820 करोड़ के बैंक घोटाले में सीबीआई के 67 छापे, तत्काल भुगतान प्रणाली से ठगा गया यूको बैंक

Cbi Raid For Two Days To Solving Mystery Of Uco Bank 820 Crore Scam
820 करोड़ का घोटाला, दो दिन तक छापेमारी, यूको बैंक घोटाले की गुत्थी सुलझाने में जुटी CBI
यूको बैंक में तत्काल भुगतान प्रणाली से संबंधित 820 करोड़ रुपये के घोटाले के सिलसिले में सीबीआई सात शहरों में तलाशी ले रही है। बुधवार से शुरू हुई सीबीआई की तलाशी आज तक जारी रही। छापेमारी के दौरान सीबीआई ने इन ठिकानों से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस जब्त किए हैं…

नई दिल्ली 08 मार्च 2024 : केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने यूको बैंक में तत्काल भुगतान प्रणाली (आईएमपीएस) से संबंधित 820 करोड़ रुपये के घोटाले के सिलसिले में राजस्थान और महाराष्ट्र के सात शहरों में 67 स्थानों पर तलाशी ली है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। बुधवार को शुरू होकर बृहस्पतिवार तक जारी तलाशी यूको बैंक में हुए बड़े घोटाले से संबंधित है,जो पिछले साल 10 नवंबर से 13 नवंबर के बीच हुए थे। इसमें 35 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 2,874 शाखाओं में 41,296 खातों में 8,53,049 लेन-देन के माध्यम से घोटाला हुआ।
820 करोड़ की गुत्थी सुलझाने में जुटी सीबीआई

सीबीआई प्रवक्ता ने कहा कि सात निजी बैंकों के लगभग 14,600 खाताधारकों से शुरू किए गए आईएमपीएस आवक लेन-देन को यूको बैंक के 41,000 से अधिक खाताधारकों के खातों में गलत तरीके से पोस्ट किया गया था। इसके परिणामस्वरूप 820 करोड़ रुपये मूल बैंकों से वास्तविक डेबिट किए बिना यूको बैंक खातों में जमा किए गए थे। लेन-देन आईडीएफसी फर्स्ट बैंक,जना स्मॉल फाइनेंस बैंक,सूर्योदय स्मॉल फाइनेंस बैंक,फिनकेयर स्मॉल फाइनेंस बैंक,कैपिटल स्मॉल फाइनेंस बैंक,उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक और ईएसएएफ स्मॉल फाइनेंस बैंक से शुरू किए गए थे। प्राथमिकी यूको बैंक की शिकायत के आधार पर लिखी गई।

सीबीआई ने मंगलुरु स्थित एलकोड टेक्नोलॉजीज के सपोर्ट इंजीनियर अभिषेक श्रीवास्तव और सुप्रिया मलिक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। प्राथमिकी में कहा गया है कि कंपनी को आईएमपीएस चैनल सहित बैंक के लिए मोबाइल बैंकिंग एप्लिकेशन विकसित करने और बनाए रखने के लिए काम पर रखा गया था। प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि घटना के दौरान दोनों मौजूद थे और लॉग रिपोर्ट से संकेत मिलता है कि दोनों में से किसी ने आठ नवंबर को शाम 7 बजे बैंक से मंजूरी के बिना आईएमपीएस लेन-देन का पोर्ट नंबर बदल दिया।
FIR में क्या लगाया गया आरोप
प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि सिस्टम में किए गए कथित बदलावों से कोर बैंकिंग सॉफ्टवेयर ने लाभार्थी के खाते में पैसा जमा कर दिया,लेकिन नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) के माध्यम से प्रेषक बैंक को लेन-देन असफल होने का संदेश भेजा। प्राथमिकी में कहा गया है कि इसके कारण,राशि दोनों बैंकों यानी यूको और मूल बैंक ग्राहकों के खातों में जमा हो गई। बैंक ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि कई खाताधारकों ने दूसरों के साथ सहयोग किया और मिलीभगत कर यह अवैध लेन-देन संपन्न किया।

पिछले साल भी ली गई थी तलाशी
अधिकारियों ने कहा कि बुधवार को राजस्थान और महाराष्ट्र में तलाशी उन लोगों पर केंद्रित थी,जिन्होंने पैसे प्राप्त किए और बैंक को वापस करने के बजाय इसे निकाल लिया। यह तलाशी का दूसरा दौर है। राजस्थान में,232 शाखाओं में 7,71,752 लेनदेन के माध्यम से 766 करोड़ रुपये से अधिक की राशि शामिल थी। महाराष्ट्र में 11 करोड़ रुपये संदिग्ध लेन-देन के घेरे में आए। बैंक ने कहा कि बैंक ने 664 करोड़ रुपये की वसूली कर ली है, लेकिन 156 करोड़ रुपये की वसूली अभी बाकी है। प्रवक्ता ने कहा कि इससे पहले दिसंबर 2023 में कोलकाता और मंगलुरु में निजी व्यक्तियों और यूको बैंक के अधिकारियों से जुड़े 13 स्थानों पर तलाशी हुई थी।

जोधपुर,जयपुर,जालौर,नागौर,बाड़मेर,फलोदी (राजस्थान) और पुणे (महाराष्ट्र) सहित कई शहरों में कार्रवाई में 40 टीम में राजस्थान पुलिस के 120 पुलिसकर्मी समेत सहित 330 से अधिक पुलिसकर्मी और 80 स्वतंत्र गवाह शामिल थे। इन अभियानों में यूको बैंक और आईडीएफसी से संबंधित लगभग 130 आपत्तिजनक दस्तावेज के साथ-साथ 43 डिजिटल डिवाइस (40 मोबाइल फोन,दो हार्ड डिस्क और एक इंटरनेट डोंगल सहित) को फॉरेंसिक विश्लेषण को जब्त कर लिया गया। इसके अतिरिक्त 30 संदिग्धों से भी पूछताछ हुई।

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