नये थाने,चौकी और आवासों को केंद्र से मांगे 750 करोड़,हिम प्रहरी को हर साल पांच करोड़

CM Pushkar Singh Dhami Attends Home Ministers Chintan Shivir In Surajkund
गृह मंत्रियों का चिंतन शिविर: मुख्यमंत्री धामी बोले, नए थानों-पुलिस चौकियों व आवासों के लिए 750 करोड़ की जरूरत

सूरजकुंड 27 अक्टूबर। बृहस्पतिवार को शुरू हुए चिंतन शिविर की अध्यक्षता केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने की। उन्होंने कहा कि सीमा सुरक्षा की दृष्टि से राज्य सरकार राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में पर्यटन संबंधी गतिविधियों को बढ़ावा दे रही है। इसके लिए इनर लाइन प्रतिबंधों पर छूट प्रदान किए जाने के संबंध में केंद्र सरकार से अनुरोध किया गया है।

चिंतन शिविर में शामिल हुए मुख्यमंत्री धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरियाणा के सूरजकुंड में राज्यों के गृह मंत्रियों के चिंतन शिविर में नए थानों, पुलिस चौकियों और पुलिस जवानों के आवासों के निर्माण के लिए केंद्र सरकार से एकमुश्त 750 करोड़ रुपये की सहायता का विषय उठाया। यह मुख्यत: अंशिका हत्या की परिस्थितियों में सरकार के क्रमिक रूप से पर्वतीय क्षेत्र में राजस्व पुलिस की जगह लेने को नागरिक पुलिस के थाने चौकियां खोलने को राज्य सरकार के पास संसाधन नहीं हैं। मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड की आंतरिक सुरक्षा और सीमा क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए इनर लाइन प्रतिबंधों में छूट देने का भी अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि सरकार सीमांत जिलों में हिम प्रहरी योजना पर काम कर रही है। इस योजना के लिए उन्होंने केंद्र सरकार से प्रति माह पांच करोड़ रुपये की सहयोग राशि देने का अनुरोध किया।

बृहस्पतिवार को शुरू हुए चिंतन शिविर की अध्यक्षता केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने की।
शिविर में मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि सीमा सुरक्षा की दृष्टि से राज्य सरकार राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में पर्यटन संबंधी गतिविधियों को बढ़ावा दे रही है। इसके लिए इनर लाइन प्रतिबंधों पर छूट प्रदान किए जाने के संबंध में केंद्र सरकार से अनुरोध किया गया है।

उन्होंने कहा कि देश के कई महत्वपूर्ण एवं संवेदनशील केंद्रीय प्रतिष्ठान तथा कार्यालय राज्य में स्थित हैं जिनकी सुरक्षा का प्राथमिक दायित्व राज्य सरकार पर है। राज्य में आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों तथा चारधाम यात्रा एवं कांवड़ यात्रा में आने वाले करोड़ों तीर्थयात्रियों की सुरक्षित यात्रा का जिम्मा राज्य सरकार पर ही है। इस वर्ष चार करोड़ शिवभक्तों को कांवड़ यात्रा व अभी तक करीब 45 लाख श्रद्धालुओं को सफलतापूर्वक चारधाम यात्रा कराने में सफल हुए हैं। इन कार्यों के लिए आवश्यक सहयोग की भी हमें केन्द्र सरकार से निरंतर आवश्यकता रहेगी।

कट्टरपंथी व माओवादी गतिविधियां काबू में

मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न संगठनों की अवैध गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। उनके विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई की जा रही है। राज्य में धार्मिक उन्माद एवं कट्टरपंथी गतिविधियों को हतोत्साहित करने के क्रम में अतिवामपंथी एवं माओवादी गतिविधियों को भी प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जा रहा है।

सभी धर्मों को मानने वाली महिलाओं की स्थिति में होगा सुधार

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए गठित विशेषज्ञ समिति एक विस्तृत रिपोर्ट बनाने का कार्य कर रही है। रिपोर्ट आने के बाद राज्य में समान नागरिक संहिता लागू होने से राज्य में सभी धर्मों व संप्रदायों के निवासी को लाभ होगा। सभी धर्मों को मानने वाली महिलाओं की स्थिति में गुणात्मक सुधार होगा।

सीमांत गांवों से पलायन रोकने के प्रयास हो रहे हैं

उन्होंने बताया कि सीमावर्ती क्षेत्रों से लोगों का पलायन अत्यंत चुनौतीपूर्ण रहा है। इसे रोकने के लिए पांच-छह वर्षों पिथौरागढ़, उत्तरकाशी एवं चमोली में 13 सड़कों का लगभग 600 किलोमीटर निर्माण कार्य गतिमान है। इसमें से चार सड़कों का लगभग 150 किलोमीटर काम हो चुका है।

हिम प्रहरी योजना में 10 हजार को प्रशिक्षण

उन्होंने बताया कि हिम प्रहरी योजना में राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों के 10 हजार सेवानिवृत्त सैनिकों, अर्द्धसैनिकों एवं युवाओं को सीमा सुरक्षा के संबंध में प्रशिक्षित कर उन्हें राज्य के सीमांत जिलों में तैनात किया जाएगा। इसके लिए पांच करोड़ रुपये प्रतिमाह का सहयोग केंद्र सरकार से अपेक्षित है।

