कांग्रेस में पतझड़: बद्रीनाथ विधायक भंडारी भी भाजपा में, धन सिंह नेगी ने भी छोड़ी पार्टी

Lok Sabha Election 2024: उत्‍तराखंड कांग्रेस में पतझड़,विधायक भंडारी और पूर्व विधायक धन सिंह नेगी ने छोड़ी पार्टी
Lok Sabha Election 2024 लोकसभा चुनाव से पहले उत्‍तराखंड में कांग्रेस को एक और बड़ा झटका लगा है। गढ़वाल संसदीय सीट में बदरीनाथ से कांग्रेस विधायक राजेंद्र भंडारी ने पार्टी छोड़ दी है। वहीं टिहरी सीट से पूर्व विधायक धन सिंह नेगी ने भी कांग्रेस से त्यागपत्र दे दिया। उनके जाने से टिहरी संसदीय सीट पर कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ी हैं।

बदरीनाथ से कांग्रेस विधायक राजेंद्र भंडारी ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की

देहरादून 17 मार्च 2024। गढ़वाल संसदीय सीट के अंतर्गत बदरीनाथ से कांग्रेस विधायक राजेंद्र भंडारी ने पार्टी छोड़  नई दिल्ली में भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली।
Congress Leader Dhan Singh Negi Badrinath Mla Resigns From Party In Tehri Lok Sabha

बता दें कि उत्तराखंड में इससे पहले मनीष खंडूड़ी भी पार्टी से इस्तीफा दे चुके हैं। वहीं, अब बीते तीन दिन में आठ नेताओं ने इस्तीफा दे दिया।
कांग्रेस विधायक भाजपा में शामिल हुए
उत्तराखंड कांग्रेस में इस्तीफों का दौर खत्म ही नहीं हो रहा है। रविवार को कांग्रेस को दो बड़े झटके लगे। टिहरी से विधानसभा का चुनाव लड़ चुके वरिष्ठ नेता धन सिंह नेगी और बदरीनाथ विधायक व पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह भंडारी ने पार्टी छोड़ दी। वहीं, तीन दिन में आठ बड़े नेताओं के इस्तीफे से पार्टी में हड़कंप मचा हुआ है। उधर, राजेंद्र भंडारी ने दिल्ली में भाजपा ज्वाइन कर ली है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, मंत्री पीयूष गोयल , पौड़ी सीट से उम्मीदवार अनिल बलूनी और उत्तराखंड भाजपा प्रभारी दुष्यंत गौतम ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई।
जानिए कौन हैं राजेंद्र भंडारी
चमोली जनपद के पोखरी विकास खंड के नैली ऐंथा गांव निवासी राजेंद्र भंडारी ने छात्र जीवन से राजनीति की शुरुआत की थी। वर्ष 2002 से 2007 तक वे चमोली जिला पंचायत अध्यक्ष रहे। 2007 में नंदप्रयाग विधानसभा से वे निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में जीते और भाजपा की खंडूड़ी सरकार में 2012 तक खेल मंत्री रहे थे। वर्ष 2012 में उन्हाेंने भाजपा छोड़कर कांग्रेस का दामन थामा और बदरीनाथ विधानसभा से विधायक निर्वाचित हुए। तब वे हरीश रावत सरकार में अंतिम छणों में तीन माह तक कृषि मंत्री रहा। वर्ष 2017 में वे महेंद्र भट्ट से चुनाव हार गए थे और 2022 में फिर विधायक बने।

विधायक भंडारी का इस्तीफा विस अध्यक्ष ने स्वीकार किया
लोकसभा चुनाव से पहले तीन बार के विधायक राजेंद्र भंडारी ने कांग्रेस छोड़ कर भाजपा से नाता जोड़ लिया है। सूचना मिलते ही कांग्रेस अध्यक्ष करण सिंह माहरा ने विधानसभा अध्यक्ष ऋतुभूषण खंडूड़ी को पत्र लिखकर दलबदल कानून में भंडारी की विधानसभा सदस्यता समाप्त करने की मांग की लेकिन उन्हें यह नहीं पता था कि भंडारी ने भाजपा में शामिल होने से पहले विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। उन्होंने कहा कि सोमवार को निर्वाचन आयोग को इस संबंध में सूचित किया जाएगा।

