पैसे लेकर सवाल पूछती थी तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा,जायेगी सदस्यता

पैसे लेकर सदन में सवाल पूछती थीं TMC सांसद महुआ मोइत्रा, BJP सांसद के आरोप के बाद अब खतरे में सदस्यता
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पैसे लेकर सदन में सवाल पूछती थीं। भाजपा सांसद निशिकांत ने तथ्यों के साथ लोकसभा अध्यक्ष से शिकायत की है। अब तक पूछे गए 61 में से 50 सवाल एक ही उद्योगपति के हितों से संबंधित है। भाजपा सांसद के आरोप के बाद अब महुआ की सदस्यता खतरे में है। पहले भी कई सांसदों की सदस्यता जा चुकी है।

मुख्य बिंदु
पैसे लेकर सदन में सवाल पूछती थीं तृणमूल की महुआ मोइत्रा, खतरे में सदस्यता
भाजपा सदस्य निशिकांत ने तथ्यों के साथ लोकसभा अध्यक्ष से की शिकायत
अब तक पूछे गए 61 में से 50 सवाल एक ही उद्योगपति के हितों से संबंधित

नई दिल्ली 15 अक्टूबर। पश्चिम बंगाल में जहां कई तृणमूल सदस्य व मंत्री भ्रष्टाचार के आरोप में घिरे हैं, वहीं अब पार्टी की लोकसभा सदस्य महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) पर न सिर्फ गंभीर भ्रष्टाचार का, बल्कि सदन की गरिमा गिराने और विशेषाधिकारों के हनन का आरोप लगा है। उन पर पैसे और गिफ्ट के बदले विदेश में बसे एक उद्योगपति दर्शन हीरानंदानी के हितों के लिए संसद में सवाल पूछने का आरोप लगा है।

गंभीर हैं महुआ मोइत्रा पर लगे आरोप

बता दें कि यह बहुत ही गंभीर आरोप है और 2005 में ऐसे ही एक मामले में कई सदस्यों की सदस्यता चली गई थी। वे नेता फिर लौटकर संसद नहीं पहुंचे।

महुआ मोइत्रा ने पूछे उद्योगपति से जुड़े सवाल

पिछले कुछ वर्षों में महुआ मोइत्रा ने अपने आक्रामक लहजे के कारण फायरब्रैंड नेता की छवि बनाई थी। रविवार को भाजपा सदस्य निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर सीधा आरोप लगाया कि महुआ ने अब तक सदन में 61 सवाल पूछे हैं, जिसमें से 50 उक्त उद्योगपति के कारोबार से जुड़ा रहा है।

दिल्ली के अधिवक्ता ने की पूरी पड़ताल

निशिकांत ने लोकसभा अध्यक्ष को बताया कि दिल्ली के एक अधिवक्ता जय अनंत देहाद्रई ने पूरी पड़ताल की है, लोकसभा में महुआ की ओर से पूछे गए सवालों की लिंक अटैच की है और साथ ही यह भी बताया है कि पूछे गए सवाल किस तरह एक ही उद्योगपति के संबंधित थे।

रोचक पहलू यह भी है कि कुछ सवालों को अदाणी समूह से जोड़ा जाता था, जिसके खिलाफ महुआ के उद्योगपति मित्र हीरानंदानी की कंपनी संघर्ष कर रही होती थी। निशिकांत ने पूरी जांच कमेटी बिठाने और कार्रवाई करने की मांग करते हुए कहा कि फायरब्रांड छवि तैयार करने वाली सच्चाई में पैसे लेकर सवाल पूछने वाली निकलीं। उन्होंने कहा कि यह न सिर्फ संसद की अवमानना और विशेषाधिकार हनन है बल्कि दंड संहिता के 120 ए में अपराध भी है।

हीरानंदानी को फायदा पहुंचाते थे मोइत्रा के सवाल

अधिवक्ता अनंत ने 38 पेज की विस्तृत जानकारी दी है और उसमें यह बताया है कि महुआ के सवाल किस तरह हीरानंदानी को फायदा पहुंचाते थे। यानी सवाल हीरानंदानी के होते थे और संसद में मंत्री से वह सवाल महुआ पूछती थीं और परोक्ष रूप से सरकार पर दबाव बनाती थी।

मई 2019 में लोकसभा पहुंचीं महुआ

महुआ मोइत्रा मई 2019 में चुनकर लोकसभा पहुंची। आठ अगस्त 2019 को उन्होंने पेट्रोलियम मंत्रालय से पारादीप पोर्ट ट्रस्ट से जुड़ा सवाल पूछा। अनंत के अनुसार, पारादीप के साथ 2018 में हीरानंदानी को समझौता हुआ था। 18 नवंबर को महुआ ने फिर से पेट्रोलियम से जुड़ा सवाल पूछा और अदाणी को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की। निशिकांत ने बताया कि पूछे गए 61 में से 50 सवाल हीरानंदानी के लिए थे।

