किरण नेगी गैंगरेप,हत्या में दोषियों को सुको से संदेह का लाभ, कपिल की कड़ी टिप्पणी

छावला गैंगरेप-मर्डर केस : आरोपित बरी, SC ने कहा-जज से निष्क्रिय अंपायर की अपेक्षा नहीं की जाती

19 वर्षीय लड़की से गैंगरेप और हत्या के आरोपितों को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया. निचली अदालत ने उन्हें दोषी ठहराया था. कोर्ट ने कहा कि ट्रायल ठीक से नहीं किया गया, यहां तक कि 10 गवाहों से जिरह तक नहीं की गई. कोर्ट ने टिप्पणी की कि कानून इस बात की इजाजत नहीं देता है कि किसी को सिर्फ नैतिक विश्वास के आधार पर या केवल संदेह के आधार पर सजा दी जाए.

दोषियों को सुप्रीम कोर्ट से मिली माफी पर कपिल मिश्रा ने कहा, “कैसे रुक जाएं देश में बलात्कार जब न्याय व्यवस्था का ये हाल”

आशीष कुमार पाण्डेय

भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने दिल्ली के चर्चित छावला रेपकांड में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दोषियों को रिहा किये जाने पर निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि हमारी कोर्ट में रोजाना ही ऐसे निराशाजनक फैसले हो रहे हैं, जो किसी अपराध से कम नहीं हैं।

1-कपिल मिश्रा ने छावला रेपकांड में दोषियों को सुप्रीम कोर्ट द्वारा रिहा करने पर खड़ा किया गंभीर सवाल
2-कपिल मिश्रा ने कहा कि वही सबूत, वही गवाह, हाईकोर्ट से मौत और सुप्रीम कोर्ट से बाइज़्ज़त रिहाई
3-किरण नेगी रेपकांड तो एक बार हुआ लेकिन न्यायपालिका तो हर दिन ऐसे जघन्य अपराध कर रही है

कपिल मिश्रा ने राजधानी दिल्ली के बहुचर्चित छावला रेपकांड में दोषियों को सुप्रीम कोर्ट से रिहा किये जाने पर निराशा जाहिर करते हुए न्यायिक प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़ा किया है। कपिल मिश्रा ने समान सबूतों और गवाहों के आधार पर हाईकोर्ट औऱ सुप्रीम कोर्ट के फैसले में भारी अंतर और मौत की सजा से रिहाई के आदेश पर आश्चर्य प्रगट करते हुए कहा कि हमारी कोर्ट में रोजाना ही ऐसे निराशाजनक फैसले हो रहे हैं, जो किसी अपराध से कम नहीं हैं।

कपिल मिश्रा ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा बीते सोमवार को दिये फैसले पर अपनी असहमति जताते हुए ट्वीट किया है और कहा है, “वही सबूत, वही गवाह। हाईकोर्ट से सजा-ए-मौत, सुप्रीम कोर्ट से बाइज़्ज़त बरी। कैसे रुक जाएं देश में बलात्कार जब न्याय व्यवस्था का ये हाल है। अपराधियों ने तो किरण नेगी का बलात्कार और हत्या एक बार की, न्यायपालिका तो ये जघन्य अपराध हर दिन कर रही है।”

किरन नेगी रेप और हत्याकांड देश की राजधानी दिल्ली को वह चर्चित मामला है, जो अपराधियों द्वारा नजफगढ़ इलाके के छावला में उसी साल को अंजाम दिया गया था, जिस साल निर्भया रेपकांड हुआ था। 09 फरवरी 2012 को तीन युवकों ने 19 साल की किरन नेगी का उस समय अपहरण करके गैंगरेप किया था. जब को काम करके घर वापस लौट रही थी।

आरोपितों ने किरन नेगी के साथ न केवल गैंगरेप किया, बल्कि उसके साथ बर्बरता की और अंत में उसकी हत्या करके दिल्ली के नजदीक हरियाणा के खेत में शव को फेंक दिया। मामले दिल्ली पुलिस पर आरोप है कि उसने दो दिन बाद बरामद हुए किरण नेगी के कस में पेशेवर तरीके से काम नहीं किया, जिस कारण कोर्ट में आरोपी तरह-तरह से कानून को छकाते रहे लेकिन निचली अदालत ने आरोपितों के सारे पैतरों को खारिज करते हुए उन्हें दोषी करार देते हुए मौत की सजा दी, जिसे हाईकोर्ट ने भी बरकरार रखा।

