UKSSDCपेपर लीक में अपर निजी सचिव समेत 15 बंदी,नकल कर 50 हो गये पास

ACTION WILL BE TAKEN AGAINST THE MAIN ACCUSED IN UKSSSC PAPER LEAK CASE UNDER GANGSTER ACT

UKSSSC पेपर लीक मामले में होगी गैंगस्टर एक्ट में कार्रवाई, रडार पर मास्टरमाइंड सहित 50 अन्य लोग

UKSSSC Paper Leak Case: 50 अभ्यर्थियों ने नकल करके पास की परीक्षा, अब तक हो चुकी 15 आरोपितों की गिरफ्तारी
UKSSSC Paper Leak Case पुलिस मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अशोक कुमार ने कहा कि पेपर लीक मामले में 50 अभ्यर्थियों ने नकल करके परीक्षा पास की। अब तक 15 आरोपितों को एसटीएफ गिरफ्तार कर चुकी है।

UKSSSC Paper Leak Case: पुलिस मुख्यालय में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अशोक कुमार ने पत्रकार वार्ता की।

देहरादून : UKSSSC Paper Leak Case उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) की स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा में 50 अभ्यर्थी नकल करके पास हुए थे। इसके अलावा भी 100 से अधिक लोग पुलिस के रडार पर हैं। इनके भी पेपर लीक प्रकरण में संलिप्त होने की आशंका जताई जा रही है। इनके विरुद्ध जल्द मुकदमा दर्ज किया जा सकता है।

दूसरी तरफ, इस मामले में गिरफ्तार पांच सरकारी कार्मिकों के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा चलेगा। साथ ही पद का दुरुपयोग करने की बात सिद्ध होने पर इन कार्मिकों की संपत्ति कुर्क की जाएगी। वहीं, इस प्रकरण में संलिप्त बताए जा रहे बैंकाक गए उत्तरकाशी के जिला पंचायत सदस्य अब तक दून नहीं लौटे हैं। पुलिस को उनके वापस आने का बेसब्री से इंतजार है।

 

पुलिस मुख्यालय में डीजीपी ने की प्रेस कान्‍फ्रेंस

गुरुवार को पुलिस मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अशोक कुमार ने कहा कि पेपर लीक मामले (UKSSSC Paper Leak Case) में अब तक 15 आरोपितों को उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) गिरफ्तार कर चुकी है। इनमें पांच सरकारी कर्मचारी भी शामिल हैं। आरोपितों पर गैंगस्टर भी लगाई जाएगी।

वहीं, 100 से अधिक लोग पुलिस के रडार पर हैं। इनके पेपर लीक करने या पेपर की खरीद करने में संलिप्त होने की आशंका है। डीजीपी ने कहा कि एसटीएफ की ओर से 20 दिन में की गई जांच में ये तथ्य सामने आए हैं।
जांच आगे बढ़ने पर नकल कर परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थियों की संख्या में और बढ़ोतरी होने की संभावना है। दूसरी तरफ, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गंभीरता से मामले की जांच करने के आदेश दिए हैं।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के नौजवानों के साथ खिलवाड़ करने वालों को किसी भी मूल्य पर बख्शा नहीं जाएगा। इस मामले में जिसकी भी सहभागिता सामने आएगी, उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

बैंकाक गए जिला पंचायत सदस्य अब तक नहीं लौटे

बैंकाक गए उत्तरकाशी जनपद के जिला पंचायत सदस्य ने वायरल वीडियो में 10 अगस्त को वापस लौटने और पुलिस महानिदेशक व एसटीएफ (Uttarakhand STF) के समक्ष पेश होने की बात कही थी, लेकिन अभी तक वह उत्तराखंड नहीं पहुंचे हैं।

सूत्रों की मानें तो पुलिस ने जिला पंचायत सदस्य व उत्तरकाशी की एक महिला जनप्रतिनिधि के विरुद्ध पूरे साक्ष्य जुटा लिए हैं। दोनों की भूमिका इस प्रकरण में सामने आ रही है।
डीजीपी ने कहा कि बैंकाक गए जिला पंचायत सदस्य पुलिस के रडार पर हैं।

आयोग का वर्ष 2016 का पत्र हुआ वायरल

स्नातक स्तरीय परीक्षा का पेपर लीक (UKSSSC Paper Leak Case) होने की घटना के बीच इंटरनेट मीडिया पर आयोग का वर्ष 2016 का एक पत्र वायरल हो रहा है, जोकि आयोग के पूर्व अध्यक्ष रघुवीर सिंह रावत की ओर से शासन को भेजा गया है।

