डर्टी पॉलिटिक्स: भाजपा की कोरोना वैक्सीन नहीं लगवायेंगें अखिलेश यादव

Akhilesh Yadav की डर्टी पॉलिटिक्स: ‘BJP की वैक्सीन पर भरोसा नहीं’

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कोरोना वैक्सीन पर गंदी राजनीति की शुरुआत कर दी है. जनाब ने वैक्सीन को भाजपा की बताकर सियासी पारा गरम कर दिया है..

नई दिल्ली 02 जनवरी : कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) पर गंदी राजनीति की शुरुआत यूपी के पूर्व मुख्यममंत्री और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने की है.उन्होंने वैक्सीन को बीजेपी का बताकर अपनी जमकर भद्द पिटवा ली है.इतना ही नहीं उन्होंने वैक्सीन लेने से भी इनकार कर दिया.अखिलेश यादव के इस बयान के बाद राजनीतिक युद्ध छिड़ गया है.

कोरोना वैक्सीन पर राजनीति शुरू

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने वैक्सीन (Vaccine) को बीजेपी का बताया. उन्होंने कहा कि ‘मैं अभी टीका नहीं लगवाने जा रहा हूं. मैं बीजेपी के टीके पर कैसे भरोसा कर सकता हूं, जब हमारी सरकार बनेगी तो सभी को मुफ्त वैक्सीन मिलेगी. हम भाजपा का टीका नहीं ले सकते’
समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के प्रमुख अखिलेश यादव के इस बयान के बाद भाजपा (BJP) तो भाजपा कांग्रेस भी उनको नसीहत देने में लग गई है. अखिलेश के इस बयान पर कोई चुटकी ले रहा है, तो कोई उन्हें पाकिस्तानी की भाषा पसंद करने वाले लोग बता रहा है. भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा (Sambit Patra) ने अखिलेश पर तीखा प्रहार किया है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि ‘हे प्रभु!! …इनका क्या हाल हो गया है ..अब vaccine भी इन्हें BJP की दिख रही है !!’

इतना ही नहीं, उन्होंने ये भी कहा कि ‘अखिलेश का वैक्सीन को लेकर बयान बिलकुल गैर-जिम्मेदराना है. ये भ्रम फैलाने की कोशिश है, नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने मजबूती से कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ी है. वैक्सीन को भाजपा की वैक्सीन बताकर अखिलेश ने वैज्ञानिकों का अपमान किया है. उन्हें अपने बयान को वापिस लेना चाहिए.’

कपिल मिश्रा ने अखिलेश को जमकर कोसा

भाजपा नेता कपिल मिश्रा (Kapil Mishra) ने ट्वीट कर कहा कि ‘अखिलेश यादव को जो बीमारी हैं, उसका ना कोई टीका बना है, ना बनेगा.. ये है मुस्लिम तुष्टिकरण की खतरनाक बीमारी, इसी बीमारी ने मुसलमानों को पोलियो की दवाई लेने से रोका, इसी बीमारी ने कंडोम, जनसंख्या नियंत्रण के साधनों का इस्तेमाल करने से रोका, अब यही बीमारी कोरोना का टीका के खिलाफ है.’

उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) ने अखिलेश यादव पर हमला करते हुए बयान पर माफी मांगने की मांग की है. उन्होंने कहा कि वैक्सीन पर सार्वजनिक बयान देकर सबका अपमान किया. आप माफी मांगे,ऐसा बयान मुख्यमंत्री रहे व्यक्ति को नहीं देना चाहिए.

क्या अखिलेश को पाकिस्तान पसंद है?

वहीं योगी सरकार में मंत्री अनिल राजभर (Anil Rajbhar) ने अखिलेश यादव को गैर जिम्मेदार बताया है. अनिल राजभर ने कहा कि आज कोरोना की चुनौती खत्म होने जा रही है ऐसे वक्त में अखिलेश ऐसी बातें कर रहे हैं. ऐसे में अखिलेश जी से क्या उम्मीद की जा सकती, ये गैर जिम्मेदार लोग है. ये पाकिस्तानी की भाषा पसंद करने वाले लोग है. जब जनसख्या की गणना की बात आए, तब इन्होंने कहा था कि इसका हिस्सा हम नहीं बनेंगे. जहां जनता ने इन्हें बैठाया है, ये वहीं बैठने लायक लोग हैं.

सपा नेता ने किया अखिलेश का बचाव

समाजवादी पार्टी के नेता और MLC आशुतोष सिन्हा (Ashutosh Sinha) ने अखिलेश को सही करार देते हुए बचाव करने की कोशिश की है. उन्होंने कहा कि ‘प्रदेश की पूरी जनता को वैक्सीन नहीं लगवानी चाहिए. अखिलेश यादव ने अगर कहा है तो समाजवादी पार्टी ही नहीं सभी को वैक्सीन नहीं लगानी चाहिए. इस सरकार के तंत्र पर हमें लगता है कि हम लोग बहुत विश्वास नहीं कर सकते. अखिलेश यादव ने तथ्यों के आधार पर ही कहा होगा अगर वह नहीं लगवा रहे हैं. हमें लगता है कि कहीं ना कहीं उस वैक्सीन में ऐसी चीज होगी कि नुकसान हो जाए. हमें लगता है कि बात में कह दे की जनसंख्या कम करने के लिए मारने के लिए लगा दिया वैक्सीन नपुंसक बनाने के लिए.
समाजवादी पार्टी के एमएलसी आशुतोष सिन्हा ने ये तक कह दिया कि कह रहे हैं हो सकता है कोरोना वैक्सीन में कुछ ऐसा हो जिससे आबादी कम करने या नपुंसक बनाने की कोशिश की जाए. बता दें, एमएलसी आशुतोष सिन्हा हाल ही में वाराणसी खंड स्नातक विधान परिषद चुनाव में सपा के टिकट पर जीते हैं.

इसके साथ ही कांग्रेस (Congress) के सलीम अहमद ने कहा कि ‘सभी का स्वास्थ्य अच्छा रहना चाहिए, ये सरकार की जिम्मेदारी है, वैक्सीन सबके लिए फ्री होनी चाहिए. अखिलेश चीफ मिनिस्टर भी रहे,उन्हें ऐसा नहीं बोलना चाहिए.’

यहां आपको समझने की जरूरत है कि क्या अखिलेश को अपने देश के वैज्ञानिकों पर भरोसा नहीं है? उन्हें आखिर क्यों कोरोना वैक्सीन भी भाजपा की लगती है? ये सचमुच एक डर्टी पॉलिटिक्स (Dirty Politics) का हिस्सा है. तभी तो अखिलेश यादव ने इतना गंदा बयान देकर अपनी थू-थू करा ली है. या फिर ये भी हो सकता है कि अखिलेश ने ऐसी गंदी बयानबाजी सुर्खियां बंटोरने के लिए की हो.

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