ज्ञान: अंबानी अरबपति सूची में पहुंचे तो राज था यूपीए का

ज्ञान :अरबपति लिस्ट में अकेली नहीं अडाणी की छलांग:10 साल में 634 से नंबर-1 बने मस्क…UPA काल में नंबर-4 पर पहुंचे थे अंबानी

प्रतीत चटर्जी

गौतम अडानी…ये नाम अभी संसद से घरों के ड्रॉइंग रूम्स तक हर जगह गर्मागर्म बहस का मुद्दा है।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी संसद में सवाल उठा रहे हैं कि 2014 में जो व्यक्ति अरबपतियों की सूची में 609वें नंबर पर था वो आज नंबर-2 तक कैसे पहुंच गया।

हालांकि, यहां एक बात साफ होना जरूरी है कि 2022 की सालाना बिलियनेयर लिस्ट में गौतम अडानी 11वें नंबर पर हैं।

हां, सितंबर, 2022 में बहुत ही थोड़े समय के लिए वो बिलियनेयर्स की रियल टाइम लिस्ट में दूसरे नंबर पर जरूर पहुंच गए थे।

फोर्ब्स की 2022 के अरबपतियों की लिस्ट के मुताबिक गौतम अडानी की संपत्ति 90 बिलियन डॉलर, यानी 7.44 लाख करोड़ रुपए है।

फोर्ब्स के ही मुताबिक सिर्फ 10 दिन में उनकी नेटवर्थ 60 बिलियन डॉलर यानी करीब 4.96 लाख करोड़ घट गई है।

लेकिन संपत्ति के ये उतार-चढ़ाव देखने और इसके पीछे राजनीतिक कनेक्शन के आरोप झेलने वाले गौतम अडानी अकेले नहीं हैं।

अरबपतियों की लिस्ट में अभी 1 और 2 नंबर के अमीर यानी एलन मस्क और जेफ बेजोस के संपत्ति में उछाल के आंकड़े भी सवाल जरूर पैदा करते हैं।

एलन मस्क अरबपतियों की सूची में 2012 में पहली बार शामिल किए गए थे तब उनकी रैंक 634 थी। सिर्फ 10 साल में वो नंबर-1 हो गए हैं और नेटवर्थ 16 हजार करोड़ रुपए से बढ़कर 18 लाख करोड़ तक पहुंच गई है।

जेफ बेजोस 1999 में अरबपतियों की लिस्ट में शामिल हुए थे और एक समय ऐसा भी था जब नेटवर्थ सिर्फ 1.5 बिलियन डॉलर रह गई थी। 2017 तक उनकी नेटवर्थ बढ़कर 53 बिलियन डॉलर तक पहुंची थी और 2018 में ये डबल होकर 112 बिलियन डॉलर हो गई।

देश और दुनिया के सबसे बड़े अमीरों की बिलियनेयर रैंकिंग और घटती-बढ़ती संपत्ति के सफर से समझिए, क्या है नेटवर्थ की राजनीति…

पहले देखिए, देश के अमीरों की घटती-बढ़ती संपत्ति और राजनीति का टोटका

गौतम अडानी 2008 से हैं बिलियनेयर्स की लिस्ट में…सालाना आकलन में अब तक टॉप-10 में नहीं आए हैं

गौतम अडानी और उनका अडानी ग्रुप आज वर्ल्ड इकोनॉमी में अलग पहचान रखता है। अप्रैल, 2022 में तत्कालीन ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन अपनी भारत यात्रा के दौरान गौतम अडानी से भी मिले थे।
गौतम अडानी और उनका अडानी ग्रुप आज वर्ल्ड इकोनॉमी में अलग पहचान रखता है। अप्रैल, 2022 में तत्कालीन ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन अपनी भारत यात्रा के दौरान गौतम अडानी से भी मिले थे।
गौतम अडानी की नेटवर्थ 2022 में एक समय बढ़कर 12 लाख करोड़ रुपए के ऊपर पहुंच गई थी। यही वो समय था जब वो दुनिया के बिलियनेयर्स की रियल टाइम लिस्ट में दूसरे स्थान पर पहुंच गए थे।

