ठग पीसी उपाध्याय, सौरभ वत्स समेत चार पर गैंगस्टर एक्ट में भी मुकदमा

मुख्यमंत्री के पूर्व प्रमुख निजी सचिव समेत चार पर गैंगस्टर की कार्रवाई, करोड़ों की ठगी का है मामला

Additional Gangster case Against former principal personal Secretary of CM           धामी के पूर्व निजी सचिव प्रकाश उपाध्याय समेत 4 लोगों पर करोड़ों की धोखाधड़ी में मुकदमा दर्ज होने के बाद गैंगस्टर की कार्रवाई की गई है. एक दवा कंपनी के मालिक से दवाओं के टेंडर के नाम पर करीब 52 लाख रुपए से अधिक की धोखाधड़ी के बाद पुलिस हरकत में आई.
देहरादून (उत्तराखंड) 16 मार्च 2024: टेंडर दिलाने के नाम पर लोगों से धोखाधड़ी करने वाले आरोपित मुख्यमंत्री के पूर्व प्रमुख निजी सचिव पीसी उपाध्याय,सौरभ वत्स समेत 4 आरोपितों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट में मुकदमा दर्ज किया गया है.आरोपितों के खिलाफ सरकारी टेंडर दिलाने के एवज में अलग-अलग लोगों से धोखाधड़ी करने के संबंध में देहरादून और अन्य राज्यों में कई मुकदमे दर्ज हैं.

ये है मामला: 14 मार्च को सिडकुल हरिद्वार में स्थित एक दवा कंपनी के मालिक से दवाओं के टेंडर के नाम पर करीब 52 लाख रुपए से अधिक की धोखाधड़ी के मामले में कोतवाली पुलिस ने मुख्यमंत्री के पूर्व प्रमुख निजी सचिव पीसी उपाध्याय को गिरफ्तार किया था. पुलिस आरोपित सौरभ वत्स को राजस्थान से गिरफ्तार कर चुकी है. आरोप है कि आरोपित सौरभ वत्स, पीसी उपाध्याय के साथ मिलकर गिरोह के रूप में फर्जी सरकारी दस्तावेजों के आधार पर लोगों को ई-टेंडरिंग के माध्यम से सरकारी टेंडर दिलाने का काम करते थे. इसके एवज में संगठित गिरोह करोड़ों रुपए की ठगी करता था. आरोपितों के खिलाफ देहरादून और अन्य प्रदेशों में भी कई मुकदमे पंजीकृत हैं.

लोगों से ऐसे की ठगी: पुलिस के अनुसार, मालिक राम केवल ने 9 मार्च 2024 को नगर पुलिस को लिखित शिकायत दी कि परिचित पटियाला निवासी धीरज ऋषि ने उनकी मुलाकात सौरभ वत्स निवासी डोईवाला से कराई थी. सौरभ ने खुद को उत्तराखंड सचिवालय में विशेष कार्याधिकारी बताया था.सौरभ ने एक दिन उसकी मुलाकात प्रकाश चंद उपाध्याय से मुख्यमंत्री कार्यालय में करवाई.सौरभ ने पीड़ित को बताया था कि प्रकाश चंद उपाध्याय उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के प्रमुख निजी सचिव हैं. उसके बाद सौरभ ने पीड़ित को मुख्यमंत्री सचिवालय में प्रकाश चंद उपाध्याय के पास बुलवाया और उत्तराखंड चिकित्सा विभाग में दवा आपूर्ति टेंडर प्रक्रिया में भाग लेने को कहा.

जब पीड़ित ने ऑनलाइन टेंडर की बात की तो सौरभ और पीसी उपाध्याय ने कहा कि वह उसे बिना ई-टेंडर के टेंडर दिला देंगे.उसके बाद आरोपितों ने पीड़ित से अलग-अलग तारीखों पर 52 लाख रुपए की धोखाधड़ी कर डाली. पीड़ित की लिखित शिकायत के आधार पर छह आरोपितों के खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में नगर कोतवाली में मुकदमा पंजीकृत किया गया था.

