रुम टू रीड इंडिया का ‘रीड ए थॉन’ अभियान शुरू,12 राज्यों में है सक्रियता

रूम टू रीड इंडिया द्वारा उत्तराखंड में अपने प्रमुख पठन कार्यक्रम: रीड-ए-थॉन का आयोजन
“पढ़ने वाले बच्चे के लिए किताबों के मायने इससे कहीं बढ़कर है – वे सपने और ज्ञान का स्रोत हैं, वे भविष्य और अतीत हैं।”- एस्थर मेनेल

देहरादून, 2022: रूम टू रीड इंडिया ने अपने इंडिया गेट्स रीडिंग फ्लैगशिप रीडिंग कैंपेन में, आज “रीड-ए-थॉन” कार्यक्रम के आयोजन और संचालन की शुरुआत की है। इस आयोजन का उद्देश्य सभी हितधारकों की बड़ी संख्या में भागीदारी के साथ देश भर के कोने-कोने तक पहुंचना है, जिनमें बच्चे, उनके माता-पिता, समुदाय के लोग, सरकार, अनुदान देने वाले तथा यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (USAID) जैसे बहुपक्षीय सहयोगी और अन्य समर्थक शामिल हैं। रूम टू रीड इंडिया ने इस साल के रीड-ए-थॉन कार्यक्रम के माध्यम से एक नया कीर्तिमान स्थापित करने का महत्वाकांक्षी प्रयास किया है, जिसमें इस संस्थान ने व्यक्तिगत रूप बैठकर पढ़ने की व्यवस्था वाले परिवेश में रिकॉर्ड संख्या में प्रतिभागियों को सम्मिलित करने का लक्ष्य रखा है। देशभर के विभिन्न स्थानों पर प्रतिभागियों के पढ़ने के लिए व्यवस्था की जाएगी, जिनमें 12 राज्य शामिल हैं जहाँ यह संगठन सक्रिय रूप से कार्यरत है।
यह रीड-ए-थॉन कार्यक्रम, विभिन्न भागीदारों को स्कूलों के परिसर, सामुदायिक भवन, सरकारी कार्यालय, अनुदानकर्ताओं के कार्यालय जैसे अलग-अलग स्थानों पर एक साथ आने तथा बच्चों के पढ़ने और सीखने में अपना सहयोग प्रदान करने हेतु संकल्प लेने का अवसर उपलब्ध कराएगा।

इस मौके पर सुश्री पूर्णिमा गर्ग, डिप्टी कंट्री डायरेक्टर, रूम टू रीड, कहती हैं, “इस साल का रीडिंग कैंपेन ‘पढ़ाई में बराबरी’ की थीम पर आधारित है। यह सभी हितधारकों के लिए एक सुनहरा अवसर है कि वे अन्य सभी गतिविधियों को छोड़कर एक साथ आएँ और पहले से निर्धारित समय पर लगातार 30 मिनट के लिए पढ़ें। नया कीर्तिमान बनाने वाले इस कार्यक्रम के जरिए हम अपनी प्रतिबद्धता को दोहराना चाहते हैं और यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि बच्चे हर जगह पढ़ें, सीखें और आगे बढ़ें।”
रूम टू रीड इंडिया ने इस रीड-ए-थॉन कार्यक्रम के माध्यम से पढ़ने की आदतों को बढ़ावा देने के लिए ज्यादा-से-ज्यादा लोगों को एकजुट करने का लक्ष्य रखा है। इसके अलावा, इस आयोजन के माध्यम से एक ही समय में अलग-अलग साहित्यिक रचनाओं को पढ़ने वाले प्रतिभागियों की संख्या के संदर्भ में आधिकारिक तौर पर एक रिकॉर्ड स्थापित करने की उम्मीद है। इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स द्वारा एक नया कीर्तिमान बनाने वाले इस सम्मेलन में अपनी पुस्तकों को शामिल किया जाएगा।

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