मसूरी दुर्घटना: टायर फटने से अनियंत्रित हुई थी फोर्ड एसयूवी

Mussoorie Car Accident: मुरादाबाद से दोस्‍तों से मिलने आए आशुतोष के लिए लांग ड्राइव बनी ‘लास्‍ट राइड’, टायर फटने से काल के गाल में समाए पांच दोस्‍त
दोस्‍तों से मिलने देहरादून पहुंचे आशुतोष पांच दोस्तों को साथ लेकर लांग-ड्राइव पर मसूरी जा रहे थे लेकिन उन पांचों को क्‍या पता था कि वह वहां से जीवित नहीं लौट पाएंगे। मसूरी कार दुर्घटना में पांच छात्र-छात्राओं की मौत के बाद जब परिवहन विभाग की तकनीकी टीम ने दुर्घटनास्थल का निरीक्षण किया तो मार्ग एकदम सही मिला।

परिवहन विभाग की तकनीकी टीम ने किया दुर्घटनास्थल का निरीक्षण

चालक की तरफ वाला अगला टायर मिला पंचर, जिलाधिकारी को भेजी रिपोर्ट
देहरादून 06 मई 2024:  मुरादाबाद से दोस्तों से मिलने देहरादून पहुंचे आशुतोष को क्या पता था कि वह अपनी फोर्ड एंडेवर कार से पांच दोस्तों को साथ लेकर जिस लांग-ड्राइव पर मसूरी जा रहा है, वहां से जीवित नहीं लौटेगा।
मसूरी कार दुर्घटना में पांच छात्र-छात्राओं की मौत बाद परिवहन विभाग की तकनीकी टीम ने दुर्घटनास्थल का निरीक्षण किया तो मार्ग एकदम ठीक मिला। मार्ग 19 फीट चौड़ा है, जिसमें साढ़े 14 फीट पक्का है। प्रारंभिक जांच में तकनीकी टीम का अनुमान है कि मार्ग पर मोड़ बाद तीव्र ढाल पर चालक कार पर नियंत्रण नहीं कर पाया।

अनुमान यह भी है कि संभवत: चालक की तरफ वाला अगला टायर पंचर होने से कार पैराफिट तोड़कर नीचे जा गिरी। दुर्घटना के संभावित कारणों समेत दुर्घटनास्थल पर सुधार को लेकर टीम ने अपनी रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेज दी है।

 दुर्घटनास्थल का तकनीकी निरीक्षण
मसूरी दुर्घटना के बाद  जिला सड़क सुरक्षा समिति अध्यक्ष जिलाधिकारी सोनिका के निर्देश पर संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) शैलेश तिवारी और संभागीय निरीक्षक (प्राविधिक) अरविंद यादव ने झड़ीपानी पहुंचकर दुर्घटनास्थल का तकनीकी निरीक्षण किया।

दुर्घटना मसूरी-देहरादून मुख्य मार्ग से एक किलोमीटर पहले झड़ीपानी में हुई। दुर्घटनास्थल की जांच पर संभागीय परिवहन अधिकारी तिवारी ने बताया कि  दुर्घटनास्थल मार्ग पर्याप्त चौड़ा व पक्का है।  मौसम भी साफ था। मार्ग किनारे सुरक्षा को बना पैराफिट कार की टक्कर से टूटा है। कार का इंजन, बाडी, रिम, टायर, चेसिस व अन्य पूरा हिस्सा क्षतिग्रस्त है।

कार का दायीं यानी चालक की तरफ का पिछला टायर कटा हुआ और अगला पंचर मिला है। क्लच, ब्रेक व एक्सीलेटर पैडल दुर्घटना से दबे मिले, जिसकी विस्तृत जांच की जाएगी। वहीं, सुरक्षा के दृष्टिगत परिवहन विभाग की टीम ने दुर्घटनास्थल पर टूटे पैराफिट की जगह लोहे के दो एंगल लगा  पत्थर भी रख दिए हैं।

वर्ष 2010 माडल की है कार
दुर्घटनाग्रस्त कार फोर्ड कंपनी की एंडेवर माडल है। कार सुरेंद्र सिंह रांगड़ (निवासी मोथरोवाला देहरादून ) के नाम पर आरटीओ दून कार्यालय में पंजीकृत है।

