कैंची से गोद-गोद कर मार डाले मां-बाप वहमी बेटे ने

Son In Day Time Wept With Mother Father In Night Killed Both Of Them By Stabbing Scissor

कलयुगी बेटा: दिन में मां-बाप से लिपटकर रोया, रात में खूनी खेल; दो मिनट तक बिना डरे कैंची से करता रहा वार

अलीगढ़ 31 मार्च। माता-पिता की हत्या करने वाले कलयुगी बेटे को अपनी मां के बारे में सौतेली होने के वहम के चलते वह एक बार अपने माता-पिता के खिलाफ थाने भी पहुंच गया था और आखिरकार बुधवार रात उसने दोनों को मौत के घाट उतार दिया।

पाक रमजान माह में इमाम इशहाक का परिवार रोजों से तो नहीं था, मगर मस्जिद व घर में इबादत जारी थी। ऐसे पाक माह में नृशंस हत्या ने जाकिर नगर को हिलाकर रख दिया। जिस बेटे ने रात में बेरहमी से मां-बाप का कत्ल किया है, वही बेटा दिन में अपनी हरकतों की माफी मांगते हुए मां-बाप के सीने से लिपटकर रोया था। मां-बाप ने भी माफ कर दिया था।  उन्हें अंदाजा न था कि यह रात उनकी आखिरी रात होगी। शाम को मां ने बेटे को खाने में मसूर की दाल बनाकर दी और पूरा परिवार हंसी-खुशी सोया।

आधी रात को चीख पुकार मची तो सब हैरान रह गए। कत्ल को जंगले से लाइव देखते परिजनों व वायरल वीडियो के अनुसार बेटा दो मिनट तक लगातार कैंची से वार करता रहा और जान लेने तक नहीं रुका।

28 मार्च को माता-पिता की शिकायत ले बुलंदशहर के एक थाने पहुंचा था गुलाम

मस्जिद में इमामत करने वाले इशहाक मदरसे में बच्चों को पढ़ाते भी थे। उनके चार बच्चों में सबसे बड़ी बेटी 23 वर्षीय मजहबी, फिर आरोपित बेटा गुलाम मुईउद्दीन, 16 वर्षीय बेटी बुशरा व 12 वर्ष का बेटा गुलाम मुस्तफा हैं।

पिछले दो वर्ष से वह अपनी मां और मां का सहयोग देने पर पिता से खफा रहने लगा था। इसीमें सोमवार को मां ने उसे किसी बात पर डांट दिया था। इस पर नाराज होकर वह घर से निकल गया। वह 28 मार्च को बुलंदशहर के रामघाट थाने पहुंच गया।

वहां उसने अपने माता-पिता पर खुद की हत्या की साजिश का आरोप लगाया। इस सूचना पर पिता यहां से गए और उसे लेकर आए। उसी शाम उसे मेडिकल कॉलेज से दवा भी दिलाई। बुधवार को दिन में वह अपनी गलती पर मां-बाप से लिपटकर खूब रोया और दिन में दो घंटे सोया। देर शाम को पिता के मस्जिद से लौटकर आने के बाद सभी ने एक साथ खाना खाया और सो गए।

पानी पीने उठा और डर का बहाना बना पिता को जगाया

बड़ी बेटी के अनुसार रात करीब 12:30 बजे गुलाम मुईउद्दीन पानी पीने उठा और उसने पिता को यह कहते हुए जगाया कि उसे डर लग रहा है। अंदर कमरे में चलकर सोते हैं। इस पर पिता उसे मां के पास कमरे में ले गए।

जहां बेटे को दीवान पर लिटा खुद पत्नी के साथ जमीन पर लेट गए। इसी बीच बेटे ने कमरा अंदर से बंद किया और फिर वारदात को अंजाम दिया। जब मां-बाप की चीख पुकार सुनी तो मजहबी सहित तीनों भाई बहनों ने जंगले से उसे खूब रोकने का प्रयास किया।

मगर वे कुछ न कर सके और आंखों के सामने मां-बाप का कत्ल देखते रहे। यह देख दोनों छोटे बच्चे दहशत में बेहोश हो गए। जिन्हें अस्पताल तक भेजा गया।

