आईआईटी रुड़की के नये निदेशक प्रो. पंत बनायेंगें हायरार्किकल इंटेलिजेंट साइबर -फिजिकल इकोसिस्टम

आईआईटी रुड़की के नए निदेशक प्रोफेसर कमल किशोर पंत एनईपी विजन 2030 पर काम करेंगे और हायरार्किकल इंटेलिजेंट साइबर – फिजिकल इकोसिस्टम बनाएंगे

> भारत के अग्रणी शिक्षाविदों में एक प्रोफेसर पंत अत्याधुनिक और आने वाले दौर की प्रौद्योगिकियों पर कार्यरत > स्टार्ट-अप को समर्थन और धन जुटाने हेतु प्रोफेसर पंत का औद्योगिक परामर्श और प्रायोजित अनुसंधान पर जोर > गंभीर सामाजिक और क्षेत्रीय मुद्दों पर पर ध्यान देते हैं प्रोफेसर पंत प्रोफेसर पंत ने विज्ञान, इंजीनियरिंग को मानविकी शिक्षा से जोड़ कर सही अर्थों में संपूर्ण विद्वान विकसित करने पर ध्यान केंद्रित किया है।

प्रोफेसर पंत विभिन्न विषयों को लेकर नए क्षेत्रों के तीव्र विकास की बड़ी रणनीति लागू करेंगे

रुड़की, 4 नवंबर 2022: प्रोफेसर कमल किशोर पंत (के. के. पंत) (पीएच. डी. एफआरएससी, एफएनएई. एफएनएएससी. एफआईई (आई), एफआईआईसीएचई एफबीआरएसआई) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की (आईआईटी रुड़की) के नए निदेशक बने हैं। वे आईआईटी दिल्ली में डीन फैकल्टी और केमिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर रहे चुके है। नए निदेशक का लक्ष्य संस्थान को विश्व के सर्वोपरि संस्थानों के बीच प्रतिष्ठित करना है। आईआईटी रुड़की को विभिन्न क्षेत्रों के अंतर्राष्ट्रीय स्कॉलरों को प्रशिक्षित करने का गढ़ बनाने और अत्याधुनिक अनुसंधान और नवाचार हेतु वैश्विक करारों को बढ़ावा देने के लक्ष्य से संस्थान की योजना अनुसंधान एवं विकास की नई बुनियादी व्यवस्था बनाने की है। प्रोफेसर पंत भारत में स्टार्ट-अप्स बनाने में पुरजोर समर्थन देते रहे हैं जो कि यूनिकॉर्न बढ़ने के वर्तमान परिदृश्य में उत्साहवर्धक है।

आईआईटी रुड़की के नए निदेशक प्रोफेसर के. के. पंत ने अपने विचार रखते हुए कहा, “आईआईटी रुड़की ने अक्टूबर
1996 में अपनी 150 वीं सालगिरह मनाई और अब यह 175 वर्ष से भी पुराना संस्थान है हम अपने अन्य सभी समकालीन
लोगों के साथ संस्थान के विजन पर काम करते हुए नई ऊंचाई छूएंगे। समाज को सस्टेनेबल और समतापूर्ण बनाने में विज्ञान और प्रौद्योगिकी की अत्याधुनिक पद्धतियों और नवीन अनुसंधान के साथ अत्याधुनिक शैक्षणिक सामग्री का लाभ लेंगे।”

प्रोफेसर पंत समग्र दृष्टिकोण और संपूर्ण रणनीति के साथ परस्पर विभिन्न विषयों को लेकर नए क्षेत्रों के तीव्र विकास पर जोर देते हैं। साथ ही इंजीनियरिंग की शिक्षा को नई दिशा दे रहे हैं जिसमें नवाचार, खोज और आर्थिक विकास की कोई सीमा नहीं हो। इसमें हायरार्किकल इंटेलिजेंट साइबर फिजिकल इकोसिस्टम बनाने की दिशा में एक कदम रखते हुए इंजीनियरिंग, कला और अन्य विज्ञानों के परस्पर सहयोग की क्षमता विकसित की जाएगी। यह अब तक का सबसे अधिक व्यापक प्रयास होगा।

आईआईटी रुड़की विजन 2030 के विभिन्न कार्य क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगा जैसे कि सस्टेनेबल स्वच्छ और हरित ऊर्जा, इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) नवीकरणीय ऊर्जा, ग्रामीण औद्योगीकरण, अंतरिक्ष, खाद्य उत्पादन में आत्मनिर्भरता अबाध स्वास्थ्य सेवा और डिजिटल भारत जिसके परिणामस्वरूप इंजीनियर अधिक रोजगार योग्य होंगे / उद्यमी बनेंगे। आगामी वर्षों में संस्थान कई प्रमुख उमरते अंतःविषयी क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगा जो हैं साइबर इंजीनियरिंग, सोशल सिस्टम, लिविंग सिस्टम इंजीनियरिंग, बायोमेक्ट्रोनिक / रोबोटिक्स इंजीनियरिंग कॉग्निटिव सिस्टम्स इंजीनियरिंग, नॉलेज इंजीनियरिंग, इमर्जेंट / कॉम्प्लेक्सटी इंजीनियरिंग और मल्टीरकेल सिस्टम्स इंजीनियरिंग।

