कांग्रेस के इंदौर प्रत्याशी अक्षय कांति बम नाम वापस ले भाजपा में

Who Is Akshay Kanti Bam Gave Biggest Shock To Congress In Indore Lok Sabha Seat Wears Clock Worth 14 Lakhs
कौन हैं अक्षय कांति बम? जिन्होंने लोकसभा चुनाव में दिया कांग्रेस को सबसे बड़ा झटका, 14 लाख की पहनते हैं घड़ी अक्षय कांति बम ने नाम वापसी के दिन अपना नाम वापस ले कर भाजपा की सदस्यता ले ली है। अक्षय कांति बम को कांग्रेस ने इंदौर लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया था। अब कांग्रेस के पास किसी निर्दलीय प्रत्याशी को समर्थन देने के अतिरिक्त और कोई रास्ता नहीं है। अक्षय कांति बम ने चुनाव आयोग को दिया अपने शपथपत्र में अपनी संपत्ति करीब 57 करोड़ रुपए बताई थी। अक्षय कांति बम पहली बार कोई चुनाव लड़ रहे थे।

मुख्य बिंदु 

इंदौर में कांग्रेस को लगा बड़ा झटका
अक्षय कांति बम भाजपा में शामिल
कांग्रेस ने इंदौर से दिया था टिकट
शिक्षा कारोबारी हैं अक्षय कांति बम

इंदौर 29 अप्रैल 2024: लोकसभा चुनाव में दो फेज की वोटिंग के बाद कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। इंदौर लोकसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार अक्षय कांति बम ने अपना नामांकन वापस ले लिया है। अक्षय कांति बम को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी का करीबी माना जाता था, लेकिन नाम वापसी के दिन वह भाजपा विधायक रमेश मेंदोला के साथ जिला निर्वाचन आयोग पहुंचे और अपना नामांकन वापस ले लिया। आइए जानते हैं कांग्रेस को राजनीतिक झटका देने वाले अक्षय कांति बम कौन हैं।

कौन हैं अक्षय कांति बम?
अक्षय कांति बम शिक्षा व्यवसायी हैं और उनका परिवार इंदौर में कई महाविद्यालयों का संचालन करता है।  अक्षय कांति बम इंदौर में दो लाख मतदाता शक्ति वाले जैन समुदाय से  हैं। नामांकन के दौरान अक्षय कांति बम ने 57 करोड़ रुपए की चल और अचल संपत्ति की घोषणा की थी। नामांकन के समय सबसे ज्यादा चर्चा उनकी घड़ी की थी। वह करीब 14 लाख रुपए की रोलेक्स घड़ी पहनते हैं। शं

जैन समुदाय के 2 लाख वोटर्स साधने को कांग्रेस ने अक्षय कांति बम को टिकट दिया था। अक्षय कांति बम ने 2023 के विधानसभा चुनावों में इंदौर-4 सीट से टिकट की डिमांड की थी लेकिन उस समय उन्हें टिकट नहीं मिला था। जीतू पटवारी के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद उनको टिकट मिला था।

शंकर लालवानी से था मुकाबला
इंदौर सीट पर भाजपा और कांग्रेस में हमेशा टक्कर रही है। यह सीट भाजपा की सुरक्षित सीटों में से एक है। 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले यहां सुमित्रा महाजन का दबदबा था। सुमित्रा महाजन लगातार 8 बार इंदौर लोकसभा सीट से सांसद रही हैं। उसके बाद 2019 में यहां से शंकर लालवानी को टिकट मिला था। शंकर लालवानी ने रिकॉर्ड जीत दर्ज की थी।

कैलाश विजयवर्गीय ने बनाई रणनीति
अक्षय कांति बम के भाजपा में शामिल होने की रणनीति मध्य प्रदेश सरकार के सीनियर मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बनाई। कैलाश विजयवर्गीय का इंदौर लोकसभा सीट पर अच्छा खासा प्रभाव है।

हम यहां अकेले खड़े हैं दमदारी से, वो निकल गया, हम बताते उसको…’बम’ के भागने के बाद फोन पर कांग्रेस नेता ने हड़काई लीडरशिप
कांग्रेस के लोकसभा उम्मीदवार के इंदौर सीट से नामांकन वापस लेने के फैसले के बाद राजनीतिक गलियारों में कई चर्चाएं चल रही हैं। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें इंदौर कांग्रेस के कार्यवाहक जिलाध्यक्ष देवेंद्र यादव को फोन पर किसी से पूछ रहे हैं कि पैसे देख के टिकट क्यों देते हो?

लोकसभा चुनाव के बीच अपने उम्मीदवार के नामांकन वापस लेने के बाद कांग्रेस असहज हो गई है। कोई कुछ भी बोलने के लिए तैयार नहीं है। उधर राजनीतिक गलियारों में कई तरह की चर्चाएं चल रही हैं। इसी बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया है। इस वीडियो में इंदौर कांग्रेस के कार्यवाहक जिलाध्यक्ष देवेंद्र यादव फोन पर किसी से बात करते दिख रहे हैं।

यह वीडियो इंदौर कलेक्ट्रेट का बताया जा रहा है। कलेक्ट्रेट के बाहर खड़े देवेंद्र यादव फोन पर किसी से बात करते हुए अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं। कॉल की शुरुआत में वह कहते हैं कि मैं शुरू से बोल रहा था, ये नाम वापस ले लेगा। मैंने टिकट ताकत से मांगा था कि इससे अच्छा चुनाव लडूंगा, मगर पैसे को देखते हुए हमारे कांग्रेस के नेताओं ने उसे टिकट दिया।

वह कॉल पर कहते हैं कि क्यों दिया उसको टिकट? क्या किया उसने? क्या योगदान था उसका कांग्रेस पार्टी में? कौन सा संघर्ष किया उसने। इसके बाद वह कहते हैं कि हम आज भी पूरी दमदारी के साथ खड़े हैं यहां, मगर वो निकल गया। हम बताते हैं फिर उसको। हालांकि उनके इस दावे पर सवाल उठना ही उठना है।

बातचीत सुनकर यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि वह फोन पर किसी बड़े कांग्रेस नेता से ही बात कर रहे हैं।

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