विवाद:बेईमान, झूठी, एजेंडाधारी राना अय्यूब को IJF बुलाता क्यों है?

 

प्रियम गांधी ने राणा अय्यूब को दिया जवाब, IJF के आयोजकों से पूछा- ऐसे झूठे लोगों को लोग क्यों बुलाते हैं
पत्रकार राणा अय्यूब (Rana Ayyub) ने इंटरनेशनल जर्नलिस्ट फेस्ट में लेखिका प्रियम गांधी मोदी (Priyam Gandhi Mody) की किताब पर बयान दिया था। प्रियम गांधी ने पलटवार करते हुए कहा है कि वह खुलेआम झूठ बोलती हैं।

नई दिल्ली। किताब ‘ए नेशन प्रोटेक्ट’ (A Nation to Protect) की लेखिका प्रियम गांधी मोदी (Priyam Gandhi Mody) ने पत्रकार राणा अय्यूब (Rana Ayyub) को करारा जवाब दिया है। उन्होंने कहा है कि राणा अय्यूब खुलेआम झूठ बोलती हैं। दरअसल, राणा अय्यूब ने इंटरनेशनल जर्नलिस्ट फेस्ट (IJF) में प्रियम गांधी की किताब पर बयान दिया था, प्रियम ने ट्वीट कर राणा अय्यूब पर पलटवार किया।

 

अपने ट्वीट में प्रियम गांधी ने लिखा कि मैं वह ‘कोई’ हूं, जिसके भारत के COVID से निपटने पर पुस्तक लिखी है, जिस पर राणा अय्यूब ने बयान दिया है। यह किताब अधिक बिक्री के चलते हर हवाई अड्डे पर है। प्रियम ने इंटरनेशनल जर्नलिस्ट फेस्ट के आयोजकों से पूछा है कि आप किसी ऐसे व्यक्ति को कैसे चुनते हैं जो आपके मुख्य वक्ता के रूप में स्पष्ट रूप से झूठ बोलता है?

 

A🧵: I am the ‘someone’ who refers to who has written the book on India’s COVID handling. It’s at every airport because that’s how high the sales are. how do you pick someone who blatantly lies as your keynote speaker? pic.twitter.com/dfS3Pb7471

— Priyam Gandhi-Mody (@PriyamGM)

राणा अय्यूब का बयान

इंटरनेशनल जर्नलिस्ट फेस्ट में राणा अय्यूब ने कहा था कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान हजारों लोगों की मौत हुई। नरेंद्र मोदी सरकार इसे रोकने में नाकाम रही। जिन पत्रकारों ने स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी के बारे में बोला या लिखा उन्हें जेल में डाला गया। एक किताब लिखी गई है। इसे किसी ने लिखा है। इसमें लिखा गया है कि नरेंद्र मोदी ने कैसे किसी हीरो की तरह कोरोना काल में काम किया। यह किताब हर एयरपोर्ट पर दिखती है। इसे सरकार के हर सदस्य द्वारा प्रमोट किया जा रहा है।

बता दें कि राणा अय्यूब तहलका पत्रिका में पत्रकार थीं। तहलता के संपादक तरुण तेजपाल पर यौन शोषण के आरोप लगने के बाद अय्यूब ने इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद से वह स्वतंत्र पत्रकारिता के जरिए तमाम अखबारों और मैग्जीनों में लेख लिख रहीं हैं। उनके खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) मामले में जांच कर रही है। ईडी ने उनके 1.77 करोड़ रुपए कुर्क कर लिया है।

पत्रकार राणा अय्यूब को लंदन की फ्लाइट में चढ़ने से रोका गया था, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने जारी किया लुक आउट नोटिस

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने पत्रकार राणा अय्यूब को पूछताछ के लिए 1 अप्रैल को तलब किया था. आरोप है कि अय्यूब ने राहत कार्य के लिए एनजीओ के फंड का दुरुपयोग किया.

1 अप्रैल को अय्यूब को पूछताछ के लिए बुलाया
मुंबई एयरपोर्ट पर रोकी गईं राणा अय्यूब

प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पत्रकार राणा अय्यूब को पूछताछ के लिए तलब किया है. उनके खिलाफ लुक आउट नोटिस भी जारी किया गया है. एजेंसी की तरफ से जारी लुकआउट सर्कुलर के आधार पर अय्यूब को आज उस वक्त मुंबई हवाई अड्डे पर रोक दिया गया, जब वह लंदन जा रही थीं.

इससे पहले ईडी ने 1.7 करोड़ रुपये की संपत्ति (बैंक बैलेंस) कुर्क की थी. ईडी ने आरोप लगाया है कि अय्यूब ने राहत कार्य के लिए एनजीओ के फंड का दुरुपयोग किया था. प्रवर्तन निदेशालय ने अय्यूब को मामले के सिलसिले में पूछताछ के लिए एक अप्रैल को तलब किया है.

इस मामले को लेकर महिला पत्रकार ने अपने ट्वीट में लिखा, जब मैं पत्रकारों को डराने-धमकाने के मुद्दे पर अपना भाषण देने के लिए लंदन जाने वाली अपनी उड़ान में सवार होने वाली थी, तभी मुझे रोक दिया गया. जर्नलिज्म फेस्टिवल में भारतीय लोकतंत्र पर मुख्य भाषण देने के तुरंत बाद मुझे इटली के लिए रवाना होना था.

1.77 करोड़ रुपए जब्त

बता दें कि फरवरी में मनी लॉन्ड्रिंग मामले प्रवर्तन निदेशालय ने पत्रकार राणा अयूब के 1.77 करोड़ रुपए जब्त किए थे. पत्रकार राणा अयूब के 1.77 करोड़ रुपये जब्त किए के बाद ईडी अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने कथित तौर पर 3 अभियानों के लिए दिए गए दान का सही उद्देश्य के लिए इस्तेमाल नहीं किया. ईडी ने यह कदम उत्तर प्रदेश की गाजियाबाद पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर उठाया है.

विदेशी मदद मिली

ईडी अधिकारियों ने बताया था कि राणा अय्यूब ने कोविड, बाढ़ राहत और प्रवासियों के लिए तीन ऑनलाइन अभियान शुरू किए थे. यह एक तरह की क्राउड फंडिंग थी. उन्हें FCRA की मंजूरी के बिना विदेशी योगदान मिला. हालांकि, इनकम टैक्स और ईडी की कार्रवाई के बाद पत्रकार राणा ने विदेशी चंदा वापस कर दिया.

निजी खर्चों के लिए लिया चंदे का इस्तेमाल

विदेशी चंदे की वापसी के बाद भी उनके पास लगभग 2 करोड़ रुपए थे, लेकिन कथित तौर पर केवल 28 लाख रुपए का उपयोग किया गया था. ईडी का कहना हि कि उन्होंने गोवा की यात्रा जैसे निजी खर्चों के लिए चंदे का इस्तेमाल किया.

50 लाख रुपए की FD

राणा अय्यूब ने कथित तौर पर दान के पैसे का उपयोग करके 50 लाख रुपए की फिक्स डिपोजिट (FD) भी की थी. पूछताछ के दौरान उन्होंने ईडी को बताया कि एफडी इसलिए किया गया ताकि उसे कुछ ब्याज मिल सके और एक अस्पताल बनाया जा सके.

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