मामले में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने क्या कहा:  वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि सौरभ वत्स, पीसी उपाध्याय, नन्दिनी वत्स और शाहरुख खान के खिलाफ कोतवाली नगर में गैंगस्टर एक्ट में मुकदमा पंजीकृत किया गया है. सभी आरोपितों से अवैध अर्जित  संपत्ति के चिन्हिकरण की कार्रवाई हो रही है. जल्द ही आरोपितों की अवैध संपत्ति का जब्तीकरण होगा. आरोपित सौरभ वत्स पर भारतीय दंड संहिता की धोखाधड़ी समेत कई धाराओं में 6, पीसी उपाध्याय पर 5, नन्दिनी वत्स पर 4 और शाहरूख खान पर 4 मुकदमें अंकित  हैं.

उपाध्याय  समेत 5 लोगों पर धोखाधड़ी का एक और केस , प्रकाश उपाध्याय पर 1 करोड़ ठगने का आरोप
प्रकाश उपाध्याय पर धोखाधड़ी का एक और मुकदमा है. अब पटियाला निवासी रजत पाराशर ने एक करोड़ से ज्यादा की धोखाधड़ी का मुकदमा करवाया. प्रकाश उपाध्याय समेत 5 आरोपितों पर मुकदमा है. पटियाला के कारोबारी को उत्तराखंड में सरकारी टेंडर दिलाने को एक करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी के आरोप में मुकदमा है. मुख्यमंत्री के पूर्व निजी सचिव प्रकाश चन्द्र उपाध्याय सहित पांच के खिलाफ डीजीपी को शिकायत करने के बाद नगर कोतवाली में धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में मुकदमा पंजीकृत हुआ.

प्रकाश उपाध्याय पर दूसरा मुकदमा : बता दें कि सचिवालय में सरकारी टेंडर दिलाने को मुख्यमंत्री के पूर्व निजी सचिव प्रकाश उपाध्याय और सौरभ वत्स के खिलाफ पहले भी पटियाला के भाजपा पूर्व जिलाध्यक्ष से करोड़ों की धोखाधड़ी के आरोप में मुकदमा है. रजत पाराशर निवासी गुरु नानक नगर पटियाला ने डीजीपी को शिकायत की थी कि वह पटियाला के पूर्व भाजपा जिला अध्यक्ष संजीव कुमार के जरिए प्रकाश उपाध्याय और सौरभ वत्स से मिले थे. प्रकाश उपाध्याय ने रजत पाराशर को कहा था कि सोलर, गीजर, इलेक्ट्रिकल, लैब उपकरण और उच्च शिक्षा के प्रोजेक्ट का टेंडर दिलायेगा. इस आश्वासन पर कारोबारी रजत पाराशर तैयार हो गया.

1 करोड़ रुपए से ज्यादा ठगने का आरोप:    रजत पाराशर को प्रोजेक्ट लेने को 1 जून 2022 को सचिवालय का पास बनाकर चतुर्थ तल स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय भवन ले जाया गया. इसके बाद सामान के निरीक्षण के लिए सौरभ पत्नी और दो बच्चों के साथ चंडीगढ़ पहुंचा. उसे वहां लग्जरी होटल में ठहराया गया. उसके बाद अलग-अलग झांसा देकर आरोपितों ने रजत पाराशर से अलग-अलग तारीखों में एक करोड़ दो लाख रुपए हड़प लिए.

रुपए मांगने पर दी धमकी : रजत पाराशर ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री का निजी सचिव होने से प्रकाश उपाध्याय ने भरोसा दिया कि वह उन्हें काम दिलवा देगा और उनकी सेवानिवृत्ति पर मुख्यमंत्री कार्यालय में सौरभ वत्स उनकी जिम्मेदारी संभालेगा. रुपए देने के बाद जब भी रजत पाराशर आरोपितों से टेंडर की बात करते थे तो हर बार टाल मटोल करते कहते थे कि टेंडर पर काम चल रहा है. अंततः टेंडर नहीं मिला तो रकम वापस मांगी। तब आरोपियों ने धमकी देनी शुरू कर दी.

कोतवाली प्रभारी ने क्या कहा?       तत्कालीन          कोतवाली  नगर प्रभारी राकेश गुसाईं ने बताया कि रजत पाराशर की शिकायत पर प्रकाश चंद उपाध्याय, सौरभ शर्मा उर्फ सौरभ वत्स उसकी पत्नी नंदिनी वत्स, शाहरुख खान और करनवीर पर मुकदमा अंकित कर जांच शुरू हुई.

