यौन शोषण को कठोर सजा को बदलेगी 163 साल पुरानी दंड संहिता

Sexual Relationship On The Ground Of Fake Promise Of Job Or Promotion Or Marriage May Punishable To 10 Yrs
‘मुझे खुश कर दो, प्रमोशन दे दूंगा…’, अब ऐसी गिद्ध दृष्टि वालों की खैर नहीं, 10 साल सजा के लिए आया बिल

केंद्र सरकार ने आईपीसी को बदलने के लिए जो बिल बिल पेश किया है उसमें महिलाओं के खिलाफ अपराधों से जुड़े प्रावधानों पर खास ध्यान दिया गया है। अब अगर कोई नौकरी या प्रमोशन या फिर शादी के झूठे वादे की आड़ में यौन संबंध बनाता है तो उसे 10 साल तक की सजा हो सकती है

लोकसभा में आईपीसी को बदलकर भारतीय न्याय संहिता करने से जुड़े बिल को पेश करते हुए गृह मंत्री अमित शाह

मुख्य बिंदु
भारतीय दंड संहिता को बदलकर भारतीय न्याय संहिता बनाने वाला बिल लोकसभा में पेश किया
बिल पेश करते हुए गृह मंत्री शाह ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराध से जुड़े प्रावधानों पर खास ध्यान
पहचान छिपाकर शादी करने या फिर शादी, नौकरी, प्रमोशन के झूठे वादे की आड़ में सेक्स पर 10 साल तक कैद

नई दिल्ली 12 अगस्त : पहचान छिपाकर किसी महिला से शादी करने या फिर शादी, प्रमोशन और रोजगार के झूठे वादे की आड़ में यौन संबंध बनाने पर 10 साल तक की कैद हो सकती है। शुक्रवार को एक विधेयक पेश किया गया, जिसमें इन अपराधों से निपटने को पहली बार एक विशिष्ट प्रावधान का प्रस्ताव किया गया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 1860 की भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) को बदलने के लिए लोकसभा में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) विधेयक पेश किया और कहा कि इसमें महिलाओं के खिलाफ अपराधों से संबंधित प्रावधानों पर विशेष ध्यान दिया गया है।

शाह ने कहा, ‘इस विधेयक में महिलाओं के खिलाफ अपराध और उनके सामने आने वाली कई सामाजिक समस्याओं का समाधान किया गया है। शादी, रोजगार, पदोन्नति का वादा और झूठी पहचान की आड़ में महिलाओं के साथ संबंध बनाना पहली बार अपराध की श्रेणी में आएगा।’ कभी-कभार ऐसी खबरें आती हैं कि महिलाओं के शरीर पर बुरी नजर गड़ाने वाले कुछ लोग उसकी मजबूरी का सौदा करते हैं। उसे प्रलोभन देते हैं कि शारीरिक संबंध बना लो तो नौकरी दे दूंगा। अगर नौकरी है तो प्रमोशन का लालच देते हैं। अब अगर ऐसे झूठे वादों की आड़ में महिला से संबंधन बनाते हैं तो उन्हें 10 साल तक की सजा हो सकती है।

शादी का झांसा देकर बलात्कार का दावा करने वाली महिलाओं के मामलों से अदालतें निपटती हैं,लेकिन आईपीसी में इसके लिए कोई विशेष प्रावधान नहीं है। इस विधेयक की अब एक स्थायी समिति जांच करेगी।

विधेयक में कहा गया है, ‘जो कोई भी, धोखे से या बिना विवाह के इरादे से किसी महिला से शादी करने का वादा करता है और उसके साथ यौन संबंध बनाता है, तो यह यौन संबंध बलात्कार के अपराध की श्रेणी में नहीं आता है, लेकिन अब इसके लिए 10 साल तक की कैद की सजा दी जाएगी और जुर्माना भी लगाया जा सकता है।’

फौजदारी मामलों की वरिष्ठ वकील शिल्पी जैन ने कहा कि यह प्रावधान लंबे समय से लंबित था और इस तरह के प्रावधान की अनुपस्थिति के कारण, मामलों को अपराध नहीं माना जाता था और दोनों पक्षों की तरफ से कई व्याख्या के विकल्प खुले थे।

जैन ने कहा कि कुछ लोगों का मानना है कि ‘पहचान छिपाकर शादी करने’ के विशिष्ट प्रावधान को झूठे नामों में अंतरधार्मिक विवाह के मामलों में लक्षित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यहां मुख्य बात यह है कि झूठे के सहारे ली गई पीड़िता की सहमति को स्वैच्छिक नहीं कहा जा सकता।

जैन ने दावा किया, ‘हमारे देश में पुरुष महिलाओं का शोषण करते है,जो उनसे शादी का वादा कर यौन संबंध बनाते हैं और अगर वादा करते समय पुरुषों का शादी करने का कोई इरादा नहीं था,तो यह एक अपराध है।’

हालांकि,जैन ने कहा कि इस प्रावधान में शादी के झूठे वादे को रोजगार या पदोन्नति के वादे से जोड़ना आगे बढ़ने का सही तरीका नहीं हो सकता है।

प्रस्तावित विधेयक में ताक-झांक के अपराध के लिए भी तीन से सात साल की सजा का प्रावधान किया गया है।

गृह मंत्री ने कहा कि त्वरित न्याय प्रदान करने और लोगों की समकालीन जरूरतों और आकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए एक कानूनी प्रणाली बनाने को ये बदलाव पेश किए गए हैं।

उन्होंने कहा कि’सामूहिक बलात्कार के सभी मामलों में 20 साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा होगी। 18 साल से कम उम्र की लड़कियों से बलात्कार के मामले में मृत्युदंड की सजा निर्धारित की गई है।’

विधेयक में कहा गया है कि हत्या के अपराध के लिए मौत की सजा या आजीवन कारावास की सजा होगी।

विधेयक के अनुसार,यदि किसी महिला की बलात्कार के बाद मृत्यु हो जाती है या इसके कारण महिला मरणासन्न स्थिति में पहुंच जाती है,तो दोषी को कठोर कारावास की सजा दी जाएगी,जिसकी अवधि 20 वर्ष से कम नहीं होगी और इसे आजीवन कारावास तक बढ़ाया जा सकता है।

विधेयक के मुताबिक,12 साल से कम उम्र की लड़की के साथ दुष्कर्म के दोषी को कठोर कारावास की सजा दी जाएगी,जिसकी अवधि 20 वर्ष से कम नहीं होगी और इसे व्यक्ति के शेष जीवन तक कारावास की सजा तक बढ़ाया जा सकता है।

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