मॉक ड्रिल में सामने आई संचार संपर्क की कमियां

मॉक ड्रिल कर परखी गई चारधाम यात्रा की तैयारियां, रेस्क्यू फोर्स तत्पर,संचार व्यवस्था में मिली कमियां
उत्तराखंड में मॉक ड्रिल
Mock Exercise For Chardham Yatra in Uttarakhand देहरादून सचिवालय से मॉक ड्रिल के दौरान यात्रा के भगदड़, चारधाम यात्रियों को मेडिकल इमरजेंसी, बस दुर्घटना, बाढ़, भूस्खलन और मौसम संबंधी अलर्ट मिलने पर राहत एवं बचाव कार्य किस तरह किए जाएं, इसकी तैयारियां परखी गई. मॉक ड्रिल में रेस्क्यू के दौरान फोर्स तो तत्पर मिली, लेकिन संचार संपर्क में कमियां मिली.

देहरादून/हरिद्वार/रुद्रप्रयाग 02 मई 2024: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा कुछ दिनों में शुरू हो जाएगा.इसके अलावा कुछ महीने बाद मानसून भी दस्तक दे देगा.इसलिए अभी से ही सभी तैयारियां पूरी की जा रही है. इसी में आज देहरादून और हरिद्वार में आपदा का मॉक ड्रिल की गई जिसमें रेस्क्यू टीम के रिस्पांस टाइम से लेकर तैयारियां तक परखी गई. साथ ही आपदा या किसी भी आपात स्थिति से निपटने पर जोर दिया गया.

दरअसल,मॉक ड्रिल में आज सुबह 9 बजे से ही उत्तराखंड में चारधाम यात्रा से जुड़े जिलों में यूएसडीएमए (उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण) और एनडीएमए (राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण) ने अपनी ड्यूटी शुरू की. तभी देहरादून में दो अलग-अलग जगह पर भूकंप की घटनाएं,हरिद्वार में जलभराव और बिल्डिंग गिरने की सूचना मिली.इसके अलावा कर्णप्रयाग में बस दुर्घटना समेत उत्तरकाशी,टिहरी,पौड़ी,ऋषिकेश में अलग-अलग तरह की घटनाएं हुई.यह सूचना मिलते ही देहरादून में सचिवालय में मौजूद आपदा कंट्रोल रूम से सभी फोर्सज अलर्ट की गई.
मॉक ड्रिल में जुड़े अधिकारी
वहीं, विभिन्न टीमों ने मौके पर जाकर कठिन परिस्थितियों में भी रेस्क्यू अभियान चलाया. इसके तहत एनडीएमए यानी राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिकारी मेजर जनरल सुधीर बहल ने आर्मी और एयर फोर्स के आपसी कोऑर्डिनेशन व उनके स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग सिस्टम को लेकर काफी कुछ क्लियर किया. मॉक ड्रिल के दौरान जहां एक तरफ रेस्क्यू फोर्स का एक्शन त्वरित देखने को मिला तो वहीं, मॉक ड्रिल के दौरान सिस्टम में मौजूद कई खामियां भी सामने आई. खामियों को लेकर अधिकारियों का कहना था कि इन्हीं खामियों को उजागर करने के लिए यह एक्सरसाइज की जा रही है. इस मॉक ड्रिल के बाद इन सभी कमियों को लेकर के समीक्षा की जाएगी.

मॉक ड्रिल में कम्युनिकेशन की खुली पोल: जहां एक तरफ एसडीआरएफ और एनडीआरएफ मॉक ड्रिल में सतर्क दिखी तो वहीं कई कार्यालय से कम्युनिकेशन सिस्टम बेहद लाचार देखने को मिले.अफसोस तो ये देखने को मिला कि देहरादून से मुख्य विकास अधिकारी झरना कमठान के कार्यालय से कंट्रोल रूम का संपर्क सही तरीके से नहीं हो पाया.शासन की नाक के नीचे मौजूद देहरादून जिला विकास अधिकारी कार्यालय में कनेक्टिविटी को लेकर के मॉक ड्रिल में बड़ी कमी देखने को मिली,एक उच्चाधिकारी की अधिकारी की आवाज कंट्रोल रूम तक नहीं पहुंच पाई.