कार वर्ष 2010 माडल की है और फिटनेस 20 अगस्त-2025 जबकि बीमा दो मार्च-2025 तक वैध है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि कार आशुतोष तिवारी ने खरीदी थी, लेकिन अपने नाम ट्रांसफर नहीं कराई थी।

अमन चला रहा था कार
दुर्घटना के 12 घंटे बाद शनिवार शाम तक भी पुलिस यह नहीं पता लगा सकी थी कि दुर्घटना के समय कार कौन चला रहा था। कार आशुतोष की थी और शुक्रवार देर रात मसूरी मार्ग पर लगे सीसीटीवी कैमरों में वहीं कार चलाता दिख रहा है।

बाद में पुलिस ने मसूरी से झड़पानी मार्ग की ओर सीसीटीवी कैमरों की जांच की तो कार अमन राणा चलाता दिखा। प्रमाणित हुआ कि दुर्घटना समय कार अमन चला रहा था। कार ओल्ड माडल की और अपेक्षाकृत लंबाई-चौड़ाई में अधिक थी, ऐसे में यह भी माना जा रहा कि कहीं अमन का संतुलन न बिगड़ गया हो।

तकनीकी टीम के सुझाव
दुर्घटनास्थल पर टूटी हुई पैराफिट वाल को तत्काल निर्माण कराने की आवश्यकता है।
दुर्घटनास्थल पर मार्ग के किनारे डेलीनेटर लगाने की आवश्यकता है।
पूरे मार्ग पर दुर्घटना संभावित क्षेत्र, तीव्र मोड़, धीरे चलें जैसे बोर्ड लगाए जाने चाहिए

मसूरी में झड़ीपानी-चूनाखाला मार्ग पर शनिवार सुबह एक कार अनियंत्रित होकर 60 मीटर नीचे दूसरी सड़क पर जा गिरी। कार सवार पांच छात्र-छात्राओं की मौत हो गई। एक छात्रा गंभीर घायल है। सभी कार से मसूरी घूमने आए थे। लेकिन दुर्घटना की वजह क्या है ये बड़ा सवाल बना हुआ है।

मसूरी में एक सप्ताह के भीतर दो अलग-अलग सड़क दुघर्टना में आठ लोगों की मौत हो गई है। शनिवार सुबह हुए दर्दनाक हादसे ने हर किसी को झकझोर दिया।झड़ीपानी-चूनाखाला मार्ग पर जिस जगह पर दुर्घटना हुई,वहां सड़क पर तीव्र मोड़ है।

अचानक कार मोड़ पर अनियंत्रित होकर गिर गई और नीचे सड़क पर आ गई। दुर्घटना का कारण अनियंत्रित स्पीड या चालक को नींद की झपकी बताई जा रही है। हालांकि, पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
पर्यटन सीजन शुरू होते ही मसूरी में पर्यटकों की आवाजाही शुरू हो गई। पहाड़ पर वाहन चलाने हुए लापरवाही होने से दुर्घटनाएं हो रही हैं। 29 अप्रैल को हरियाणा से मसूरी घूमने आए पर्यटकों की कार मसूरी के हाथी पांव मार्ग में गहरी खाई में गिर गई। जिसमें तीन पर्यटकों की मौके पर ही मौत हो गई थी। इस दुर्घटना को लोग भूला भी नहीं पाए थे शनिवार को झड़ीपानी रोड में कार दुर्घटना में पांच छात्र-छात्राओं की मौत हो गई।
शनिवार सुबह जिस जगह पर दुर्घटना हुई वहां सड़क पर तीव्र मोड़ है। अधिकतर चालक मोड़ पर तेज रफ्तार वाहन को नियंत्रण नहीं कर पाते हैं। लोनिवि के अधिकारियों का कहना है कि दुर्घटना स्थल पर पैराफिट लगाए गए हैं।

