होली:50 हजार करोड़ का व्यवसाय,चीन का बहिष्कार,लोकल की धूम

Holi Sees Business Worth More Than 50000 Crore Rupees Across The Country
होली के त्योहार में कारोबारी मस्त, देश भर में 5000000000000 रुपये का कारोबार!
Holi 2024: परसों ही तो होली है। कल होलिका दहन का आयोजन होगा। होली के त्योहार के लिए देश भर में भरपूर तैयारी चल रही है। लोग बाजार में होली से जुड़े सामानों की जम कर खरीदारी कर रहे हैं। कल और परसों देश के अधिकतर घरों में पुआ-पकवान बनेगा। साथ ही दही वड़े, पकौड़ियों, गुजियों आदि की भी धूम रहेगी। इस आयोजन के लिए देश भर में 50 हजार करोड़ रुपये के सामनों की बिक्री होने वाली है।
मुख्य बिंदु 
इस बार होली कारोबार जगत को मस्त कर गया
देश भर में होली त्योहार पर 50 हज़ार करोड़ रुपए से ज़्यादा के कारोबार का अनुमान
इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को नया बल मिलेगा
होली पर इस बार 50 हजार करोड़ का कारोबार

नई दिल्ली 23 मार्च 2024: त्योहार और कारोबार का सीधा संबंध होता है। चाहे किसी भी धर्म का कोई भी त्योहार हो, बाजार में कुछ वस्तुओं और सेवाओं की मांग बढ़ती है। इससे इकोनॉमी को नया बल मिलता है। अब होली को ही देख लें। इस वर्ष होली के त्यौहार से दिल्ली सहित देश भर के व्यापारियों में एक नई उमंग और उत्साह का संचार हुआ है। इस होली जिस तरह से लोग सामान खरीद रहे हैं, उसे देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार पिछले वर्ष के मुकाबले देश भर के व्यापार में लगभग 50 प्रतिशत  की बढ़ोतरी होगी। अकेले दिल्ली में ही करीब पांच हज़ार करोड़ रुपये के व्यापार की संभावना है।

चाइनीज सामान को ना

आमतौर पर होली में लोग पुए-पकवान, गुजिया, दही वड़ा, पकोड़ी आदि बनाने के लिए ही सामान खरीदते हैं। इन सामानों के लिए मैदा, सूजी, बेसन, चीनी, सूखे मेवे, मसाले आदि खरीदे जाते हैं। हां, होली के अवसर पर बच्चों के खेलने के लिए पिचकारी अवश्य खरीदी जाती है। इन सब सामानों में चीन की भागीदारी नहीं के बराबर है। छोटे कारोबारियों के संगठन कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) का कहना है कि पिछले वर्षों की तरह चीनी सामान का न केवल व्यापारियों ने बल्कि आम लोगों ने भी पूर्ण बहिष्कार किया है। संगठन का दावा है कि पहले होली से जुड़े सामानों का देश में आयात लगभग 10 हजार करोड़ रुपये का होता था, जो इस बार बिल्कुल नगण्य रहा है।

इस बार बाजार में क्या बिक रहे हैं

कैट के महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल का कहना है कि इस बार होली की त्योहारी बिक्री में चीन का बने हुए सामान का व्यापारियों एवं ग्राहकों ने बहिष्कार किया। इस समय बाजार में भारत में ही निर्मित हर्बल रंग एवं गुलाल, पिचकारी, ग़ुब्बारे, चंदन , पूजा सामग्री, परिधान सहित अन्य सामानों की जमकर बिक्री हो रही है। इसके साथ ही गुजिया जैसी मिठाइयां, ड्राई फ्रूट , गिफ्ट आइटम्स, फूल एवं फल, कपड़े , फ़र्निशिंग फैब्रिक, किराना, एफएमसीजी प्रोडक्ट, कंज्यूमर ड्युरेबल्स सहित अन्य अनेकों उत्पादों की भी ज़बरदस्त मांग बाज़ारों में दिखाई दे रही है।

नए तरह की पिचकारियां

इस बार बाजार में अलग-अलग तरह की पिचकारी गुब्बारे और अन्य आकर्षक आइटम आए हैं। प्रेशर वाली पिचकारी 100 रुपये से 350 रुपये तक की उपलब्ध है। टैंक के रूप में पिचकारी 100 रुपये से लेकर 400 रुपये तक में उपलब्ध है। हथौड़े और टैंक के रूप में भी पिचकारी दिख रही है। इसके अलावा फैंसी पाइप की भी बाजार में धूम मची है। बच्चे स्पाइडर मैन, छोटा भीम आदि को बच्चे खूब पसंद कर रहे है वहीं गुलाल के स्प्रे की मांग बेहद हो रही है।

बैंक्वेट हॉल में भी होली का आयोजन

गली-मोहल्लों में अब उतनी खुली जगह नहीं बची, जितनी पहले होती थी। तभी तो अब शादियां बैंक्वेट हॉल, फार्म हाउस और होटलों में होने लगी। इसी तरह कुछ अमीर-उमरा लोग अब होली समारोहों के आयोजन के लिए भी बैंक्वेट हॉल, फार्म हाउस, होटलों , रेस्टोरेंट एवं सार्वजनिक पार्कों में होली समारोह का आयोजन कर रहे हैं। खंडेलवाल का कहना है कि इस सेक्टर ने दो वर्ष के बाद अच्छे व्यापार के दिन देखे हैं। सिर्फ दिल्ली की बात करें तो इस जगह छोटे-बड़े, कुल मिलाकर तीन हज़ार से ज़्यादा होली मिलन समारोह आयोजित हो रहे हैं। इसमें लोग मिलते-जुलते हैं, होली खेलते हैं और खाना-पीना करते हैं।

कब है होली

खंडेलवाल ने बताया कि दिल्ली में इस बार 24 मार्च को होली जलाई जाएगी जबकि रंगों का पर्व 25 मार्च को मनाया जाएगा। होली के रंग में बाजार भी रंगे हुए नजर आने लगे हैं। बाजार में रंग बिरंगे गुलाल और पिचकारी के अलावा गुजिया के हार और मेवा से दुकानें सजी हुई है। बाजार में खरीददारी के लिए लोगों की संख्या प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।

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