रिंकू शर्मा हत्यारों के संप्रदाय विशेष के बावजूद पुलिस सांप्रदायिक कोण से झाड़ रही पल्ला

Bajrang Dal worker Rinku Sharma Murder: हत्या में शामिल इस्लाम की पत्नी को रिंकू शर्मा ने दिया था अपना खून

हत्या में शामिल इस्लाम की पत्नी को रिंकू शर्मा ने दिया था अपना खूनबजरंग दल के कार्यकर्ता की फाइल फोटो।
रिंकू को यह नहीं पता था कि जिसको वह अपना खून दे रहा है वही उसके खून के प्यासे हो जाएंगे। पड़ोसी रमेश ने बताया कि रिंकू का किसी के साथ दुश्मनी नहीं थी। वह एक नेक दिल इंसान थे।

नई दिल्ली 12 फरवरी [धनंजय मिश्रा]। पश्चिमी दिल्ली के मंगोपुरी इलाके में रिंकू शर्मा की हत्या को लेकर सनसनीखेज खुलासा हुआ है। दिल्ली पुलिस की जांच में सामने आया है कि रिंकू शर्मा जिनके दुख में अपना खून देकर शामिल हुए उन्हीं लोगों ने उनकी पीठ में चाकू घोंपकर मौत के घाट उतार दिया। इस घटना से आसपास के लोगों में भारी रोष है। हत्या में शामिल एक आरोपित इस्लाम की पत्नी डेढ़ वर्ष पहले गर्भवती थी। उस दौरान उसकी हालत बहुत खराब थी। रोहिणी स्थित अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान उपचार के लिए खून की आवश्यकता थी। ऐसे में रिंकू शर्मा ने दो बार रक्त दान कर आरोपित इस्लाम की पत्नी को जीवनदान दिया। यहीं नहीं, रिंकू ने आरोपित इस्लाम के भाई शकुरू को कोरोना होने पर उसे अस्पताल में भर्ती कराने में मदद की थी, लेकिन शायद रिंकू को यह नहीं पता था कि जिसको वह अपना खून दे रहा है, वही उसके खून के प्यासे हो जाएंगे। पड़ोसी रमेश ने बताया कि रिंकू का किसी के साथ दुश्मनी नहीं थी। वह एक नेक दिल इंसान थे।

घर की जिम्मेदारी संभाली हुई थी

रिंकू की मां राधा शर्मा व पिता अजय शर्मा रक्तचाप व मधुमेह के मरीज हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि अजय ने बहुत पहले नौकरी छोड़ दी थी। वहीं रिंकू की मां ने भी कुछ महीने पहले नौकरी छोड़ दी थी। ऐसे में घर की जिम्मेदारी रिंकू पर थी। वह छोटे भाइयों की जरूरतों का भी खयाल रखते थे। उनकी मौत के बाद परिवार के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है।

मिली जानकारी के मुताबिक, रिंकू के घर पर बुधवार रात करीब 12 बजे हमलावरों ने काफी देर तक उत्पात मचाया। बचाव के क्रम में रिंकू को हमलावरों ने आरीनुमा चाकू पीठ में घोप दिया। स्थानीय लोगों ने बताया कि घायल होने के बावजूद रिंकू जय श्री राम के नारे लगाते हुए आरोपितों के पीछे भागे भी थे।

घर में आग लगाने की भी की थी कोशिश

रिंकू की मां राधा ने बताया कि हमलावरों ने किचन में रखे गैस सिलेंडर निकाल कर आग लगाने की कोशिश भी की थी। हमलावरों की संख्या 15 से अधिक थी। इतना ही नहीं आरोपितों के घर की महिलाओं ने उनके घर पर पहुंचकर हंगामा किया। स्थानीय लोगों ने बताया कि आरोपितों की हरकतों से सभी परेशान थे। ये लोग छोटी-छोटी बातों पर लड़ाई करने को तैयार रहते थे। गली के कई लड़कों से इनकी कई बार लड़ाई हो चुकी है। रिंकू की मां ने बताया कि आरोपित जय श्री राम के नारे से नफरत करते थे।

कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है बजरंग दल कार्यकर्ता की सरेआम हत्या

हमलावरों को कानून का जरा भी भय नहीं था।
बजरंग दल कार्यकर्ता की एक समुदाय विशेष के लोगों द्वारा हत्या कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है। एक सभ्य समाज में इस तरह के जघन्य अपराध को किसी सूरत में स्वीकार नहीं किया जा सकता

दिल्ली के मंगोलपुरी इलाके में बजरंग दल कार्यकर्ता की घर में घुसकर एक समुदाय विशेष के लोगों द्वारा हत्या किया जाना अत्यंत निंदनीय है। मामला तब और भी गंभीर हो जाता है, जब यह सामने आता है कि आरोपित संख्या में अधिक थे और बुधवार देर रात षड्यंत्र में सभी पीड़ित के घर में घुसे थे। इस दौरान उन्होंने घर में मौजूद सभी लोगों से मारपीट की और कार्यकर्ता की चाकू मारकर हत्या कर दी।

यही नहीं, हमलावर इतने बेखौफ थे कि घायल कार्यकर्ता को स्वजन जब अस्पताल ले जा रहे थे, उस समय भी आरोपितों ने पीड़ितों से मारपीट की। पीड़ित परिवार घायल को अस्पताल ले जाने में किसी तरह सफल हो गया, लेकिन हमलावर अस्पताल भी पहुंच गए और वहां भी परिजनों से मारपीट और गालीगलौज की। अस्पताल में घायल की सर्जरी कर चाकू निकाल दिया गया, लेकिन अत्यधिक खून बहने के कारण उसे दूसरे अस्पताल ले जाने के दौरान उसकी मौत हो गई। पूरे घटनाक्रम से साफ पता चलता है कि हमलावरों को कानून का जरा भी भय नहीं था।

