तीन विधायकों के साथ कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य सपा में

गंभीर आरोप लगा, योगी सरकार में मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने दिया इस्तीफा, सपा में होंगे शामिल

BJP Minister Swami prasad maurya quit party: स्वामी प्रसाद मौर्य ने लिखा कि दलितों, पिछड़ों, किसानों बेरोजगार नौजवानों एवं छोटे- लघु एवं मध्यम श्रेणी के व्यापारियों की घोर उपेक्षात्मक रवैये के कारण उत्तर प्रदेश के मंत्रिमंडल से मैं इस्तीफा देता हूं।

लखनऊ 11 जनवरी।उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। पार्टी के कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने भाजपा के मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। इतना ही नहीं उन्होंने बीजेपी से भी इस्तीफा देते हुए समाजवादी पार्टी जॉइन कर ली है। हालांकि उन्होंने अभी सपा में शामिल होने की बात नहीं स्वीकारी है लेकिन अखिलेश यादव ने ट्वीट करके यह साफ कर दिया है कि स्वामी प्रसाद उनके साथ आ गए हैं। मौर्य की बेटी संघमित्रा मौर्य भी बीजेपी सांसद है।

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को भेजे गए अपने इस्तीफे में स्वामी प्रसाद मौर्य ने बीजेपी की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। स्वामी प्रसाद का आरोप है कि उन्होंने अपना दायित्व निभाया लेकिन पार्टी ने उपेक्षा वाला रवैया अपनाया, जिसके कारण वह इस्तीफा दे रहे हैं।

एक और विधायक बृजेश प्रजापति का इस्तीफा

प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्या के इस्तीफे के बाद बांदा के तिंदवारी सीट से भाजपा विधायक बृजेश प्रजापति ने भी इस्तीफा दिया। उन्होंने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्या जी शोषित पीड़ितों की आवाज और वह हमारे नेता हैं मैं उनके साथ हूं।

कई बार बात के बाद भी सुनवाई नहीं हुई

पत्रकारों से बातचीत में स्वामी प्रसाद ने कहा कि किसानों, दलितों, नौजवानों के साथ जो व्यवहार हो रहा है वह बर्दाश्त नहीं है। मैंने मंत्रिमंडल के साथ बाहर भी मंत्रियों से बात की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। ऐसे में बिना सम्मान के बीजेपी में नहीं रह सकता था। उन्होंने कहा कि इस्तीफे से पहले उन्होंने सुनील बंसल और डेप्युटी सीएम से बात की।

बीजेपी पर लगाए ये आरोप

स्वामी प्रसाद मौर्य ने लिखा है कि योगी मंत्रिमंडल में श्रम एवं सेवायोजन व समन्वय मंत्री के रूप में विपरीत परिस्थितियों व विचारधारा में रहकर भी बहुत ही मनोयोग के साथ उत्तरदायित्व का निर्वहन किया है लेकिन दलितों, पिछड़ों, किसानों बेरोजगार नौजवानों एवं छोटे- लघु एवं मध्यम श्रेणी के व्यापारियों की घोर उपेक्षात्मक रवैये के कारण उत्तर प्रदेश के मंत्रिमंडल से मैं इस्तीफा देता हूं।
शाहजहांपुर के तिलहर से विधायक रोशन लाल, स्वामी प्रसाद मौर्य का इस्तीफा लेकर राजभवन पहुंचे। रोशन लाल ने कहा कि स्वामी प्रसाद का स्वास्थ्य ठीक नहीं है इसलिए उनका इस्तीफा लेकर वह आए हैं।

‘एक दर्जन विधायक देंगे इस्तीफा’

स्वामी प्रसाद ने कहा कि आगे की धार और आगे के वार देखते रहिए। अभी 10 से 12 और विधायक इस्तीफा देंगे। मैं 1 से 2 दिन में पूरी स्थिति से मीडिया को रूबरू कराऊंगा कि मुझे क्या करना है। कानपुर देहात से बीजेपी विधायक भगवती प्रसाद सागर भी स्वामी प्रसाद मौर्य के आवास पहुंचे। दावा किया जा रहा है कि सभी लगभग 11 विधायकों को लेकर समाजवादी पार्टी में जॉइन करेंगे।

अखिलेश ने किया ट्वीट

स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ फोटो ट्वीट करके अखिलेश यादव ने लिखा कि सामाजिक न्याय और समता-समानता की लड़ाई लड़ने वाले लोकप्रिय नेता स्वामी प्रसाद मौर्या और उनके साथ आने वाले अन्य सभी नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों का सपा में ससम्मान हार्दिक स्वागत और अभिनंदन! सामाजिक न्याय का इंक़लाब होगा। बाइस में बदलाव होगा।

स्वामी प्रसाद मौर्य का इस्तीफा

‘सम्मान नहीं, इसलिए रह नहीं सकता’

टिकट न देने को लेकर नाराजगी के चलते इस्तीफा देने के सवाल पर स्वामी प्रसाद ने कहा कि ऐसा गलत है। उन्होंने कहा कि बीजेपी अगर उनके दोगुने लोगों को भी टिकट दे दे, तो भी जहां सम्मान नहीं है, वहां नहीं रह सकता।

‘विचारधारा से नाराजगी’

यूपी विधानसभा चुनाव में किसकी सरकार बन रही है, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि जहां पर रहेंगे, उसी की सरकार आएगी। उन्होंने कहा कि मुझे बीजेपी में किसी नेता विशेष से नाराजगी नहीं है। मेरी नाराजगी विचारधारा से है, बीजेपी की विचारधारा गरीबों, दलितों, किसानों, नौजवानों के खिलाफ है।

बीजेपी सांसद बेटी के सवाल पर क्या बोले स्वामी प्रसाद?

मैं पांच साल मर्यादा के साथ बीजेपी में रहा। बेटी संघमित्रा मौर्य के सवाल पर उन्होंने कहा कि वह उनका मसला है। पार्टी सिर्फ मैंने छोड़ी है, मेरा फैसला है। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने बहुत सारे लोगों को झटका दिया है, अगर मैंने उन्हें इस्तीफा देकर झटका दिया तो क्या हुआ?

बेटे को नहीं मिल रहा था दोबारा टिकट,यही है नाराजी

उधर, सूचना है कि मौर्य अपने बेटे उत्कृष्ट मौर्य को दोबारा रायबरेली की ऊंचाहार सीट से टिकट चाहते थे जो भाजपा के ही टिकट पर पिछला चुनाव  सपा से 35000 वोटों से हारे थे। मौर्य की पुत्र वधू भी ब्लाक प्रमुख हैं। याद करें, मायावती से ऐ परिवार को टिकट को लेकर ही स्वामी प्रसाद मौर्य का झगड़ा हुआ था जिस पर टिकटों के लिए पैसा लेने का आरोप लगाते हुए उन्होंने बसपा छोड़ी थी।

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