बैंगलुरू बैठक से क्यों नाराज़ हो कर लौटे नितीश कुमार?

BiharPatnaBihar Cm Nitish Kumar Return Patna From Opposition Parties Meeting In Bengaluru

Opposition Parties Meeting : 11 माह में पहली बार रहे ‘खामोश’, बेंगलुरु से चुपचाप लौटे पटना, क्या नीतीश कुमार हैं नाराज?

 

Nitish Kumar: तो बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नाराज होकर बेंगलुरु से पटना लौट आए? विपक्षी नेता सुशील कुमार मोदी ने दावा किया है कि सबसे बड़ी किरकिरी तो नीतीश कुमार की हुई। नीतीश कुमार नाराज होकर पहले ही बैठक से निकल गए और पटना लौट गए।

हाइलाइट्स
नाराज होकर बेंगलुरु से पटना लौट नीतीश?
‘बेगलुरू में हुई नीतीश कुमार की किरकिरी’
विपक्षी एकता की मुहिम से किनरे कर दिए गए नीतीश
एयरपोर्ट से सीधे आवास के लिए निकल गए नीतीश
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पटना 18 जुलाई: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एनडीए से अलग होने के बाद से ही विपक्षी एकता कायम करने के लिए काम कर रहे थे। दिल्ली-कोलकाता और लखनऊ एक किए हुए थे। दावा कर रहे थे अगर सभी बीजेपी विरोधी पार्टी एक मंच पर आ गई तो नरेंद्र मोदी की पार्टी को 100 सीट पर रोक देंगे। अब खबर है कि उसी नीतीश कुमार को विपक्षी एकता की मुहिम से किनारे लगा दिया गया है। इस बात से नीतीश कुमार नाराज हैं। शायद यही कारण है कि बेंगलुरु से पटना लौटने के बाद उन्होंने पत्रकारों से बात नहीं की और एयरपोर्ट से सीधे आवास के लिए निकल गए।

दरअसल, मंगलवार को बेंगलुरु में विपक्षी पार्टियों की बैठक हुई। बैठक में नीतीश कुमार, लालू यादव, ललन सिंह, तेजस्वी यादव ने भी शिरकत किया। बैठक के बाद साझा प्रेस कॉन्फ्रेस हुआ तो नीतीश कुमार नहीं दिखे। यूं कहा जाए तो बिहार सीएम प्रेस कॉन्फ्रेस से गायब रहे। प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि फ्लाइट का टाइम होने के कारण कुछ नेता पहले निकल गए। हालांकि नीतीश कुमार बेंगलुरु चार्टर प्लेन से गए थे। ऐसे में टाइमिंग को लेकर कोई समस्या नहीं थी। माना जा रहा है कि नीतीश कुमार ने साइलेंट रहकर संवाददाता सम्मेलन का बहिष्कार कर पटना लौट गए।

पटना में मीडिया से बनाई दूरी

नीतीश कुमार पिछले 11 महीने से विपक्षी एकता को लेकर काम कर रहे हैं। शायद ही कभी ऐसा मौका आया हो जब मीडिया ने बिहार मुख्यमंत्री से विपक्षी एकता को लेकर सवाल किया और नीतीश ने जवाब ना दिया हो। पहली बार हुआ कि नीतीश कुमार विपक्षी एकता की बैठक से आये और सवाल का जवाब दिए बगैर निकल गए। ऐसे में कई सवाल उठ रहे हैं, जिसका जवाब खुद नीतीश कुमार ही दे सकते हैं।

तो किनारे कर दिए गए नीतीश

बताया जा रहा है कि नीतीश कुमार नाराज हैं। विपक्षी एकता की मुहिम का अगुआ बनने की उनकी कोशिश सफल नहीं हुई। बेंगलुरु में हुई विपक्षी एकता की सारी कवायद खुद कांग्रेस ने संभाल लखी थी। बताया तो ये भी जा रहा है कि बैठक में उन्हीं एजेंडों पर चर्चा हुई, जिस पर कांग्रेस चाहती थी। बेंगलुरु बैठक में नीतीश कुमार को वो वाला भाव नहीं मिला, जिसकी उम्मीद लेकर बिहार सीएम पटना से गए थे। विपक्षी एकता की इस बैठक में कांग्रेस ने शरद पवार, ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल जैसे नेताओं को ज्यादा तवज्जो दी।

सुशील मोदी ने कसा व्यंग्य 

बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने कहा कि बेंगलुरु में सबसे बड़ी किरकिरी तो नीतीश कुमार की हुई। उन्हें फर्जी ‘इंडिया’ का संयोजक न बनाये जाने से नाराज होकर पहले ही बैठक से निकल लेना पड़ा। वे प्रेस कॉन्फ्रेंस में नहीं थे। बंगलुरु में नीतीश-विरोधी पोस्टर भी लगाये गए थे, जबकि वहां सरकार कांग्रेस की है। भाजपा नेता ने कहा कि इन दलों की पटना बैठक में इसी तरह नाराज होकर दिल्ली लौट गए थे। उसी तरह से नीतीश कुमार बेंगलुरु से निकल लिए। उन्होंने कहा कि जो लोग चुनाव से पहले न मन मिला पा रहे हैं, न एक चेहरा तय कर पाए, वे देश के लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कोई चुनौती नहीं दे पाएंगे।

 

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