INDIA कि भारत?:ये साथ हैं,पास नहीं,नकारात्मकता के अवतार:मोदी

‘अंग्रेजों ने रखा हमारे देश का नाम इंडिया’: CM सरमा, उधर विपक्ष के ‘INDIA’ में ‘D’ को लेकर नेताओं में कन्फ्यूजन, कोई कह रहा ‘डेमोक्रेटिक’ तो कोई ‘डेवलपमेंटल’
गठबंधन का नाम INDIA रख घिरा विपक्ष, BJP ने चलाए ‘व्यंग्य बाण’ (फोटो साभार: HT, AajTak)

बेंगलुरु में हुई 26 विपक्षी दलों की बैठक के बाद गठबंधन के नए नाम का ऐलान हुआ। अब गठबंधन का नाम यूपीए की जगह इंडिया होगा। विपक्ष का दावा है कि इस नए नाम के साथ बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन को हराया जा सकता है। हालाँकि गठबंधन के नामकरण को लेकर बीजेपी नेता विपक्ष पर तंज कस रहे हैं।

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा है, “हमारा संघर्ष इंडिया और भारत के इर्द-गिर्द केंद्रित है। अंग्रेजों ने हमारे देश का नाम इंडिया रखा। हमें खुद को औपनिवेशिक विरासतों से मुक्त करने की कोशिश करनी चाहिए। हमारे पूर्वज भारत के लिए लड़े और हम भारत के लिए काम करते रहेंगे। भारत के लिए भाजपा।”

BJP ने अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट पर कॉन्ग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का वीडियो शेयर कर लिखा, “जिस ‘INDIA’ को दुनियाभर में बदनाम करते फिरते हैं, अपना अस्तित्व और परिवारों को बचाने को उसके नाम का ही सहारा लेना पड़ा। और तो और, वो नाम भी सही से नहीं ले पा रहे हैं।” वीडियो में मल्लिकार्जुन खड़गे को INDIA का INDIL बोलते सुना जा सकता है।

 

भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने कहा है, “D का मतलब डेमोक्रेटिक या डेवलपमेंटल है? जो लोग इस जैसी सरल और छोटी सी बात पर आम सहमति नहीं बना पा रहे, वे देश चलाने की उम्मीद कर रहे हैं। यह उन लोगों के लिए एक मजाक की तरह है, जो खुद की सेवा में लगे राजनीतिक उत्तराधिकारियों के इस समूह को गंभीरता से लेते हैं।”

 

दरअसल, गठबंधन के नए नाम को लेकर विपक्षी नेता के एक के बाद एक ट्वीट तो किए जा रहे थे। लेकिन उनमें INDIA के D को लेकर भारी कन्फ्यूजन दिखा। जैसे कि कॉन्ग्रेस के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से किए गए ट्वीट में D का मतलब डेवलपमेंटल लिखा था। वहीं अखिलेश यादव ने डेमोक्रेटिक लिखा था।

वहीं, भाजपा सांसद सुशील मोदी ने कहा है कि भ्रष्ट और परिवारवादी विपक्षी दलों के मंच का नाम ‘इंडिया’ रखने से इनकी खोटी नियत छिपने वाली नहीं है। इनके एलीट, पश्चिम प्रभावित और हिंदू विरोधी ‘इंडिया’ को करोड़ों गरीबों, पिछड़ों का संस्कृतिनिष्ठ भारत 2024 में मुँहतोड़ जवाब देगा। इंडिया बनाम भारत मैच में जीत भारत की होगी। चारा घोटाला में सजायाफ्ता लालू प्रसाद और चिटफंड घोटाले में लिप्त ममता बनर्जी जैसे दागी लोग जहाँ जुटे हैं, उस नए मॉल का नाम बदल लेने से खोटा माल खरा सोना नहीं हो जाएगा।

विपक्षी गठबंधन पर PM मोदी बोले-ये साथ हैं, पास नहीं:केरल में एक-दूसरे के खून के प्यासे लेफ्ट-कांग्रेस बेंगलुरु में हाथ मिला रहे।

दिल्ली में मंगलवार को हुई NDA की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी गठबंधन पर कहा-     ये साथ तो आ सकते हैं, पास नहीं। केरल में लेफ्ट और कांग्रेस एक-दूसरे के खून के प्यासे हैं, लेकिन बेंगलुरु में हाथ पकड़कर हंस रहे हैं।बंगाल में लेफ्ट और तृणमूल कांग्रेस लड़ रहे हैं, लेकिन बेंगलुरु में साथ खड़े हैं। जनता जानती है ये मिशन नहीं मजबूरियां है। इन्हें अपने कार्यकर्ताओं की भी चिंता नहीं।

 

NDA के 25 साल पूरे होने पर मोदी ने कहा- NDA में N का मतलब न्यू इंडिया है, D का मतलब डेवलप्ड नेशन यानी विकसित राष्ट्र ओर A का अर्थ है एस्पिरेशन यानी लोगों की आकांक्षा है। आज युवा, महिलाएं, मध्यम वर्ग, दलित और वंचितों को NDA पर भरोसा है।

हमारा संकल्प पॉजिटिव है, एजेंडा पॉजिटिव है, रास्ता भी पॉजिटिव है। सरकारें बहुमत से बनती हैं, सबके साथ से चलती हैं। देश में राजनीतिक गठबंधन का पुराना इतिहास है, लेकिन नकारात्मक विचार से बने गठबंधन सफल नहीं हुए।

NDA का लक्ष्य सत्ता हासिल करना नहीं था। NDA किसी के विरोध में नहीं बना था। NDA किसी को सत्ता से हटाने के लिए नहीं बना था। इसका गठन देश में स्थिरता लाने के लिए हुआ था। जब देश में स्थिर सरकार होती है तो देश कालजयी फैसले करता है।

NDA की मीटिंग में पहुंचे नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फूलों का हार पहनाकर स्वागत किया

अटल, बादल और बाला साहेब को याद किया

प्रधानमंत्री ने अपने भाषण की शुरुआत में कहा- हमारे साथ आज बादल जी और बाला साहेब के सच्चे अनुयायी मौजूद हैं। इसके बाद उन्होंने कहा- हमने अटलजी के दौर में भी देखा और पिछले 9 सालों में बार-बार देख रहे हैं। आज पूरे विश्व का भारत पर भरोसा बढ़ा है।

हमने विरोध के लिए विदेशी मदद नहीं ली

कांग्रेस ने 90 के दशक में देश में अस्थिरता लाने के लिए गठबंधनों का इस्तेमाल किया, सरकारें बनाईं और सरकारें बिगाड़ीं। NDA की एक और विशेषता रही है, विपक्ष में भी हमने सकारात्मक राजनीति की कभी नकारात्मक राजनीति का रास्ता नहीं चुना। विपक्ष में रहकर सरकार का विरोध किया, उनके घोटालों को सामने लाए, लेकिन जनादेश का विरोध नहीं किया। हमने सरकार के विरोध के लिए विदेशी मदद नहीं ली।

केंद्र की योजनाओं का लाभ अपने राज्यों के गरीबों को नहीं देता विपक्ष

आज हम देखते हैं केंद्र की योजनाओं को विपक्ष की कई सरकारें अपने राज्यों में लागू नहीं होने देतीं। ये योजनाएं लागू होती हैं तो उन्हें रफ्तार नहीं पकड़ने देते। वो सोचते हैं कि अगर मोदी की योजना का लाभ गरीबों को मिला तो उनकी राजनीति कैसे चलेगी।

UPA सरकार पर भी व्यंग्य कसा

हमारी सरकार से पहले का गठबंधन बड़ी मुश्किल से 10 साल सरकार चला पाया, लेकिन देश को क्या मिला। पीएम पद के ऊपर एक शख्स, निर्णय लेने में अक्षमता… पिछली सरकार में क्रेडिट लेने के लिए सब आगे आते थे, लेकिन गलती होने पर दोष सहयोगियों पर डाल देते थे। उनके लिए गठबंधन मजबूरी थी, लेकिन हमारे लिए गठबंधन मजबूरी नहीं मजबूती का प्रतीक है।

हमारे साथ वे दल, जिनकी दिल्ली में सुनवाई नहीं होती थी


NDA में कोई दल छोटा या बड़ा नहीं है। हम सब एक लक्ष्य के लिए काम कर रहे हैं। NDA में जितने भी दल हैं वो ऐसे वर्गों के बीच काम करते हैं जो वंचित रहे हैं। हमारे पास दलित, वंचितों के साथ काम करने वाले नेता हैं। NDA में ऐसे दल हैं जिनकी पहले दिल्ली में सुनवाई नहीं होती थी।

हमने स्मारक नहीं सरोवर बनवाए

  • हमारे लिए बहुत आसान था कि आजादी के 75 साल पूरे होने पर हम कोई स्मारक बनवा देते, लेकिन हम देश के कोने-कोने में एक लाख अमृत सरोवर बना रहे हैं। हमारी स्पीड, उद्देश्य अभूतपूर्व है। हम मेक इन इंडिया पर भी बल दे रहे हैं और देश के पर्यावरण पर भी ध्यान दे रहे हैं।

प्रणब को भारत रत्न दिया

हमने प्रणब दा को भारत रत्न दिया, वे जीवन भर कांग्रेस में रहे, लेकिन उन्हें सम्मान देने में हमने संकोच नहीं किया। हमने शरद पवार, मुलायम सिंह जैसे कई नेताओं को पद्म सम्मान दिया है, वे कभी NDA में नहीं थे।

देश की अर्थव्यवस्था तीसरे नंबर पर होगी

2014 में देश की अर्थव्यवस्था 14 नंबर पर थी, आज 5वें नंबर पर है। तीसरी सरकार में तीसरे नंबर पर होगी। हमारे पास अगले 25 साल का नक्शा है।

