उड़ीसा रेल दुर्घटना को ले खड़गे ने उठाए सात सवाल

Odisha Train Accent Case Congress President Kharge Poses 7 Questions To Pm Modi

ओडिशा ट्रेन दुर्घटना : सेफ्टी का फंड क्यों घटा, सिर्फ 4% रूट पर कवच क्यों…? कांग्रेस ने दागे PM मोदी पर 7 सवाल

ओडिशा ट्रेन दुर्घटना को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से 7 सवाल पूछे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने संसदीय समिति की सिफारिशों पर ध्यान नहीं दिया। प्रधानमंत्री सिर्फ ट्रेनों को हरी झंडी दिखाते हैं, सेफ्टी पर ध्यान नहीं देते।

हाइलाइट्स
ओडिशा रेल दुर्घटना पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री मोदी से पूछे 7 सवाल
खरगे ने सिलसिलेवार ट्वीट में केंद्र सरकार पर लगाया ट्रेन सेफ्टी को नजरअंदाज करने का आरोप
खरगे ने प्रधानमंत्री से दुर्घटना को लेकर ऊपर से नीचे तक जवाबदेही तय करने की मांग की

नई दिल्ली पांच जून : ओडिशा के बालासोर में हुए भीषण रेल दुर्घटना को लेकर कांग्रेस ने सीधे-सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री बस ट्रेनों को हरी झंडी दिखाते हैं, ट्रेन सुरक्षा पर कोई ध्यान नहीं देते। उन्होंने दुर्घटना को लेकर प्रधानमंत्री मोदी से 7 सवाल पूछ हैं। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने तो व्यंग्य कसते हुए यहां तक कह दिया कि ‘कवच’ सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी की छवि बचाता है, यात्रियों की जान नहीं।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने रविवार को सिलसिलेवार ट्वीट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर रेल दुर्घटना को लेकर 7 सवाल दागे। उन्होंने ऊपर से नीचे तक उत्तरदायित्व तय करने की मांग की। उन्होंने ट्वीट किया, ‘मोदी जी, आप आये दिन सफेद की गई ट्रेनों को हरी झंडी दिखाने में व्यस्त रहते हैं पर रेल सुरक्षा पर कोई ध्यान नहीं देते। ऊपर से नीचे तक के पदों का उत्तरदायित्व तय करना होगा जिससे कि भविष्य में ऐसी दुर्घटनायें होने से रोकी जा सके। तभी इस दुर्घटना के पीड़ितों को न्याय मिलेगा।’

खड़गे ने पहला सवाल रेलवे में खाली पदों को लेकर किया। उन्होंने लिखा, ‘आजाद भारत के शायद सबसे दर्दनाक रेल दुर्घटना पर मोदी सरकार से सवाल-
विज्ञापनी PR हथकंडो ने मोदी सरकार के काम करने की प्रणाली खोखला बना दी है। 1. रेलवे में 3 लाख़ पद खाली हैं, बड़े अधिकारियों के पद भी खाली हैं, जो PMO भर्ती करता है, उनको 9 सालों में क्यों नहीं भरा गया ?’
उन्होंने दूसरा सवाल किया, ‘रेलवे बोर्ड ने हाल ही में खुद माना है कि मानव संसाधन की भारी कमी के कारण लोको पायलटों के लंबे समय तक काम करने के घंटे, दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या का मुख्य कारण हैं। फिर पद क्यों नहीं भरे गये?’
सिग्नलिंग व्यवस्था में सुधार की मांग को नजरअंदाज करने का आरोप लगाते हुए हुए खडगे ने तीसरा सवाल किया, ‘दक्षिण पश्चिमी रेलवे जोन के प्रिंसिपल चीफ ऑपरेटिंग मैनेजर ने 8 फरवरी 2023 को मैसूर में एक त्रासदी जिसमें दो ट्रेनें भिड़ने से बच गई थी, का हवाला देते हुए सिग्नलिंग व्यवस्था ठीक करने का आग्रह किया था और चेतावनी दी थी। उस पर रेल मंत्रालय ने अमल क्यों नहीं किया?’
अपने चौथे सवाल में खडगे ने सरकार पर संसदीय समिति की सिफारिशें नजरअंदाज करने का आरोप लगाया। उन्होंने लिखा, ‘संसदीय स्थायी समिति ने अपनी 323वीं रिपोर्ट में रेलवे सुरक्षा आयोग (CRS) की सिफारिशों के प्रति रेलवे बोर्ड द्वारा दिखाई गई “उपेक्षा” के लिए रेलवे की आलोचना की थी। कहा था कि CRS केवल 8%-10% दुर्घटनाओं की जांच करता है, CRS को मजबूती क्यों नहीं प्रदान की गई?

कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे लिखा, ‘CAG की ताजा ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार, 2017-18 और 2020-21 के बीच 10 में से लगभग 7 रेल दुर्घटनाएं ट्रेन के बेपटरी होने से हुई। 2017-21 में ईस्ट कोस्ट रेलवे में सुरक्षा के लिए रेल और वेल्ड (Track Maintenance) का शून्य परीक्षण हुआ। उसको दरकिनार क्यों कर दिया गया?’
खडगे ने पूछा कि राष्ट्रीय रेल सुरक्षा कोष की फंडिंग क्यों कम की गई। उन्होंने सवाल किया, ‘CAG के अनुसार राष्ट्रीय रेल संरक्षा कोष (RRSK) में 79% फंडिंग कम क्यों की गई, जबकि हर साल ₹20,000 Cr उपलब्ध करवाने थे। ट्रैक रीन्यूअल वर्क्स की राशि में भारी गिरावट क्यों आई?’

सातवें और आखिरी सवाल में उन्होंने कवच सिस्टम पर धीमी गति से काम का मुद्दा उठाया। उन्होंने पूछा, ‘भारत के रिसर्च डिजाइंस ऐंड स्टैंडर्ड्स ऑर्गनाइजेशन (RDSO) द्वारा 2011 में विकसित ट्रेन टक्कर बचाव प्रणाली का नाम मोदी सरकार ने बदलकर “कवच” कर दिया और मार्च 2022 में रेलवे मंत्री जी ने खुद इसका प्रदर्शन भी किया। फिर भी अब तक केवल 4% रूटों पर कवच क्यों ?’

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