रामजन्म भूमि मंदिर विवाद: छलपूर्वक आरोपकर्ताओं ने छुपाए तथ्य-चंपत राय

आरोपों पर बोले चम्पत राय- पारदर्शिता के साथ खरीदी गई जमीन, आरोप लगाने वालों ने नहीं ली पूरी जानकारी

राम मंदिर की जमीन खरीदने को लेकर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर लग रहे भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच ट्रस्ट के महासचिव चम्पत राय ने बयान जारी किया है. उन्होंने कहा कि श्री राम जन्म-भूमि मन्दिर को वास्तु शास्त्र के अनुसार भव्य स्वरूप प्रदान कराने, शेष परिसर को सभी प्रकार से सुरक्षित तथा दर्शनार्थियों के लिए सुविधापूर्ण बनाने के लिए ट्रस्ट कार्य कर रहा है

जमीन विवाद को लेकर चम्पत राय ने बयान जारी किया.

समर्थ श्रीवास्तव
पारदर्शिता के साथ खरीदी गई जमीन- चम्पत राय
आरोप लगाने वालों ने नहीं ली पूरी जानकारी- चम्पत राय
अयोोध्या14 जूून। राम मंदिर की जमीन खरीदने को लेकर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर लग रहे भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच ट्रस्ट के महासचिव चम्पत राय ने बयान जारी किया है. उन्होंने कहा कि श्री राम जन्म-भूमि मन्दिर को वास्तु शास्त्र के अनुसार भव्य स्वरूप प्रदान कराने, शेष परिसर को सभी प्रकार से सुरक्षित तथा दर्शनार्थियों के लिए सुविधापूर्ण बनाने के लिए ट्रस्ट कार्य कर रहा है. इस मन्दिर के पूर्व व पश्चिम भाग में निर्माणाधीन परकोटा व रिटेनिंग वॉल की सीमा में आने वाले महत्वपूर्ण मन्दिरों/स्थानों को परस्पर सहमति से खरीदा गया है.

तीर्थ क्षेत्र का निर्णय रहा है कि इस प्रक्रिया में विस्थापित होने वाले प्रत्येक संस्थान/व्यक्ति को पुनर्वासित किया जायेगा. पुनर्वास हेतु भूमि का चयन सम्बन्धित संस्थानों/व्यक्तियों की सहमति से किया जा रहा है. बाग बिजेसी, अयोध्या स्थित 1.20 हेक्टेयर भूमि इसी प्रक्रिया के अन्तर्गत महत्वपूर्ण मन्दिरों जैसे कौशल्या सदन आदि की सहमति से पूर्ण पारदर्शिता के साथ खरीदी गई है.

बयान में कहा गया है कि ध्यान देने योग्य है कि उपर्युक्त वर्णित भूमि अयोध्या रेलवे स्टेशन के नजदीक मार्ग पर स्थित एक प्रमुख स्थान (प्राइम लोकेशन) है. इस भूमि के सम्बन्ध में वर्ष 2011 से वर्तमान विक्रेताओं के पक्ष में अलग-अलग समय (2011, 2017 व 2019 ) में अनुबन्ध सम्पादित हुआ. खोजबीन करने पर यह भूखण्ड हमारे उपयोग के लिए अनुकूल पाया गया जिसके बाद सम्बन्धित व्यक्तियों से सम्पर्क किया गया. भूमि का जो मूल्य मांगा गया, उसकी तुलना वर्तमान बाजार मूल्य से की गयी, अन्तिम देय राशि लगभग 1,423/ रुपये प्रति वर्गफीट तय हुई जो निकट के क्षेत्र के वर्तमान बाजार मूल्य से बहुत कम है।

