एक साथ उठी 14 बारातियों की अर्थी, बोलेरो चालक को झपकी बनी मौत की वजह

प्रतापगढ़ की दर्दनाक दुर्घटना:जिस गांव से कल नाचते-झूमते बारात निकली थी, आज वहां से एक साथ उठी 13 अर्थियां; गंगा किनारे हुआ अंतिम संस्कार

यह फोटो प्रतापगढ़ की है। शुक्रवार की शाम एक साथ मृतकों का हुआ अंतिम संस्कार।
कुंडा कोतवाली क्षेत्र में हुआ था हादसा, 14 मृतकों में छह दूल्हे के परिवार के थे
किसी की कांच तो किसी की लोहा घुसने से हुई मौत, गम में विदा नहीं हुई दुल्हन
पुलिस की मौजूदगी में गंगा तट पर एक साथ 13 शवों का किया गया अंतिम संस्कार

प्रतापगढ़ 20 नवंबर। प्रतापगढ़ जिले के चौसा जिरगापुर गांव में शुक्रवार की शाम एक साथ 13 अर्थियां उठी। यह दृश्य एक दिन पहले हुए घटनाक्रम से बिल्कुल विपरीत था। गुरुवार की शाम जिस घर से नाचते-झूमते महिलाओं ने बारात को विदा किया था। 24 घंटे बाद उसी घर से रोने बिलखने की आवाजें आ रही थी। बता दें कि शुक्रवार सुबह प्रतापगढ़ में सड़क हादसे में 14 लोगों की मौत हो गई। इनमें दूल्हे के परिवार से ही छह लोग शामिल हैं। कुंडा तहसील में गंगा किनारे करेंटी घाट पर एक साथ 13 शवों का अंतिम संस्कार हुआ। बाकी एक शव का अंतिम संस्कार हथिगवां बाजार में गंगा किनारे किया गया।

अंतिम संस्कार के वक्त पूरा गांव छावनी व गंगा तट पुलिस छावनी में बदल गया।

जिद कर निकले थे, घर से 2 किमी पहले ही थम गई सांसें

राममनोहर, दूल्हे सुनील के चचेरे भाई हैं। फोन पर हुई बातचीत में उन्होंने बताया कि शादी में जयमाल कार्यक्रम हो चुका था। खाना होने के बाद फेरों की तैयारी हो रही थी। लेकिन 40 साल के चाचा राम समुझ यादव और चचेरे भाई दिनेश घर जाने के लिए जिद करने लगे। वहां उन्हें रोका भी गया, लेकिन वह नहीं माने तो दो गाड़ियों को घर जाने के लिए तैयार किया गया। पहले बोलेरो में ड्राइवर मिलाकर 14 लोग थे और दूसरी गाड़ी में भी तकरीबन 10 लोग थे। यह लोग तकरीबन 11:45 बजे निकले हैं। घर पहुंचने में 2 किमी रह गया था, जब यह दुर्घटना हुई। दूसरी गाड़ी चूंकि पीछे ही थी तो उन लोगों ने फोन किया तो हम लोगों को शादी में जानकारी हुई।

जिला मुख्यालय से पोस्टमार्टम के बाद एक साथ 13 शव गांव पहुंचे।

किसी के लोहा घुसा था, किसी के कांच

राम मनोहर बताते हैं कि जब हम मौके पर पहुंचे तो वहां का मंजर देख कर हम घबरा गए। गाड़ी बुरी तरह ट्रक में घुसी हुई थी। पिछली सीट पर बच्चे थे। जब गाड़ी धंसी तो उन्हें हिलने का भी मौका नहीं मिला होगा। बच्चों के शरीर में शीशा और लोहा धंसा हुआ था। सबकी मौके पर ही मौत हो गयी। हमने खुद लाशों को निकलवाया। दूल्हे के भतीजे, भांजा, चचेरे भाई और चाचा की मौत हुई है। कुल मिलाकर 6 लोगों की मौत हुई है, सिर्फ हमारे परिवार में।


एक साथ सभी मृतकों के अंतिम संस्कार की तैयारी हुईं

शादी तो हुई, दुल्हन की विदाई नहीं हुई

राममनोहर बताते हैं कि इतनी दुखद खबर के बीच किसी तरह दूल्हे सुनील की शादी कराई गई। लेकिन दुल्हन की विदाई नहीं कराई गई है। दूल्हा सुनील भी शादी निपटाकर जल्दी से गांव आ गया। बुजुर्गों ने कहा दुख के समय है। ऐसे में दुल्हन विदा कराने का सही समय नहीं है।


अपनों के खोने के गम में रोते परिजन।

लॉकडाउन की वजह से रुक गया था शादी का कार्यक्रम

राममनोहर ने बताया कि सुनील की शादी पहले ही तय हो गयी थी। लेकिन लॉकडाउन की वजह से शादी रुक गयी थी। कुछ तैयारियां हो नहीं पा रही थी। जिसकी वजह से नवंबर में शादी की तारीख रखी गयी थी, लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था।

