टिकरी बॉर्डर ब्राह्मण किसान को जलाने का मुख्य आरोपित बंदी

 

हरियाणा: आंदोलन में शामिल एक किसान को जिंदा जलाने के मामले में मुख्य आरोपित गिरफ्तार
आरोपित अपने साथियों साथ काफी समय से किसान आंदोलन में शामिल था. कृष्ण पर आरोप है कि उसने अपने 3 अन्य साथियों के साथ कसार गांव निवासी मुकेश की जिंदा जला कर हत्या कर दी.

जिंदा जलाने के मामले में मुख्य आरोपी गिरफ्तार (फाइल फोटो)

प्रथम शर्मा
बहादुरगढ़,19 जून 2021,
किसान को जिंदा जलाने का मामला
शराब पीने के बाद शुरू हुआ विवाद
पुलिस ने मुख्य आरोपित को किया गिरफ्तार
हरियाणा के बहादुरगढ़ इलाके में किसान आंदोलन में शामिल एक जन को जिंदा जलाने के मामले में मुख्य आरोपित को गिरफ्तार किया गया है. सेक्टर-6 थाना पुलिस, आरोपित  कोर्ट में पेश . आरोपित की पहचान जींद जिले के गांव रायचन्द निवासी कृष्ण के रूप में हुई है.

आरोपित अपने साथियों के साथ काफी समय से किसान आंदोलन में शामिल था. कृष्ण पर आरोप है कि उसने अपने 3 अन्य साथियों के साथ मिल कर कसार गांव निवासी मुकेश मुद्गिल की जिंदा जला कर हत्या कर दी. इससे पहले गुरुवार को मृतक के परिजनों ने करीब डेढ़ घंटे तक दिल्ली-रोहतक नेशनल हाईवे जाम किये रखा था. पुलिस फिलहाल इस मामले में अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए प्रयास कर रही है.

क्या है मामला?

हरियाणा के बहादुरगढ़ में किसान आंदोलन में शामिल लोगों ने एक व्यक्ति को जिंदा जला दिया. मृतक की पहचान कसार गांव निवासी मुकेश मुद्गिल के रुप में हुई है. मुकेश ने बुधवार देर शाम किसान आंदोलन में शामिल 4 लोगों के साथ आंदोलन स्थल पर ही शराब पी. बाद में हुए लड़ाई झगड़े में आरोपितों ने मुकेश पर तेल छिड़क कर आग लगा दी.

आग लगने के बाद मुकेश को बहादुरगढ़ के सामान्य अस्पताल लाया गया था. 90% झुलसे हुए मुकेश ने करीब 2:30 बजे दम तोड़ दिया. ग्रामीणों ने किसानों पर उन्हें परेशान करने का आरोप लगाया और परिजनों ने मृतक का शव लेने से मना कर दिया।

परिजनों ने कहा कि पीड़ित परिवार को मुआवजा और सरकारी नौकरी के साथ सुरक्षा की गारंटी सरकार दे. इसके साथ ही आंदोलनकारी किसानों को भी गांव से दूर बसाने की मांग की गई है।

‘टिकरी सीमा पर किसानों ने मुझे लगाई आग’: मृतक का वीडियो आया सामने, किसान संगठनों ने अस्पष्ट वीडियो जारी कर बताया आत्महत्या

किसान आंदोलन एक बार फिर से सवालों के घेरे में आ गया है। बहादुरगढ़ में किसान आंदोलनकारियों ने एक व्यक्ति को जिंदा जला दिया। मृतक की पहचान कसार गाँव निवासी मुकेश के रुप में हुई । आरोप है कि मुकेश ने किसान आंदोलन में शामिल कुछ लोगों के साथ आंदोलन स्थल पर ही शराब पी । इसके बाद मुकेश और उन लोगों में कुछ कहासुनी हो गई जिसके बाद उसे जला दिया गया।

मुकेश के ऊपर तेल छिड़क कर आग लगा दी गई थी। गंभीर रूप से झुलसे मुकेश की कुछ घंटों बाद उपचार के दौरान मौत हो गई। आंदोलन में ‘शहीद’ का नाम देकर कसार निवासी मुकेश पर तेल छिड़क आग लगाई गई। इससे पहले उसे शराब भी पिलाई गई। मृतक के परिवार का सीधे तौर पर आरोप है कि घटना के चारों आरोपित राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के पास टिकरी बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन का हिस्सा हैं।

बलात्कार, छेड़छाड़ और अब एक व्यक्ति को जिंदा जलाए जाने के लिए कड़ी आलोचना के बाद टिकरी सीमा पर हिंसक विरोध प्रदर्शन की अगुवाई वाले संगठन ‘किसान एकता मोर्चा’ ने एक अस्पष्ट वीडियो जारी कर दावा किया कि मुकेश ने खुद को आग लगा ली थी। इसके विपरीत कोई भी आरोप ‘भाजपा का प्रोपेगंडा’ है।