मगर बिलियनेयर्स की रियल टाइम लिस्ट में लगातार परिवर्तन होता रहता है। इसमें शुमार अरबपतियों की नेटवर्थ उनकी कंपनियों के मार्केट कैपिटल और इन कंपनियों में उनकी हिस्सेदारी के हिसाब से घटती-बढ़ती रहती है।

फोर्ब्स और ब्लूमबर्ग जैसे संस्थान एक सालाना लिस्ट जारी करते हैं जिसमें अरबपतियों की पूरे साल की नेटवर्थ के आधार पर उन्हें रैंक दी जाती है।

इस सालाना लिस्ट में गौतम अडानी का नाम पहली बार 2008 में शामिल किया गया था। उस समय देश में कांग्रेसनीत UPA की सरकार थी।

2008 में अडानी की रैंक 91 थी और नेटवर्थ 9.3 बिलियन डॉलर यानी करीब 77 हजार करोड़ रुपए थी। अगले ही साल यानी 2009 में रैंक गिरकर 397 पर पहुंच गई और नेटवर्थ घटकर 1.8 बिलियन डॉलर यानी करीब 15 हजार करोड़ रुपए रह गई।

तकनीकी रूप से देखा जाए तो गौतम अडानी का नाम दुनिया के टॉप-10 बिलियनेयर्स की सालाना सूची में एक बार भी नहीं आया है। 2022 की फोर्ब्स की लिस्ट में भी वे 11वें नंबर पर हैं।

चौंकाने वाली तरक्की 2020-21 में…नेटवर्थ दो साल में 10 गुना से ज्यादा बढ़ गई

गौतम अडानी के स्वामित्व वाले अडानी ग्रुप की कंपनियां 90 के दशक से स्टॉक मार्केट में लिस्टेड हैं। 2008 से 2019 के दौरान वे सिर्फ 2 बार (2008 और 2011) दुनिया के टॉप-100 बिलियनेयर्स में शामिल हो पाए थे।

उनकी तरक्की का सबसे चौंकाने वाला समय 2020-21 का रहा है। वर्ल्ड बिलियनेयर्स लिस्ट के मुताबिक 2019 में उनकी रैंक 206 और नेटवर्थ 7.23 बिलियन डॉलर यानी करीब 60 हजार करोड़ थी।

2020 में कोविड के चलते बिलियनेयर्स लिस्ट जारी नहीं हुई थी। 2021 की लिस्ट में गौतम अडानी सीधे 14वीं रैंक पर पहुंच गए और उनकी नेटवर्थ 77.8 बिलियन डॉलर यानी करीब 6.5 लाख करोड़ रुपए हो गई।

ये नेटवर्थ में करीब 976% का उछाल है।

अंबानी परिवार लिस्ट में पुराना…2006 से मुकेश अंबानी लिस्ट में अलग, चौथी रैंक से 40वें स्थान तक फिसले; अब 10वीं रैंक

मुकेश अंबानी जब दुनिया के अरबपतियों की लिस्ट में अपनी बेस्ट रैंकिंग पर थे उस समय केंद्र में UPA सरकार थी।

भारत के उद्योगपतियों में अंबानी समूह का नाम बहुत पुराना है। धीरूभाई अंबानी के समय में भी अंबानी परिवार का नाम दुनिया के बिलियनेयर्स की लिस्ट में शामिल होता था।

1996 की लिस्ट में अंबानी परिवार की रैंक 353 थी और नेटवर्थ 1.1 बिलियन डॉलर यानी करीब 9 हजार करोड़ रुपए थी।

2002 तक इस लिस्ट में धीरूभाई अंबानी का नाम होता था। उनकी मौत के बाद 2003 से लिस्ट में मुकेश और अनिल अंबानी का नाम एक साथ आने लगा।