2005 में ऐसा ही मामला आया था सामने

गौरतलब है कि 2005 में जब ऐसा ही एक मामला स्टिंग के जरिए सामने आया था तो तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष ने पवन बंसल की अध्यक्षता में जांच कराई थी। मात्र 23 दिन में रिपोर्ट आई और एकमत से सदन से इसकी इसकी आलोचना करते हुए सदस्यता समाप्त कर दी गई थी। महुआ पर भी इसका खतरा आसन्न है। यूं तो अलग- अलग कारणों से कई सदस्यों पर गिरी गाज को राजनीतिक रंग दिया जा रहा है, लेकिन महुआ के साथ खड़ा होना किसी भी राजनीतिक दल का मुश्किल होगा।

TMC सांसद का जवाब- ऐसे प्रस्तावों का स्वागत, ED मेरे घर पहुंच सकती है

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला से मांग की है कि महुआ मोइत्रा को निलंबित किया जाए और एक कमेटी से मामले की जांच कराई जाए।

झारखंड के गोड्‌डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा पर आरोप लगाया है। लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को लिखी चिट्ठी में दुबे का आरोप है कि महुआ मोइत्रा को सदन में सवाल पूछने को बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी से गिफ्ट और कैश मिला।

निशिकांत ने स्पीकर से मांग की कि इस मामले की जांच के लिए कमेटी बनाई जाए और महुआ मोइत्रा को सदन से निलंबित किया जाए।

निशिकांत ने स्पीकर को ‘री-इमरजेंस ऑफ नेस्टी कैश फॉर क्वेरी इन पार्लियामेंट’ टाइटल से चिट्ठी लिखी है। इसमें विशेषाधिकारों के गंभीर उल्लंघन, सदन के अपमान और IPC की धारा 120A में आपराधिक केस की बात कही है।

महुआ बोलीं- उम्मीद है कि ED भी दरवाजे पर पहुंचेगी

महुआ मोइत्रा ने X पर लिखा- फेक डिग्री वाले और भाजपा के कई नेताओं के खिलाफ विशेषाधिकार हनन के मामले लंबित हैं। अगर स्पीकर उन सबसे निपट लेते हैं तो मैं अपने खिलाफ किसी भी प्रस्ताव का स्वागत करूंगी। प्रवर्तन निदेशालय (ED) के मेरे दरवाजे पर आने और अन्य लोगों के अडाणी कोयला घोटाले में FIR दर्ज करने का भी इंतजार कर रही हूं।

निशिकांत दुबे ने अपनी चिट्ठी के साथ एक लेटर भी लगाया है

न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक,निशिकांत दुबे ने अपने लेटर के साथ एक एडवोकेट जय अनंत देहाद्रई की चिट्ठी भी लगाई है। इसमें लिखा है- ऐसा प्रतीत होता है कि जय अनंत देहाद्राई ने मेहनत से रिसर्च की है,जिसके आधार पर उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि हाल तक महुआ मोइत्रा ने संसद में कुल 61 में से करीब 50 प्रश्न पूछे। इनमें दर्शन हीरानंदानी और उनकी कंपनी के व्यावसायिक हितों की रक्षा करने या उन्हें कायम रखने के इरादे से जानकारी मांगी गई थी।

निशिकांत ने कहा- पहले भी ऐसा मामला सामने आया था
अपने लेटर में निशिकांत ने ये भी बताया कि 14वीं लोकसभा के दौरान 12 दिसंबर 2005 को भी ऐसा ही मामला सामने आया था। तब स्पीकर ने उसी दिन जांच कमेटी का गठन कर दिया था। साथ ही 23 दिसंबर 2005 को 10 सांसदों को 23 दिन के लिए निलंबित कर दिया गया था।

दुबे ने कहा- इसी सदन ने ‘कैश फॉर क्वेश्चन’ मामले में 11 सांसदों की सदस्यता रद्द की थी। आज भी यह चोरी नहीं चलेगी। एक बिजनेसमैन हमारे लिए खराब है, लेकिन दूसरे से 35 जोड़ी जूते लेने में उन्हें कोई गुरेज नहीं है। मिसेस (इमेल्डा) मार्कोस की तरह हर्मीस, गुच्ची बैग, पर्स, कपड़े और हवाला का पैसा काम नहीं करेगा। सदस्यता चली जाएगी, कृपया प्रतीक्षा करें।

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