घर की महिलाएं रो-रो कर बेहोश हुईं , गांव में छाया मातम

राममनोहर बता रहे हैं कि परिवार के ही तीन छोटे छोटे बच्चों की मौत ने सबको हिला कर रख दिया है। मेरे घर में और गांव के उन घरों में सिर्फ महिलाओं के रोने की आवाजें आ रही है। एक साथ गांव से 13 लाशें उठीं। सभी का गंगाघाट पर संस्कार किया गया। एक बच्चे का अंतिम संस्कार हथिगवां बाजार में गंगा घाट पर हुआ।

शव से लिपटकर रोती महिला।

क्या है पूरा मामला

जिरगापुर चौसा गांव निवासी सुनील यादव की बारात गुरुवार को नवाबगंज के शेखपुर गांव गई थी। जिसमें जिरगापुर के 12 लोग शादी समारोह में शामिल हुए थे। जबकि ड्राइवर एक अन्य दूसरे गांव के थे। सभी लोग रात में वापस लौट रहे थे। रास्ते में ड्राइवर को झपकी आ गई और वह सड़क किनारे खड़े ट्रक से जा टकराई। दुर्घटना में छह बच्चों समेत 14 लोगों की जान चली गई। मुख्यमंत्री योगी ने मृतकों के परिवार को 2-2 लाख देने की घोषणा की है।


यह फोटो दुर्घटना स्थल की है। कार के परखच्चे उड़ गए थे।

कुंडा से नवाबगंज थानाक्षेत्र में गई थी बारात

गुरुवार को कुंडा थाना क्षेत्र के चौसा जिरगापुर गांव के संतराम यादव के लड़के की बारात नवाबगंज थाना क्षेत्र के शेखवापुर गई थी। जयमाल के बाद देर रात कुछ बराती बोलेरो से लौट रहे थे। रात करीब एक बजे देशराज इंदारा के पास खड़े ट्रक में बोलेरो पीछे से घुस गई।

दुर्घटना के बाद बोलेरो को गैस कटर से काटकर मृतकों को निकाला गया

बोलेरो में कुछ लोग फंसे हुए थे, जिनको गैस कटर की मदद से बाहर निकाला गया। कुंडा कोतवाल डीपी सिंह ने बोलेरो में बैठे सभी 14 लोगों की मौत की पुष्टि की है। मृतकों में दिनेश कुमार,पवन कुमार,दयाराम,अमन कुमार,राम समुझ, अंश,गौरव कुमार,नान भैया,सचिन,हिमांशु,मिथलेश कुमार, अभिमन्यु,पारसनाथ की पहचान हो पाई है। घटनास्थल पर देर रात पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य भी पहुंचे। उधर दुर्घटना की खबर बारात में पहुंची तो अफरा तफरी मच गई।

चल बसे चार सगे भाई

कुंडा थाना क्षेत्र के चौसा जिरगापुर गांव के दो-दो सगे भाई इस भीषण दुर्घटना के शिकार हो गए। इस गांव के श्रीनाथ के बेटे दिनेश और नान भइया भी बोलेरो से लौट रहे थे। लौटते समय दिनेश ने घरवालों को फोन करके आने की सूचना भी दी थी कि वह कुछ ही देर में घर पहुंच रहा है। कौन जानता था कि यह उसकी स्वजनों से आखिरी बातचीत है। ऐसा ही इसी गांव के रहने वाले दिनेश कुमार के बेटे पवन और अमन के साथ भी हुआ, दोनों इस दुर्घटना में मौत के गाल में समा गए।

शवों को ट्रैक्टर पर लादकर भेजा गया जिला अस्पताल

पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्या घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने मृतकों के स्वजनों से बात की और सभी शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजने को कहा। देर रात सभी 14 मृतकों के शवों को ट्रैक्टर से लादकर जिला अस्पताल भेजा गया।

मृतक सूची

1. बबलू (पुत्र रामनाथ ) निवासी जीरगापुर

2. दिनेश कुमार (पुत्र श्रीनाथ)

3. पवन कुमार (पुत्र दिनेश कुमार)

4. दयाराम (पुत्र छोटेलाल)

5. अमन कुमार (पुत्र दिनेश कुमार)

6. रामसमुझ (पुत्र बैजनाथ)

7. अंश (पुत्र कमलेश)

8. गौरव कुमार (पुत्र राम मनोहर)

9. नान भैया (पुत्र श्रीनाथ)

10. सचिन (पुत्र राम समुझ)

11. हिमांशु (पुत्र राम भवन)

12. मिथिलेश कुमार (पुत्र दशरथ लाल)

13. अभिमन्यु (पुत्र रमेश चंद्र)

14. बोलेरो चालक बड़े राम निवासी मानिकपुर हैं।

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