‘मित्र पत्रकारों’ ने महाराष्ट्र में टैस्टिंग घटाने को कहा था,अब नवाब मलिक से पूछ रहे लोग’मित्रों’के नाम

‘पत्रकारों साथियों ने कहा- महाराष्ट्र बदनाम हो रहा, टेस्टिंग कम करिए’: उद्धव के मंत्री नवाब मलिक से नेटिजन्स पूछ रहे नाम

नवाब मलिक (फ़ाइल फोटो)

महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार में मंत्री और राष्ट्रवादी कॉन्ग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रवक्ता नवाब मलिक ने गुरुवार (21 मई 2021) को सनसनीखेज दावा कर विवाद खड़ा कर दिया। उन्होंने कहा कि कुछ पत्रकारों ने उन्हें राज्य में ​कोविड-19 की टेस्टिंग कम करने के लिए कहा था, क्योंकि कोरोना के आँकड़े बढ़ने से राज्य की छवि खराब हो रही थी। मलिक ने दावा किया कि उन्हें यह सुझाव राज्य में कोरोना के बढ़ते मामलों को कम दिखाने के लिए दिया गया था।

आज तक को दिए एक इंटरव्यू में नवाब मलिक ने कहा, ”पहले दिन से जब हम टेस्टिंग बढ़ा रहे थे, तब हमें कुछ पत्रकार साथियों के फोन टेस्टिंग कम करने के लिए आ रहे थे। उनका कहना था कि आपका आँकड़ा बढ़ रहा है, जिससे आपकी बदनामी हो रही है।”

उन्होंने आज तक से (3:09 मिनट के करीब सुनें) बातचीत में कहा, “महाराष्ट्र कोरोना के मामले में दूसरों राज्यों से आगे था, यहाँ पर ​​कोरोना संक्रमण चरम पर था। इसके बावजूद आपने कभी किसी को अस्पताल में बेड खोजते या हाथ में ऑक्सीजन सिलेंडर लिए घूमते नहीं देखा होगा।”

उन्होंने आगे कहा, ”जब हम कोरोना की टेस्टिंग बढ़ा रहे थे, तभी हमें कुछ पत्रकारों के फोन आने लगे। उन्होंने हमें कोविड-19 की टेस्टिंग कम करने के लिए कहा था, क्योंकि राज्य में कोरोना के आँकड़े बढ़ रहे थे। उन्होंने हमसे यहाँ तक कहा था कि बढ़ते मामलों के कारण महाराष्ट्र सरकार का मजाक उड़ाया जा रहा है। लेकिन जब से हमने अपना काम गंभीरता से किया है, यह हमारी ताकत बन गया है।”

नवाब मलिक के सनसनीखेज दावों पर नेटिजन्स की प्रतिक्रिया
महाराष्ट्र में कोरोना की टेस्टिंग को लेकर लापरवाही बरतने और अपने सनसनीखेज दावों को लेकर नवाब मलिक सोशल मीडिया पर नेटिजन्स के निशाने पर आ गए हैं। कई ट्विटर यूजर ने माँग की है कि एनसीपी नेता ऐसे पत्रकारों का पर्दाफाश करें। लोकप्रिय ट्विटर यूजर @BefittingFacts ने कहा, “नमस्कार नवाब मलिक, क्या आप उन पत्रकारों का नाम बता सकते हैं, जिन्होंने आपसे टेस्टिंग को कम करने के लिए कहा था?”

बीजेपी सोशल मीडिया सेल की सदस्य पल्लवी ने लिखा, “क्या नवाब मलिक हमें बताएँगे कि ये ‘पत्रकार साथी’ कौन हैं, जो बदनामी (negative publicity) के डर से आपको कम टेस्टिंग करने की सलाह दे रहे थे? कोरोना महामारी की रफ्तार को काबू करने के लिए तेजी से टेस्टिंग करना सबसे अच्छा तरीका है। ऐसे में जो लोग ऐसी सलाह दे रहे हैं, उनके साथ अपराधियों जैसा व्यवहार किया जाना चाहिए और महामारी अधिनियम (Epidemic Diseases Act) के तहत मामला दर्ज किया जाना चाहिए।

इसी तरह, कई नेटिजन्स ने मंत्री से उन पत्रकारों के नाम उजागर करने को कहा, जिन्होंने महाराष्ट्र में कोविड-19 की टेस्टिंग कम करने के लिए कहा था।

इससे पहले, विवेक पांडे द्वारा दायर एक आरटीआई के जवाब में यह पता चला था कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने अगस्त 2020 के अंतिम सप्ताह में पीएम को एक पत्र लिखा था और अप्रैल 2021 के पहले सप्ताह तक उनके साथ कोई संपर्क नहीं किया था। उस समय राज्य कोरोना की दूसरी लहर के भारी दबाव में था। इस बीच वह केंद्र सरकार ही थी, जिसने मार्च 2021 में महाराष्ट्र सरकार से हाई अलर्ट पर रहने के लिए संपर्क किया था, क्योंकि राज्य कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर से जूझ रहा था। बता दें कि 21 मई 2021 तक, महाराष्ट्र में कोरोना के कुल 3,85,785 एक्टिव मामले हैं और कुल 85,355 मौतें हुई हैं

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *