हरिद्वार से अपहृत बच्ची मिली रूड़की से,शामली का है अपहर्ता सुरेंद्र

हरिद्वार में अपहृत 3  वर्षीय अबोध शामली से बरामद,भीख मंगवाने को किया था किडनैप,आरोपित गिरफ्तार

Haridwar Kidnapped Girl Recovered हरिद्वार हरकी पैड़ी से अपहरण 3 साल की मासूम को पुलिस ने शामली से बरामद कर लिया है. पुलिस ने किडनैपर को भी गिरफ्तार किया है. बच्ची का अपहरण भीख मांगने और मंगवाने को हुआ था.

हरिद्वार (उत्तराखंड) 06 अप्रैल 2024:  हरकी पैड़ी हरिद्वार से  सप्ताहभर पहले अपहृत 3 वर्षीय अबोध बच्ची पुलिस ने शामली से सकुशल ढूंढ निकाली. पुलिस ने अपहरणकर्ता भी पकड़ लिया. बच्ची का अपहरण भीख मांगने और मंगवाने को हुआ था. पुलिस अपहरणकर्ता के साथियों की खोजबीन कर रही है.

उत्तर प्रदेश के संभल निवासी महेंद्र (पुत्र यादराम) ने 1 अप्रैल को हरिद्वार कोतवाली नगर में लिखित शिकायत दी थी कि वह हरिद्वार बेटे का मुंडन संस्कार करवाने आया था. बेटे के मुंडन संस्कार के समय उसकी 3 वर्षीय बेटी लापता हो गई. पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने धारा 363 आईपीसी में मुकदमा लिखा.वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र डोबाल ने बच्ची सकुशल खोजने को तत्काल पुलिस टीमें गठित कर मॉनिटरिंग का जिम्मा खुद अपने हाथों में लिया.

पुलिस ने शुरुआत में घटनास्थल के आसपास की सीसीटीवी फुटेज खंगाली तो बैग टांगे एक अधेड़ व्यक्ति बच्ची को अपने कंधे पर बैठाकर ले जाता दिखा.संदिग्ध की पहचान को हरिद्वार पुलिस ने सोशल मीडिया का भी उपयोग किया जिस पर पुलिस सफल हुई और भेदिये की सूचना पर पुलिस ने आरोपित सुरेंद्र सिंह को 6 अप्रैल को शामली (उत्तर प्रदेश) से पकड़ लिया.पुलिस ने अपहरणकर्ता से बच्ची सकुशल बचा ली.
जांच को पुलिस टीम में SHO कुंदन सिंह राणा, SSI सतेंद्र सिंह बुटोला, SI संजीव चौहान, LSI निशा सिंह, ASI राधा कृष्ण रतूड़ी, ASI दीपक ध्यांनी, कॉन्स्टेबल मान सिंह नेगी, कॉन्स्टेबल निर्मल, कॉन्स्टेबल सुनील चौहान, कॉन्स्टेबल सतीश नौटियाल, कॉन्स्टेबल आनंद तोमर और कॉन्स्टेबल मुकेश (AHTU) शामिल थे.
पुलिस पूछताछ में आरोपित ने बताया कि बच्ची देखकर लोग भीख आसानी से देते हैं. इसलिए बच्ची का अपहरण भीख मांगने और मंगवाने को किया था.पकडे आरोपित की पहचान सुरेंद्र सिंह (पुत्र वलीद निवासी थाना बाबरी जिला शामली, उत्तर प्रदेश) के रूप में हुई है.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र सिंह डोबाल का कहना है कि पुलिस ने मामला गंभीरता से ले बच्ची को सकुशल ढूंढ लिया.अपहरणकर्ता जेल भेज दिया गया है. जांच हो रही है कि इस अपहरण में अन्य लोग भी शामिल हैं या नहीं. जांच के आधार पर कार्रवाई की जाएगी.

हरिद्वार से क्यों जुड़ता है किडनैप बच्चों का कनेक्शन? अपहरण को लेकर पहले भी चर्चाओं में रही धर्मनगरी
रोजाना देश भर से काफी संख्या में लोग हरिद्वार पहुंचते हैं, वे धार्मिक अनुष्ठान और पर्यटन को आते हैं. लेकिन धर्मनगरी का नाम अब अपराधों की लिस्ट में सबसे ऊपर है. हरिद्वार में अपहरण से संबंधित कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं, जिसने धर्मनगरी को अपराध नगरी बना दिया है. धर्मनगरी हरिद्वार अपराध करने वालों के लिए केंद्र बन गया है, जो अबोध बच्चों को यहां से किडनैप करते हैं या फिर दूसरे राज्यों से किडनैप कर कर उन्हें यहां लाते हैं.  1 अप्रैल को हुई हरिद्वार में घटना के बाद एक बार फिर से यह सवाल  है कि यहां आने वाले यात्रियों के बच्चे कितने सुरक्षित हैं. ऐसे में अगर आप हरिद्वार या किसी भी धार्मिक स्थल या भीड़भाड़ वाले इलाके में जा रहे हैं, तो इस बात को सुनिश्चित करें कि आपके अबोध बच्चे आपकी नजरों से दूर ना हो.