इसमें जिक्र किया गया है कि आयोग में एक सदस्य व अनुसचिव तैनात हैं, जिनके पांच रिश्तेदारों ने पेपर दिए थे।
जब वह पेपर में सफल नहीं हो सके तो परीक्षा रद करवाने को पूरी ताकत लगा दी, ताकि उनके परिचितों को दोबारा मौका मिल सके।
इससे अंदेशा है कि आयोग के अंदर बैठे कुछ कार्मिक शुरुआत से ही षड्यंत्र रचने में जुटे थे।
उत्तरकाशी की महिला क्षेत्र पंचायत सदस्य का नाम भी आया सामने, परीक्षा में हुआ है चयन

टीम को मिलेगा मुख्यमंत्री उत्कृष्ट सेवा पदक

डीजीपी अशोक कुमार (DGP Ashok Kumar) ने बताया कि पेपर लीक प्रकरण का पर्दाफाश करने वाली एसटीएफ की टीम को 15 अगस्त को मुख्यमंत्री उत्कृष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने जनता से भी अपील की है कि यदि इस मामले में उनके पास कोई सूचना है तो उसे एसटीएफ या पुलिस मुख्यालय में आकर साझा कर सकते हैं।

सचिवालय कर्मी समेत दो और आरोपित हुए गिरफ्तार, कुछ अन्य कर्मी भी रडार पर

उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग पेपर लीक मामले में मुख्य दोषियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट में कार्रवाई करते हुए संपत्ति जब्त की जाएगी. एसटीएफ के रडार में इस पूरे गोरखधंधे के मास्टरमाइंड हैं. पेपर लीक मामले की अभी तक कि इन्वेस्टिगेशन में 50 अभ्यर्थी ऐसे पाए गए हैं, जो पेपर लीक के जरिए परीक्षा परिणाम में चयनित हुए हैं.

उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग पेपर लीक मामले (UKSSSC paper leak case) में अब मुख्य अभियुक्तों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट (Gangster Act against the accused) लगाकर संपत्ति जब्ती होगी. डीजीपी अशोक कुमार (DGP Ashok Kumar) ने कहा कि किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह कितने ही बड़े पद पर क्यों ना हो. एसटीएफ के रडार में इस पूरे गोरखधंधे के मास्टरमाइंड है. जल्दी ही कई गिरफ्तारियां हो सकती है.
पेपर लीक जांच की आंच सचिवालय पर पहुंचने के बाद अपर सचिव की गिरफ्तारी (Additional secretary arrested) के बाद डीजीपी अशोक कुमार ने कहा मामले में अभी तक 5 सरकारी कर्मचारी सहित इस 15 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं. पेपर लीक मामले में जो भी सरकारी कर्मचारी गिरफ्तार हो रहे हैं, उनके खिलाफ विभागीय नियमानुसार अलग से धाराएं भी बढ़ाई जाएंगी.

UKSSSC पेपर लीक मामले में होगी गैंगस्टर एक्ट में कार्रवाई.

 

DGP अशोक कुमार ने बताया कि पेपर लीक मामले की अभी तक कि इन्वेस्टिगेशन में 50 अभ्यर्थी पेपर लीक से परीक्षा परिणाम में चयनित हुए हैं. इतना ही नहीं कई अन्य व्यक्ति भी संदिग्ध पाए गए हैं, जिनका सत्यापन और जांच हो रही है.
DGP अशोक कुमार ने कहा कि पेपर लीक मामले में एसटीएफ टीम की अब तक की जांच पड़ताल कार्रवाई आउटस्टैंडिंग है. ऐसे में एसटीएफ टीम को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर विशेष कार्य पदक की संस्तुति मुख्यमंत्री के समक्ष गई है. हालांकि, अभी इस केस की जांच विवेचना लगातार जारी है.यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि एसटीएफ इस मामले में निष्पक्ष और पारदर्शिता से जांच कर सख्त कार्रवाई कर रही है. अभी जांच और विवेचना जारी है. इस गोरखधंधे में शामिल लोगों के खिलाफ सबूतों के आधार पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

Uksssc Paper Leak: अपर निजी सचिव और नकलची चचेरा भाई गिरफ्तार, दो लोगों से लिए थे 30 लाख

