अडाणी की वापसी: हर सैकेंड कमाये दो करोड़,चार दिन में फ्लैगशिप कंपनी के शेयर उछले 57%

After hindenbarg’s report  Gautam Adani Net Worth Increases Rs 2 Crore Per Second

अब हिंडनबर्ग पर कहर बनकर टूटे अडानी, हर सेकेंड कमा रहे 2 करोड़ रुपये, पीछे छूटे दुनियाभर के दिग्गज

गौतम अडानी के नेटवर्थ में बढ़ोतरी

गौतम अडानी के दौलत में लगातार तेजी आ रही है। अडानी के शेयरों मेंं तेजी के कारण गौतम अडानी का नेटवर्थ रॉकेट के रफ्तार से बढ़ रहा है। अडानी समूह का मार्केट कैप भी तेजी से बढ़ रहा है। अडानी के शेयर 4 दिनों में 57% उछले। अडानी ग्रुप की मार्केट वैल्यू 1.7 लाख करोड़ रुपये चढ़ गया है।

नई दिल्ली 06 मार्च: अमेरिकी रिसर्च फर्म की रिपोर्ट के बाद अडानी के शेयरों में आई गिरावट थमने लगी है। अडानी को विदेश से बड़ा निवेश मिला है। जीक्यूजी कंपनी ने अडानी के शेयरों की बंपर खरीद दी की है। अडानी समूह की चार कंपनियों से शेयरों में इस कंपनी ने राजीव जैन की कंपनी जीक्यू (GQG) ने 15 हजार करोड़ का निवेश किया। इस खबर के आने के बाद से अडानी के शेयर रॉकेट बन गए। बीते हफ्ते अडानी के शेयरों में जबरदस्त रिकवरी देके को मिली है। अडानी के शेयर्स ताबड़तोड़ चढने लगे। अडानी की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज (Adani Enterprises)के शेयर में 4 दिनों में 57% उछले। वहीं अडानी ग्रुप की मार्केट वैल्यू 1.7 लाख करोड़ रुपये चढ़ गई है। अडानी के शेयरों में तेजी के चलते गौतम अडानी का निजी वर्थ तेजी से बढ़ा है। वहीं अडानी के शेयरों में तेजी, गौतम अडानी की कंपनी के मार्केट वैल्यू मे ंहो रही रिकवरी से हिंडनबर्ग की शॉर्ट सेलिंग के मकसद को झटका लगा है। अडानी समूह में शेयरों में खरीद करने वाले जीक्यूजी के राजीव जैन ने भी एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि उन्होंने अडानी समूह को लेकर गहराईयों से स्टडी की है और वो हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से सहमत नहीं है। हिंडनबर्ड की रिपोर्ट को लेकर पहले भी सवाल उठते रहे हैं। अडानी समूह को नुकसान पहुंचाकर हिंडनबर्ग पर निजी फायदे का आरोप लगता रहा है, लेकिन अडानी के शेयरों में रिकवरी ने उसके मंसूबों पर पानी फेर दिया है।

तेजी से बढ़ी अडानी की कमाई

शुक्रवार को बीते हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन गौतम अडानी के नेटवर्थ में तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिली है। बीते शुक्रवार तो अडानी के शेयरों में सबसे ज्यादा इजाफा हुआ। अडानी के शेयरों तेजी के कारण शुक्रवार को गौतम अडानी लगातार दूसरे दिन दुनिया के सबसे बड़े गेनर रहे। एक दिन में उनके नेटवर्थ में 14 फीसदी का इजाफा देखने को मिला। उन्होंने शुक्रवार को आज हरेक सेकंड करीब 2 करोड़ रुपये की कमाई की है। शुक्रवार को गौतम अडानी के शेयर में तेजी के कारण अडानी का नेटवर्थ करीब 4,42,68,12,00,000 रुपये बढ़ा। यानी हर मिनट उन्होंने 1,18,04,83,200 रुपये की कमाई की, जबकि हर सकेंड उनकी दौलत 1,96,74,720 रुपये बढ़ा।

 