इसलिए किया जाता है बच्चों का अपहरण: बता दें कि उत्तर प्रदेश के ही रहने वाले महेंद्र अपने परिवार के साथ हरिद्वार आए थे.1 अप्रैल को हरिद्वार की हरकी पैड़ी से एक 3 साल की बच्ची तब गायब हो गई थी,जब उसके माता-पिता उसे हरिद्वार में मुंडन को लेकर आए थे.शामली (उत्तर प्रदेश) निवासी एक व्यक्ति बच्ची को लेकर भाग गया था.5 दिनों से उत्तर प्रदेश के कई जिलों में दबिश दे रही पुलिस को 5 अप्रैल को सफलता मिली.

आरोपित बच्ची को ले गया था शामली: पुलिस के लिए यह मामला बेहद मुश्किल है, क्योंकि जो सीसीटीवी फुटेज उनके पास थे. वह इतने पर्याप्त नहीं थे कि आरोपित की पहचान हो सके. पुलिस ने हरकी पैड़ी, रेलवे स्टेशन और बस अड्डे के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के अन्य जाने वाले रास्तों पर लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाले, तभी पता चला कि आरोपित बच्ची  लेकर उत्तर प्रदेश के शामली गया है
भीख मांगने को बच्ची का किया था अपहरण : पुलिस को सुरेंद्र सिंह ने बताया कि बच्ची के अपहरण के पीछे उसका उद्देश्य हरिद्वार जैसे धार्मिक स्थलों पर जाकर उससे भीख मंगवाना या फिर उसको साथ में लेकर भीख मांगना है. छोटा बच्चा साथ में हो तो लोग अच्छी खासी भीख दे देते हैं.

आरोपित बच्ची को भीख मांगने को लाया था रुड़की: पुलिस के सामने तब समस्या ज्यादा पैदा हो गई,जब पुलिस ने शामली बस अड्डे पर कैमरे खंगाले,लेकिन वहां पर कोई भी कैमरा ऐसी लोकेशन पर नहीं लगा था,जहां से इस व्यक्ति का चेहरा या इसके आने-जाने की फुटेज उन्हें मिल सके. ऐसे में अचानक आरोपित सुरेंद्र बच्ची को भीख मंगवाने को दोबारा उत्तराखंड के रुड़की गया,तभी पुलिस को इस बात की भनक लगी कि कोई व्यक्ति एक छोटी बच्ची के साथ रुड़की में दिखा है. भनक लगने ही पुलिस ने तत्काल कार्रवाई में सुरेंद्र सिंह को बच्ची के साथ पकड़ लिया.

मामला सुलझाने में पुलिस के छूटे पसीने:   हरिद्वार कोतवाली प्रभारी कुंदन सिंह राणा ने बताया कि पुलिस के लिए यह मामला सुलझाना बेहद मुश्किल था.शहर में वीआईपी मूवमेंट और चुनावी ड्यूटी के साथ-साथ यह मामला जल्द से जल्द निपटाना उनके लिए एक चुनौती थी,लेकिन पूरी टीम ने इस पर दिन-रात काम किया.मामले पर एसओजी सर्विलांस समेत सभी उपलब्ध यूनिटें लगाई गई थी. हरिद्वार के पुलिस कप्तान प्रमेंद्र डोबाल भी लगातार मामले की रोजाना इनपुट ले रहे थे. इस बात की भी जांच हो रही है कि पकड़े गए सुरेंद्र का कनेक्शन किसी बच्चा चोर गिरोह से तो नहीं है.
सबसे अधिक चर्चा में आया था मुंबई का मामला: मुंबई के सीएसटी से एक बच्ची प्रीति (परिवर्तित नाम) को एक युवक सोते उठा ले गया था, कुछ दिनों बाद वह हरिद्वार में मिली. मुंबई के ही ठाणे से 10 साल का बच्चा उठा लिया गया था,वह भी हरिद्वार से ही मिला था.बच्चा चोरी के ये कुछ ऐसे मामले हैं,जिन्होंने देशभर का ध्यान हरिद्वार की ओर खींचा था. इन मामलों ने तब भी उच्चाधिकारियों के कान खड़े कर दिए थे.

