लव जिहाद: आशीष ठाकुर बन उत्तरांखड की लड़की फंसाई हसीन सैफी ने,जेल

 

खुद को बताया था ‘आशीष ठाकुर’, निकला हसीन सैफी: उत्तराखंड को युवती को फाँस कर कई बार बनाए शारीरिक सम्बन्ध, वीडियो से कर रहा था ब्लैकमेल
लव जिहाद, हसीन सैफी, ग्रेटर नोएडा
‘लव जिहादी’ हसीन सैफी उत्तर प्रदेश पुलिस की गिरफ्त में

देहरादून/लखनऊ12 दिसंबर। उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में ‘लव जिहाद’ का मामला सामने आया है। युवती का आरोप है कि हसीन शैफी ने खुद को आशीष ठाकुर बताते हुए दोस्ती की थी। सोमवार (12 दिसंबर, 2022) को वह युवती से कोर्ट मैरिज करने जा रहा था। इससे पहले ही उसकी सच्चाई सामने आ गई। पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उत्तराखंड निवासी युवती ग्रेटर नोएडा के दादरी कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत रह रही थी। वह, एक प्राइवेट कंपनी में काम करती है। इसी कंपनी में उसकी मुलाकात हसीन शैफी से हुई। मुलाकात के दौरान, हसीन ने खुद को आशीष ठाकुर बताते हुए युवती से दोस्ती की।

इस दोस्ती के बाद दोनों में बातचीत होने लगी और फिर प्रेम हो गया। इसके बाद, दोनों एक साथ सूरजपुर में एक किराए के मकान में रहने लगे। दो माह पहले ही पीड़ित युवती और आरोपित हसीन शैफी ने दादरी के एक मकान में रहना शुरू किया। इन दोनों का प्रेम आगे बढ़ गया था। आरोपित हसीन पीड़िता के साथ सोमवार (12 दिसंबर, 2022) को कोर्ट मैरिज करने की फिराक में था। लेकिन, इससे पहले ही पीड़िता को हसीन की सच्चाई पता चल गई।

शादी से पहले हुआ खुलासा
शुक्रवार (9 दिसंबर, 2022) को पीड़िता और हसीन शादी के लिए खरीदारी करने गए थे। इस दौरान, आरोपित का अब्बा शकील सैफी उसकी तलाश में दादरी स्थित उसके कमरे में पहुँचा था। वहाँ लोगों ने बताया कि उक्त कमरे में आशीष नहीं बल्कि हसीन रहता है।

खरीदारी करने के बाद युवती कमरे पर आई तो आरोपित हसीन की सच्चाई का खुलासा हो गया। पीड़िता का आरोप है, मजहब और नाम बदलकर प्रेमजाल में फँसाने वाले हसीन शैफी ने उसका शरीरिक शोषण करते हुए कई बार शारीरिक संबंध भी बनाए हैं और अश्लील वीडियो भी बनाया है। इन वीडियो के आधार पर वह शादी करने के लिए दबाव बना रहा था। इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी जब हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं को हुई तो वे मौके पर पहुँच गए। इसके बाद, पुलिस को सूचना देकर आरोपित के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई। पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.

दोनों एक ही फैक्ट्री में करते थे काम: कर रहा था ब्लैक मेल

उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नॉएडा से लव जिहाद का एक और मामला आ रहा है, जिसमें हसीन सैफी ने खुद को आशीष चौधरी बताया और दोस्ती की एवं सम्बन्ध बनाए। अब वह सोमवार अर्थात 12 दिसंबर 2022 को कोर्ट मैरिज करने जा रहा था, तो सच्चाई सामने आई और उसे हवालात भेज दिया गया।

जागरण के अनुसार उत्तराखंड में रहने वाली युवती ग्रेटर नॉएडा में एक निजी फैक्ट्री में काम करती हैं। उसी में वह युवक भी नौकरी करता है। दोनों में दोस्ती हुई और उसने अपना नाम आशीष बताया था और बाद में वह लोग एक साथ रहने लगे।

मगर समय के साथ उस युवती को यह पता चला कि वह आशीष नहीं है बल्कि हसीन सैफी है और यह बात उसे शादी के एक दिन पहले पता चली।