तीन दिन में आठ नेताओं ने छोड़ा कांग्रेस का हाथ
बता दें कि शुक्रवार को ही गंगोत्री के पूर्व विधायक विजय पाल सजवाण और पुरोला के पूर्व विधायक मालचंद ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। फिर शनिवार को पार्टी का चर्चित चेहरा माने जाने वाली नेता कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत की पुत्रवधू अनुकृति गुसाईं ने इस्तीफा दे दिया। पौड़ी से कांग्रेस के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष केसर सिंह नेगी ने पार्टी से त्यागपत्र दे दिया। तो वहीं, विकासखंड कोट के पूर्व प्रमुख व कांग्रेस के पूर्व प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य नवल किशोर ने भी कांग्रेस का हाथ छोड़ दिया। इसके अलावा पौड़ी ब्लॉक प्रमुख दीपक कुकसाल ने भी कांग्रेस छोड़ दी।
जोशीमठ आंदोलन का चेहरा रहे राजेंद्र भंडारी,कांग्रेस को बड़ा झटका देकर थामा भाजपा का झंडा,अंदर की कहानी
उत्तराखंड में राजनीतिक उठापटक का दौर जबरदस्त तरीके से चल रहा है। हालांकि अभी तक यह उठापटक कांग्रेस से भाजपा में आने को लेकर ही चल रही है लेकिन दिग्गजों का भाजपा में जाने का सिलसिला तेजी से चल रहा है।
उत्तराखंड में दिग्गज कांग्रेसियों का भाजपा में पलायन जोर-शोर से जारी है। तमाम नेताओं के बाद आज कांग्रेस के बदरीनाथ विधायक राजेंद्र भंडारी ने भी कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। फर्क इतना है कि अन्य नेताओं ने देहरादून में ही भाजपा का दामन थामा लेकिन राजेंद्र भंडारी को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, पौड़ी संसदीय सीट से प्रत्याशी अनिल बलूनी और भाजपा प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार की मौजूदगी में नई दिल्ली में भाजपा की सदस्यता दिलायी गई।
बदरीनाथ विधायक राजेंद्र भंडारी

मनीष खंडूड़ी के इस्तीफे के बाद तो कांग्रेस में जैसे इस्तीफों का दौर ही चल निकला है। बीते 3 दिन में ही पार्टी के आठ दिग्गज नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है और भाजपा की सदस्यता ले ली है। कांग्रेस को इन नेताओं इस्तीफों से तगड़ा झटका लगा है। इस बड़े राजनीतिक घटनाक्रम के बाद पौड़ी लोकसभा में भाजपा और कांग्रेस के बीच का मुकाबला भी अब रोचक मोड़ पर पहुंच गया है।
भंडारी ने अभी हाल ही में कहा था कि वे कांग्रेस नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने कांग्रेस छोड़ने की बात को अफवाह करार दिया था लेकिन आज वे भाजपा में शामिल हो गये। राजेंद्र भंडारी के भाजपा में शामिल होने से गढ़वाल लोकसभा सीट पर भाजपा को बड़ा फायदा होगा। क्योंकि गढ़वाल लोकसभा क्षेत्र में राजेंद्र भंडारी ही एकमात्र कांग्रेस के विधायक थे।

छात्र जीवन से राजनीति में थे सक्रिय
चमोली जनपद के पोखरी ब्लॉक के नैली ऐंथा गांव के राजेंद्र भंडारी छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय थे। वर्ष 2002 से 2007 तक वे चमोली जिला पंचायत अध्यक्ष रहे। वर्ष 2007 में नंदप्रयाग विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में जीते और भाजपा की खंडूड़ी सरकार में 2012 तक खेलमंत्री के पद पर रहे। राजेंद्र भंडारी ने 2012 में भाजपा छोड़कर कांग्रेस का हाथ थाम लिया और कांग्रेस के टिकट पर बदरीनाथ से चुनाव लड़कर विधायक निर्वाचित हुए। तब वे हरीश रावत सरकार में अंतिम क्षणों 3 महीने कृषि मंत्री पद पर रहे। वर्ष 2017 के चुनाव में महेंद्र भट्ट ने राजेंद्र भंडारी को चुनाव में हरा दिया था। जबकि 2022 में एक बार फिर भंडारी को चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचने का मौका मिला।