आपदा में हेलिकॉप्टर उपलब्ध कराए केंद्र

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार एसडीआरएफ को एक हेलिकॉप्टर उपलब्ध करा दे तो इससे राज्य में आपदा एवं वनाग्नि की घटनाओं के दौरान परिस्थिति पर नियंत्रण के लिए काफी मदद मिल जाएगी।

राजस्व क्षेत्र नियमित पुलिस को दिए

मुख्यमंत्री ने बताया कि राजस्व पुलिस क्षेत्रों में आपराधिक गतिविधियों में वृद्धि के चलते राजस्व पुलिस का क्षेत्राधिकार चरणबद्ध रूप से नियमित पुलिस को दिए जाने के संबंध में निर्णय लिया गया। कहा कि 2025 तक राज्य को नशामुक्त बनाने का लक्ष्य बनाया है।

अनुदान की अविलंब आवश्यकता है

मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस में 18 प्रतिशत आवासीय भवन उपलब्ध हैं। नए थानों, पुलिस चौकियों एवं पुलिस कार्मिकों के लिए आवासीय भवनों का निर्माण कार्य किया जाना अपरिहार्य है। इस कार्य के लिए राज्य सरकार को विशेष अनुदान के रूप में एकमुश्त 750 करोड़ रुपये की अविलंब आवश्यकता है।

हिम प्रहरी योजना क्या है और इसे उत्तराखंड सरकार द्वारा क्यों शुरू किया गया है?

हिम प्रहरी योजना पूर्व सैनिकों और युवाओं के लिए है और इसका उद्देश्य राज्य से लोगों के पलायन को रोकना है।
अप्रैल 5, 2022 को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से इसी संबंध में मिले थे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी।
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हिम प्रहरी योजना: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 5 अप्रैल, 2022 को संसद में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और राज्य की सीमा से लगे क्षेत्रों में हिम प्रहरी योजना के सुचारू कार्यान्वयन में केंद्र का सहयोग मांगा।

हिम प्रहरी योजना का उद्देश्य राज्य से लोगों के पलायन को रोकना है। यह पूर्व सैनिकों और युवाओं के लिए है।

यह योजना उन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगी जहां प्रवास तीव्र गति से होता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि लोग बाहर न निकलें। योजना के तहत राज्य सरकार पूर्व सैनिकों को राज्य की सीमा से लगे क्षेत्रों में बसाने को प्राथमिकता देगी।

हिम प्रहरी योजना क्या है?

हिम प्रहरी योजना का उद्देश्य पहाड़ी राज्य से पलायन को रोकना है। इस योजना की घोषणा भाजपा उत्तराखंड इकाई ने अपने 2022 के चुनावी घोषणापत्र में की थी।

हिम प्रहरी योजना: मुख्य विशेषताएं

हिम प्रहरी योजना पूर्व सैनिकों और युवाओं के लिए है।
इसका उद्देश्य राज्य से लोगों के पलायन को रोकना है।
यह योजना उन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगी जहां प्रवास तेजी से होता है ताकि लोग राज्य से बाहर रहें और बाहर निकलें।
योजना के तहत, राज्य पूर्व सैनिकों को राज्य की सीमा से लगे क्षेत्रों में बसाने को प्राथमिकता देगा।
राज्य सरकार दीर्घकालीन राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखते हुए अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को साझा करने वाले जिलों में बसने के लिए पूर्व सैनिकों और राज्य के युवाओं को सभी आवश्यक सहायता प्रदान करेगी।

इसे उत्तराखंड सरकार द्वारा क्यों लॉन्च किया गया है?

उत्तराखंड सरकार का उद्देश्य उधमसिंहनगर के चमोली, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़, चंपावत और खटीमा जैसे अंतरराष्ट्रीय सीमावर्ती जिलों के गांवों से पलायन को रोकने के लिए हिम प्रहरी योजना शुरू करना है।

राज्य सरकारें गांवों से पलायन को रोकने के लिए दैवीय आपदा के मामले में राहत और बचाव कार्यों के लिए राज्य पुलिस, सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की मदद लेने की योजना बना रही हैं।

राज्य सरकार ने बॉर्डर गार्ड टीम या स्नो वॉचडॉग टीमों के गठन का प्रस्ताव रखा है।

इसने उक्त टीम में शामिल व्यक्तियों को प्रोत्साहन भत्ता देने का भी प्रस्ताव किया है। राज्य को इसके लिए लगभग 5 करोड़ 45 लाख रुपये खर्च करने की उम्मीद है।

राज्य सरकार ने राज्य में योजना के सुचारू कार्यान्वयन के लिए केंद्र से सहयोग का अनुरोध किया है और उत्तराखंड राज्य पुलिस को अधिक प्रभावी और आधुनिक बनाने के लिए प्रति वर्ष 20 से 25 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी देने का आग्रह किया है.

उत्तराखंड के सीएम धामी ने राज्य सरकार द्वारा अपराध की शिकार महिलाओं की राहत और पुनर्वास के लिए निर्भया कोष के लिए 25 करोड़ रुपये का भी अनुरोध किया है।

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