दो वर्ष से मां के सौतेली होने का पाला वहम

पुलिस जांच व परिजनों से पूछताछ में साफ हुआ कि दो वर्ष पहले आरोपित बेटे को डेंगू हुआ था। इस दौरान उसका जेएन मेडिकल कॉलेज में उपचार हुआ। जहां रक्त की जरूरत के लिए उसका व माता-पिता का सैंपल लिया गया। तभी किसी ने मजाक में यह कह दिया कि उसका डीएनए सैंपल लिया गया है, जिसका उसके पिता से तो मिलान हो गया है, मगर मां से नहीं हुआ। तभी से उसके मन में मां के सौतेली होने का वहम पल गया।

परिजनों से बातचीत में यह तथ्य उजागर हुआ कि इशहाक की पहली शादी हुई थी। मगर उस महिला से कोई संतान नहीं हुई और डेढ़ वर्ष बाद ही पहली पत्नी छोड़कर चली गई। इसके बाद कोटा राजस्थान की शहजादी बेगम से दूसरी शादी हुई। चारों संतानें भी शहजादी बेगम से ही हैं।

इस बात की पुष्टि खुद रामपुर से आए इशहाक के बड़े भाई याकूब अली ने की है। मगर डीएनए वाले किस्से के बाद से आरोपी बेटा मानने लगा था कि यह उसकी सौतेली मां है। तीनों भाई बहनों को भी वह सौतेला मानने लगा था। पुलिस पूछताछ में उसने बताया कि मां उसे खाने में धीमा जहर दे रही थी। इससे वह बीमार रहने लगा था।

उसने एक तर्क यह भी दिया कि एक दिन उसकी चाय में मक्खी गिर गई और वह मर गई। उसके बाद से उसका शक और पुख्ता हो गया था। खुद बड़ी बहन इस कदर दहशत में है कि कोई बड़ी बात नहीं कि सौतेले के संदेह में वह जेल से छूटकर आने के बाद उन तीनों की हत्या कर दे।

 हत्यारे की बात सुन हैरान रह गई पुलिस, बोला- मुझे खाने में रोज जहर देती थी मां

अलीगढ़ में माता-पिता की हत्या करने वाले आरोपित से पूछताछ करने वाली पुलिस भी उसके जवाब से हैरान रह गई। पहले तो उसने पुलिस के सवालों का जवाब देने से मना कर दिया। बोला दिल्ली से टीम बुलाओ तब बताऊंगा। सख्ती पर उसने जो बताया वो हैरान कर दिया..

जाकिर नगर में माता-पिता की हत्या करने वाले आरोपित गुलामउद्दीन पर खून सवार था। इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित वीडियो को जिसने भी देखा, रौंगटे खड़े हो गए। आरोपित मौत के बावजूद पिता को कैंची से गोदता रहा। पेट पर हाथ रखकर देखा कि मौत हुई है या नहीं। उनके पैरों की तरफ मां का शव पड़ा है। दोनों का शव पोस्टमार्टम को पहुंचा तो वीभत्सता को देख डाक्टर भी हैरान थे। पिता के शरीर पर 21 घाव मिले हैं। उनके गर्दन, चेहरे व छाती, जांग पर वार किए गए। सिर की हड्डी भी टूट गई। मां के शरीर पर 18 घाव हैं। उनकी भौंह के नीचे, नाक, गर्दन व कान के नीचे प्रहार किए गए। इससे कैंची व प्रेस तक टूट गई थी।

दो वर्ष पहले कोरोना होने के बाद से दिमाग में बैठा था ये फितूर

गुलाम की कुंठा कुछ दिनों की नहीं थी। दो वर्ष पहले गुलाम कोरोना संक्रमित हुआ था। तब उसकी खून की जांच हुई तो किसी ने उससे कह दिया कि मां की शक्ल व डीएनए सैंपल उससे नहीं मिलते। तभी से उसके दिमाग से फितूर था कि मां सौतेली है और प्रॉपर्टी के लिए उसे मार देगी। धीरे-धीरे उसे खाने में जहर दिया जा रहा है। इससे उसका शरीर कमजोर व खराब हो गया है। कभी कभार माता-पिता डांटते थे तो उसे लगता था कि सौतेला होने से उससे ऐसा व्यवहार किया जा रहा है और उसे घर से निकाल दिया जाएगा। न तो उसकी मां सौतेली थी और न ही कोई प्रापर्टी थी।