फांसी की सजा पाये दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई और खुद को बेगुनाह बताया। किरन नेगी के परिजनों ने भी आरोपियों द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका के खिलाफ लंबी लड़ाई लड़ी लेकिन सुप्रीम कोर्ट में करीब 8 साल चले इस केस में किरन नेगी के परिजनों के हाथ निराशा लगी और सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को हाईकोर्ट के फैसले को पलटते हुए तीनों दोषियों को रिहा करने का आदेश दे दिया।

किरण नेगी मूलतः उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल की रहने वाली थी, जो अपन परिवार के साथ दिल्ली के नजफगढ़ में रहती थी। 9 फरवरी 2012 की रात करीब 8.30 बजे किरण गुडगांव स्थित एक कम्पनी से अपना काम खत्म करके तीन सहेलियों के साथ छावला कला कालोनी लौट रही थी कि रास्ते में तीन युवकों ने उसे कार में अगवा कर लिया।

तीनों अपराधियों ने किरन के साथ गैंगरेप किया। इतना ही नहीं अपराधियों ने हैवानियत की सारी हदों को पार करते हुए किरन की आंख और कान में तेज़ाब डाल दिया। मौत के घाट उतारने के बाद उन्होंने किरण की लाश लावारिस जगह पर फेंककर भाग गये थे।


दिल्ली के प्रवासी उत्तरांखडियों की बैठक जिसमें किरण नेगी के पिता और माता के अलावा कांग्रेस नेता धीरेंद्र प्रताप ने भी भाग लिया। इसमें तय किया गया कि किरण नेगी का केस पर्वतीय बाला की बजाय भारत की बेटी के रूप में लड़ा जाएगा।

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दिल्ली दंगों में मारे गए दिलबर नेगी की बहनों से मिले कपिल मिश्रा..बंधवाई राखी
रक्षाबंधन पर बीजेपी नेता कपिल मिश्रा दिल्ली दंगों में जान गंवाने वाले पौड़ी के दिलवर नेगी के घर पहुंचे। यहां दिलवर की बहनों ने उन्हें रक्षासूत्र बांधा।

Aug 23 2021 4:10PM

पौड़ी गढ़वाल: पिछले साल दिल्ली दंगों में निर्मम हत्या का शिकार बने दिलवर नेगी के परिजनों के आंसू अब तक नहीं सूखे हैं। हर गुजरते दिन के साथ राजनीतिक दलों ने दिलवर के परिवार को भुला दिया, लेकिन जिस परिवार ने अपने जीने का सहारा खो दिया हो, वो भला इस दर्द से कैसे उबर सकता है। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी पीड़ित परिवार की सुध नहीं ली, लेकिन बीजेपी नेता कपिल मिश्रा अब भी इस परिवार के संपर्क में बने हुए हैं। रक्षाबंधन पर बीजेपी नेता कपिल मिश्रा दिल्ली दंगों में जान गंवाने वाले पौड़ी के दिलवर नेगी के घर पहुंचे। यहां दिलवर की बहनों ने उन्हें रक्षासूत्र बांधा। बीजेपी नेता मिश्रा ने दोनों बहनों को उपहार भेंट किए। बीजेपी नेता ने कहा कि दिलवर का परिवार मेरा धर्म परिवार है। हर मुश्किल घड़ी में मैं अपने धर्म परिवार के साथ खड़ा रहूंगा। रक्षाबंधन के दिन जब कपिल मिश्रा पौड़ी के पैठाणी क्षेत्र में स्थित रोखड़ा गांव पहुंचे तो दिलवर की मां शाखा देवी ने उन्हें गले लगा लिया। शाखा देवी रोते हुए बोलीं कि उनके बेटे के हत्यारों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए।
कपिल मिश्रा को अपने बीच पाकर दिलवर की बहन सरस्वती व रोशनी भी खुश नजर आईं। उन्होंने कहा कि बड़े भाई कपिल ने उन्हें इस पर्व पर भाई की कमी महसूस नहीं होने दी। दिलवर नेगी के परिजनों ने कहा कि दिलवर की मौत के बाद कपिल मिश्रा ने परिवार का हर मुश्किल में साथ दिया। आपको बता दें कि पौड़ी के रोखड़ा गांव के रहने वाले 26 वर्षीय दिलवर नेगी दिल्ली के शाहदरा में एक बेकरी में काम करते थे। 24 फरवरी 2020 की रात दंगाईयों ने दिलबर के दोनों हाथ काट कर उनकी निर्मम हत्या कर दी थी। बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने उस वक्त पीड़ित परिवार को 3 लाख की आर्थिक सहायता देकर हर सुख-दुख में साथ निभाने का वादा किया था। अच्छी बात ये है कि कपिल मिश्रा इस वादे को निभा भी रहे हैं।

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