योगी सरकार ग्लोबल टैंडर की बजाय वैक्सीन को अपनाये शार्ट-कट: इलाहाबाद हाईकोर्ट

योगी सरकार के वैक्सीन के ग्लोबल टेंडर पर आपत्ति:हाईकोर्ट ने कहा- समय बर्बाद न करें, 4 महीने में पूरा करें वैक्सीनेशन; कमजोर स्वास्थ्य सुविधाओं पर जताई चिंता
हाईकोर्ट ने कहा कि दवा इंजेक्शन और ऑक्सीजन की उपलब्धता को सरकार को तय करना चाहिए।
प्रयागराज 08 मई। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने योगी सरकार द्वारा वैक्सीनेशन के लिए ग्लोबल टेंडर की प्रक्रिया पर आपत्ति जताई है। हाईकोर्ट ने कहा- प्रदेश सरकार ग्लोबल टेंडर प्रक्रिया में अपना समय बर्बाद न करें। इस प्रक्रिया में समय लगाने से बेहतर है कि लोगों का वैक्सीनेशन किया जाए तो बेहतर होगा। बता दें कि योगी सरकार ने वैक्सीन के लिए ग्लोबल टेंडर जारी किया है।

हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि सरकार को चाहिए कि 3 से 4 महीने के भीतर पूरे प्रदेश में वैक्सीनेशन की प्रक्रिया पूरी हो जाए। कालाबाजारी पर नाराजगी जताते हुए कोर्ट ने कहा कि दवा, इंजेक्शन और ऑक्सीजन की उपलब्धता को सरकार को तय करना चाहिए। इसे आम नागरिक की पहुंच में बनाना चाहिए, ताकि लोग धोखाधड़ी का शिकार न हो। एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह टिप्पणी की। अब 11 मई को इसकी सुनवाई होगी।

सरकार का दावा- इस महीने 8.5 करोड़ वैक्सीन उपलब्ध
हाईकोर्ट में कोरोना संक्रमण पर एक याचिका की सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति अजित कुमार की खंडपीठ ने राज्य व केंद्र सरकार से कहा कि वैक्सीनेशन में देरी नहीं हो इसके लिए टेंडर प्रक्रिया के बजाय सरकार ग्लोबल मार्केट मे सीधे बात कर वैक्सीनेशन अभियान जल्द पूरा करे। कोर्ट ने निर्देश देते हुए कहा कि सरकार प्रयास करे कि हर व्यक्ति को सुरक्षित किया जा सके। कोवैक्सीन और कोविशील्ड के अलावा और वैक्सीन बाहर से खरीदने के लिए सरकार ने वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए नियमों में ढील दी है। वैक्सीन बाजार में उपलब्ध होगी और इसे कोई भी खरीद सकता है। सरकार की तरफ से बताया गया कि मई में साढ़े आठ करोड़ वैक्सीन उपलब्ध हैं।

टेंडर के बजाय सीधे वैक्सीन खरीदने पर ध्यान दे सरकार
हाईकोर्ट ने संक्रमण पर जल्दी काबू पाने के लिए राज्य सरकार से कहा कि सरकार टेंडर की लंबी प्रक्रिया अपनाने की बजाय सीधे इसकी खरीद का प्रयास करें। क्योंकि जिस प्रकार से संक्रमण फैल रहा है और तीसरी लहर आने की आशंका बनी है। वायरस का म्यूटेशन इतना तेज होगा कि यह वैक्सीन के प्रभाव को निष्प्रभावी कर देगा। टेंडर प्रक्रिया में काफी समय लगता है। ऐसे में अब तक किए गए सभी प्रयासों का वांछित परिणाम नहीं मिल सकेगा। कोर्ट ने सरकार को वैक्सीन शीघ्र हासिल करने का रास्ता खोजने के लिए कहा है। कोर्ट ने कहा कि प्रदेश भर में टीकाकरण का काम तीन-चार माह में पूरा कर लिया जाए। तभी इसका लाभ मिलेगा।

स्वास्थ्य सुविधाओं का ढांचा और मजबूत करने की जरूरत
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से कहा कि संक्रमण में भले ही कमी आ रही है लेकिन यह आराम से बैठने का समय नहीं है। तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर स्वास्थ्य सुविधाओं का ढांचा और मजबूत करने की जरूरत है। कोर्ट ने ग्रामीण क्षेत्र एवं कस्बे में महामारी के खिलाफ सरकार की अगली तिथि पर कार्य योजना पेश करने को कहा है।DM मेरठ को फटकार, बाकी जिलों के अफसरों को हिदायत
हाईकोर्ट ने कालाबाजारी के आरोप में जब्त कर मालखाने में रखी जीवन रक्षक दवाओं, रेमडेसिविर इंजेक्शन, आक्सीजन सिलिंडर,आक्सीमीटर को उपयोग में लाने पर प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को तत्काल निर्णय लेने का निर्देश दिया है। पुलिस को एक हफ्ते के भीतर DM से संपर्क कर इसका आदेश प्राप्त करने को कहा है। DM को पुलिस की अर्जी पर तीन दिन में धारा 457 के तहत आदेश जारी करने के भी निर्देश दिए हैं।

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