जनरल गुरमीत सिंह ने ली राज्यपाल उत्तराखंड की शपथ

Governor of Uttarakhand: लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि) गुरमीत सिंह ने ली उत्तराखंड के राज्यपाल पद की शपथ
लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह ने उत्तराखंड के राज्यपाल पद की शपथ ली। नैनीताल हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान ने राजभवन में उन्‍हें शपथ दिलाई। लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह उत्तराखंड के आठवें राज्यपाल हैं।

लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह ने ली उत्तराखंड के राज्यपाल पद की शपथ।

देहरादून 15 सितंबर। लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह बुधवार को उत्तराखंड के आठवें राज्यपाल बन गए। राजभवन में राज्य के मुख्य न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह चौहान ने नए राज्यपाल को पद की शपथ दिलाई। समारोह के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नए राज्यपाल से शिष्टाचार भेंट भी की।

राजभवन में बुधवार सुबह करीब 10.55 बजे शपथ ग्रहण समारोह शुरू हुआ। समारोह का संचालन कर रहे मुख्य सचिव डाक्टर एसएस संधु ने राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द की ओर से नए राज्यपाल की नियुक्ति को जारी राजपत्र पढ़कर सुनाया। राज्यपाल गुरमीत सिंह ने हिंदी में शपथ ग्रहण की। शपथ ग्रहण के बाद राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह को सेना की चार-मराठा बटालियन की टुकड़ी ने सलामी दी। राज्यपाल ने सलामी गारद का निरीक्षण भी किया।
लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह पीवीएसएम, यूवाईएसएम, एवीएसएम, वीएसम (सेवानिवृत्त) ने बुधवार को राजभवन में उत्तराखंड के आठवें राज्यपाल के रूप में शपथ ली। उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राघवेंद्र सिंह चौहान ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।

शपथग्रहण समारोह के बाद राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखंड की महिलाएं स्वावलंबी और बहादुर हैं। यहां की बेटियों को सैनिक स्कूलों व एनडीए के लिए प्रेरित कर राज्य में महिला सशक्तीकरण का नया अध्याय लिखा जाएगा। इससे पहले बुधवार को राजभवन में राष्ट्रगान के साथ शपथग्रहण समारोह की शुरुआत हुई। कार्यक्रम का संचालन मुख्य सचिव एसएस संधू ने किया।

मुख्य सचिव ने राज्यपाल की नियुक्ति का राष्ट्रपति की ओर से भेजा गया अधिपत्र पढ़कर सुनाया। शपथ ग्रहण के बाद राज्यपाल ने भारतीय सेना की चार मराठा बटालियन रेजीमेंट द्वारा दिए गए सम्मान गार्ड का निरीक्षण किया। समारोह में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत, सतपाल महाराज, सुबोध उनियाल, अरविंद पांडेय, गणेश जोशी, डॉक्टर धनसिंह रावत, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, पूर्व सैन्याधिकारीगण समेत कई गण्यमान्य अतिथि उपस्थित रहे।

पैतृक गांव से भी पहुंचे लोग

राज्यपाल के पैतृक गांव जालाल (अमृतसर) से भी कुछ ग्रामीण करीब तीन हजार गांववासियों की शुभकामनाएं लेकर राजभवन पहुंचे और शपथग्रहण समारोह में शामिल हुए। अपने गांव के व्यक्ति के राज्यपाल बनने पर उनकी खुशी का ठिकाना नहीं था। समारोह में राज्यपाल के परिजनों, स्कूल कॉलेज और सेना में सेवा के दौरान रहे मित्र और सहपाठी भी शामिल हुए।

प्रदेश के दूसरे सिख और पहले सैन्य पृष्ठभूमि वाले राज्यपाल
गुरमीत सिंह प्रदेश के पहले सैन्य पृष्ठभूमि वाले राज्यपाल हैं। सुरजीत सिंह बरनाला के बाद वह राज्य के दूसरे सिख राज्यपाल हैं। सुरजीत सिंह बरनाला उत्तराखंड के पहले राज्यपाल थे।

पूर्व सैनिक व उनके परिवार मेरी प्राथमिकता

राज्यपाल ने कहा कि पूर्व सैनिक, सैनिकों के बुजुर्ग माता-पिता और परिवार उनकी प्राथमिकता हैं। इनके स्वास्थ्य, पेंशन संबंधी समस्याओं के निस्तारण, पूर्व सैनिक अंशदायी स्वास्थ्य योजना के लिए काम करेंगे।