आरोप है कि अपर निजी सचिव ने अपने घर परीक्षा के पेपर खरीदने की डील कराई थी। पहले पूछताछ में उसने सारी बात छुपाई। अब लंबी पूछताछ और अभ्यर्थियों के बयान के आधार पर उसकी संलिप्तता की पुष्टि हो गई है।

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएस एससी) के पेपर लीक मामले में एसटीएफ ने सचिवालय के अपर निजी सचिव और उसके नकलची भाई गिरफ्तार किया। चचेरे भाई ने परीक्षा में नकल कर 163वीं रैंक हासिल की थी।

एसटीएफ इस मामले में अब तक 15 गिरफ्तारियां कर चुकी है। मंगलवार सुबह जसपुर के कासमपुर गांव निवासी अभ्यर्थी तुषार चौहान को गिरफ्तार किया गया । एसटीएफ के एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि इस परीक्षा में तुषार की 163वीं रैंक आई थी। पहले गिरफ्तार हुए कोर्ट के कर्मचारी और अन्य आरोपितों ने तुषार के बारे में बताया था।  उसने रामनगर के गेस्ट हाउस में पेपर हल किया था। इसके बाद उसने कई अभ्यर्थियों को यह पेपर दिया था। इसमें उसने भी लाखों रुपये लिए। आरोपित को न्यायालय के आदेश पर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया है।

पूछताछ में तुषार ने सचिवालय में तैनात अपने भाई गौरव चौहान का नाम भी लिया था। गौरव लोक निर्माण एवं वन विभाग में अपर निजी सचिव है। गौरव चौहान को भी एसटीएफ ऑफिस पूछताछ को बुलाया था। गौरव ने अपने घर दो अभ्यर्थियों से 15-15 लाख रुपये में सौदा किया था। रिजल्ट आया तो इसमें से 24 लाख रुपये लिए भी। पूछताछ में पहले तो गौरव इससे इनकार करने लगा, लेकिन सीसीटीवी फुटेज और अन्य साक्ष्यों से गौरव के घर में अभ्यर्थियों के आने का पता चला। लंबी पूछताछ के बाद गौरव चौहान को गिरफ्तार कर लिया गया। एसएसपी ने बताया कि आरोपित को आज न्यायालय में पेश किया गया। पूछताछ में कई और लोगों के नाम भी सामने आए हैं। इन्हें भी जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।

कई अभ्यर्थी स्वीकार कर रहे अपनी गलती

एसएसपी ने बताया कि अभ्यर्थियों से अपनी गलती स्वीकार करने की अपील की गई थी। तब से लगातार कुछ अभ्यर्थी आकर अपने बयान दर्ज करा रहे हैं। जो अभ्यर्थी सही बात बता रहे हैं, उनसे शपथपत्र लिए जा रहे हैं। इसके अलावा जो लोग जानबूझकर गलती कर रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। इन्हीं में से एक तुषार चौहान गिरफ्तार कर लिया गया है।

ये है पूरा मामला

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने स्नातक स्तरीय परीक्षा गत वर्ष दिसंबर में कराई थी। इसके बाद से ही लगातार इसमें धांधली की बात सामने आ रही थी। बीती 22 जुलाई को मुख्यमंत्री के निर्देश पर रायपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया। तब इसकी जांच एसटीएफ को सौंपी गई। इसके बाद से ही एसटीएफ कड़ियां जोड़कर पूरे मामले की जांच में जुटी है।

टेलीग्राम एप पर किया था पेपर लीक

परीक्षा का पेपर लीक करने वाले को भी एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया है। यह भी आयोग की आउटसोर्स कंपनी आरएमएस सॉल्यूशन कर्मचारी था। इसकी जिम्मेदारी पेपर छपने पर सील करने की थी, लेकिन इसने तीनों पालियों का एक-एक सेट टेलीग्राम एप से अपने साथियों को भेज दिया। इस काम के लिए उसे 36 लाख रुपये मिले थे।

बिल्ली को दी गई थी दूध की रखवाली, ऐसे हुआ Paper Leak का खुलासा

उत्तराखंड में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के साल 2021 के हुए पेपर लीक (Paper Leak) मामले में एसटीएफ (STF) ने बड़ा खुलासा किया है. इस मामले के तार उत्तर प्रदेश के लखनऊ से भी जुड़े हुए हैं. मुकदमें में विवेचना की जिम्मेदारी एसटीएफ को सौंपी गई थी. गिरफ्तार अभियुक्तों ने पूछताछ में जानकारी दी.

