जोशीमठ: पीपलकोटी में पुनर्वास होल्ड पर, जिलाधिकारी ने चयनित किए 5 स्थल

Joshimath sinking: Government Step Back On Pipalkoti For Rehabilitation
पुनर्वास के लिए पीपलकोटी पर कदम पीछे खींचे, ज्योतिर्मठ पर सहमति से फैसला लेगी सरकार

देहरादून 25 जनवरी। सीबीआरआई और जीएसआई ने अपने सर्वे में पीपलकोटी की भूमि को उपयुक्त पाया था। लेकिन वहां कुछ व्यवहारिक दिक्कतें सामने आ रही हैं। फिलहाल पीपलकोटी को होल्ड पर रखा गया है।

आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा

जोशीमठ में प्राभावितों के पुनर्वास के लिए शासन ने पीपलकोटी में भूमि को चिह्नित किया था, लेकिन फिलहाल उस पर कदम पीछे खींच लिए हैं। इसके लिए आलवा जोतिर्मठ के विस्थापन पर भी सहमति के आधार पर फैसला लिए जाने की बात कही है। इसके अलावा ढाक गांव में प्री-फेब्रीकेटेड कॉलोनी बनाने का निर्णय लिया गया है। मॉडल भवन भी बनकर तैयार होने लगे हैं।

सचिव आपदा प्रबंधन डॉक्टर रंजीत सिन्हा ने बताया कि सीबीआरआई और जीएसआई ने अपने सर्वे में पीपलकोटी की भूमि को उपयुक्त पाया था। लेकिन वहां कुछ व्यवहारिक दिक्कतें सामने आ रही हैं। फिलहाल पीपलकोटी को होल्ड पर रखा गया है। उद्यान विभाग और ढाक की जमीन दोनों जगह उपयुक्त पाई गई हैं।

वहीं, ज्योतिर्मठ और मठागंण (शंकराचार्य गद्दी स्थल) में भी दरारें हैं। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो उन्हें भी शिफ्ट किया जाएगा। लेकिन यह काम मठो की सहमति और तकनीकी संस्थाओं की फाइनल रिपोर्ट के आधार पर किया जाएगा। मठों में आई दरारों पर नजर रखी जा रही है। यदि उनमें वृद्धि होती है और रहने के लिहाज से असुरक्षित लगे तो निश्चित तौर पर उन्हें भी शिफ्ट किया जाएगा।
DEHRADUN/CHAMOLI DM SENT REPORT TO DISASTER SECRETARY FOR REHABILITATION OF JOSHIMATH LAND SUBSIDENCE AFFECTED PEOPLE
पुनर्वास को लेकर आए 5 विकल्प, DM ने आपदा सचिव को भेजी रिपोर्ट

उत्तराखंड के जोशीमठ नगर दरार से कराह रहा है. अब सरकार के सामने बड़ी चुनौती प्रभावितों का पुनर्वास करना है. ताकि, किसी अनहोनी से पहले उन्हें सुरक्षित जगह पर शिफ्ट किया जा सके. लिहाजा, जोशीमठ के प्रभावितों के पुनर्वास को लेकर डीएम हिमांशु खुराना ने 5 विकल्प से जुड़ी रिपोर्ट आपदा सचिव को भेजी है. जिसका अध्य्यन किया जा रहा है. वहीं, जोशीमठ में मवेशियों को लिए प्रीफैबरीकेटेड कैटल शेड बनकर तैयार हो गए हैं.

जोशीमठ प्रभावितों के पुनर्वास को लेकर आए 5 विकल्प.

देहरादूनःजोशीमठ में दरार और भू-धंसाव से उपजे हालात के बाद प्रभावितों के पुनर्वास को लेकर चिंतन चल रहा है. इस कड़ी में चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने एक रिपोर्ट आपदा सचिव को भेजी है. जिसमें पुनर्वास को लेकर 5 विकल्प दिए गए हैं.
सरकार के लिए जोशीमठ में प्रभावित लोगों को निर्वासित करना एक बड़ी चुनौती बना हुआ है. इसके लिए स्थानीय लोगों से भी बात की जा रही है और उनकी ओर से की जा रही मांगों पर भी विचार किया जा रहा है. ताकि, उनकी मांगों और सुझावों के आधार पर आगे की रणनीति पर तेजी से कार्रवाई की जा सके.एक तरफ सरकार की ओर से उन्हें दूसरी जगह पर बसाने को लेकर बात चल रही है तो वहीं लोगों को राहत राशि देकर खुद ही पुनर्वास होने पर भी चिंतन चल रहा है. हालांकि, इन दोनों ही विकल्प पर अभी बात नहीं बन पाई है. ऐसे में चमोली डीएम की तरफ से लोगों को पुनर्वास देने के लिए अलग-अलग विकल्प तलाशे गए हैं.
// //चमोली डीएम हिमांशु खुराना की तरफ से फिलहाल विकल्प देते हुए आपदा सचिव को रिपोर्ट भेज दी गई है. हालांकि, पांच विकल्प कौन-कौन से होंगे? इसकी जानकारी नहीं दी गई है. वहीं, मुख्यमंत्री के सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि अभी रिपोर्ट का अध्ययन किया जाएगा. इसके बाद मुख्य सचिव के सामने रिपोर्ट को रखकर वार्ता की जाएगी. मुख्य सचिव से वार्ता के बाद ही विकल्प पर कोई निर्णय लिया जा सकताझं