मूल्य पर सहमति हो जाने के बाद संबंधित व्यक्तियों को अपने पूर्व के कॉन्ट्रैक्ट्स को पूर्ण करना आवश्यक था, तभी सम्बन्धित भूमि तीर्थ क्षेत्र को हासिल हो सकती थी. तीर्थ क्षेत्र के साथ कॉन्ट्रैक्ट करने वाले व्यक्तियों के पक्ष में भूमि का बैनामा होते ही तीर्थ क्षेत्र ने अपने पक्ष में पूर्ण तत्परता एवं पारदर्शिता के साथ अनुबन्ध हस्ताक्षरित किया व पंजीकृत कराया. तीर्थ क्षेत्र का पहले दिन से ही निर्णय रहा है कि सभी भुगतान बैंक से सीधे खाते में ही किए जाएंगे. संबंधित भूमि की खरीद प्रक्रिया में भी इसी निर्णय का पालन हुआ है.यह भी सुनिश्चित किया जाता है कि सरकार की ओर से लगाये गये सभी टैक्स आदि का भुगतान हो जाये.

आरोप की भाषा में वक्तव्य देने वाले व्यक्तियों ने आरोप लगाने से पहले तीर्थ क्षेत्र के किसी भी पदाधिकारी से तथ्यों की जानकारी नहीं ली. इससे समाज में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हुई है. समस्त श्री राम भक्तों से निवेदन है कि वे ऐसे किसी दुष्प्रचार में विश्वास न करें ताकि श्री राम जन्म-भूमि मन्दिर का पूर्ण पारदर्शिता के साथ चल रहा निर्माण कार्य जल्द बिना किसी रुकावट के पूरा ह

चंद मिनटों में 2 से 18 करोड़ हुई जमीन की कीमत, अयोध्या में ट्रस्ट के नाम पर घोटाले के आरोप

क्या है संजय सिंह और पवन पांडे के आरोप?
सांसद संजय सिंह ने कहा है कि अयोध्या की इस जमीन की कीमत साढ़े पांच लाख रुपये प्रति सेकंड की दर से बढ़ी। जिस तेजी से जमीन की कीमत बढ़ी वह अपने आप में रेकॉर्ड है। जो जमीन मंदिर ट्रस्‍ट ने खरीदी उसके एग्रीमेंट के लिए स्टांम्प 5:11 मिनट पर खरीदा गया और रवि मोहन तिवारी ने जो जमीन हरीश पाठक से खरीदी उसके स्टॉम्प 5:22 मिनट पर खरीदे गए।

ट्रस्क्क्या्य्या््य्क्क्

हम तो तमाम मंदिरों की प्रॉपर्टी सेल में गवाह हैं। डील तो विक्रेता व क्रेता के बीच होती है। उससे गवाह का कोई लेना-देना नहीं होता।

ऋषिकेश उपाध्याय, मेयर, अयोध्या

कैसे हुई जमीन की खरीद-फरोख्त?

जमीन की खरीद-फरोख्त मामले से जुड़े एक शख्स के अनुसार, अयोध्या के बाग विलैसी में स्थित 180 बिस्वा (12,080 वर्ग मीटर) जमीन हरीश पाठक और कुसुम पाठक की थी। इसे उन्होंने सुल्तान अंसारी, रवि मोहन तिवारी, इच्छा राम, मनीष कुमार, रवींद्र कुमार, बलराम यादव और अन्य तीन के नाम 2019 में रजिस्टर्ड एग्रीमेंट कर दिया था। इस जमीन का सौदा 26.50 करोड़ रुपये में तय हुआ।

इसकी सरकारी मालियत करीब 11 करोड़ रुपये आंकी गई थी। 2.80 करोड़ रुपये हरीश पाठक और कुसुम पाठक के खाते में ट्रांसफर कर 80 बिस्वा जमीन की रजिस्ट्री कराई गई। बाकी 100 बिस्वा जमीन एग्रीमेंट धारकों ने अपनी सहमति से दो लोगों के नाम लिख दिया, जिनसे श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने 18.50 करोड़ में रजिस्टर्ड एग्रीमेंट करवा लिया है।

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