उत्तराखंड में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के साल 2021 के हुए पेपर लीक (Paper Leak) मामले में एसटीएफ (STF) ने बड़ा खुलासा किया है. मामले के तार उत्तर प्रदेश के लखनऊ से भी जुड़े मिले. दरअसल, दिसम्बर 2021 में आयोजित स्नातक स्तर की परीक्षा में पेपर लीक मामले में देहरादून के रायपुर थाना में मुकदमा पंजीकृत हुआ था.

पूछताछ के दौरान लखनऊ कनेक्शन आया सामने

मुकदमें में विवेचना की जिम्मेदारी एसटीएफ को सौंपी गई थी. गिरफ्तार अभियुक्तों ने पूछताछ के दौरान जानकारी दी. उसने बताया कि अधीनस्थ सेवा चयन आयोग उत्तराखण्ड की परीक्षा के गोपनीय कार्य को लखनऊ की एक कंपनी को हायर किया गया था. इस कंपनी का नाम आरएमएस टेक्नो सोल्यूशन था. जिसे यह कांट्रेक्ट दिया गया था. पूछताछ में यह भी पता चला कि कम्पनी के कुछ कर्मचारी पेपर लीक मामले में संलिप्त हैं.

पेपर लीक के पैसे से आई बंगला, मोटर, कार

आपको बता दें कि उत्तराखंड एसटीएफ की टीम को पेपर लीक मामले की जांच के लिए लखनऊ भेजा गया था. जांच के दौरान पता चला कि आरएमएस टेक्नो सोल्यूशन कम्पनी में कर्मचारी अभिषेक वर्मा पानी की तरह पैसे बहा रहे हैं. बता दें कि कर्मचारी पिछले कुछ महीनों से सीतापुर स्थित अपने गांव में नए मकान का निर्माण करा रहे हैं. वहीं, लखनऊ के मकान पर तेजी से रेनोवेशन का काम चल रहा था. सिर्फ इतना ही नहीं साहब ने नई स्विफ्ट डिजायर कार की खरीद ली. जिसके बाद ये कर्मचारी एसटीएफ के रडार पर आ गया.

आपको बता दें कि अभिषेक वर्मा को कम्पनी से मात्र 21,000 रुपए की सैलरी मिलती थी. लेकिन उसने कम समय में ही खूब पैसे कमाए. एसटीएफ को आय से अधिक खर्चा करना संदिग्ध प्रतीत हुआ. तभी जांच टीम के हाथ यह जानकारी भी लगी कि अभिषेक किसी जरूरी काम से देहरादून आया है. जानकारी मिलते ही देहरादून में एसटीएफ की टीम सक्रिय हुई. टीम ने पूछताछ के लिए अभिषेक को एसटीएफ कार्यालय बुलाया.

 

उत्तराखंड एसटीएफ जुटा रही डिजिटल साक्ष्य

आपको बता दें कि एसटीएफ द्वारा कड़ाई से पूछताछ के बाद अभिषेक ने पेपर लीक का राज उगला. उसने बताया कि, वह आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशन कंपनी में पेपर सेट बनाकर उसे सील करने का काम करता था. पेपर सील करने के दौरान उसने उक्त परीक्षा के तीनों पालियों के पेपरों की एक एक प्रतियां निकाल ली. स्कैन कर उसने मोबाईल एप्प टेलीग्राम से संबंधित को भेजा दिया. फिलहाल, एसटीएफ डिजिटल साक्ष्य जुटा रही है.

इन लोगों के खातों में भेजे पैसे

एसडीओ की पूछताछ में अभिषेक ने बताया इस काम के लिए उसे 36 लाख रुपए मिले थे. इस रकम से उसने 9,50,000 लाख से अपने गांव में 2 कमरे बनवाए, 9,00,000 लाख में डिजायर टॉप मॉडल गाड़ी खरीदी, मां के बैंक एकाउंट में भी 3,00,000 रूपये, 1,50,000 रूपये भाई के खाते में, 2,00,000 अपने पिता के एकाउंट में भेजा. वहीं, बचे हुए कुछ रूपये उसने अपनी पत्नी और परिचितों के खातों में डाले हैं. एसटीएफ की मानें तो इस सम्बन्ध में जांच की जा रही है, जिसके बाद कार्रवाई की जाएगी.

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