कितनी बढ़ी दौलत

गौतम अडानी के शेयरों में तेजी के कारण फोर्ब्स बिलेनियर लिस्ट में उनकी दौलत बढ़कर 43 अरब डॉलर बढ़ गई है। फोर्ब्स बिलेनियर लिस्ट में गौतम अडानी छलांग लगाकर अमीरों की लिस्ट में 26वें नंबर पर पहुंच गया है। उनकी दौलत 43 अरब डॉलर पर पहुंच गई है। बीते हफ्ते गौतम अडानी ने दुनियाभर के अमीरों की लिस्ट में 37वें नंबर से बढ़कर 43 अरब डॉलर पर पहुंच गई है। गौतम अडानी के लिए बीता हफ्ता अच्छा रहा है। इस हफ्ते अडानी के शेयरों में तेजी का अनुमान है। जिस तरह से विदेशों में रोडशो पर समूह को अच्छा रिस्पांस मिल रहा है और सुप्रीम कोर्ट की जांच कमेटी को लेकर अडानी समूह की ओर से सकारात्मक संकेत दिए गए है, उससे निवेशकों का भोसा फिर से लौट रहा है। बीते हफ्ते लगातार चार दिन अडानी के शेयरों में तूफानी तेजी रही। इस हफ्ते भी इसी तरह की उम्मीद है।

Lic Investment In Adani Shares Jumped, Meeting With Adani Top Management
अडानी के अच्छे दिन का LIC को फायदा, ₹ 39000 करोड़ के वैल्यू के साथ मुनाफे में लौटा निवेश

एलआईसी का मुनाफा

अडानी समूह में एलआईसी के निवेश अब फिर से मुनाफे में लौट आया है। अडानी के शेयरों में तेजी का असर निवेशकों पर भी पड़ रहा है। अडानी के शेयरों में तेजी के बाद एलआईसी का मुनाफा 39000 करोड़ पर पहुंच गया है। इस बीच एलआईसी और अडानी के टॉप मैनेजमेंट के बीच खास मुलाकात हुई है।

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट का असर सिर्फ अडानी समूह पर नहीं बल्कि अडानी से जुड़े लोगों पर भी देखने को मिला। अडानी के शेयरों में गिरावट के कारण उसके निवेशकों को भी झटका लगा। अडानी के शेयरों में उतार-चढ़ाव के कारण अडानी के निवेशकों पर भी इसका असर देखने को मिल रहा है। ऐसा ही कुछ बीमा कंपनी जीवन बीमा निगम (LIC) के साथ देखने को मिला है। अडानी के शेयरों में तेजी लौटी तो उसका असर भी अब एलआईसी के निवेश पर देखने को मिल रहा है। अडानी समूह के शेयरों में बीते हफ्ते शानदार तेजी के बाद आज भी तेजी का असर देखने को मिल रहा है। अडानी के शेयर जबरदस्त तेजी के साथ आज खुले है।

LIC का मुनाफा बढ़ा

अडानी के शेयरों में तेजी के कारण एलआईसी का निवेश बढ़ा है। एलआईसी के निवेश को मुनाफा हुआ है। अडानी समूह की कंपनियों में एलआईसी का निवेश पॉजिटिव हुआ है। अडानी समूह के स्टॉक्स में एलआईसी के निवेश का वैल्यूएशन तेजी के बाद 39000 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। आपको बता दें कि बीते हफ्ते एलआईसी का निवेश निगेटिव हो गया था, जिसके बाद से एलआईसी बीमाधारकों की भी चिंताएं बढ़ने लगी थी। अडानी समूह में एलआईसी का निवेश गिरकर 32 हजार करोड़ पर पहुंच गया था। हालांकि अब ये निवेश मुनाफे की ओर बढ़ रहा है। गौरतलब है कि एलआईसी ने अडानी समूह की कंपनियों में करीब 30127 करोड़ रुपये का निवेश किया हुआ है। 27 जनवरी को इस निवेश की वैल्यू 57142 करोड़ रुपये थी, जो 27 फरवरी को घटकर 32000 करोड़ रुपये के करीब आ गई थी। अब इस निवेश का वैल्यू फिर से बढ़ने लगा है।