रात में सूचना मिली थी कि युवक ने अपने माता-पिता को मार दिया है। अन्य लोगों को भी जान का खतरा है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी, पुलिस अधीक्षक नगर कुलदीप सिंह गुनावत, क्षेत्राधिकारी तृतीय शिवप्रताप सिंह, क्वार्सी व सिविल लाइंस थाने की पुलिस मौके पर पहुंच गई। एसएसपी ने पुलिस को पहले ही निर्देश दे दिए थे कि पूरी सावधानी व सूझबूझ से बाहर निकालें। आरोपित आत्महत्या कर सकता है या किसी पर हमला कर सकता है। पुलिस पहुंची तो आरोपित हत्या के बाद किनारे बैठा हुआ था।

पुलिसकर्मियों ने उससे कहा कि बाहर आ जाओ, तुमसे कोई कुछ नहीं कहेगा। उसे भरोसे में लेकर दरवाजा खुलवाया। फील्ड यूनिट ने मौके से साक्ष्य एकत्रित किए। पुलिस को प्रेस, सब्जी काटने वाला चाकू, कैंची खून से लथपथ मिला। चादर व तकिया भी खून से रंगे थे। मजहबी ने अपने भाई के विरुद्ध हत्या का मुकदमा पंजीकृत कराया है। आरोप है कि गुलाम माता-पिता की बात नहीं मानता था। इस पर माता-पिता ने उसे घर से निकालने की धमकी दी थी।

तीन दिन पहले भाग गया था, नरौरा में मिला

सोमवार को नमाज पढ़ने के बाद गुलाम घर छोड़कर भाग गया था। रातभर स्वजन उसे तलाशते रहे। पुलिस को भी सूचना दी। मंगलवार को रामघाट क्षेत्र के नरौरा स्थित एक मंदिर के शौचालय में मिला। वहां की पुलिस ने स्वजन को सूचना दी। इसके बाद स्वजन उसे बुलाकर लाए। बुधवार को उसका जेएन मेडिकल कालेज में उपचार कराया। गुरुवार को फिर से उसे मेडिकल कालेज ले जाया गया था।

दिल्ली से टीम बुलाओ, तब बताऊंगा

पुलिस ने आरोपित से करीब तीन घंटे पूछताछ की। उसकी बातें बेहद अजीब थीं। शुरुआत में उसने कुछ नहीं बताया। बोला, दिल्ली से टीम बुलाओ। मेरे लिए सिक्योरिटी गार्ड लगाओ। तब कुछ बताऊंगा। बाद में सख्ती की गई तो उसने सारी बातें बताईं। पुलिस के मुताबिक, युवक मानसिक रूप से परेशान है।

बोला- खाने के बाद उल्टियां हुईं

तीन दिन से आरोपित का मानसिक संतुलन खराब था। किसी को ये उम्मीद न थी कि वो हत्या कर देगा। पूछताछ में आरोपित की बातों को सुनकर पुलिस हैरान थी। उसने बताया था कि मां खाने में रोज जहर देती थी। बोला,एक बार मुझे उल्टियां हो गईं। उल्टी में एक मक्खी गिरकर मर गई थी।

पहले मां फिर पिता को मारा

घटना के वक्त सब सो रहे थे। जब लोग आए तो आरोपित पिता को गोद रहा था। लेकिन, कई तरह की चर्चाएं हो रही हैं। बताया जा रहा है कि उसने पहले मां को मारा। फिर पिता को जगाकर अंदर बुलाया कि मुझे डर लग रहा है। उनके अंदर आते कमरा बंद कर लिया। उन्हें भी मार डाला।

बच्चों को पढ़ाता था ट्यूशन

मकान मालिक के मुताबिक, करीब पांच महीने पहले वह उनके घर में आए थे। इससे पूर्व तीन वर्ष तक रह चुके हैं। मुहल्लेवालों का कहना था कि गुलाम पहले अच्छा था। बच्चों को ट्यूशन पढ़ाता था। सोमवार को भी बच्चों को पढ़ाया था। पोस्टमार्टम हाउस पर मुहल्ले के लोग, इमाम के भाई याकूब व फारुख आ गए थे। घर पर बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल था। बच्चे मकान मालिक के कमरे में थे।

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