मेडिकल स्टूडेंट के अपहरण में चर्चाओं में आया था हरिद्वार: ऐसा ही एक मामला साल 2023 के शुरुआती महीने में तब हुआ था,जब पंजाब के मोहाली से एक मेडिकल के स्टूडेंट का कुछ अपहरणकर्ताओं ने हॉस्टल के बाहर से अपहरण कर लिया था.अपहरण बाद पूरे मोहाली में हड़कंप मचा था. पुलिस के लिए मामला सिरदर्द तब बना जब कुछ लोगों ने फिरौती मांगी। तत्कालीन पुलिस अधीक्षक मोहाली नवनीत विर्क खुद इसकी जांच कर रहे थे,तभी पुलिस को सूचना मिली थी कि अपहरणकर्ता बच्चे का अपहरण कर हरिद्वार पहुंच गए हैं. पुलिस अधीक्षक मोहाली दो दिनों तक हरिद्वार में अपहरणकर्ता ढूंढते रहे, लेकिन पुलिस की सूचना अपहरणकर्ता तक पहुंच गई तो वे यहां से दोबारा पंजाब भाग गए.तब पुलिस ने बच्चा और अपहर्ता जिरकपुर से गिरफ्तार हुए थे।तब भी हरिद्वार खूब चर्चाओं में आया था.

रोड़ी बेलवाला से 5 वर्षीय बच्चे का हुआ था अपहरण: दिसंबर 2022 में भी हरिद्वार की हरकी पैड़ी के नजदीक रोड़ी बेलवाला से 5 वर्षीय बच्चे का अपहरण हुआ था. अरविंद गुप्ता का 5 वर्षीय बच्चा मयंक गुप्ता कहां गया, कौन ले गया किसी को भनक तक नहीं थी, तब पुलिस ने उत्तर प्रदेश,हिमाचल प्रदेश और पंजाब में टीमें भेजी थी और 15 दिनों बाद हरिद्वार पुलिस ने उन्हें देवबंद से पकड़ा था. पुलिस ने बताया था कि 5 वर्षीय बच्चे का अपहरण निसंतान दंपत्ति ने किया था. पुलिस ने एक महिला सहित तीन जने पकड़े थे. अपहरणकर्ता ने पंजाब से गाड़ी चुरा उससे अबोध बच्चे का अपहरण किया था. साल 2023 में ही रोशनाबाद के सिडकुल से एक और बच्चा अपहृत हुआ था. 6 वर्ष के बच्चे के अपहरण से पूरे हरिद्वार में हड़कंप मच गया था, लेकिन तीन दिन परिश्रम से पुलिस ने चार लोगों को पकड़ बच्चे को सकुशल ढूंढ लिया था. बच्चे का अपहरण चाऊमीन का लालच देकर किया गया था.

दंपति ने चुराया था 6 माह का बच्चा: जून 2023 में ही में गाजियाबाद से एक परिवार हरिद्वार घूमने आया था. हरकी पैड़ी के पास ऊर्जा निगम के कार्यालय परिसर में पूरा परिवार सोया था.मां की गोद में 6 महीने का बच्चा सो रहा था, सुबह उठे तो बच्चा मां की गोद में नहीं था, बच्चा गायब होने की खबर पुलिस को दी गई और पुलिस ने तलाशी अभियान शुरू किया, पुलिस को इस मामले में कोई भी सुराग नहीं मिला. 13वें दिन पुलिस ने एक दंपति को गिरफ्तार कर लिया,जो कि उत्तर प्रदेश से था. दंपति ने बताया कि उन्होंने बच्चे को इसलिए उठाया था,क्योंकि उनको कोई भी संतान नहीं थी.अपहरणकर्ता सिक्योरिटी गार्ड था और वह बच्चे को लेकर सीधा दिल्ली चला गया था.पुलिस ने उत्तर प्रदेश, पंजाब और दिल्ली में धरपकड़ के बाद दोनों को बच्चे के साथ आरोपितों को पकड़ा था.

उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक बोले- कोई ढील नहीं: पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार ने बताया कि बच्चों के मामलों में किसी तरह की कोई भी ढिलाई पुलिस की तरफ से नहीं है. हरिद्वार आध्यात्मिक नगरी है, इसलिए कई बार भीख मंगवाने या तो बच्चों को यहां लाया जाता है या फिर खुद परिवार के लोग ही कई बार बच्चे छोड़ जाते हैं। यह देख पुलिस लगातार बच्चों का सत्यापन करती रहती है.

पुलिस बच्चों का कर रही सत्यापन: पुलिस मुख्यालय के अनुसार अब तक पुलिस ने सैकड़ों बच्चों का सत्यापन किया है जिसमें भिक्षावृत्ति/ कूड़ा बीनने/ गुब्बारे बेचने जैसे कामों में लगे 892 बच्चों का सत्यापन किया है. सत्यापित 892 बच्चों में से कुल 378 बच्चों का विद्यालयों में दाखिला कराया गया.अन्य बच्चों के विद्यालयों में दाखिले की कार्रवाई जारी है.अभियान में बच्चों से भिक्षावृत्ति करवाने वाला कोई गैंग नहीं मिला. बाल श्रम करते मिले 6 बच्चों को बचा नियोजकों के विरुद्ध 2 अभियोग और भिक्षावृत्ति करते मिले 08 व्यक्तियों के विरुद्ध 2 अभियोग पंजीकृत किए हैं. साल 2017 से अब तक 8562 बच्चों का सत्यापन हो चुका है। 3981 बच्चों का स्कूलों में दाखिला कराया गया है.

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