2006 में ग्रुप के बंटवारे के बाद पहली बार मुकेश अंबानी का नाम अलग से लिस्ट में आया। उस साल मुकेश अंबानी लिस्ट में 56वें नंबर पर थे और अनिल अंबानी 104वें स्थान पर।

अनिल अंबानी की रैंक 2008 में 6 तक पहुंच गई थी। आखिरी बार 2018 में उनका नाम लिस्ट में आया था। रैंक 887 थी।

मुकेश अंबानी 2006 में 56वीं रैंक पर थे…2008 में 5वें स्थान पर पहुंच गए, तब UPA सरकार थी केंद्र में

गौतम अडानी की तरह ही मुकेश अंबानी की बिजनेस में तरक्की के सफर में कांग्रेसनीत UPA सरकार का दौर जरूर रहा है।

2008 में गौतम अडानी पहली बार बिलियनेयर्स की लिस्ट में शामिल हुए थे। 2008 में ही मुकेश अंबानी पहली बार इस लिस्ट में 5वें स्थान पर पहुंच गए थे।

2006 में पहली बार मुकेश अंबानी का नाम लिस्ट में अनिल अंबानी से अलग हुआ था। उस साल उनकी रैंक 56 थी और नेटवर्थ 70 हजार करोड़ रुपए थी।

महज दो साल बाद 2008 में मुकेश अंबानी 5वीं रैंक पर पहुंच गए। नेटवर्थ भी 3.5 लाख करोड़ रुपए हो गई। यानी सिर्फ दो साल में नेटवर्थ 405% बढ़ गई।

इस दौरान केंद्र में कांग्रेसनीत UPA की सरकार थी।

2016 में मुकेश अंबानी के ग्रुप ने जियो लॉन्च किया। इस साल दुनिया के बिलियनेयर्स में उनकी रैंक 36 थी। तब नेटवर्थ 1.6 लाख करोड़ थी।

दो ही साल बाद 2018 में मुकेश अंबानी सीथे 19वीं रैंक पर पहुंच गए और नेटवर्थ भी बढ़कर 3.3 लाख करोड़ हो गई। दो साल में नेटवर्थ 108% बढ़ गई।

अब देखिए, कैसे दुनिया के किस्से भारत से भी ज्यादा रोचक

गौतम अडानी से ज्यादा चौंकाने वाली उछाल एलन मस्क की

गौतम अडानी की बिलियनेयर्स लिस्ट में रैंकिंग 2014 में 609 थी। 2022 में वास्तविक रैंक 11 है। दूसरे नंबर के बिलियनेयर वो सिर्फ कुछ ही देर के लिए रहे थे।

मगर उनके मुकाबले दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क की उछाल कहीं ज्यादा चौंकाने वाली है।

एलन मस्क को पहली बार दुनिया के अरबपतियों की सूची में 2012 में शामिल किया गया था। तब रैंक 634 थी और नेटवर्थ 2 बिलियन डॉलर यानी करीब 17 हजार करोड़ रुपए थी।

अब यानी 2022 की लिस्ट में वो नंबर-1 रैंक पर हैं। नेटवर्थ 219 बिलियन डॉलर यानी करीब 18 लाख करोड़ रुपए है।

नेटवर्थ जिस साल 1.8 लाख करोड़ से बढ़कर 13.8 लाख करोड़ हुई…ट्रम्प थे अमेरिका के प्रेसिडेंट

एलन मस्क उन उद्योगपतियों में से थे जिन्हें डोनाल्ड ट्रंप की प्रेसिडेंसी में बनी मैन्युफैक्चरिंग काउंसिल में शामिल किया गया था।
एलन मस्क उन उद्योगपतियों में से थे जिन्हें डोनाल्ड ट्रंप की प्रेसिडेंसी में बनी मैन्युफैक्चरिंग काउंसिल में शामिल किया गया था।
बिलियनेयर्स की रैंकिंग में 634 से 32 तक एलन मस्क का सफर बहुत नपा-तुल रहा है। मगर 2019 से 2021 के बीच उनकी रैंकिंग और नेटवर्थ दोनों में ही आश्चर्यजनक उछाल आया।