पंजाब BJP के नेता से करोड़ों की ठगी का आरोप,  धामी के पूर्व निजी सचिव समेत 7 के खिलाफ मुकदमा दर्ज
Cheating with Punjab BJP leader उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के पूर्व निजी सचिव सहित सात लोगों पर देहरादून में मुकदमा दर्ज हुआ है. मामला सचिवालय में सरकारी टेंडर दिलाने और दवा सप्लाई के काम का झांसा देकर करोड़ों रुपए की ठगी का है.
मुख्यमंत्री धामी के पूर्व निजी सचिव सहित सात लोगों पर धोखाधड़ी का आरोप है. आरोप है कि पंजाब के भाजपा नेता और उसके साथियों को सचिवालय में सरकारी टेंडर दिलाने और दवा सप्लाई के काम का झांसा देकर करोड़ों रुपए की ठगी की गई. भाजपा नेता की लिखित शिकायत के आधार पर पुलिस ने नगर कोतवाली में पूर्व निजी सचिव सहित 7 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है. पुलिस मामले की जांच कर रही है।
भेंट के बाद हो गई दोस्ती :     पंजाब के पटियाला जिले के भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष संजीव कुमार ने बताया कि  पिछले साल उत्तराखंड के मुख्यमंत्री कार्यालय में उनके निजी सचिव प्रकाश चंद उपाध्याय से भेंट के बाद उनकी प्रमुख निजी सचिव उपाध्याय में दोस्ती हो गई. उपाध्याय ने संजीव को कहा कि वह उन्हें कई तरह के सरकारी काम दिला सकते हैं. लेकिन इसके लिए अन्य लोगों की जरूरत पड़ेगी।
संजीव का कहना है कि उन्होंने  उपाध्याय की बात पर विश्वास कर अपने कारोबारी दोस्तों से संपर्क किया, जिनकी कुछ दवा निर्माण और आपूर्ति  फर्में थीं. कुछ दिनों बाद उपाध्याय ने संजीव और उसके साथियों से अलग-अलग कामों के लिए अलग-अलग तारीखों में 3 करोड़ 42 लाख रुपए लिए. संजीव के अनुसार कभी सचिवालय के पास रुपए लिए गए, तो कभी विधानसभा के पास .
संजीव कुमार का आरोप 3 करोड़ 42 लाख रुपए की हुई ठगी: संजीव कुमार के 3 करोड़ 42 लाख की रकम देने के बाद दोनों में विधानसभा और सचिवालय में मुलाकात होती रही. मुलाकात में  उपाध्याय के पास कामों से संबंधित फाइलें रहती थीं. आरोप है कि हर मुलाकात में प्रकाश चंद उपाध्याय कहता था कि फाइलों पर कुछ हस्ताक्षर की जरूरत है और आपका काम हो जाएगा. लेकिन काफी समय बाद भी काम नहीं मिला. इस पर संजीव कुमार ने पैसे वापस मांगे, तो प्रकाश चंद उपाध्याय ने मार्च में देने को कहा. लेकिन मार्च में पैसे नहीं मिले.
30 लाख का चेक हुआ बाउंस: संजीव कुमार का आरोप है कि पिछले महीने  उपाध्याय ने उन्हें और उनके साथियों को घर घर बुलाकर 30 लाख रुपए का चेक दिया. ये चेक उनके नौकर शाहरुख के नाम था. चेक बैंक में जमा किया तो वह बाउंस हो गया.

संजीव कुमार ने  धामी से की शिकायत:    संजीव कुमार ने पूरा मामला मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को बताया. मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को कार्रवाई को कहा. तत्कालीन पुलिस अधीक्षक नगर सरिता डोभाल ने बताया कि पीड़ित की लिखित शिकायत पर प्रकाश चंद उपाध्याय सहित सौरभ शर्मा, उनकी पत्नी नंदिनी, महेश, रौनक, अमित लंबा और शाहरुख खान पर नगर कोतवाली में मुकदमा पंजीकृत कर जांच हुई.

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