प्रयागराज रेड लाईट एरिया संचालकों में 33 महिलाओं समेत 41 को 14 वर्ष तक क़ैद

बंधक बनाकर देहव्यापार कराने में बड़ा फैसला, 33 महिलाओं समेत 41 को सजा का ऐलान

प्रयागराज 25 जनवरी। सेशन न्यायालय ने मानव तस्करी कर देश के कई हिस्सों से बालिग एवं नाबालिग लड़कियों को लाकर उन्हें बंधक बनाकर मर्जी के खिलाफ वेश्यावृत्ति कराने के मामले में 41 अभियुक्तों को दंडित किया।

न्यायालय ने 18 जनवरी को इन सभी आरोपितों को दोषी करार दिया था। सजा के प्रश्न पर सुनवाई के लिए 25 जनवरी की तारीख तय की थी। यह आदेश अपर सत्र न्यायाधीश रचना सिंह ने विशेष लोक अभियोजक आरपी सिंह, जिला शासकीय अधिवक्ता गुलाब चंद्र अग्रहरि, एडीजीसी अमित मालवीय व जयकांत तिवारी एवं गुड़िया संस्था के अधिवक्ता कौशलेश सिंह एवं गोपाल कृष्ण को सुन कर दिया।

अभियोजन पक्ष की ओर से आरोपितों के विरुद्ध तर्क दिया गया कि उनकी ओर से किया गया अपराध न सिर्फ घृणित है बल्कि निंदनीय भी है। इन लोगों ने पीड़ितों, बच्चों, महिलाओं की तस्करी कर उनसे वेश्यावृत्ति कराई और धन अर्जित कर रहे थे। इसलिए यह सभी अधिकतम दंड से दंडित किए जाने के योग्य हैं और कहीं से भी नरमी बरतने के लायक नहीं हैं।

बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं की ओर से तर्क दिया गया कि इनमें से अधिकांश आरोपित महिलाएं मानसिक रूप से बीमार हैं, कुछ की आंख खराब है, हड्डी खराब है, उठने-बैठने चलने में असमर्थ हैं। कुछ महिलाओं की उम्र 70 वर्ष हो चुकी है, जो महिलाएं जमानत पर रिहा हैं। उन लोगों ने जमानत का दुरुपयोग नहीं किया है इसलिए नरमी बरती जाए और कम से कम दंड से दंडित किया जाए।

जो सजाएं सभी आरोपितों को मिली

-2 वर्ष कैद, 2 हजार रुपये जुर्माना, धारा 3 अनैतिक देह व्यापार अधिनियम
– 7 /7 वर्ष कैद, 20 हजार रुपये जुर्माना, धारा 7 एवं नव अनैतिक देह व्यापार अधिनियम
7 वर्ष की कैद,10 हजार रुपये जुर्माना, धारा 373 आईपीसी
10 वर्ष की कैद,10 हजार रुपये जुर्माना, धारा 370 आईपीसी

इन 13 को अतिरिक्त दी गई सजा

दुर्गा कामले, मनीषा, मीनाक्षी, सत्यभामा, कृष्णा शीला, पिंकी, मुन्नी, सचिन शुभम, कौशल, सामंत, बबलू सिंह व अभिषेक कुमार
14 वर्ष की कठोर कैद, 25 हजार रुपये जुर्माना, धारा 370 आईपीसी

इन महिलाओं को किया गया दंडित

स्वर्ण लता, सामंत, दुर्गा कामले, मनीषा, रेखा मां, रागिनी, संगीता, मीनाक्षी, गुलकंदी, सुमन, सत्यभामा, कृष्णा सामंत, कांची, रीना, हसीना, कृष्णा, सुभद्रा, शीला, रन्नो, मीना, रानी देवी, पिंकी, बॉबी, रजनी सामंत, उषा, पिंकी, रेखा, मुन्नी सुजाता, विमला, सुमन व सुमित्रा।

यह भी हुए हैं दंडित

अरविंद, सुनी, राजू, शुभम, कौश, सामंत, बबलू सिंह, अभिषेक कुमार व आशीष कुमार।

यह रहा मामला

थाना कोतवाली स्थित बादशाही मंडी (मीरगंज) रेड लाइट एरिया मीरगंज का है। सामाजिक कार्यकर्ता सुनील कुमार की शिकायत पर 48 आरोपितों, जिसमें अधिकांश महिला एवं कुछ पुरुष हैं के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गई थी।

एक मई 2016 को परगनाधिकारी केंद्रीय की अगुवाई में रेड लाइट एरिया में दबिश देकर बड़े पैमाने पर कार्यवाही कर पीड़िताओं को आरोपितों के चंगुल से मुक्त कराया गया था। प्रकरण में सरकार बनाम दुर्गा कामले सहित 48 आरोपितों के खिलाफ सत्र न्यायालय में विचारण किया गया। इन पर आरोप है कि मानव तस्करी के माध्यम से देश के कई हिस्सों के बालिग व नाबालिग लड़कियों को लाकर उन्हें बंधक बनाकर उनकी मर्जी के खिलाफ वेश्यावृत्ति कराई जाती थी।

उनकी खरीद-फरोख्त की जाती थी। पीड़िताओं ने अपने बयान में कहा था कि हम लोगों को उनके मूल स्थान से बहला-फुसलाकर व लालच देकर यहां लाया गया। हम लोगों का शारीरिक शोषण व जबरन देह व्यापार कराया जाता है। न्यायालय ने कुल 41 अभियुक्तों को अनैतिक व्यापार अधिनियम 1956 और भारतीय दंड संहिता की धारा 370 और 373 के अपराध में दोष सिद्ध पाया है।

दौरान मुकदमा छह आरोपितों की मृत्यु हो गई और एक के भाग जाने के कारण पत्रावली अलग कर दी गई। इस मामले को शीघ्र निस्तारित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि प्रत्येक माह में कम से कम 8 दिन इस मामले की सुनवाई अवश्य की जाएगी

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