परगनाधिकारी डॉक्टर दीपक सैनी ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। बताया कि जिस स्थान पर घटना हुई है वहां सड़क किनारे पैराफिट लगा है। कार दुर्घटना में पैराफिट भी टूटकर नीचे गिर गया। परगनाधिकारी ने बताया कि कार दुर्घटना के कारणों की जांच की जाएगी। उन्होंने आशंका जताई कि कार की गति तेज रही होगी। या सुबह का वक्त होने से चालक को नींद की झपकी आ गई होगी।
पुलिस अधीक्षक नगर प्रमोद कुमार ने भी घटनास्थल पर पहुंचकर निरीक्षण किया। कहा कि पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है। उन्होंने बताया कि हाथी पांव में कुछ दिनों पूर्व कार दुर्घटना हुई थी। उसके बाद मार्ग पर संवेदनशील सभी जगहों पर लोनिवि से क्रैश बैरियर लगाने को कहा गया है।

मसूरी कार एक्सीडेंट ग्राउंड रिपोर्ट, कमजोर हैं कंक्रीट के पैराफिट, मजबूत होता तो टल सकती थी दुर्घटना –

किसी भी दुर्घटना संभावित और खतरनाक जगहों पर सड़क किनारे लगे क्रैश बैरियर दुर्घटनायें रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, लेकिन कई जगहों पर क्रैश बैरियर या पैराफिट न होने या फिर उनके कमजोर होने से दुघर्टना हो रही हैं. मसूरी देहरादून झड़ी पानी रोड पर भी कंक्रीट के पैराफिट काफी कमजोर हैं. इसके अलावा कई जगहों पर क्रैश बैरियर भी नहीं है.

गत दिवस मसूरी के झड़ी पानी रोड पर बड़ी कार दुर्घटना हुई थी. इस दुर्घटना में पांच छात्रों की जान चली गई. जबकि, एक छात्रा गंभीर रूप से घायल हो गई. इस दुर्घटना के बाद हमने दुर्घटना स्थल देखा . यह दुर्घटना झडीपानी बैंड की मोड़ पर हुई थी. जहां कार मोड पर सड़क किनारे लगे पैराफिट को तोड़ते हुए सीधे नीचे वाली सड़क में जा गिरी. माना जा रहा है कि अगर पैराफिट मजबूत होती तो यह दुर्घटना टल सकती थी.
जहां सड़क किनारे लगे पैराफिट काफी पुराने और कमजोर हो चुके हैं. ऐसे में अगर कोई गाड़ी पैराफिट को टक्कर मारती है तो वो आराम से टूटकर गिर सकता है. मसूरी झड़ी पानी मार्ग पर कई जगह पर लोहे के क्रैश बैरियर लगाए गए हैं, लेकिन कई जगह अभी भी पुराने कंक्रीट के पैराफिट हैं. जबकि, कई जगह पैराफिट ही नहीं है. जिससे किसी दुर्घटना से इनकार नहीं किया जा सकता है.

कमजोर लोहे के पिलर
मसूरी झड़ी पानी रोड काफी संकरी है. ऐसे में दो कारों का आपस में निकलना भी काफी मुश्किल होता है. इसके अलावा कई तीव्र मोड़ हैं, जिससे दुर्घटना की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है. वहीं, दूसरी ओर 3 दिन पहले मसूरी हाथी पांव रोड पर शनी बैंड के पास एक कार अनियंत्रित होकर गिरी थी. वहां पर भी सड़क किनारे क्रैश बैरियर नहीं थे। इससे हाथी पांव कोर्ट मैकेंजी रोड पर लगातार दुर्घटनाएं हो रही है. इस पर संबंधित विभाग को ध्यान देने की जरूरत है.

मसूरी देहरादून झड़ी पानी मार्ग पर कई जगह क्रैश बैरियर और पैराफिट बने हुए हैं. जिनकी समय-समय पर जांच और मरम्मत की जाती रही है. कई जगह देखा गया है कि सड़क किनारे पैराफिट नहीं है. जिसको लेकर जल्द विभाग की ओर से पैराफिट का निर्माण कराया जाएगा. वहीं, मसूरी हाथी पांव रोड पर भी सड़क किनारे क्रैश बैरियर नहीं है, जिसको लेकर विभाग की ओर से बजट का प्रावधान कर दिया गया है. जल्द इसका निर्माण करा दिया जाएगा. यह कहना गलत है कि मसूरी झड़ीपानी रोड पर पैराफिट कमजोर है.”- जितेंद्र त्रिपाठी, अधिशासी अभियंता, लोक निर्माण विभाग देहरादून

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