रिपोर्ट:भारत की जीडीपी में रेकिट का योगदान 77.5 करोड़ पाउंड

ऑक्सफोर्ड इकोनॉमिक्स ने बताया है कि रेकिट किस तरह भारतीय अर्थव्यवस्था और समुदायों की मदद कर रहा है
देहरादून, 08 अगस्त 2022 – ऑक्सफोर्ड इकोनॉमिक्स ने आज रेकिट बेंकाइज़र ग्रुप पीएलसी (“रेकिट”) द्वारा भारत में किए गए आर्थिक योगदान से जुड़ा अपना स्वतंत्र एनालिसिस प्रकाशित किया है।

बता दें कि भारत दुनिया भर में रेकिट के शीर्ष तीन बाजारों में से एक है। हेल्थ, हाइजीन और न्यूट्रिशन प्रोडक्ट के क्षेत्र में दुनिया की दिग्गज कंपनी, रेकिट ने 2021 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में कुल 788 करोड़ रुपये (77.5 करोड़ पाउण्ड) का योगदान दिया है।
यह रिपोर्ट तीन प्रमुख बिंदुओं पर भारतीय अर्थव्यवस्था और समाज के लिए रेकिट के प्रयासों का आकलन करती है, ये तीन बिंदु हैं 2021 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी), रोजगार और सरकारी प्राप्तियां।
रिपोर्ट के अन्य मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:
उच्च जीडीपी मल्टीप्लायर – रेकिट का जीडीपी मल्टीप्लायर 2.5 है। यह भारत में एक आम कैमिकल एवं फार्मा निर्माता कंपनी की तुलना में लगभग दोगुना है। इसका मतलब है कि 2021 में जीडीपी में रेकिट द्वारा जेनरेट किए गए प्रत्येक 10 लाख रुपये के लिए, कच्चे माल और मजदूरी पर इसके खर्च ने स्थानीय अर्थव्यवस्था में अतिरिक्त 15 लाख रुपये की वृद्धि की है।
सहायक आपूर्ति श्रृंखला – रेकिट की स्थानीय खरीद का 95% से अधिक भारत के सप्लायर्स से खरीदा जाता है।
रोजगार को बढ़ावा – भारत में रेकिट का इंप्लॉयमेंट मल्टीप्लायर 21 है, जो राष्ट्रीय औसत का लगभग 6 गुना है।
ऑक्सफोर्ड इकोनॉमिक्स के सीईओ एड्रियन कूपर ने कहा, “हमारी रिसर्च उस बड़े योगदान पर प्रकाश डालती है जो रेकिट जैसी बड़ी और सफल ग्लोबल कंपनी भारतीय अर्थव्यवस्था में कर सकती है; जैसे कि रोजगार के अवसर पैदा करना, पब्लिक हेल्थ को बेहतर बनाना और देश भर में सामाजिक विकास को रफ्तार देना आदि।

“रेकिट ने स्थानीय आबादी को सबसे बेहतर हाइजीन, वेलफेयर और न्यूट्रिशन उपलब्ध कराने के लिए समाज में अपनी पहुंच को और बेहतर बनाने में भी निवेश किया है।”
रिपोर्ट भारत में बड़े पैमाने पर सामाजिक विकास लाने में रेकिट के योगदान के बारे में बात करती है।

रिपोर्ट में रेकिट की रिसर्च एवं डेवलपमेंट (आर एंड डी) से जुड़ी पहल, अपने कर्मचारियों के कौशल को और बेहतर बनाने तथा स्त्री एवं पुरुष दोनों को समान अवसर प्रदान करने की कोशिश करने, और इसके साथ ही स्थानीय समाज को सेहतमंद और स्वच्छ जीवन जीने में मदद करना शामिल है।
रेकिट के सीईओ लक्ष्मण नरसिम्हन ने कहा कि: “हमें भारत में अपनी गहराई तक जमी मजबूत जड़ों और यहां मौजूद दुनिया के सबसे बेहतरीन आरएंडडी एवं आईटी केंद्रों पर बहुत गर्व है। भारत हमारे कारोबार के लिए प्रतिभा का एक बड़ा स्रोत है और स्थानीय सप्लाई चेन हमारी सफलता की अहम कुंजी है। सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ कैम्पेन के अनुरूप, रेकिट की स्थानीय खरीद का 95% भारतीय सप्लायर्स की ओर से आता है।”
रेकिट के दक्षिण एशिया SVP गौरव जैन ने कहा कि: “रेकिट 1934 से भारतीय परिवारों का अभिन्न अंग रहा है। हमें भारत के 75 वें स्वतंत्रता दिवस समारोह से पहले इस रिपोर्ट को प्रकाशित करने में बेहद खुशी हो रही है। ऑक्सफोर्ड का यह स्वतंत्र एनालिसिस भारत में मजबूत विरासत के निर्माण को लेकर हमारी कोशिशों को प्रदर्शित करता है। हम आने वाले वर्षों में भारत के आर्थिक विकास, रोजगार के अवसरों और सामाजिक चुनौतियों को हल करने में मदद करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।”
रेकिट सामाजिक समस्याओं से निपटने के लिए भारत सरकार, गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ), इंडस्ट्री एसोसिएशन और अन्य संगठनों के साथ साझेदारी कर रहा है। भारत में इसके प्रमुख सोशल इंपेक्ट प्रोग्राम इस प्रकार हैं:
• डेटॉल बनेगा स्वस्थ इंडिया कैम्पेन, हेल्थ और हाइजीन को लेकर लोगों की आदतों सुधार लाने की दिशा में काम करता है, 2014 में शुरू हुआ यह कैम्पेन 116 मिलियन लोगों तक पहुंचा है।
• डेटॉल स्कूल हाइजीन एजुकेशन प्रोग्राम, बच्चों में हाथ धोने जैसी सफाई की आदतें विकसित करता है। यह प्रोग्राम अब तक घर, स्कूल, पास पड़ोस की स्वच्छता, खुद की साफ सफाई और बीमारी के दौरान स्वच्छता जैसे हाईजीन के पांच महत्वपूर्ण बिंदुओं पर 2 करोड़ बच्चों को शिक्षित कर चुका है।
• रीच ईच चाइल्ड प्रोग्राम ने 6,500 बच्चों को मौत और कुपोषण से होने वाली बीमारी से बचाया है।
• हार्पिक वर्ल्ड टॉयलेट कॉलेज प्रोग्राम, भारत के सफाई कर्मचारियों को आर्थिक रूप से समृद्धि बनाने, इज्जत देने और काम का सुरक्षित माहौल प्रदान करने की दिशा में काम करता है, यह प्रोग्राम अब तक 15,800 से अधिक श्रमिकों को प्रशिक्षित कर चुका है।

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