मुख्यमंत्री धामी ने वात्सल्य योजना में 6000 बच्चों के खाते में आनलाइन भेजे 12 करोड़

*मुख्यमंत्री ने वात्सल्य योजना से 06 हजार बच्चों के खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर की 12 करोड़ की धनराशि।*

*लिंगानुपात मे सुधार के लिये पीएनडीटी एक्ट के प्रभावी क्रियान्वयन और जिला स्तर पर टास्क फोर्स के दिये निर्देश*

*सामाजिक कल्याण से जुड़ी योजनाओं को अपणि सरकार पोर्टल से भी जोडे जाने की हो व्यवस्था।*

*मुख्यमंत्री ने महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा की*

देहरादून 28 दिसंबर। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा की। समीक्षा बैठक में कैबिनेट मंत्री श्रीमती रेखा आर्य, अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी तथा आनन्द बर्धन, सचिव आर. मीनाक्षीसुंदरम, हरि चंद्र सेमवाल तथा एस.एन. पाण्डे के साथ अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री ने प्रदेश में लिंगानुपात में सुधार लिये पीएनडीटी एक्ट के प्रभावी क्रियान्वयन पर ध्यान देने के लिये जिला अधिकारियों की अध्यक्षता में जिला स्तर पर टास्क फोर्स के गठन के निर्देश दिये। उन्होंने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के प्रति सामाजिक जागरूकता के प्रसार तथा राज्य को नशा मुक्त बनाये जाने के लिये नशामुक्ति केंद्रों की स्थापना पर ध्यान देने को कहा। मुख्यमंत्री ने पात्र लोगों को त्वरित ढंग से महिला एवं बाल विकास के साथ समाज के कल्याण की योजनाओं का लाभ मिल सके, इसके लिये सामाजिक कल्याण से जुड़ी योजनाओं को अपणि सरकार पोर्टल से भी जोडे जाने की व्यवस्था किये जाने एवं विभागीय स्तर पर एप तैयार किये जाने के निर्देश दिये।

केन्द्र सरकार की योजनाओं का बेहतर ढंग से क्रियान्वयन सुनिश्चित किये जाने तथा आंगनवाड़ी केंद्रों के साथ कुपोषित बच्चों को गोद लेने के लिये मिशन मोड में योजना बनाने पर भी ध्यान देने को कहा। मुख्यमंत्री ने वात्सल्य योजना में 06 हजार बच्चों के खाते में ऑनलाइन 12 करोड़ की धनराशि ट्रांसफर करते हुए कहा कि अनाथ बच्चों की सहायता को सामाजिक सहयोग भी लिया जाय। उन्होंने स्ट्रीट चिल्ड्रन पॉलिसी बनाये जाने के साथ राज्यस्तरीय स्पान्सरशिप ट्रस्ट के गठन की संभावनाये तलासने को कहा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा उद्देश्य पीड़ितों, असहायों एवं जरूरतमंदों की मदद करना है। केंद्र सरकार की आईसीडीएस,प्रधानमंत्री मातृवंदन योजना,राष्ट्रीय पोषण अभियान,बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ,वन स्टाप सेंटर,राष्ट्रीय महिला हेल्पलाइन नम्बर 181,कामकाजी महिला छात्रावास तथा राज्य सरकार की नन्दा गौरा योजना,मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना,मुख्यमंत्री महिला पोषण योजना,मुख्यमंत्री बाल पोषण योजना,मुख्यमंत्री आंचल अमृत जैसी योजनाओं का उद्देश्य महिलाओं एवं बच्चों को शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ बनाना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि योजनाओं के क्रियान्वयन में भी सरलीकरण का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। नियमों के सरलीकरण से लोगों को उनका त्वरित ढंग से लाभ मिलेगा तथा उनकी समस्याओं का भी समाधान होगा।

सचिव हरि चन्द्र सेमवाल ने प्रस्तुतीकरण से प्रदेश में आईसीडीएस, महिला एवं बाल विकास से सम्बन्धित केंद्र एवं राज्य सरकार संचालित योजनाओं के क्रियान्वयन की जानकारी प्रस्तुत की।