बदरीनाथ विधायक राजेंद्र भंडारी जोशीमठ बचाओ आंदोलन का भी एक चेहरा है। आंदोलन के प्रतिनिधित्व के साथ ही स्थानीय नेताओं के साथ शासन में जोशीमठ प्रकरण को लेकर राजेंद्र भंडारी की धमक यह साबित करती रही कि वे जोशीमठ की जनता के लिए सक्रिय हैं। वहीं भंडारी के भाजपा में जाने के बाद अब स्थानीय लोगों में यही चर्चा हो रही है कि क्या भंडारी अब उनके हक की लड़ाई को उसी तरह से लड़ पाएंगे जिस तरह से कांग्रेस में रहते हुए लड़ाई लड़ी जा रही थी।

विधायकी में लंबी पारी खेलने की उम्मीद
भाजपा में शामिल होने के बाद यह माना जा रहा है कि बदरीनाथ से विधायक पद पर बने रहने के लिए भी भंडारी की उम्मीद बंधी हुई है। भाजपा से कांग्रेस के विरूद्ध चुनाव मैदान में उतरने वाले भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट अब राज्यसभा सांसद बन गये हैं। वहीं कांग्रेस के पास फिलहाल ऐसा कोई प्रत्याशी नहीं है तो चुनाव मैदान में उतर सके। ऐसे में भंडारी के भाजपा में आने से भाजपा के सामने एक ही जिताऊ कैंडिडेट होगा और उनको ही भविष्य में बदरीनाथ विधानसभा सीट से प्रत्याशी के रूप में उतारा जायेगा।

राजेंद्र भंडारी की पत्नी पर है भ्रष्टाचार के आरोप
विधायक राजेंद्र भंडारी की पत्नी और चमोली जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी भी लंबे समय से विवादों में हैं। निविदा में गड़बड़ी के मामले में शासन ने चमोली जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी को बर्खास्त कर दिया था जिसके बाद इस मामले में कांग्रेस और भाजपा आमने-सामने आ गये थे और राजनीतिक बयानबाजियां भी जोर-शोर से चली। हालांकि बाद में रजनी भंडारी बहाल हो गयी थीं। रजनी भंडारी को सरकार पहले भी उनके पद से हटा चुकी थी लेकिन रजनी भंडारी हाईकोर्ट से स्टे ले आई थी। पंचायती राज्य सचिव हरिश्चंद्र सेमवाल ने गढ़वाल मंडल कमिश्नर की जांच के आधार पर जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी को हटाने का आदेश दिया था।

आदेश में कहा गया था कि जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर रहते हुए रजनी भंडारी ने नंदा देवी राजजात यात्रा को पर्यटन विभाग की तरफ से दी गई धनराशि में जो काम किए जाने थे,उनके लिए निविदा आमंत्रित की लेकिन न्यूनतम बोलीदाता की बजाय अधिक बजट देने वाले बोलीदाता को टेंडर दिया गया।

गढ़वाल कमिश्नर की जांच के आधार पर रजनी भंडारी को नोटिस दिया गया लेकिन रजनी भंडारी के जवाब को शासन ने सकारात्मक नहीं पाया और कार्रवाई करते हुए उन्हें बर्खास्त करने का आदेश जारी किया था लेकिन वे हाईकोर्ट चली गयी थी।