पवित्र भूमि की सेवा करना सौभाग्य की बात

राज्यपाल ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड पवित्र भूमि है, इसकी सेवा करना सौभाग्य की बात है। यहां यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ चार धाम हैं। गंगा और यमुना का मायका है। नानकमत्ता साहिब, रीठा साहिब, हेमकुंड साहिब जैसे अनेक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल हैं। उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद किया कि उनको उत्तराखंड का राज्यपाल बनने का मौका दिया।

उत्तराखंड प्रकृति खजाना, रोजगार की अपार संभावना

राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखंड राज्य प्रकृति का खजाना है। इसका सौंदर्य आलौकिक है। उत्तराखंड में पर्यटन आधारित बिजनेस, जैविक कृषि, योग-आयुर्वेद, खाद्य प्रोसेसिंग पर आधारित लघु उद्योगों को बढ़ावा देकर पहाड़ों में रोजगार और उद्यमिता के अपार अवसर पैदा किए जा सकते हैं। वर्तमान सरकार इस दिशा में अच्छा प्रयास कर रही है। आगे भी इसके लिए हर संभव सहयोग राज्य सरकार को हमेशा रहेगा।

तरक्की की नई इबारत लिखनी है

राज्यपाल गुरमीत सिंह ने कहा कि समय तेजी से बदल रहा है। यह टेक्नॉलोजी का युग है। राज्य दो अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं से लगा है। इसलिए कनेक्टिविटी, पुल, सड़क, टनल का संपर्क भी महत्वपूर्ण है। समय के अनुसार विकास और तरक्की की नई इबारत लिखनी है।

वीर सपूतों को याद किया

राज्यपाल ने प्रथम परमवीर चक्र विजेता मेजर सोमनाथ शर्मा और परमवीर चक्र विजेता लेफ्टिनेंट कर्नल धन सिंह थापा के साहस, शौर्य और पराक्रम को याद किया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने उत्तराखंड से राष्ट्र सुरक्षा के लिए सम्मानित 23 महावीर चक्र, 147 वीर चक्र, 6 अशोक चक्र, 19 कीर्ति चक्र प्राप्त करने वाले वीर योद्धाओं को नमन किया।

उत्तराखंड में अब तक तैनात रहे राज्यपाल

1-सुरजीत सिंह बरनाला: 09 नवंबर, 2000-07 जनवरी, 2003

2-सुदर्शन अग्रवाल: 08 जनवरी, 2003-28 अक्टूबर, 2007

3-बनवारी लाल जोशी: 29 अक्टूबर 2007-05 अगस्त, 2009

4-मार्गरेट अल्वा: 06 अगस्त, 2009-14 मई 2012

5-अजीज कुरैशी: 15 मई, 2012-08 जनवरी, 2015

6-केके पाल: 08 जनवरी, 2015-25 अगस्त, 2018

7-बेबी रानी मौर्य: 26 अगस्त, 2018-13 सितंबर, 2021

संक्षिप्त जीवन परिचय

लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह सेना से 2016 में सेवानिवृत्त हुए। उन्‍होंने सेना में करीब 40 वर्ष की सेवा दी। इस दौरान उन्होंने चार राष्ट्रपति पुरस्कार और दो चीफ आफ आर्मी स्टाफ कमंडेशन अवार्ड प्राप्त किए। लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह सेना डिप्टी चीफ आफ आर्मी स्टाफ रहे लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह सेना एडजुटेंट जनरल और 15 कार्प्‍स के कमांडर रहे वह चीन मामलों से जुड़े मिलिट्री आपरेशन के निदेशक उन्‍होंने नेशनल डिफेंस कालेज और डिफेंस सर्विसेज स्टाफ से स्नातक किया। उन्‍होंने चेन्नई और इंदौर विश्वविद्यालयों से दो एम फिल डिग्री ली। चेन्नई विश्वविद्यालय से वह कर रहे हैं ‘स्मार्ट पावर फार नेशनल सिक्योरिटी डायनेमिक्स’ विषय पर पीएचडी। उन्‍होंने सैनिक स्कूल कपूरथला (पंजाब) से स्कूलिंग की.

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