देशभर में कोरोना वायरस संक्रमण के कारण पिछले दो सालों में बहुत से परिवारों में बच्चों ने अपने माता-पिता या परिजनों को खो दिया है, जिससे वह बच्चे जो अनाथ हो चुके हैं या उनकी देख-रेख करने के लिए उनका कोई रिश्तेदार नहीं है, ऐसे सभी बच्चों के भरण-पोषण के लिए आर्थिक सहयोग देने हेतु उत्तराखडं सरकार द्वारा मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना का आरम्भ किया गया है। इस योजना के माध्यम से सरकार कोरोना से अपने अभिभावकों को खो चुके बच्चों के भरण-पोषण से लेकर उनकी शिक्षा तक का पूरा खर्च बच्चे के 21 वर्ष पूरे होने तक खुद से उठाएगी, जिससे वह बच्चे भविष्य में पढ़-लिखकर आत्मनिर्भर हो सकें।

मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना 2022
मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना 2022
Mukhyamantri Vatsalya Yojana के अंतर्गत राज्य के जो पात्र नागरिक आवेदन करना चाहते हैं, वह योजना में मिलने वाले लाभ, योजना में आवेदन की पात्रता, दस्तावेज और आवेदन प्रक्रिया की पूरी जानकारी यहाँ लेख के माध्यम से जान सकेंगे।

मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना की शुरुआत 2 अगस्त 2021 को उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत जी द्वारा कोरोना संक्रमण के कारण आपने परिजनों को खो देने वाले परिवार के बच्चों की जिम्मेदारी उठाने के लिए की गई थी। जिसके माध्यम से सरकार राज्य के उन सभी बच्चों को योजना का लाभ प्रदान करवा रही है, जिन बच्चों के माता-पिता की मृत्यु कोरोना संक्रमण के चलते हो गई है, ऐसे सभी बच्चों को योजना के तहत उनके भरण-पोषण के लिए सरकार प्रतिमाह3000 रूपये की आर्थिक साहयता का लाभ 21 वर्ष की आयु पूरी होने तक प्रदान करेगी।

इसके साथ ही सरकार बच्चों की शिक्षा को ध्यान में रखते हुए उन्हें शिक्षित करने के लिए स्कूल में निःशुल्क शिक्षा व रोजगार के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था भी प्रदान करेगी। जिससे राज्य के कोरोना संक्रमण से प्रभावित बच्चे जिनकी जिम्मेदारी लेने वाला कोई नहीं है, वह भी भविष्य में आगे आत्मनिर्भर होकर बिना किसी पर आश्रित रहे आगे बढ़ सकेंगे।

Mukhyamantri Vatsalya Yojana का बढ़ाई परिधि

राज्य सरकार मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना का लाभ कोरोना से पीड़ित परिवार के बच्चों को देने को रजिस्टर्ड बच्चों को आर्थिक सहायता राशि का लाभ देना शुरू कर दिया है। इसके साथ ही योजना से कोविड-19 के अतिरिक्त अन्य बीमारियों से अपने अभिभावक या माता-पिता को खोने वाले बच्चों को भी इस योजना में शामिल कर लाभ प्रदान करने को सरकार ने योजना को लेकर बड़ी घोषणा करते हुए इसके दायरे को बढ़ाने का निर्णय लिया है, जिससे अब योजना में कोविड-19 के साथ अन्य बिमारी या कोरोना बिमारी की जाँच करवाने से मृत्यु होने वाले परिवार के बच्चों को भी योजना का लाभ देने को इसमें शामिल किया जाएगा।

मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना का कार्यान्वयन

उत्तरखंड में कोरोना संक्रमण के कारण राज्य के जिन परिवारों के कमाऊ अभिभावक या माता-पिता को मृत्यु के पश्चात अब उनके बच्चों की देख-रेख उनके रिश्तेदारों द्वारा की जा रही है, या उन्हें देखने वाला कोई नहीं है। ऐसे सभी बच्चों की वात्सल्य योजना में बच्चों को चिह्नित कर योजना में रजिस्ट्रेशन करवाने के जिम्मेदारी राज्य सरकार ने नोडल अधिकारियों को दी है, जिससे कोई भी पात्र लाभार्थी बच्चा योजना का लाभ लेने से वंचित ना रह जाए।

योजना का कार्यान्वयन बेहतर तरीके से करने को अधिकारियों को ग्राम पंचायत समिति, ग्रामीण पंचायत स्तरीय, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता अपने क्षेत्र में पात्र बच्चों को चिह्नित करने में सहयोग देंगें। जिससे सभी पात्र बच्चों की सूची तैयार होगी और बच्चों को योजना का लाभ देने को सभी दस्तावेज समय पर तैयार कर बच्चों की सूची का रिकॉर्ड तहसील पर जमा करवाया जाएगा।

चयनित बच्चों को मिलेगा निशुल्क शिक्षा व आरक्षण का लाभ

योजना में अधिकारी राज्य के चयनित पंजीकृत बच्चों को सरकार से प्रतिमाह मिलने वाली आर्थिक सहायता राशि के साथ शिक्षा व रोजगार प्राप्त करने में भी सहयोग दिया जाएगा, इसको सरकार बच्चों को राज्य के सरकारी राजीव गाँधी नवोदय विद्यालय स्कूलों में प्राथमिक कक्षा से बारहवीं कक्षा तक निशुल्क शिक्षा देगी, साथ ही उच्च शिक्षा को विश्वविद्यालयों में तकनीकी, मेडिकल शिक्षा के लिए एडमिशन लेने वाले छात्रों को निशुल्क शिक्षा के साथ आरक्षण का भी लाभ मिल सकेगा।

इसके अलावा सरकारी नौकरी को प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों को भी सरकार 5% आरक्षण का लाभ देगी जिससे उन बच्चों को अपनी शिक्षा बीच में ही ना छोड़नी पड़े और वह भी शिक्षा पूरी कर या रोजगार को प्रशिक्षण का लाभ प्राप्त कर भविष्य में अपना भरण-पोषण आत्मनिर्भर होकर कर सकें।

योजना में पैतृक संपत्ति के लिए जारी नियम

मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना में राज्य में कोरोना संक्रमण से अपने माता-पिता को खो चुके बच्चों का भविष्य सुरक्षित करने व उनकी पैतृक संपत्ति का हक़ उन्हें दिलाने को सरकार ने नियम बनाए हैं। नियमों में है कि बच्चों के व्यस्क होने तक उनकी पैतृक संपत्ति बेचने का अधिकार किसी को नहीं होगा, फिर चाहे बच्चे को पालने वाले उसके रिश्तेदार ही क्यों ना हो, जिसके लिए बच्चे के पैतृक संपत्ति की जिम्मेदारी जिला अधिकारियों की होगी। इससे माता-पिता के बाद उनकी संपत्ति का अधिकार उनके बच्चों के बालिग़ होने तक सुरक्षित रहेगा और इससे संपत्ति पर होने वाली धोखाधड़ी पर लगाम लगाई जा सकेगी।

योजना में देहरादून जिले के 200 बच्चे लाभान्वित

राज्य सरकार द्वारा अलग-अलग जिलों से नोडल अधिकारियों द्वारा चयनित बच्चों की सूची तैयार की गई है। जिनमे अकेले देहरदून के लिए लगभग 200 बच्चों की पहचान योजना का लाभ प्रदान करने के लिए करवाई जा चुकी है, इन बच्चों की सूची अधिकारियों को ग्राम पंचायत समिति, ग्रामीण पंचायत स्तरीय, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओ ने दी है । जिससे सूची में शामिल इन बच्चों की जानकारी प्राप्त कर सही महत्त्वपूर्ण दस्तावेजों की जांच के बाद इन्हे सरकार से योजना का लाभ मिलना शुरू हो गया है। इसके साथ ही योजना में ईमेल या फ़ोन कॉल्स के माध्यम से मिल रही नए बच्चों की सूची पर भी पूरी जाँच की तैयारी अधिकारियों ने की है।

मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना की विशेषताएँ

मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना की शुरुआत उत्तराखंड सरकार ने कोरोना संक्रमण से अपने माता-पिता दोनों या किसी एक को खो चुके बच्चों को सहयोग देने को किया गया है।
इस योजना से सरकार लाभार्थी बच्चों के भरण-पोषण से लेकर उन्हें शिक्षा व रोजगार देने को भी आर्थिक सहयोग देगी।
योजना में लाभार्थी बच्चों को दी जाने वाली आर्थिक सहायता राशि बच्चों के 21 वर्ष पूरे होने तक दी जाएगी।
वात्सल्य योजना में बच्चे की पैतृक संपत्ति भी सुरक्षित करने व उसका अधिकार बच्चे को देने को सरकारी नियम के अनुसार बच्चे के व्यस्क होने तक उसे कोई नहीं बेच सकेगा।
योजना के लाभ को लाभार्थी योजना में आवेदन कर सकेंगे, इसके अलावा जिन बच्चों का कोई नहीं है ऐसे बच्चों को चिह्नित कर योजना का लाभ देना जिलाधिकारी की जिम्मेदारी होगी।
राज्य के वह बच्चे जो अनाथ हो चुके हैं या उनका कोई रिश्तेदार नहीं है उनकी लिस्ट जिले के पंचायत समिति, ग्रामीण पंचायत स्तरीय, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता अधिकारियों को देंगे।
योजना में लाभार्थी चिह्नित बच्चों के दस्तावेजी कार्य पूरा कर अधिकारी उनके खाते खुलवाएँगे जिन्हें सरकार की आर्थिक सहायता राशि उनके खातों में प्रतिमाह भेजी जाएगी।
मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के लाभार्थी बच्चों के लिए शिक्षा के बाद रोजगार के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था भी राज्य सरकार करेगी।
योजना का लाभ प्राप्त कर बच्चे भविष्य में शिक्षित होकर आत्मनिर्भर हो सकेंगे।

उत्तराखंड मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के लाभ

राज्य के कोरोना संक्रमण से अपने अभिभावकों को खोने वाले बच्चों के भरण-पोषण व उनकी शिक्षा की जिम्मेदारी सरकार उठाएगी।
योजना में आवेदक या चिन्हित छात्रों को सरकार प्रतिमाह 3000 रूपये की आर्थिक सहायता भरण-पोषण को प्रदान करेगी।
वात्सल्य योजना से बच्चों को भेजी जाने वाली राशि सरकार सीधे उनके खातों में डीबीटी के माध्यम से ट्रांसफर करेगी।
लाभार्थी बच्चों की पढाई का खर्चा भी सरकार उठाएगी, और उनकी शिक्षा पूरी करने में सहयोग देने को नवोदय स्कूल में निशुल्क शिक्षा दी जाएगी।
योजना के माध्यम से लाभार्थी बच्चों को स्कूली शिक्षा के बाद सरकारी नौकरी की तैयारी को 5% तक आरक्षण या उच्च विश्वविद्यालय में निशुल्क शिक्षा का लाभ दिया जाएगा।
बच्चो की शिक्षा पूरी हो जाने के बाद रोजगार प्राप्त करने के लिए प्रशिक्षण की सुविधा भी दी जाएगी जिससे उन्हें आसानी से रोजगार मिल सकेगा।
योजना में कोरोना के कारण अपने अभिभावकों को खो चुके बच्चों का भविष्य सुरक्षित बनाने को सरकार उन्हें यह लाभ देगी, जिससे उन्हें भविष्य में किसी और पर निर्भर नहीं रहना पडेगा।

मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना का उद्देश्य

उत्तराखंड सरकार मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना को आरम्भ करने का मुख्य उद्देश्य राज्य में कोरोना संक्रमण के कारण अपने परिवार के कमाऊ सदस्य जैसे माता-पिता या परिजन को खोने वाले बच्चों को योजना के तहत भरण-पोषण, शिक्षा पूरी करने के लिए आर्थिक रूप से सहयोग देने के लिए किया गया है। देश भर में कोरोना के प्रभाव से लाखों लोगों को अपनी जान गावानी पड़ी है ऐसे में उनके आश्रितों की सहायता करने के लिए राज्य व केंद्र सरकारें मिलकर बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए चलाई जा रही योजनाओं में सहयोग दे रही है।

उत्तराखंड सरकार द्वारा भी वात्सल्य योजना में कोरोना के चलते अनाथ बच्चों को सामाजिक व आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और उनके भविष्य को अंधकार में जाने से रोकने को बच्चों की जिम्मेदारी ली जा रही है, जिसमें सरकार बच्चों के भरण-पोषण के साथ-साथ उन्हें शिक्षित होने को भी सहयोग प्रदान करेगी।

मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना में आवेदन हेतु पात्रता

वात्सल्य योजना के लिए आवेदक को इसकी निर्धारित पात्रताओं को पूरा करना आवश्यक है जैसे

