सैकुलर राजनीति: शरद पवार ने झूठ बोला था कि 1993 में मुस्लिम इलाके में 12वां विस्फोट हुआ

Mumbai Politics Sharad Pawar False Statement On 1993 Mumbai Serial Blast Know The Story

Maharashtra Politics: मुंबई में 11 नहीं 12 जगहों पर धमाके हुए… 30 साल पहले शरद पवार ने बोला था झूठ?

मुंबई में जब सीरियल ब्लास्ट हुए तब शरद पवार मुख्यमंत्री थे
मार्च 1993 के मुंबई सीरियल ब्लास्ट में 257 लोगों की मौत हुई थी। इस मामले का मुख्य षड्यंत्रकर्ता दाऊद इब्राहिम अब तक नहीं पकड़ा गया है। बताया जाता है कि वह पाकिस्तान के कराची में शरण लिए हुए है। वहीं एक और षड्यंत्रकारी टाइगर मेमन भी भागा हुआ है।

हाइलाइट्स
12 मार्च 1993 के मुंबई सीरियल ब्लास्ट में 257 की मौत, 700 से ज्यादा घायल
दाऊद इब्राहिम और टाइगर मेमन ने धमाकों की पूरी साजिश रची थी
मुंबई में सीरियल ब्लास्ट के वक्त शरद पवार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे
पवार ने तब कहा था- मोहम्मद अली रोड पर भी हुआ एक धमाका

मुंबई: महाराष्ट्र में शरद पवार की राजनीति समझ पाना आसान नहीं है। पवार क्या कहते हैं, इसे समझने को 100 जन्म लेने पड़ेंगे। संजय राउत का यह बयान उस वक्त आया था, जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शरद पवार की तारीफ की थी। प्रधानमंत्री ने कहा था कि शरद पवार मेरे राजनीतिक गुरु हैं लेकिन इसमें कोई राजनीति न देखी जाए। शरद पवार को महाविकास अघाड़ी का सूत्रधार माना जाता है। पवार ने जब अडानी मामले में बयान दिया तो नई राजनीतिक चर्चा छिड़ी। मराठा राजनीति के शिल्पकार पवार की राजनीति कभी यू टर्न लेती है तो कभी 360 डिग्री पर घूम जाती है। 30 साल पहले जब शरद पवार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने एक बड़ा झूठ बोला था। मुंबई में सीरियल ब्लास्ट के मात्र छह दिन पहले पवार ने महाराष्ट्र की कुर्सी संभाली थी। पूरा किस्सा आपको बताते हैं।

पवार को केंद्र से महाराष्ट्र वापस भेजा गया

केंद्र में उन दिनों पीवी नरसिम्हा राव के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार थी। 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद महाराष्ट्र में भी सांप्रदायिक तनाव की खबरें आ रही थीं। मुख्यमंत्री सुधाकर राव नाईक से हालात संभल नहीं रहे थे। ऐसे में शरद पवार को वापस महाराष्ट्र भेजा गया। फैसला हुआ कि पवार रक्षा मंत्री का पद छोड़कर महाराष्ट्र की कुर्सी संभालेंगे। तारीख- 6 मार्च 1993। शरद पवार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनते हैं। छह दिन बीतते हैं। 12 मार्च 1993 का दिन। मुंबई में एक के बाद एक 12 सिलसिलेवार धमाके होते हैं। यह सीरियल ब्लास्ट 11 जगहों पर हुए थे।

पवार ने कहा 11 नहीं 12 जगह ब्लास्ट हुए

धमाकों के पीछे दाऊद इब्राहिम और टाइगर मेमन का नाम सामने आया। डी कंपनी ने यह पूरा षड्यंत्र रचा था। लेकिन जब धमाके हुए तो उस वक्त के मुख्यमंत्री शरद पवार ने कहा कि मुंबई में 11 जगह नहीं 12 जगह ब्लास्ट हुए हैं। यही नहीं धमाकों के पीछे पवार ने श्रीलंका के आतंकी संगठन लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (LTTE) की ओर उंगली उठाई। आखिर पवार ने ऐसा क्यों कहा? एक साल पहले शरद पवार ने खुद बताया था कि उन्होंने 12वीं जगह पर धमाके का बयान क्यों दिया?

शरद पवार ने क्या दी थी सफाई?

शरद पवार ने पिछले साल अप्रैल में जलगांव में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, ‘मैंने कहा था कि सीरियल ब्लास्ट की 12वीं जगह मोहम्मद अली रोड है। इस वजह से मुंबई में सांप्रदायिक दंगे नहीं हुए थे। मैंने 12वें स्थान के तौर पर एक मुस्लिम इलाके का जिक्र किया था। यह बात सौ प्रतिशत सच है। मैंने ऐसा इसलिए कहा था क्योंकि जिन 11 जगहों पर विस्फोट हुए थे उनमें हिंदू समुदाय से जुड़े महत्वपूर्ण स्थान थे। इनमें सिद्धि विनायक मंदिर भी था। मैंने निजी तौर पर धमाकों में इस्तेमाल सामग्री की जांच की थी, जो भारत नहीं बल्कि कराची में बनाई गई थी। यानी इसका मतलब साफ था कि एक पड़ोसी देश हिंदुओं और मुसलमानों में वैमनस्य पैदा करना चाहता था। मुंबई में आग लगाना उनका उद्देश्य था। लेकिन इसमें स्थानीय मुस्लिम  शामिल नहीं थे।’ पवार ने धमाकों की जांच करने वाले श्रीकृष्ण आयोग का हवाला देते हुए कहा था, ‘आयोग ने भी माना था कि अगर मैंने यह स्टैंड नहीं लिया होता तो मुंबई जल उठती।

फडणवीस भी पवार को घेर चुके हैं

शरद पवार के इस बयान पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी उन्हें घेर चुके हैं। देवेंद्र फडणवीस ने अप्रैल 2022 में कहा, ‘जब मुंबई 12 धमाकों से हिल गई थी, उस समय शरद पवार ने एक मुस्लिम इलाके में 13वें बम धमाके का आविष्कार किया था। उनकी पहली प्राथमिकता कानून व्यवस्था की जगह पर तुष्टीकरण थी। सांप्रदायिक सौहार्द की हम उम्मीद करते हैं, फिर ऐसा दोहरा मापदंड क्यों?’

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