कम्युनिकेश परखते आपदा सचिव रंजीत सिन्हा
उत्तराखंड आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सचिव रंजीत कुमार सिन्हा और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के वरिष्ठ सलाहकार मेजर जनरल सुधीर बहल ने बताया कि यह एक्सरसाइज चारधाम यात्रा से पहले अपने पूरे सिस्टम को जांचने के लिए किया गया है. इस मॉक ड्रिल से उन्हें यह ऑब्जरवेशन मिल रहा है कि उनके सिस्टम में कौन सी चीज ठीक हैं और कौन सी चीजों पर अभी काम करने की जरूरत है.

मॉक ड्रिल में अच्छा काम करने वाले अधिकारियों को किया जाएगा चिन्हित: अधिकारियों ने बताया कि जहां रिस्क फोर्सज का रिस्पांस बेहद अच्छा था तो वहीं कई जगह पर कम्युनिकेशन में दिक्कत देखने को मिली. कई कर्मचारी ऐसे मिले, जो मॉक ड्रिल को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. उत्तराखंड आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा ने बताया कि इस मॉक ड्रिल में अच्छा काम करने वाले अधिकारी और कर्मचारियों को चिन्हित किया जाएगा. वहीं, लापरवाह लोगों को भी अलग से चिन्हित किया जाएगा.
हरिद्वार में मॉक ड्रिल
हरिद्वार में मॉक ड्रिल: हरिद्वार में चारधाम यात्रा के दौरान आपदा संबंधित तैयारियों को परखने के लिए दो जगहों पर मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया. मॉक ड्रिल के तहत हरकी पैड़ी के पास शिव घाट पर अफरा तफरी और भगदड़ मचने के सूचना मिली. जिसमें बताया गया कि कई लोग गंगा में डूब गए. जिसकी सूचना पर तत्काल रेगुलर पुलिस, जल पुलिस और एसडीआरएफ का बचाव दल मौके पर पहुंचा. जहां गंगा में डूब रहे सभी लोगों को बचाया गया. कुछ लोगों को मौके पर ही सीपीआर देकर अस्पताल भेजा गया.

वहीं, इसके अलावा प्रेम प्रकाश आश्रम चौक पर आग से लगने की सूचना पर मॉक ड्रिल किया गया. जहां आग में घिरे सभी लोगों को सकुशल बचाया गया. एसडीआरएफ के एडिशनल एसआई दीपक मेहता ने बताया कि मॉक ड्रिल में सक्रियता काफी बेहतर थी जिसमें जवानों की तत्परता परखी गई. उन्होंने कहा कि किसी भी बचाव यह सबसे जरूरी होता है कि टीम घटनास्थल से कितनी दूर और कहां पर मौजूद है. जिसके हिसाब रेस्क्यू संपन्न किया जाता है.

केदारनाथ पैदल मार्ग पर मॉक ड्रिल: केदारनाथ यात्रा शुरू होने से पहले आपदा प्रबंधन विभाग ने माॅक ड्रिल का आयोजन किया. जिसमें केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग पर चीरबासा हेलीपैड के पास बादल फटने की सूचना पर आपदा राहत एवं बचाव टीमें मौके के लिए रवाना हुई. रेस्क्यू कार्य के दौरान देखा गया कि 10 लोगों की मौत हो गई, जबकि 6 गंभीर रूप से घायल हैं. घायलों को हेली के माध्यम से एम्स ऋषिकेश भेजा गया.

अपर जिलाधिकारी श्याम सिंह राणा ने बताया कि केदारनाथ यात्रा को सुरक्षित,सुगम और सुव्यवस्थित ढंग से संचालित करने,आपदा जैसी घटना घटित होने पर त्वरित राहत एवं बचाव को यह माॅक अभ्यास किया गया. ताकि पता चल सके कि कितने कम समय में राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया जा सकता है. इससे यह पता चलता है कि हमारे पास कितने संसाधन एवं उपकरण उपलब्ध हैं? इस मॉक ड्रिल में सभी संबंधित विभागों ने अपना योगदान दिया.