कई दिग्गजों ने छोड़ दी कांग्रेस
अभी हाल ही में गंगोत्री के पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण और पुरोला के पूर्व विधायक मालचंद ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत की पुत्रवधू ने शनिवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया और भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। पौड़ी से कांग्रेस के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष केसर सिंह नेगी, विकासखंड कोट के पूर्व प्रमुख और कांग्रेस के पूर्व प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य नवल किशोर और पौड़ी ब्लॉक प्रमुख दीपक कुकसाल भी कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। इन राजनीतिक हलचलों के बीच अब ईडी और सीबीआई जांच से जूझ रहे पूर्व कैबिनेट मंत्री और कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत के भी फिर से भाजपा में वापसी के चर्चे सियासी गलियारों में तेज हो रहे हैं।

टिहरी से पूर्व विधायक रहे धन सिंह नेगी ने भी आज कांग्रेस को झटका देते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में टिकट न मिलने से नाराज होकर धन सिंह नेगी ने भाजपा छोड़ दी थी और कांग्रेस का हाथ थाम लिया था। मात्र 2 साल के भीतर ही उनके घर वापसी हो गई है।

दल बदल कानून में गई भंडारी की विधायकी
कांग्रेस विधायक राजेंद्र भंडारी के भाजपा में शामिल होने के बाद उनकी विधानसभा सदस्यता चली गई है। दल बदल कानून में विधानसभा से भंडारी की सदस्यता रद्द हो गई है। पार्टी नेताओं का मानना है कि राजेंद्र भंडारी की पत्नी पर भ्रष्टाचार और कई दूसरे मामलों की जांच चल रही है जिसके दबाव में आकर उन्होंने पार्टी छोड़ी है।

पूर्व विधायक विजयपाल और मालचंद ने भी कल थामा था भाजपा का हाथ
कांग्रेस से एक दिन पहले त्यागपत्र देने वाले उत्तरकाशी जिले के वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण और मालचंद ने अपने समर्थकों के साथ शनिवार को भाजपा का दामन थाम लिया। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट और कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल की उपस्थिति में उन्होंने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष भट्ट ने कहा कि उत्तरकाशी के कांग्रेस मुक्त होने के साथ ही भाजपा अब प्रदेश की पांचों सीटों पर प्रचंड बहुमत से जीत दर्ज करेगी।

ऐैपूर्व विधायक सजवाण (गंगोत्री) व मालचंद (पुरोला) के कांग्रेस छोड़ने के बाद उनके भाजपा में शामिल होने की चर्चा थी, जो शनिवार को सही साबित हुई। प्रदेश भाजपा मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने पार्टी में उनका स्वागत किया। उन्होंने पार्टी में शामिल नवागंतुकों का अभिनंदन करते हुए कहा कि पार्टी में सभी के मान, सम्मान का ख्याल रखा जाएगा। लोकसभा चुनाव का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि लक्ष्य बड़ा है। ऐसे में प्रत्येक कार्यकर्ता को पार्टी द्वारा तय भूमिका के दृष्टिगत अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान सुनिश्चित करना है।

मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि के रूप में उपस्थित कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कार्यों से प्रभावित होकर सभी लोग देश निर्माण को भाजपा से जुड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी में शामिल हुए दोनों पूर्व विधायक जमीनी  नेता है। उत्तरकाशी में विपक्ष की जमानत जब्त होना निश्चित है। भाजपा में शामिल पूर्व विधायक मालचंद ने पूर्व में भाजपा छोड़ने को नेतृत्व व कार्यकर्ताओं से माफी मांगी।

उन्होंने कहा कि वह किन्हीं कारणों से विचलित हो गए थे, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी की राष्ट्र निर्माण की नीतियों ने उन्हें पार्टी में वापसी का साहस दिया। पूर्व विधायक सजवाण ने कहा कि सभी लोग भाजपा की प्रचंड जीत को जुटेंगे। प्रदेश भाजपा कार्यालय में इससे पहले आम आदमी पार्टी,उत्तराखंड क्रांति दल,कांग्रेस समेत विभिन्न दलों,संगठनों से जुड़े नेता, पंचायत प्रतिनिधि और कार्यकर्ता भाजपा में शामिल हुए। पांच चरणों में अलग-अलग हुए इन कार्यक्रमों का संचालन प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी ने किया।

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