राष्ट्रीय राजधानी में यह स्थिति अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है और कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है। यह सही है कि इस मामले में पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए चार आरोपितों को चंद घंटे में दबोच लिया, लेकिन पीड़ित परिवार का दावा है कि आरोपितों की संख्या 15-20 थी। ऐसे में पुलिस को पूरे मामले की गहन पड़ताल करनी चाहिए और पीड़ितों के दावे को भी जांचा जाना चाहिए।

ऐसा कतई नहीं होना चाहिए कि इस खौफनाक मामले में एक भी आरोपित किसी तरह बच जाए। इस मामले में सभी आरोपितों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी सुनिश्चित की जानी चाहिए और उनके खिलाफ पुख्ता सुबूत जुटाकर उन्हें सख्त से सख्त सजा दिलवाई जानी चाहिएं।

मंगोलपुरी इलाके में बुधवार देर रात हमलावरों ने एक धार्मिक संगठन से जुड़े युवक रिंकू शर्मा की लाठी डंडे से पिटाई कर दी और दांतेदार चाकू घोंपकर उसकी हत्या कर दी। घटना के बाद इलाके में दो समुदायों के बीच तनाव फैल गया। जिसकी वजह से इलाके में भारी संख्या में पुलिसबल को तैनात कर दिया गया है। अब इस मामले में एक बात सामने आ रही है जो हैरान करने वाली है। जिस आरोपित इस्लाम ने रिंकू शर्मा की हत्या की उसी की पत्नी को रिंकू ने तीन साल पहले जिंदगी दी थी यही नहीं कोरोना के दौरान आरोपित के भाई की भी मदद की थी। पढ़ें कैसे रिंकू के खून के एहसान का चुकाया बदला…

शायद पीठ में चाकू घोपना इसी को कहते हैं जो रिंकू के साथ हुआ। इस्लाम की पत्नी को तीन साल पहले रिंकू ने खून देकर उसकी जान बचाई थी। उस वक्त उसकी पत्नी बहुत बीमार थी और इलाज के लिए खून की जरूरत थी। तब रिंकू ने ही उसकी पत्नी को खून देकर जान बचाई थी।

सिर्फ पत्नी ही नहीं रिंकू ने इस्लाम के भाई की भी मदद की थी। पिछले साल इस्लाम का भाई कोविड ग्रस्त हो गया था तब रिंकू ने ही उसे अस्पताल में भर्ती कराने और बेहतर इलाज उपलब्ध कराने में मदद की थी। पर उसे क्या पता था कि जिसकी पत्नी और भाई की वह मदद कर रहा है एक दिन वही उसे मौत के घाट उतार देगा।

ऐसे शुरू हुआ क्लेश

परिवार वालों का आरोप है कि दशहरा पर राममंदिर पार्क में प्रोग्राम को लेकर दूसरे समुदाय के लोगों से विवाद चल रहा था, जिसकी वजह से युवक की हत्या की गयी है। युवक के छोटे भाई की शिकायत पर पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर चार आरोपियो को गिरफ्तार कर लिया है। मृतक की पहचान रिंकू शर्मा(25) के रूप में हुई है। रिंकू अपने पिता अजय शर्मा, मां राधा, छोटा भाई मनु शर्मा और आशु शर्मा के साथ के ब्लॉक मंगोलपुरी में रहता था। वह एक निजी अस्पताल में काम करता था। मनु शर्मा ने बताया कि उसके घर से कुछ दूरी पर नसरुद्दीन, इस्लाम, जाहिद और मेहताब रहता है।

मनु का आरोप है कि कुछ दिन पहले दशहरा पर राम मंदिर पार्क में प्रोग्राम को लेकर आरोपितों का उसके परिवार के सदस्यों के साथ कहासुनी हो गई थी। उसके बाद से गली में आते जाते सभी आरोपित जान से मारने की धमकी देते थे। बुधवार रात करीब साढ़े दस बजे चारों आरोपित 10-15 अन्य लोगों के साथ रिंकू के घर पर पहुंचे और दशहरा वाले दिन के विवाद का हवाला देते हुए गाली गलौज करने लगे। रिंकू और मनु ने उनका विरोध किया तो जाहिद ने मनु और रिंकू पर लाठी डंडा से हमला किया और मेहताब ने रिंकू पर ताबड़तोड़ दांतेदार  चाकू से हमला कर दिया। चाकू रिंकू के रीढ की हड्डी में फंस गया। उसके बाद सभी आरोपित फरार हो गये। मनु व परिवार वाले रिंकू को लेकर संजय गांधी अस्पताल पहुंचे। जहां उपचार के दौरान बृहस्पतिवार सुबह रिंकू की मौत हो गयी। देर रात पुलिस ने दबिश देकर चारों नामजद आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया

शाम को हुई थी एक आरोपित की पिटाई

परिवार वालों ने बताया कि बुधवार शाम इलाके में रहने वाले एक युवक ने अपने जन्मदिन की पार्टी रोहिणी के एम2के मॉल में दी थी। वहां के ब्लॉक के रहने वाले एक युवक का आरोपी से विवाद हो गया था। उस युवक ने एक आरोपी को थप्पड़ मार दिया था। युवक ने रिंकू को इस बारे में बताया था। उस वक्त रिंकू ने मामले को किसी तरह से शांत कर दिया था। लेकिन रात में सभी आरोपी रिंकू के घर पहुंच गए।

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