 

वीडियो में मुकेश जली हुई अवस्था में अँधेरे में बैठे नजर आ रहे हैं। गंभीर रूप से जलाए जाते समय एक किसान को उनसे पूछताछ करते सुना जाता है कि उन्हें किसने आग लगाई थी। काफी उकसावे बाद, मुकेश दर्द से कराहते कहते हैं कि उन्होंने खुद को आग लगा ली क्योंकि वह अपने पारिवारिक समस्याओं से थक गए थे।

हालाँकि ‘किसान’ इस वीडियो का इस्तेमाल खुद को आरोपों से मुक्त करने को कर रहे हैं, मगर इसके अलावा एक और वीडियो है, जिसमें मुकेश अस्पताल में इलाज के दौरान मृत्यु पूर्व बयान देते हुए दिख रहे हैं। यह वीडियो ऑपइंडिया द्वारा एक्सेस किया गया। ऑपइंडिया के एक्सेस किए वीडियो में, मुकेश को अपने हमलावरों की पहचान करते हुए स्पष्ट कहते हुए सुना जा सकता है कि टिकरी सीमा पर मौजूद किसानों ने उसे आग लगा दी।

 

वीडियो में मुकेश साफ-साफ कहते हैं कि टिकरी बॉर्डर पर किसानों ,खासकर सफेद कुर्ते में एक जन ने उन्हें आग लगा दी। पुलिस अधिकारी उससे विशेष रूप से पूछता है कि क्या उसने खुद आग लगाई या उसे आग लगाने वाले किसान थे। इस पर वह साफ कहते हैं कि उन्होंने खुद को आग नहीं लगाई, किसानों ने उन्हें आग लगा दी।

घटना के अनुसार सुबह साढ़े तीन बजे मुकेश को जिंदा जला दिया गया। अगर हम किसान एकता मोर्चा द्वारा डाले वीडियो देखें, तो इसका मतलब है कि आग लगने के ठीक बाद कुछ लोग उससे पूछताछ कर रहे थे। बताया जा रहा है कि ये वही लोग थे, जिन्होंने आग लगाई थी।लगता है कि मुकेश दर्द से बेहोश था और डरा भी था, क्योंकि जलाने वालों को बचाने वाले लोग उससे पूछताछ कर रहे थे। ऐसे समय में मुकेश के दिमाग में एक ही चीज चल रही होगी कि वह किसी तरह वहाँ से निकल जिंदा बच जाए।

ऑपइंडिया का प्राप्त दूसरा वीडियो स्पष्ट रूप से दिखाता है कि इससे पहले कि वह चोटों से मरता, मुकेश ने बताया  कि उसे टिकरी सीमा पर मौजूद किसान ने जला दिया था।

टिकरी बॉर्डर पर आदमी को जिंदा जलाया

घटना हरियाणा के बहादुरगढ़ के पास कसार गाँव की है। गुरुवार (जून 17, 2021) तड़के तीन बजे सीमा पर प्रदर्शन कर रहे ‘किसानों’ ने मुकेश पर पेट्रोल छिड़क कर आग लगा दी। उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसने दम तोड़ दिया।

मदन लाल की पुलिस शिकायत के अनुसार, बुधवार (जून 16, 2021) शाम करीब 5 बजे मुकेश बाहर गया और प्रदर्शनकारी किसान स्थल पहुँचा था। मदन लाल को बाद में पता चला कि मुकेश को आग लगा दी गई। वह सरपंच टोनी कुमार के साथ मौके पर पहुँचे तो देखा कि मुकेश बुरी तरह झुलसा है।

किसान धरना स्थल क्राइम हॉट स्पॉट बन गया है

यह पहली बार नहीं कि राष्ट्रीय राजधानी के आसपास की सीमाओं के साथ ‘किसान’ विरोध स्थल से इस तरह अपराध की घटनाएँ सामने आ रही हैं। ‘किसान आंदोलन’ स्थल हाल ही में अपराध का केंद्र बन गया है । पिछले कुछ महीनों में साइट से बलात्कार, हत्या के कई आरोप सामने आए ।

अप्रैल में, दिल्ली में टिकरी सीमा के पास कसार गाँव के पास किसान प्रदर्शनकारी ने 26 वर्षीय कृषि-विरोधी कानून प्रदर्शनकारी की हत्या कर दी थी। पीड़ित की पहचान गुरप्रीत सिंह के रूप में हुई, जो टिकरी सीमा पर कृषि कानूनों का विरोध कर रहा था। सिंह की हत्या एक साथी प्रदर्शनकारी रणबीर सिंह उर्फ ​​सत्ता सिंह ने पैसे के विवाद को लेकर की थी।