LIC और अडानी के बीच खास मुलाकात

अडानी समूह और एलआईसी के बीच खास मुलाकात हुई है। एलआईसी ने अडानी समूह के टॉप मैनेंजमेंट के बीच ये मुलाकात हुई। इस बैठक के बाद एलआईसी अडानी समूह में अपने निवेश को लेकर आश्वस्त है। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद भी एलआईसी ने कहा था कि वो अडानी समूह में अपने निवेश को जारी रखेगी। बीच-बीच में वो अडानी के टॉप मैनेजमेंट से मुलाकात कर हालात का जायजा लेगी। गौरतलब है कि एलआईसी ने अडानी समूह की 7 कंपनियों में निवेश किया है। इडानी एंटरप्राइजेज, अडानी पोर्ट्स, अडानी टोटल, अडानी ट्रांसमिशन, अडानी ग्रीन एनर्जी, एसीसी और अंबुजा सीमेंट में एलआईसी ने निवेश किया है।

अडानी-हिंडनबर्ग विवाद में राघुराम राजन ने पूछे सवाल, कहा- जांच में सेबी को जांच एजेंसियों की जरूरत है क्या?
Raghuram Rajan On Adani Row: Why Sebi Didn’t Get To Bottom Of Issues Raised By Hindenburg

 

अडानी-हिंडनबर्ग विवाद में अब आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने बाजार नियामक सेबी पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि सेबी अभी तक मॉरीशस स्थित संदिग्ध फर्मों के स्वामित्व के बारे में कोई जांच नहीं कर सकी है। क्या अडानी मामले में उनकी जांच की आवश्यकता है।

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नई दिल्ली: अमेरिकी रिसर्च फर्म ने अडानी समूह को लेकर अपनी रिपोर्ट दी, जिसके बाद से लगातार विवाद बढ़ता रहा। मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा। कोर्ट ने छह सदस्यीय कमेटी बनाकर जांच के आदेश दिए। बाजार नियामक सेबी को दो  के भीतर  रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया। अब पूर्व   रघुराम राजन ने सवाल किया है। भारतीय रिजर्व बैंक () के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने अडानी समूह से जुड़े मामले में चल रही जांच पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने अडानी मामले में मार्केट   के तौर-तरीकों को कठघरे में खड़ा किया है। उन्होंने सेबी पर कई सवाल उठाए हैं।

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आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने अडाणी समूह से जुड़े मामले में बाजार नियामक सेबी पर अभी तक मॉरीशस स्थित संदिग्ध फर्मों के स्वामित्व के बारे में कोई पड़ताल नहीं करने पर सवाल खड़े किए हैं। राजन के मुताबिक, मॉरीशस स्थित इन चार फंडों के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने अपने 6.9 अरब डालर कोष का करीब 90 प्रतिशत अडानी समूह के शेयरों में ही लगाया हुआ है। इस मामले में कोई जांच नहीं किए जाने पर उन्होंने सवाल किया कि क्या सेबी को इसके लिए भी जांच एजेंसियों की मदद की जरूरत है?
मॉरीशस स्थित एलारा इंडिया अपॉर्चुनिटी फंड, क्रेस्टा फंड, एल्बुला इनवेस्टमेंट फंड और एपीमएस इनवेस्टमेंट फंड फर्जी कंपनी होने के आरोप लगने के बाद पिछले दो साल से संदेह के घेरे में हैं। ये कंपनियां गत जनवरी में दोबारा चर्चा में आ गईं जब अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने आरोप लगाया कि अडाणी समूह ने अपने शेयरों की कीमत बढ़ाने के लिए फर्जी कंपनियों का सहारा लिया। हालांकि अडाणी समूह ने इन आरोपों को बार-बार खारिज किया है।
राजन ने पीटीआई-भाषा के साथ ईमेल साक्षात्कार के दौरान भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के रुख पर सवाल खड़े कर दिए। उन्होंने कहा, “मुद्दा सरकार और कारोबार जगत के बीच गैर-पारदर्शी संबंधों को कम करने का है, और वास्तव में नियामकों को अपना काम करने देने का है। सेबी अभी तक मॉरीशस के उन कोषों के स्वामित्व तक क्यों नहीं पहुंच पाई है, जो अडाणी के शेयरों में कारोबार कर रहे हैं? क्या उसे इसके लिए जांच एजेंसियों की मदद की जरूरत है?” इन निवेश कोष के मॉरीशस में पंजीकृत होने से उनकी स्वामित्व संरचना पारदर्शी नहीं है। मॉरीशस उन देशों में शामिल है जहां पर व्यवसाय कर नहीं लगता है। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद अडाणी समूह के शेयरों में भारी गिरावट आई । इस दौरान इन कंपनियों का बाजार पूंजीकरण आधा हो गया था।

 

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