मीडिया के अनुसार शुक्रवार को आरोपित के पिता शकील सैफी एस्कॉर्ट कॉलोनी स्थित कमरे में उसे ढूंढते हुए पहुंचे। उस समय युवक और युवती शादी की खरीदारी करने गए थे।

प्यार और रहने की आजादी के नाम पर लड़कियों का शोषण

जब भी ऐसा मामला कोई सामने आता है तो इसी बात पर जोर होता है कि लड़कियों का शोषण नाम बदलकर कर लिया परन्तु एक और वृहद जो मामला और समस्या है, उस पर पात नहीं होती है क्योंकि वह नैतिक मूल्यों से जुड़ा हुआ है और साथ ही वह उन मूल्यों से जुड़ा हुआ है, जो हिन्दू धर्म का आधार हैं। और वह है कथित रूप से बालिगों का अपने मन से अलग रहना।

रहने की आजादी, प्यार करने की आजादी, और अपना जीवन अपने अनुसार जीने की आजादी, यह सब आजादी आखिर किस कीमत पर आ रही हैं, इस पर विचार नहीं हो रहा है।

यह जो रहने की आजादी है, उसके कारण कितनी युवतियां जीवन से हाथ धो रही हैं, क्या इसका अंदाजा भी किसी को है? क्या वह लोग जो इस बात की पैरवी करते हैं कि लड़कियों को 18 वर्ष की आयु के बाद सब कुछ करने की आजादी है, वह इस आजादी के दुष्परिणामों को देख पा रहे हैं?

यह आजादी क्या विभिन्न प्रकार के रोगों को जन्म नहीं दे रही है? क्या यह आजादी श्रद्धाओं को आफताब का शिकार नहीं बना रही है? क्या यह आजादी उन लड़कियों को एक ऐसे जाल में नहीं फंसा रही है जहाँ से बाहर निकलने का कोई मार्ग ही नहीं है?

श्रद्धा आफताब के साथ रहने के लिए आ जाती है और फिर पैंतीस टुकड़ों में कट जाती है, यहाँ पर यह युवती भाग्यशाली थी जो बच गयी। कई युवतियां भाग्यशाली होती हैं, जो मरने से बच जाती हैं, परन्तु उनका पूरा जीवन एक यातना से होकर गुजरता है।

फ़िल्मी सितारों के लिव इन को महिमामंडित करता है मीडिया

कहीं न कहीं, इसमें मीडिया का बहुत बड़ा योगदान रहता है। मीडिया सेलेब्रिटीज के लिव इन में रहने को बहुत ही महिमामंडित करके दिखाता है और एक ऐसे क्रांतिकारी कदम के रूप में दिखाता है कि जैसे यही प्यार के लिए जरूरी है। परन्तु उसके बाद होने वाले दुष्परिणामों के विषय में मौन रहता है। वह छिपा जाता है, सेलेब्रिटीज के मध्य फैला हुआ अवसाद! परन्तु कई मामलों में यह सब कुछ सामने आता है। जैसे दक्षिण की अभिनेत्री दिव्या श्रीधर का मामला सामने आया था, जिसमे वह अपने बॉयफ्रेंड के साथ लिवइन में थीं और उन्हें बाद में पता चला था कि वह दरअसल मुस्लिम है

दिव्या का मामला हाई प्रोफाइल था, तो यह विषय चर्चा में आया था। परन्तु नाम बदलकर धोखा देने तक ही बात रह गयी, लिव इन पर बात नहीं आई!

प्रश्न तो यह उठना ही चाहिए कि बिना कर्तव्य बोध अर्थात बिना इस कर्तव्य बोध के कि परिवार और समाज के प्रति भी लड़की के कुछ कर्तव्य है, इस खोखली आजादी के क्या दुष्परिणाम हो रहे हैं? लड़की दैहिक रूप से तो क्षति पा ही रही है, साथ ही वह उन धार्मिक मूल्यों से भी कहीं न कहीं विमुख हो रही है।

लिव इन वैध है, आजादी की बात है परन्तु आजादी के साथ कर्तव्यबोध की भी बात हो!

 

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