मॉकड्रिल…भूकंप के लगे झटके, गंगा में डूबे कई लोग…कहीं सफल हुआ प्रबंधन तो कहीं खामियां

चारधाम यात्रा 10 मई से शुरू हो रही है। ऐसे में यात्रा तैयारियों को परखने के लिए आज गुरुवार को उत्तराखंड के सात जिलों में मॉकड्रिल की गई। उत्तरकाशी जिले में मॉकड्रिल के दौरान कुछ कमियां पाई गई, जिसके बाद शासन की ओर से नई गाइडलाइन बनाई गई। नई गाइडलाइन के आधार पर दोबारा मॉकड्रिल करवाई जाएगी। टिहरी और देहरादून जिले में भी आपदा प्रबंधन मॉक अभ्यास किया गया।

आपदा से निपटने के लिए गुरुवार सुबह उत्तरकाशी जिला अस्पताल में मॉकड्रिल करवाई गई, लेकिन मॉकड्रिल में कुछ कमियां पाई गईं। जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट, मुख्य विकास अधिकारी जयकिशन, अपर जिलाधिकारी रज़ा अब्बास सहित सभी जिम्मेदार अधिकारी आपदा नियंत्रण कक्ष पहुंचे। इंसिडेंट रिस्पॉन्स सिस्टम (आईआरएस) को सक्रिय कर आपदा प्रबंधन से संबंधित सभी संसाधनों को तत्काल स्टेजिंग एरिया पहुचने के निर्देश दिए गए हैं।

जनपद में रात से जारी बारिश को देखते हुए चारधाम यात्रा मार्ग के विभिन्न स्थानों पर भूस्खलन, यात्री वाहन के मलबे में दबने यात्री वाहन गिरने आदि की सूचना मिली। उक्त घटनाओं की जिलाधिकारी को जानकारी दी गई, जिसके बाद जिलाधिकारी ने तत्काल जनपद स्तरीय आईआरएश एवं तहसील स्तरीय आईआरएस सक्रिय किए जाने के निर्देश दिए है।

उत्तरकाशी के रामलीला मैदान को स्टेजिंग एरिया बनाया गया, जहां सभी संबंधित विभागों को अपने-अपने संसाधन भेजते हुए मौके पर पहुंचने के लिए कहा गया।

पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी भी कंट्रोल रूम पहुंचे। पुलिस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, एनआईएम, आइटीबीपी, सेना, सहित विभिन्न संगठन से जुड़े राहत और बचाव कर्मी जरूरी संसाधन सहित स्टेजिंग एरिया पहुंचे।

जिलाधिकारी ने एडीएम को रामलीला मैदान उत्तरकाशी में बनाए गए स्टेजिंग एरिया की कमान सौंपी है। जो घटनास्थल के लिए राहत बचावकर्मियों व अन्य संसाधनों को भेजने की जिम्मेदारी देखेंगे।

वहीं डीईओसी टिहरी गढ़वाल में राष्ट्रीय राजमार्ग-94 चम्बा-उत्तरकशी के स्थान-चम्बा धनौला पैट्रोल पम्प (किलोमीटर 60) में 7.4 तीव्रता के भूकंप आने से एक बिल्डिंग के जमींदोज होने की सूचना मिली।इस संबंध में ऑब्जर्वर (एनडीआरएफ) अमीर चन्द ने डीएम/एडीएम सहित संबंधित अधिकारियों एवं पुलिस कंट्रोल रूम एवं थाना चंबा को सूचना भेजी ।

स्टेजिंग ऐरिया-पुलिस लाइन चम्बा के मैदान में सभी उपलब्ध संसाधनों सहित आईआरएस खोज बचाओ टीम एकत्रित हुई। इंसिडेंट कमाण्डर ने उपस्थित खोज-बचाव टीमें घटना की सम्पूर्ण जानकारी देकर रवाना की।

मॉक ड्रिल अभ्यास के दौरान देहरादून जीजीआईसी स्कूल में आई आपदा में घायल हुए लोगों को उपचार के लिए दून अस्पताल लाया गया ।

वहीं हरिद्वार में गंगा में कुछ लोग डूब गए। आपदा और बचाव राहत दल तत्काल घाट पर पहुंचा। डूबते हुए व्यक्तियों को बचाया। इस दौरान कुछ को गंभीर हालत में अस्पताल पहुंचाया गया। वहीं जिलाधिकारी ने यात्रा के दौरान भगदड़ की सूचना पर तत्काल नोडल अधिकारियों की आपात बैठक बुलाई। रोशनाबाद में बैठक संपन्न हुई । बचाव दल और कंट्रोल रूम अलर्ट किये गये। यह पूरी प्रक्रिया माक ड्रिल में हरिद्वार जिले में पूरी की गई। तैयारी और व्यवस्था चुस्त दुरुस्त रहे इसके लिए जिलाधिकारी ने विशेष निर्देश दिए ।

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