आवेदक उत्तराखंड के स्थाई निवासी होने आवश्यक है।
यदि आवेदक के माता-पिता या अभिभावक की मृत्यु कोरोना संक्रमण के कारण हुई है, तो वह योजना में आवेदन कर सकते हैं।
योजना के अंतर्गत आवेदन के लिए बच्चे की आयु 21 वर्ष से कम होनी आवश्यक है।
वात्सल्य योजना में आवेदन के लिए आवेदक का बैंक में खाता होना अनिवार्य है।
Mukhyamantri Vatsalya Yojana के दस्तावेज
योजना में आवेदन के लिए आवेदक के पास सभी महत्त्वपूर्ण दस्तावेज होने आवश्यक है, जिनके बिना आवेदन प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकेगी इसके लिए सभी महत्त्वपूर्ण दस्तावेजों की जानकारी आवेदक यहाँ से जान सकेंगे

आवेदक का आधारकार्ड
पहचान पत्र
राशन कार्ड
जन्म प्रमाण पत्र
आय प्रमाण पत्र
माता-पिता का मृत्यु प्रमाण पत्र
बैंक खाता की पासबुक
मोबाइल नंबर
पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ

मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना 2022 में आवेदन प्रक्रिया

राज्य के जो भी नागरिक मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना का लाभ प्राप्त करना चाहते हैं वह यहाँ बताई गई प्रक्रिया को पढ़कर योजना में आवेदन कर सकते हैं।

(Vatsalya Yojana) मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना
इसके लिए आवेदक सबसे पहले वूमेन सशक्तिकरण और बाल विकास विभाग उत्तराखंड की आधिकारिक वेबसाइट पर विजिट करें।
अब होम पेज पर आपको स्क्रॉल डाउन करके Recent Updates का विकल्प दिखाई देगा।
यहाँ आपको महिला वात्सल्य योजना के विकल्प पर क्लिक करना होगा।
अब आपको अगले पेज में मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना हेतु आवेदन पत्र के लिंक पर क्लिक करना होगा।
इसके बाद आपकी स्क्रीन पर योजना के आवेदन पत्र का पीडीएफ खुलकर आ जाएगा।
यहाँ आपको फॉर्म डाउनलोड करके इसका प्रिंटआउट निकलवाना होगा।
अब फॉर्म में पूछी गई सभी जानकारी जैसे बच्चे का नाम, जन्म तिथि एवं आयु, धर्म, जाति, आधार कार्ड नंबर, स्थाई पता आदि ध्यानपूर्वक भरनी होगी।
इसके बाद आपको फॉर्म में माँगे गए सभी दस्तावेजों को फॉर्म के साथ अटैच करना होगा।
अब आखिर में फॉर्म की पूरी तरह जाँच करके आपको उसे संबंधित कार्यालय में जमा करवाना होगा।
इस तरह आपकी योजना में आवेदन की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।

Mukhyamantri Vatsalya Yojana क्या है ?

Mukhyamantri Vatsalya Yojana उत्तराखंड सरकार की कोरोना संक्रमण से अपने माता-पिता या परिजन खो चुके बच्चों के लिए शुरू की गई योजना है, जिससे ऐसे सभी बच्चों के भरण-पोषण, शिक्षा व रोजगार की जिम्मेदारी सरकार उठाएगी।

मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना 2022 का आवेदन फॉर्म प्राप्त करने को इसकी आधिकारिक वेबसाइट क्या है ?

मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना 2022 का आवेदन फॉर्म प्राप्त करने को आवेदक वूमेन सशक्तिकरण और बाल विकास विभाग उत्तराखंड की आधिकारिक वेबसाइट wecd.uk.gov.in या ऊपर आवेदन फॉर्म के दिए गए लिंक पर क्लिक करके डाउनलोड कर सकते हैं।

योजना के माध्यम से लाभार्थी को क्या लाभ प्रदान किया जाएगा ?

योजना के माध्यम से लाभार्थी बच्चों को भरण-पोषण को प्रतिमाह 3000 रूपये की आर्थिक सहायता, शिक्षा को स्कूल में निशुल्क शिक्षा और उच्च शिक्षा या प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए 5% आरक्षण प्रदान किया जाएगा।

मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना का लाभ लाभार्थी को कब तक प्रदान किया जाएगा ?

योजना का लाभ लाभार्थी बच्चों को 21 वर्ष की आयु पूरी होने तक प्रदान की जाएगी।

वात्सल्य योजना में आवेदन हेतु इसकी क्या पात्रता निर्धारित की गई है ?

योजना में आवेदन करने वाले लाभार्थी बच्चे उत्तरखंड के स्थाई निवासी हो, जिन्होंने कोरोना संक्रमण के कारण अपने माता-पिता या अभिभावकों को खो दिया है और उनकी आयु 21 वर्ष से कम हो।

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