UKSSSC पेपर लीक में एक और अपर निजी सचिव बंदी,अब तक 16

UKSSSC STF Reaches One More Accused In Paper Leak Case
UKSSSC: पेपर लीक मामले में एक और अपर निजी सचिव पकड़ा, एसटीएफ अब तक 16 को कर चुकी गिरफ्तार

देहरादून 12 अगस्त।24 जुलाई को यूकेएसएसएससी में पेपर लीक मामले में एसटीएफ ने छह लोगों को गिरफ्तार किया था। इसके बाद मामले में एक के बाद एक 16 गिरफ्तारियां हुई। कुछ दिन पूर्व मुख्य आरोपित आउटसोर्स कंपनी आरएमएस सॉल्यूशन के डाटा एंट्री ऑपरेटर अभिषेक वर्मा को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया था। आज शुक्रवार को एक और गिरफ्तारी हुई।

यूकेएसएसएससी में पेपर लीक मामले में जैसे-जैसे कड़ी दर कड़ी से जुड़ती गई, वैसे ही गिरफ्तारियों का सिलसिला बढ़ता गया। मामले में शुक्रवार को एक और गिरफ्तारी की गई। अब तक एसटीएफ 16 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।

शुक्रवार को एसटीएफ ने सचिवालय में नियुक्त हाल अपर निजी सचिव, सूर्य प्रताप निवासी ग्राम निवाड़ मंडी जसपुर जनपद उधम सिंह नगर को गिरफ्तार किया। न्याय विभाग को पुख्ता साक्ष्य मिलने पर मामले में संलिप्त होने पर गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया।

कुछ दिन पूर्व मुख्य आरोपित आउटसोर्स कंपनी आरएमएस सॉल्यूशन के डाटा एंट्री ऑपरेटर अभिषेक वर्मा को भी एसटीएफ ने गिरफ्तार किया था। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) के पेपर लीक मामले में एसटीएफ लखनऊ के प्रिंटिंग प्रेस के डाटा एंट्री ऑपरेटर अभिषेक वर्मा को तीन दिन की रिमांड पर लेकर लखनऊ रवाना हुईथी। मामले मेें एसटीएफ अभिषेक से और अधिक जानकारी जुटाई।

24 जुलाई को यूकेएसएसएससी में पेपर लीक मामले में एसटीएफ ने छह लोगों को गिरफ्तार किया था। इसके बाद मामले में जैसे जैसे कड़ी दर कड़ी से जुड़ती गई, वैसे ही गिरफ्तारियों का सिलसिला बढ़ता गया। अब तक एसटीएफ 16 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। मुख्य आरोपी आउटसोर्स कंपनी आरएमएस सॉल्यूशन के डाटा एंट्री ऑपरेटर अभिषेक वर्मा को भी एसटीएफ ने गिरफ्तार किया था।

वर्मा की जिम्मेदारी पेपर छपने के बाद सील करने की थी, लेकिन उसने तीनों पालियों के एक-एक सेट को टेलीग्राम एप से अपने साथियों को भेज दिया था। इस काम के उसे 36 लाख रुपये मिले थे। गिरफ्तार अभिषेक वर्मा की एसटीएफ ने न्यायिक रिमांड मांगी थी, जिसको स्वीकार करते हुए तीन दिन की न्यायिक रिमांड मिली थी।

 

Uksssc Paper Leak Case Gang War In Online-Offline Copying Mafia
UKSSSC: ऑनलाइन-ऑफलाइन नकल माफिया में गैंगवार, आयोग के पूर्व अध्यक्ष का चौंकाने वाला खुलासा, नहीं कर पाए ये काम

आयोग के चेयरमैन एस राजू ने पेपर लीक मामले में धांधली को लेकर नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे दिया था। वे 2016 से चेयरमैन के पद पर तैनात थे। सितंबर में उनका कार्यकाल समाप्त होने वाला था। अब उन्होंने कुछ चौंकाने वाले खुलासे किए हैं।
यूकेएसएसएससी के चेयरमैन एस राजू ने दिया इस्तीफा

अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षाओं पर ऑनलाइन और ऑफलाइन परीक्षाओं के अलग-अलग गैंग हैं, जिनमें बड़ा गैंगवार है। आयोग के पूर्व अध्यक्ष एस राजू ने अमर उजाला से बातचीत में यह बात स्वीकारी। उन्होंने कहा कि इस वजह से चाहकर भी वह आठ से अधिक ऑनलाइन परीक्षाएं नहीं करा पाए।

 

आयोग के अध्यक्ष रहे एस राजू ने कहा कि आयोग की परीक्षाओं में बड़े पैमाने पर नकल माफिया सक्रिय हैं। इनमें कई सफेदपोश से लेकर कोचिंग संस्थानों के मालिक भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि ऑफलाइन परीक्षाओं का अलग और ऑनलाइन परीक्षाओं का अलग गैंग है। इनके बीच गैंगवार है। उन्होंने पेपर लीक जैसी घटनों से सुरक्षा के तौर पर ऑनलाइन मोड में परीक्षाएं शुरू कीं।

वन दरोगा, सहायक कृषि अधिकारी, पशुधन प्रसार अधिकारी, सहायक लेखाकार, जेई, वैयक्तिक सहायक जैसी आठ परीक्षाएं ऑनलाइन भी कराईं, लेकिन ऑफलाइन परीक्षाओं के माफिया इन परीक्षाओं के विरोध में दुष्प्रचार पर उतर आए। दबाव में आकर उन्होंने आगे की ऑनलाइन परीक्षाओं का फैसला रोक लिया। इसी प्रकार, जब भी कोई ऑफलाइन परीक्षा कराई जाती है तो ऑनलाइन नकल माफिया इस परीक्षा के दुष्प्रचार में जुट जाते हैं ताकि आयोग दबाव में आकर ऑनलाइन परीक्षाएं कराए।

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कोचिंग सेंटरों की भूमिका संदेह के घेरे में
आयोग के अध्यक्ष रहे एस राजू का कहना है कि कोचिंग संस्थानों की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। कई परीक्षाओं में समय-समय पर कोचिंग सेंटर संचालकों की मिली भगत सामने भी आ चुकी है।

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