इसी तरह, 25 मार्च को एक 60 वर्षीय किसान हाकम सिंह का गला कटा पाया गया। पुलिस के अनुसार, सिंह की हत्या ‘तेज धार वाले हथियार’ से हुई थी। शव टिकरी सीमा पर नए बस स्टैंड के पीछे खेत में अन्य कृषि विरोधी कानून प्रदर्शनकारियों ने खोजा था। रेप की घटनाएँ भी सामने आ चुकी हैं।

टिकरी बॉर्डर पर शराब पिला जिंदा जलाया, शहीद बताने की साजिश: जातिसूचक शब्दों से धमकी भी (तस्वीर साभार: दैनिक भास्कर)

प्रदर्शन के नाम पर हुई ये भयानक घटना बहादुरगढ़ बाईपास पर स्थित गाँव कसार के पास बुधवार (जून 17, 2021) रात 3 बजे की है। मुकेश कसार का ही निवासी था और शाम को घूमते हुए प्रदर्शन में शामिल होने आया था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मुकेश को पहले शराब पिलाई गई। फिर लड़ाई-झगड़े में उसे शहीद बता पेट्रोल छिड़क कर आग लगा दी गई।

घटना के बाद सोशल मीडिया पर यूजर्स बता रहे हैं कि कसार ब्राह्मणों का गाँव है और मुकेश पर कृष्ण व एक अन्य आरोपित ने आग यह कह कर लगाई कि ब्राह्मण किसान आंदोलन में नहीं आते।

 

इलाज के दौरान मौत

घटना बाद मुकेश को पास के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहाँ उनका इलाज चला।हालत गंभीर देख उन्हें रेफर कर दिया गया। इसके बाद परिजन उन्हें ब्रह्मशक्ति संजीवनी अस्पताल लेकर गए। कुछ घंटों बाद उनकी मौत हो गई। दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार पुलिस को शिकायत में मुकेश के भाई मदनलाल ने बताया,

“मेरा भाई मुकेश बुधवार शाम लगभग 5 बजे घर से घूमने निकला। घूमते-घूमते वह किसान प्रदर्शनकारियों के पास पहुँच गया। फोन कॉल से पता चला कि भाई पर आंदोलनकारियों ने जान से मारने की नीयत से तेल छिड़क कर आग लगा दी। मैं तुरंत पूर्व सरपंच टोनी को लेकर मौके पर पहुँचा तो भाई मुकेश गंभीर रूप से झुलसा हुआ था। उसे हम तुरंत सिविल अस्पताल लेकर आए। यहाँ उपचार में मुकेश ने बताया कि आंदोलन में कृष्ण नामक एक व्यक्ति (सफेद कपड़े पहने हुए था) ने पहले शराब पिलाई और फिर उसे आग लगा दी।”

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सफेद कपड़े वाले आरोपित का नाम कृष्ण है, जिसने मुकेश पर तेल डालकर आग लगाई
मुकेश की मृत्यु बाद पुलिस ने मदनलाल के बयान के आधार पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की।  एक वीडियो भी सामने आया है। इसमें आरोपित जातिगत टिप्पणी करता दिख रहा है। मुकेश के भाई का कहना है कि इसी ने उनके भाई को शराब पिला तेल छिड़क कर आग के हवाले कर दिया।

मृतक मुकेश के गाँव कसार के लोगों ने एक न्यूज टीम को मामले से संबंधित कई जानकारियाँ दीं। उनके अनुसार जले हालात में भी मुकेश ने उसे बचाने आए गाँव वालों को बताया कि किसने उसके साथ ऐसा किया। ‘किसान’ आंदोलन से जुड़ा कृष्ण नामक व्यक्ति (जिसकी फोटो ऊपर है, जो मुकेश को जिंदा जलाने का आरोपित भी है) ने ही जातिसूचक शब्द का भी प्रयोग किया। वो कह रहा था कि इसे शहीद हो जाने दो, इसके परिजनों को कुछ (पैसे) मिल जाएगा।

डीएसपी पवन कुमार ने बताया कि इस संबंध में पहले संदीप और कृष्ण नाम के दो आरोपितों के खिलाफ जान से मारने के प्रयास का मामला दर्ज किया था। मगर मौत के बाद हत्या की धारा भी जोड़ दी गई है।

 

अस्पताल के बाहर इकट्ठा हुए ग्रामीण

शव का सिविल अस्पताल में पोस्टमॉर्टम किया गया। मृतक की उम्र 42 साल थी। वह दस साल की एक बेटी के पिता थे। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए बहादुरगढ़ के नागरिक अस्पताल में रखा गया । अस्पताल में काफी संख्या में ग्रामीण जुटे ।

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