मेरे शरीर का कण-कण देश को समर्पित

अपने संबोधन के आखिर में प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरे शरीर का हर कण, मेरे जीवन का हर क्षण देश को समर्पित है। भरोसा दिलाता हूं कि NDA के तीसरे टर्म में देश की इकोनॉमी दुनिया में तीसरे नंबर पर होगी।

NDA के 25 साल और केंद्र सरकार के 9 साल पूरे होने पर यह बैठक बुलाई गई।

NDA के 25 साल पूरे होने पर बुलाई थी बैठक

NDA के 25 साल और केंद्र सरकार के 9 साल पूरे होने पर यह बैठक बुलाई गई थी। इसमें 2024 लोकसभा चुनाव में एक बार फिर से NDA गठबंधन की सरकार बनाने की रणनीति पर चर्चा की गई। NDA का गठन मई 1998 में हुआ था, तब इसके संयोजक जॉर्ज फर्नांडिस थे।

महाराष्ट्र के CM एकनाथ शिंदे शिवसेना की ओर से और NCP के बागी गुट के नेता अजित पवार-प्रफुल्ल पटेल पहली बार बैठक में शामिल हुए। प्रफुल्ल पटेल पटना में हुई विपक्ष की पहली बैठक में भी शामिल हुए थे। शिंदे उद्वव ठाकरे से बगावत के बाद NDA में शामिल हुए हैं।

बैठक से पहले प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया पर लिखा- यह बेहद खुशी की बात है कि पूरे भारत से हमारे मूल्यवान NDA साझेदार आज दिल्ली में बैठक में भाग लेंगे। हमारा टाइम टेस्टेड गठबंधन है जो राष्ट्रीय प्रगति आगे बढ़ाने और क्षेत्रीय आकांक्षाएं पूरा करना चाहता है।

बैठक में पहुंचे चिराग पासवान ने मोदी के पैर छुए तो PM ने गले लगाया

बैठक में लोजपा (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान और राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष पशुपति नाथ पारस भी पहुंचे। बैठक से पहले चिराग पासवान ने पीएम मोदी के पैर छुए तो प्रधानमंत्री मोदी ने भी उनको गले लगाया।

वहीं, पशुपति नाथ पारस से प्रधानमंत्री ने हाथ मिलाया। बिहार से 4 पार्टियां NDA की बैठक में शामिल हुई हैं। NDA की बैठक से पहले चिराग पासवान ने कहा- उनकी पार्टी अब NDA का हिस्सा है। मैंने नीतीश के कारण NDA छोड़ा था।

NDA से कुछ बिछड़े कुछ जुड़े

बीते कुछ साल में भाजपा के कुछ पुराने सहयोगी दल NDA से अलग हुए हैं। इनमें बिहार से जनता दल (यूनाइटेड), महाराष्ट्र से उद्धव ठाकरे की शिवसेना और पंजाब से अकाली दल बादल शामिल हैं। हालांकि एकनाथ शिंदे की शिवसेना, अजित पवार की NCP, उत्तर प्रदेश में ओपी राजभर की सुभासपा, बिहार में जीतन राम मांझी की HAM और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी भाजपा के साथ आई है।

भाजपा ने बिहार से चार पार्टियां जोडी

भाजपा ने बिहार से 4 नेताओं चिराग पासवान, पशुपति पारस, मांझी और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टियां NDA में जोडी है। भाजपा चिराग पासवान से लोकसभा चुनाव में बिहार के 4.5% दुसाध और पासवानों को साधने की कोशिश करेगी। LJP में फूट के बाद उन्होंने LJP (R) बनाई है। बिहार विधानसभा चुनाव में वे भाजपा से अलग हो गए थे।

इसके अलावा BJP पूर्व CM जीतन राम मांझी से बिहार के महादलित वोट अपने साथ जोड़ने की कोशिश में है। वहीं उपेंद्र कुशवाहा से कुर्मी और कुशवाहा वोटों में भाजपा सेंध लगाना चाहती है। इसके अलावा विकासशील इंसान पार्टी VIP के प्रमुख मुकेश सहनी भी भाजपा के संपर्क में हैं। हालांकि आज की बैठक में वे नहीं आए।

चिराग बोले- हम NDA का हिस्सा

उधर NDA की बैठक से पहले लोजपा (रा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने औपचारिक घोषणा की कि लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) अब एनडीए का हिस्सा है। पटना में चिराग ने कहा- मैंने भाजपा नहीं, नीतीश के कारण NDA छोड़ा था। एक बार फिर NDA के साथ हैं। हमने कभी पार्टी के सिद्धांतों से समझौता नहीं किया। उन्होंने हाजीपुर सीट से चुनाव लड़ने की बात भी कही। बता दें कि इस सीट से उनके चाचा और केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस सांसद हैं। वो हाजीपुर सीट छोड़ने को तैयार नहीं हैं।

 

 

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