जोधपुर में ईद की नमाज के बाद मुसलमानों का उपद्रव, कर्फ्यू

‘तेजाब भरी बोतलें फेंकी…तलवारें लहराईं’,प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया जोधपुर में उपद्रवियों ने कैसे मचाया तांडव

जोधपुर चार मई। राजस्थान के जोधपुर में झंडा फहराने को लेकर दो समूहों के बीच हिंसक झड़प ने ईद पर हंगामे का बड़ा रूप अख्तियार कर लिया। हिंसा में पांच पुलिसकर्मी सहित 16 लोग जख्मी हो गए। जिसके बाद पुलिस (Rajasthan Police) ने भी सख्ती दिखाई, लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़े गए। तनावपूर्ण हालात देख 10 थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू (Curfew in Jodhpur) लगाया गया है। अफवाहें रोकने को जिले में इंटरनेट बंद कर दिया गया है।

ऐसे शुरू हुआ पूरा बवाल

स्थानीय सूत्रों ने बताया कि कुछ लोग जालोरी गेट चौराहे पर झंडा फहरा रहे थे। इस दौरान विडियो बना रहे एक जन की कुछ युवकों ने पिटाई कर दी। कुछ लोग उसे बचाने आए तो उन पर भी हमला कर दिया। देखते ही देखते दूसरे गुट ने पथराव शुरू कर दिया। इस पथराव में उदयमंदिर एसएचओ अमित सिहाग और डीसीपी पूर्वी भुवनभूषण यादव भी घायल हुए। इसके बाद जबता ईदगाह रोड और जालोरी गेट चौराहे पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया। वहीं हिंसा भड़कने के बाद पुलिस ने उपद्रवियों पर लाठीचार्ज किया,आंसू गैस के गोले दागे और भीड़ तितर-बितर की। जोधपुर के शनिचर थाना क्षेत्र में मंगलवार सुबह उपद्रवियों ने 20 से अधिक गाड़ियों के शीशे तोड़े और कई एटीएम में भी तोड़फोड़ की। सूरसागर विधायक के घर के बाहर भी हंगामा हुआ है।

बिगड़ते हालात देख प्रशासन ने 10 थाना क्षेत्रों में लगाया कर्फ्यू

विवाद की शुरुआत सोमवार आधी रात के बाद हुई। कुछ
मुसलमान ईद पर जालोरी गेट के पास एक चौराहे पर इस्लामिक झंडे लगा रहे थे।इन्होंने चौराहे पर स्वतंत्रता सेनानी बालमुकुंद बिस्सा की प्रतिमा पर झंडा लगाया,जिसका हिंदुओं ने विरोध किया कि परशुराम जयंती पर लगे भगवा ध्वज को हटा इस्लामी ध्वज लगाया जा रहा है। इसे लेकर दोनों समुदाय आमने-सामने आ गए और झड़प हो गई। पुलिस ने हालात काबू किये लेकिन मंगलवार सुबह जालोरी गेट के पास ईदगाह पर ईद की नमाज हुई। नमाज के बाद वहां खड़ी गाड़ियों पर पथराव हुआ। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का गृह नगर भी है। दंगे के बाद जन्मदिन पर मुख्यमंत्री निवास पर प्रस्तावित कार्यक्रम रद्द हुए।

‘पूरी योजना बनाकर आए थे उपद्रवी’

इस घटना के प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि उपद्रवी पूरी योजना बनाकर आए थे। उन्होंने जमकर उत्पात मचाया। तेजाब भरी बोतल घरों पर फेंकी, भय फैलाने को तलवार लहराई। 14 से ज्यादा मोहल्ले के लोगों ने अपने क्षेत्रों में बवाल की बात कही है। कुछ जगह नकाबपोश युवकों ने हमला बोला और पत्थरबाजी की। महिलाओं ने बताया कि उनके साथ छेड़खानी की गई। बाद में स्थानीय लोग भी डंडे लेकर निकले। कबूतर चौक पर पांच साल की बच्ची से मारपीट हुई है। प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि आक्रामणकारी पाइप, लोहे के सरिये, लाठी-डंडे लेकर आए थे। एक महिला ने बताया कि नए लड़के थे,15-20 के साल के। वहीं जालप मोहल्ला में विधायक के घर के बाहर दो बाइकें आग के हवाले कर दी गई।

पुलिस प्रशासन ने संभाला मोर्चा, BJP का प्रदेश सरकार पर निशाना

इस घटना को लेकर राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो गई। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने स्वतंत्रता सेनानी बालमुकुंद बिस्सा की प्रतिमा पर इस्लामिक झंडा लगाने की निंदा की। उन्होंने एक विडियो बयान में कहा, ‘जोधपुर में स्वतंत्रता सेनानी बालमुकुंद बिस्सा की प्रतिमा पर भगवा ध्वज को उतारकर इस्लामिक झंडा लगाया गया और जिस तरीके से वहां हिंसा की गई, उससे साफ तौर पर यह जाहिर होता है कि कांग्रेस पार्टी की सरकार का तुष्टीकरण रवैया उनके डूबने का सबसे बड़ा कारण बनेगा।’
उन्होंने कहा कि राजस्थान में कानून-व्यवस्था की स्थिति चुनौती बनी हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस तरह की घटनाओं के लिए राज्य सरकार का संरक्षण जिम्मेदार है।
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने इस मामले को लेकर कहा कि पिछले कुछ समय से राजस्थान में सरकार की कानून व्यवस्था फेल हुई है। सुनियोजित तरीके से स्वतंत्रता सेनानी बालमुकुंद के मुंह में झंडा लगाया गया, लेकिन पुलिस ने पीड़ितों पर ही लाठीचार्ज किया। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने पुलिस पर आरोप लगाया कि, ऐसा लगता है पुलिस अदृश्य दवाब में काम करती है। एकतरफा कार्रवाई हो रही है,प्रशासन पर दवाब डाला तब एफआईआर हुई। उन्होंने चेतावनी दी कि इस मामले में उचित कार्रवाई नहीं हुई तो जालौरी गेट पर प्रदर्शन होगा।

जोधपुर में मुस्तैद पुलिस अधिकारी,मुुुख्यमंंत्री बोले- अपराधी किसी भी धर्म का, बख्शा नहीं जाएगा

मुख्यमंत्री गहलोत ने पुलिस और प्रशासन के उच्चाधिकारियों से बैठक में हालात की समीक्षा की। जोधपुर मुख्यमंत्री गहलोत का गृहनगर भी है।उन्होंने सांप्रदायिक सद्भाव और भाईचारे को नुकसान पहुंचाने के जिम्मेदार असामाजिक तत्वों की पहचान कर उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि अपराधी चाहे किसी धर्म, जाति या वर्ग का हो अपराध में उसकी भागीदारी पाए जाने पर उसे बख्शा नहीं जाए। उन्होंने आमजन से शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘थाना स्तर पर असामाजिक तत्वों को पहचान कर उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। सोशल मीडिया पर भ्रामक संदेश फैलाने वाले तत्वों की पहचान कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।’

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