हुआ। इसका असर दिख रहा है। योगी सरकार पुलिस ने महिलाओं संबंधित अपराध के दो चर्चित मामलों में कार्रवाई से स्थिति साफ की है। मुख्यमंत्री योगी के ‘छोड़ेंगे नहीं’ वाले बयान को उत्तर प्रदेश पुलिस जमीन पर उतारती दिख रही है।

मामलों में कार्रवाई सख्त संदेश

मामला एक: गाजियाबाद में 27 अक्टूबर की शाम बीटेक की छात्रा कॉलेज से लौट रही थी। हाईटेक कॉलेज के पास ऑटो में बैठी छात्रा कीर्ति से बदमाश ने मोबाइल छीनने की कोशिश की। कीर्ति ने मोबाइल नहीं छोड़ा। बदमाश ने उसका हाथ पकड़ा और बाहर खींच लिया। कीर्ति सिर के बल सड़क पर गिर गई। इसके बाद बदमाश मोबाइल लेकर फरार हो गया। सड़क पर गिरने से कीर्ति को सिर में गंभीर चोटें आईं। गंभीर हालत में उसे प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती किया गया। वहां उसका ऑपरेशन हुआ। लेकिन, स्थिति बिगड़ती चली गई। उसे वेंटिलेटर पर रखा गया।

डॉक्टरों ने कहा था कि 72 घंटे काफी कठिन हैं। अगर कीर्ति 72 घंटे तक बची रह गई तो उसे बचा लिया जाएगा। हालांकि, रविवार की शाम इलाज में कीर्ति की मौत हो गई। उसकी खोपड़ी फ्रैक्चर्ड  थी। अन्य गंभीर चोटें थीं। कीर्ति के पिता रविंद्र ने कहा, बेटी नहीं रही। पुलिस ने इस मामले में मोबाइल स्नैचिंग की धाराओं में मुकदमा लिखा था। लेकिन, रविवार शाम कीर्ति की मौत के बाद हत्या की धारा भी बढ़ाई गई। आरोपित की तलाश तेज की गई।

कार्रवाई एक: एनएच 9 पर बीटेक छात्रा से मौत  में पुलिस ने आरोपित की तलाश शुरू की। शामिल दो लुटेरों में एक बलबीर को पुलिस ने पहले ही गिरफ्तार कर लिया। लेकिन, जितेंद्र उर्फ जीतू भागा हुआ था। उसको पकड़ने को पुलिस ने जाल बिछाया। गुप्त सूचना पर उसको दबोचने की कोशिश हुई। तभी जीतू ने पुलिस पर गोली चला दी। एक सिपाही को गोली लगी। फिर पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई में उसके पैर में गोली मारी। अस्पताल में इलाज को भर्ती कराया गया। इस दौरान जीतू की मौत हो गई।

मामला दो: ग्रेटर नोएडा वेस्ट की एक सोसाइटी में युवती के साथ ब्लिंकइट के डिलीवरी बॉय ने रेप की कोशिश की । मामले को लेकर सोसाइटी में लोग आक्रोशित हुए। सोसाइटी की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल हुए। महिलाओं ने भय जताया। दरअसल, युवती ने सामान मंगाया था। डिलीवरी करते युवक ने युवती अकेली देख उससे छेड़खानी की। रेप का प्रयास किया। युवती ने शोर मचाया तो डिलीवरी बॉय वहां से भाग निकला।

कार्रवाई दो: ग्रेटर नोएडा पुलिस ने इस मामले को दर्ज करने के बाद डिलीवरी बॉय की तलाश शुरू की। आखिरकार वह पुलिस के हत्थे चढ़ा। पकड़े जाने के बाद भी वह चालाकी से बाज नहीं आया। उसने दारोगा की पिस्टल छीन भागने की कोशिश की। आरोपित को गिरफ्त में लेने को बिरसख थाना पुलिस और स्वाट टीम लगातार एक्शन में थी। आरोपित ने जैसे ही भागने का प्रयास किया, पुलिस ने उसके पैर में गोली मार दी। तब उसके हाथ से पिस्टल छिटक गया। पुलिस ने उसे काबू कर लिया।

योगी ने दिया था सख्त संदेश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 14 अक्टूबर को मिशन शक्ति के चौथे चरण के शुभारम्भ पर में महिला अपराध वाले बदमाशों को कड़ी चेतावनी दी थी। कहा था कि  सरकार और पुलिस अपराधियों  से कठोरता बरत रही है। महिलाओं के लिए बेहतर वातावरण बनाया जा रहा है। महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन को आधार मानकर काम हो रहा है। सरकार को इसमें सफलता मिली है। महिला अपराध पर मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे अपराधियों से सख्ती से निपटा जाएगा। उन्हें संभलने का बहुत वक्त मिल चुका। अगर अब भी वे चेत नहीं रहे तो एक्शन होगा। नोएडा और गाजियाबाद में अपराधियों पर एक्शन इसी दृष्टि से देखा जा रहा है।

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