जोशीमठ में 863 घरों में दरारेंःजोशीमठ नगर क्षेत्र में भू-धंसाव के कारण अभी तक 863 भवनों को चिन्हित किया गया है, जिनमें दरारें मिली है. इसमें से 181 भवन असुरक्षित जोन में है. जबकि, आपदा प्रभावित 282 परिवारों के 947 सदस्यों को राहत शिविरों में रुकवाया गया है.राहत शिविरों में भोजन, पेयजल, चिकित्सा आदि की मूलभूत सुविधाएं प्रभावितों को उपलब्ध कराई जा रही है. सार्वजनिक स्थानों, चौराहों और राहत शिविरों के आसपास 20 स्थानों पर नियमित रूप से अलाव की व्यवस्था की गई है. प्रभावित परिवारों के तीक्ष्ण एवं पूर्ण क्षतिग्रस्त भवनों, विशेष पुनर्वास पैकेज की अग्रिम धनराशि, सामान ढुलाई और तात्कालिक आवश्यकताओं के लिए एकमुश्त विशेष ग्रांट के रूप में धनराशि दी जा रही है.
अभी तक 388.27 लाख की राहत राशि की जा चुकी वितरितःचमोली जिला प्रशासन की मानें तो घरेलू सामग्री की खरीदारी के लिए भी राशि वितरित की जा चुकी है. अभी तक 585 प्रभावितों को 388.27 लाख की राहत धनराशि वितरित की जा चुकी है.
मवेशियों को लिए प्रीफैबरीकेटेड कैटल शेड तैयार.मवेशियों को लिए प्रीफैबरीकेटेड कैटल शेड तैयारःवहीं, जोशीमठ नगर पालिका के अंतर्गत सुनील में प्रभावित पशुओं के लिए प्रीफैबरीकेटेड कैटल शेड बनकर तैयार हो गया है. आपदा प्रभावित पशुपालकों को पशु चारे के लिए 150 कॉम्पैक्ट फीड ब्लॉक वितरण के साथ ही 84 पशुओं का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया.

*जोशीमठ में अध्ययन कर रहे सभी 8 तकनीकी संस्थानों ने अपनी प्राथमिक रिपोर्ट एनडीएमए को सौंपी*

*जोशीमठ में उद्यान विभाग की भूमि पर निर्माणाधीन मॉडल प्रीफैब शेल्टर पूर्ण होने के चरण में*

*ढाक गांव, चमोली में प्रीफैब शेल्टर के निर्माण की कार्यवाही जारी*

*सर्वेक्षण में दरारों वाले भवनों की संख्या में बढ़ोतरी नहीं*

*जोशीमठ में पानी के डिस्चार्ज में बढ़ोतरी नहीं हुई है*

*जोशीमठ में अग्रिम राहत के तौर पर 3.77 करोड़ रूपये की धनराशि 307 प्रभावित परिवारों को वितरित की गई*

सचिव आपदा प्रबन्धन डा0 रंजीत कुमार सिन्हा ने जोशीमठ नगर क्षेत्र में हो रहे भू-धंसाव एवं भूस्खलन के उपरान्त राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे राहत व बचाव तथा स्थायी/अस्थायी पुनर्वास आदि से सम्बन्धित किये जा रहे कार्यो की बुधवार को मीडिया सेंटर सचिवालय में मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि जोशीमठ में अग्रिम राहत के तौर पर 3.77 करोड़ रूपये की धनराशि 307 प्रभावित परिवारों को वितरित कर दी गई है | जोशीमठ में अध्ययन कर रहे सभी 8 तकनीकी संस्थानों ने अपनी प्राथमिक रिपोर्ट राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए ) को सौंप दी है | जोशीमठ में उद्यान विभाग की भूमि पर निर्माणाधीन मॉडल प्री फैब्रिकेटेड शेल्टर पूर्ण होने के चरण में है | ढाक गांव, चमोली में प्री फैब्रिकेटेड शेल्टर के निर्माण की कार्यवाही जारी है | सर्वेक्षण में दरारों वाले भवनों की संख्या में बढ़ोतरी नहीं हुई है |
सचिव आपदा प्रबन्धन ने जानकारी दी है कि जोशीमठ में प्रारम्भ में निकलने वाले पानी का डिस्चार्ज जो कि 06 जनवरी 2023 को 540 एल.पी.एम. था, वर्तमान में घटकर 181 एलपीएम हो गया है। पानी के डिस्चार्ज में बढ़ोतरी नहीं हुई है | अस्थायी रूप से चिन्हित राहत शिविरों में जोशीमठ में कुल 661 कक्ष हैं जिनकी क्षमता 2957 लोगों की है तथा पीपलकोटी में 491 कक्ष हैं जिनकी क्षमता 2205 लोगों की है। अभी तक 863 भवनों में दरारें दृष्टिगत हुई है। उन्होनें जानकारी दी कि गांधीनगर में 01, सिंहधार में 02, मनोहरबाग में 05, सुनील में 07 क्षेत्र / वार्ड असुरक्षित घोषित किए गए हैं। 181 भवन असुरक्षित क्षेत्र में स्थित है। 286 परिवार सुरक्षा के दृष्टिगत अस्थायी रूप से विस्थापित किये गये हैं। विस्थापित परिवार के सदस्यों की संख्या 957 है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *