दुर्घटनाओं का कारण बनते जुगाड तिपहिये, सरकार और अदालतें बता चुकी गैरकानूनी

बस अब नहीं चलेगा कोई ‘जुगाड़’, अदालत ने दिए सख्ती बरतने के आदेश

मोटर साइकिल से बनाई जुगाड़ में ड्रम लादकर ले जाता युवक। –
नई दिल्ली 07 मार्च । हमारे देश में ‘जुगाड़’ शब्द बेहद प्रचलित है। कुछ ही खऱाब हो जाए, तो सबसे पहले ‘जुगाड़’ ही ढूंढते हैं। लेकिन इसके अलावा हमारे देश में एक ‘जुगाड़’ और भी है, जो हादसों का सबब बनता है। देश की सड़कों पर दौड़ते तिपहिया ‘जुगाड़’ वाहन, जिन्हें अलग-अलग वाहनों के कलपुर्जे जोड़ कर बनाया जाता है। दिल्ली हाईकोर्ट ने इन्ही ‘जुगाड़’ पर चिंता जाहिर करते हुए, सख्ती बरतने का आदेश दिया है। 

हाइब्रिड रिक्शा पर हो कार्रवाई

कुछ लोग इन्हें हाइब्रिड रिक्शा भी बोलते हैं, जो सामान के साथ सवारियां ढोने का भी काम करते हैं। ग्रामीण इलाकों में तो इनकी भरमार है। दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली बेंच ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को आदेश दिया है कि इनके खिलाफ जरूरी कार्रवाई की जाए। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति सी हरि शंकर की बेंच ने एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान ये आदेश जारी किया।

नहीं है रजिस्ट्रेशन और इंश्योरेंस

याचिका में आरोप लगाया है कि जोड़तोड़ करके बनाए गए ये हाइब्रिड वाहन बिना रजिस्ट्रेशन और इंश्योरेंस के सड़कों पर दौड़ रहे हैं। यहां तक कि इन्हें चलाने वालों के पास ड्राइविंग लाइसेंस तक नहीं है। इस आदेश के साथ ही दिल्ली निवासी शिव कुमार की याचिका का निपटारा किया,  जिसमें याचिकाकर्ता ने दावा किया कि ‘जुगाड़’ को मोटर यान अधिनियम के दायरे में लाया जा चुका है, लेकिन उनके रेगुलेट करने के लिये कोई दिशानिर्देश जारी नहीं हुए हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने मई 2013 में दिया था आदेश

याचिकाकर्ता के वकील राजदीपा बेहुरा ने बेंच से कहा कि या तो इन पर पाबंदी लगाए जाए, अथवा ई-रिक्शा की तरह इन्हें रेगुलेट करने के लिए गाइडलाइंस जारी की जाएं। केंद्र सरकार के वकील रवि प्रकाश और परिवहन मंत्रालय की तरफ से पेश फरमान अली मागरे ने अदालत को बताया कि वह सुप्रीम कोर्ट के मई 2013 में जारी आदेश की अनुपालना कर रहा है, जिसमें अदालत ने यह सुनिश्चित करने को कहा था कि ‘जुगाड़’ को मोटर व्हीकल एक्ट की जरूरतों को पालन किये बिना चलाने की अनुमति नहीं दी जाए।

राज्यों को भेजा सर्कुलर

दोनों वकीलों ने उच्च न्यायालय को बताया कि मंत्रालय ने पहले ही सभी राज्यों सरकारों को सर्कुलर जारी करके इन ‘जुगाड़’ के खिलाफ मोटर व्हीकल एक्ट के अनुसार कार्रवाई करने को कहा है। शिव कुमार ने अपनी याचिका में कहा था कि दूसरे वाहनों के कलपुर्जे जोड़ कर, जिसमें मोटर साइकिल के टायर, बजाज स्कूटर के इंजन और हैंडल को रिक्शा की बॉडी में फिट किया जाता है, जिसके बाद उन पर भीड़भाड़ वाले इलाकों में सामान ढोया जाता है।     

शहर की सड़कों पर बेरोकटोक दोड़ रहे जुगाड़


शामली में जुगाड वाहन से सरिये लेकर जाता युवक

शहर की सड़कों पर बेरोकटोक दौड़ रहे जुगाड़

शामली शहर की सड़कों पर जुगाड़ खूब नजर आ रहे हैं । पुराने इंजन वाहनों से तैयार ये जुगाड़ प्रदूषण तो फैैलाते ही हैं साथ ही हादसों को भी दावत देते हैं। शहर के फव्वारा चौक से विजय चौक की तरफ एक सरियों ने भरा जुगाड़ जा रहा था। हैरानी की बात है कि कुछ ही दूरी पर पुलिस कर्मी और यातायात पुलिस कर्मी भी रहते हैं, लेकिन इनका भी कोई डर नहीं था। इसी तरह दिल्ली रोड पर जा रहे एक जुगाड़ में लोहे का सामान भरा था। इसका चालक आराम से बेरोकटोक इसके लेकर जा रहा था इसे भी किसी के पकड़े जाने का डर नहीं था। दरअसल इस तरह के जुगाड़ शहर में कई जगह चल रहे हैं। दरअसल सड़कों पर 10 से 15 साल पुराने वाहन जो चलने बंद हो गए हैं, उनके इंजन से ये जुगाड़ बनवाए जा रहे हैं।

नए नियम:सामान ढोने को दोपहिया से तिपहिया बनाए मोटर वाहन हाेंगे हरियाणा में जब्त,पहले होता था सिर्फ चालान

सामान ढाेने के लिए दोपहिया से तिपहिया बनाए गए मोटर वाहनाें काे अब इंपाउंड किया जाएगा। 8 मार्च काे प्रदेशभर में ट्रैफिक पुलिस मोटर वाहन एक्ट में कार्रवाई करेगी।

हरियाणा पुलिस अभी तक ऐसे वाहनों को सिर्फ चालान करती आ रही थी। बीते कुछ समय में हादसों के चलते सिरसा निवासी राजेंद्र कुमार ने पिछले साल सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी, जिसके आधार सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार और पुलिस से जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल करने से पहले प्रदेश भर में ट्रैफिक पुलिस ऐसे वाहनों का चालान करने की बजाए,इन्हें इंपाउंड करने को है। अम्बाला में साल 2017 से जनवरी 2021 तक करीब 650 चालान ऐसे मोटर वाहनों के किए गए हैं।

प्रदेश में ट्रैफिक पुलिस ने कार्रवाई का पूरा रोडमैप करनाल में शुक्रवार को हुई मीटिंग में तैयार किया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सिरसा निवासी राजेंद्र कुमार ने यह याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता ने दलील दी कि मोटर वाहन से तैयार किए गए जुगाड़ दूसरे वाहनों के लिए मुसीबत का कारण बनते हैं।

इसी वजह से दुर्घटनाएं हो रही हैं। याचिकाकर्ता ने दलील दी कि जुगाड़ वाहन कंडम वाहनों से बनाए जाते हैं। इसी वजह से यह हादसों का कारण बन रहे हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि दोपहिया बाइक को 10 से 12 हजार में खरीद लिया जाता है जिसका आधा हिस्सा काटने के बाद उसे तिपहिया बना लिया जाता है। इसे लोग सामान ढोने में इस्तेमाल करते हैं।

ट्रैफिक पुलिस साल 2017 से 2021 तक तिपहिया बनाए 650 वाहनाें के काट चुकी चालान


वाहनाें की बॉडी काटकर की जा रही छेड़छाड़

दोपहिया वाहन ही नहीं बल्कि काॅमर्शियल चौपहिया वाहन की बॉडी काटकर इन्हें भी इस्तेमाल किया जा रहा है। स्ट्रीट फूड गली-मोहल्ले और हाईवे के किनारे इन्हीं वाहनों में बेचा जा रहा है। किसी ने जूस की रेहड़ी तो किसी ने तंदूर लगा रखा है। इसके अलावा कुछ लोगों ने पॉपकाेर्न बेचने की मशीनें तक इसमें लगा रखी हैं। हर जिले में यह कल्चर तेजी से काफी समय से बढ़ रहा है।

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