उत्तराखंड विस सत्र दूसरा दिन:5721 करोड़ का पूरक बजट,छह विधेयक

उत्तराखंड विस सत्र का दूसरा दिन: सीएम ने पेश किया 5720.78 करोड़ का अनुपूरक बजट, आए छह विधेयक

16 अगस्त को प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में अनुपूरक बजट के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी और इसमें आवश्यक संशोधन करने का अधिकार कैबिनेट ने मुख्यमंत्री को दे दिया था

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को विधानसभा के पटल पर 5720.78 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट पेश किया। बुधवार को अनुपूरक अनुदान मांगों को सरकार पारित करेगी। बजट में स्वरोजगार, कोविड की तैयारी, ग्रामीण सड़कों का निर्माण, हर घर नल, केंद्र पोषित व और कल्याणकारी योजनाओं पर खास जोर दिया गया। इसके अलावा समग्र शिक्षा, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन व केंद्रीय सड़क निधि में भी धनराशि खर्च करने का प्रावधान किया गया।

 

अनुपूरक बजट के राजस्व मद में 2990.53 करोड़ और पूंजीगत मद में 2730.25 करोड़ रुपये की व्यवस्था रखी गई। इसके अलावा सरकार ने कोविड आपदा में सहायता के लिए 600 करोड़, समग्र शिक्षा में निर्माण के लिए 214.57 करोड़, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में 570 करोड़, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में 449 करोड़, जल जीवन मिशन में 401 करोड़, अटल नवीनीकरण एवं शहरी परिवर्तन मिशन में 137.29 करोड़, प्रधानमंत्री आवास योजना में 70.01 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

ये है बजट में

अनुपूरक बजट – 5720.78 करोड़
राजस्व व्यय – 2990.53 करोड़
पूंजीगत व्यय -2730.25 करोड़

सदन में गूंजा कोरोना टेस्टिंग घोटाला

वहीं, मंगलवारको सदन में कुंभ में कोरोना टेस्टिंग घोटाले का मामला भी गूंगा। इस दौरान कोरोना की तीसरी लहर को लेकर भी चिंता व्यक्त की गई।…

सत्र के दूसरे दिन सदन में छह विधेयक पेश

विधानसभा सत्र के दूसरे दिन सदन में छह विधेयक पेश किए गए। जिसमें उत्तराखंड माल एवं सेवा कर संशोधन विधेयक, उत्तराखंड फल पौधशाला (विनियमन) विधेयक, उत्तराखंड नगर निकाय एवं प्राधिकरण विशेष प्राविधान संशोधन विधेयक, आईएमएस यूनिसन विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक, डीआईटी विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक, हिमालयन गढ़वाल विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक पेश किए गए। सरकार की ओर से नर्सरी एक्ट की धारा-19 में संशोधन किया गया है। जिसमें एक्ट के तहत जो भी परिवाद होगा, वह जिला के न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी के क्षेत्राधिकार में होगा। एक्ट में किसानों को घटिया पौध सामग्री देने पर सजा और जुर्माने का प्रावधान किया गया है।

प्रमुख मदों में बजटीय प्रावधान

केंद्र पोषित योजना : 3178.87
वाह्य सहायतित परियोजनाओं : 56
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना : 570
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन : 449
जलजीवन मिशन योजना : 401
नवीनीकरण व शहरी परिवर्तन मिशन : 137.29
प्रधानमंत्री आवास योजना : 70.01
स्वच्छ भारत मिशन : 24.56
विवि व शासकीय व अशासकीय कॉलेजों के भवन निर्माण : 20
समग्र शिक्षा : 214.57
कोविड आपदा में सहायता : 600
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना : 100
मुख्यमंत्री महिला पोषण योजना : 16.51
मुख्यमंत्री सौभाग्यवती योजना : 8.34
मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना : 7.65
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मानदेय : 33
पार्ट टाइम दाइयों के लिए : 15.50
शहरी एवं ग्रामीण स्थानीय निकाय : 293
केंद्रीय सड़क निधि : 200
कैंपा योजना : 150
मॉडल राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान : 62.53
मार्गों व पुलियों के मरम्मत कार्य : 55
बाढ़ सुरक्षा कार्य : 30
नगरीय पेयजल योजनाओं का निर्माण : 25
स्मार्ट सिटी योजना : 60
पीएमजीएसवाई भूमि अधिग्रहण व एनपीवी : 93
केदरानाथ बदरीनाथ में कार्य : 15
चारधाम व विभिन्न स्थान भूमि क्रय : 15
राजकीय महाविद्यालय भवनों का निर्माण : 5
छात्रावासों का निर्माण : 10
प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की भूमि क्रय : 5
कोटद्वार मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए : 20
अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज : 13
रोडवेज के लिए : 42
राजकीय आईटीआई के लिए : 62.53
वर्क फोर्स डेवलपमेंट फॉर मॉडल इकॉनाोमी : 25
जलागम विकास परियोजना : 30
उद्यान बीमा योजना : 26.56
राष्ट्रीय कृषि वानिकी व बांस मिशन : 9.42
राष्ट्रीय कृषि प्रसार : 8.5
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विशेेष: धनराशि करोड़ में

33 हजार वंचित बेटियों को मिलेगा उनका हक

नंदा गौरा देवी कन्या धन योजना से वंचित प्रदेश की 33 हजार बेटियों को सरकार उनका हक देगी। मंगलवार को विधानसभा सत्र के दौरान जब केदारनाथ विधायक ने यह सवाल उठाया तो मंत्री रेखा आर्य और इसके बाद सदन के नेता मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यह घोषणा की।

मंगलवार को भोजनावकाश के बाद नियम-58 में केदारनाथ विधायक ने सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि नंदा देवी कन्या धन योजना और गौरा देवी कन्या धन योजना के एकीकरण के बाद वर्ष 2015-16 की 12090 और वर्ष 2016-17 की 16546 बेटियों को इसका लाभ नहीं मिल पाया है। कोई भी विधायक जब क्षेत्र में जाता है तो सबसे ज्यादा बेटियों के अभिभावक यह सवाल पूछते हैं। उन्होंने कहा कि इन बेटियों के अभिभावकों के लिए आय की सीमा भी बढ़ाकर 72 हजार रुपये की गई थी, लेकिन इन्हें उनका हक न मिलना बेहद शर्म की बात है।

लैंसडोन विधायक दिलीप सिंह रावत ने भी विधायक मनोज रावत की हां में हां मिलाई। सरकार दबाव में आ गई। इसके बाद विभागीय मंत्री रेखा आर्य ने जवाब दिया। उन्होंने कहा कि करीब 49 करोड़ रुपये का बजट इन बालिकाओं को दिया जाएगा। लिहाजा, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस पर सहमति भी दे दी है। हम सभी बेटियों को उनका हक देंगे।

इसके बाद सदन के नेता मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वह सदन में ही यह घोषणा कर रहे हैं कि इन बालिकाओं को योजना का लाभ देने के लिए पूरा बजट जल्द ही जारी कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी 33 हजार 216 बेटियों को नंदा-गौरा कन्याधन योजना का लाभ दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यह दुख की बात है कि इन बेटियों को लाभ नहीं मिल पाया है।

 

 

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