2019 में एलन मस्क वर्ल्ड बिलियनेयर्स में 32वीं रैंक पर थे और उनकी नेटवर्थ 1.8 लाख करोड़ के आस-पास थी।

2021 की लिस्ट में वो सीधे 2 नंबर पर आ गए और नेटवर्थ सीथे 13.8 लाख करोड़ रुपए हो गई। ये 666% से ज्यादा का ग्रोथ है।

खास बात ये भी है कि उस समय अमेरिका में डोनाल्ड ट्रम्प प्रेसिडेंट थे। उसी दौरान मस्क की कंपनियों टेस्ला से लेकर स्पेस एक्स तक की वैल्युएशन कई गुना बढ़ी थी।

स्पेस एक्स को कई सरकारी कॉन्ट्रैक्ट मिले थे और साथ ही ट्रेड पॉलिसी में ऐसे बदलाव हुए थे जिनसे मस्क की कंपनियों को फायदा भी पहुंचा था।

मस्क खुद भी डोनाल्ड ट्रम्प का समर्थन करने के लिए सवालों के घेरे में रहे हैं। ट्विटर खरीदने के कुछ ही समय बाद उन्होंने ट्रम्प के अकाउंट से बैन भी हटा दिया था।

जेफ बेजोस के बिजनेस करिअर में दो मौके जब नेटवर्थ एक ही साल में डबल हो गई

जेफ बेजोस 1998 में अरबपति बने थे, जब उनकी कंपनी अमेजन पब्लिक हुई थी।

फोर्ब्स की रिच लिस्ट में बेजोस इसके अगले साल यानी 1999 में शामिल किए गए। तब वो 19वें स्थान पर थे और उनकी संपत्ति 83 हजार करोड़ रुपए थी।

2009 में बेजोस की नेटवर्थ 56 हजार करोड़ रुपए थी। लेकिन अगले ही साल यानी 2010 में नेटवर्थ लगभग दोगुनी होकर 1.01 लाख करोड़ तक पहुंच गई।

ये डबलिंग इफेक्ट जेफ बेजोस की नेटवर्थ में दोबारा 2018 में देखने को मिला। 2017 में उनकी नेटवर्थ 4.37 लाख करोड़ रुपए थी। मगर 2018 में ही ये लगभग दोगुनी होकर 9.24 लाख करोड़ हो गई।

मार्क जकरबर्ग की नेटवर्थ तो एक ही साल में आधी रह गई

मार्क जकरबर्ग ने 2007 में अपनी कंपनी शेयर मार्केट में लिस्ट की थी और इसी के साथ दुनिया के सबसे युवा सेल्फ मेड बिलयनेयर बन गए थे।

2008 में पहली बार उन्हें दुनिया के अरबपतियों की सूची में शामिल किया गया। उस वक्त उनकी उम्र 23 साल थी और नेटवर्थ 12 हजार करोड़ रुपए थी।

मगर इसके अगले ही साल वो इस लिस्ट से बाहर भी हो गए। 2010 में जब दोबारा लिस्ट में आए तो रैंक 212 थी और नेटवर्थ 33 हजार करोड़ रुपए।

इसके अगले साल यानी 2011 में उनकी नेटवर्थ 1.11 लाख करोड़ हो गई। ये 237% का उछाल था।

2021 में मार्क दुनिया के अमीरों में 5वें नंबर पर थे और उनकी नेटवर्थ 10 लाख करोड़ से ज्यादा थी। मगर 2022 में वो न सिर्फ 15वें स्थान पर खिसक गए बल्कि उनकी नेटवर्थ भी 5.5 लाख करोड़ यानी करीब आधी रह गई।

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