प्रोफेसर के. के. पंत एक जाने-माने शिक्षाविद हैं जिन्होंने 1997 में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर से पीएच. डी. (केमिकल इंजीनियरिंग) की डिग्री ली। वे वैज्ञानिक अकादमियों आईएएई और एनएएसआई के फेलो हैं। अत्याधुनिक और आने वाले दौर की प्रौद्योगिकियों के जाने-माने विशेषज्ञ प्रोफेसर पंत 12 अक्टूबर 2022 को संस्थान के निवर्तमान निदेशक प्रोफेसर ए. के. चतुर्वेदी का पदभार ग्रहण कर चुके हैं।

इसके अतिरिक्त प्रोफेसर पंत के सामुहिक शोध कार्य दो बार गांधीवादी युग टेक्नोलॉजिकल इनोवेशन (जीवाईटीआई) पुरस्कार से सम्मानित हैं। उन्हें कई अन्य सम्मान मिले हैं जैसे केमकॉन विशिष्ट वक्ता पुरस्कार, हरडिलिया पुरस्कार सर्वश्रेष्ठ पीएच.डी. सुपरविजन के लिए डॉक्टर ए. पी. रामा राव पुरस्कार और डॉक्टर एस. एस. देशपांडे पुरस्कार आदि ।

संस्थान के नए निदेशक प्रो. पंत का स्वागत करते हुए प्रो. एम.एल. शर्मा, वित एवं नियोजन के डीन, आईआईटी रुड़की ने कहा, “डॉक्टर पंत आने वाले दौर के अनुसंधान में विशेषज्ञता के लिए जाने जाते हैं और वैज्ञानिक समुदाय में उनकी खास पहचान रही है। आईआईटी रुड़की के विभिन्न विभाग नियमित रूप से व्यापक और उच्च प्रौद्योगिकी प्रयोगशालाओं में शोध एवं विकास करते रहे हैं इसलिए प्रोफेसर के के पंत की नियुक्ति से बौद्धिक क्षमता इनोवेशन और उद्यमी प्रोफेशनल को और बढ़ावा मिलेगा प्रोफेसर के के पंत को हम सभी की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं।”

प्रोफेसर कमल किशोर पंत कनाडा की सस्केचेवान युनिवर्सिटी में एडजस्ट फैकल्टी सीआरडीटी आईआईटी दिल्ली में ज्वाइंट
फैकल्टी और ऑस्ट्रेलिया की क्वींसलैंड युनविर्सटी में ऑनरेरी फैकल्टी हैं। प्रोफेसर पत ने आईआईटी रुड़की के लिए कुछ महत्वपूर्ण सामाजिक और क्षेत्रीय मुद्दों की पहचान करते हुए कहा कि संस्थान के शोधकर्ता उनके समाधान पर काम करने की दिशा में अग्रसर होंगे

> सस्टेनेबल ऊर्जा और पर्यावरण के लिए प्रौद्योगिकी विकास

>रक्षा उपयोगों के लिए स्मार्ट इन्फास्ट्रक्चर और हाउंड स्ट्रक्चर

> ऊर्जा भंडारण उपकरण

>भूस्खलन, हिमपात और हिमस्खलन अध्ययन

>पल्स लेजर और स्पेशियलिटी फाइवर, शॉक और टेटोनिक्स, थर्मल मैनेजमेंट

प्रोफेसर पंत ने बताया, ‘संस्थान फैकल्टी, कर्मचारी और छात्र सभी के कामकाज और कल्याण का ध्यान रखेगा ताकि सभी
अपने कार्यक्षेत्र में तरक्की करें। हमारा मिशन आईआईटी रुड़की को विशिष्ट प्रशिक्षण केंद्र बनाना है जहां विभिन्न क्षेत्रों के अंतर्राष्ट्रीय स्कॉलर प्रशिक्षण ले और अत्याधुनिक अनुसंधान और नवाचार हेतु वैश्विक करार किए जाएं।”

प्रोफेसर पंत एसडीजी 2030 लक्ष्य पूरा करने के लिए दृढ़ संकल्प रहे हैं जो भारत का भी सपना है यह प्रयास इस लक्ष्य के अनुरूप है। हाल ही में ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन ने उन्हें केमिकल इंजीनियरिंग में पूरी दुनिया के सर्वोपरि 2 प्रतिशत वैज्ञानिकों में स्थान दिया। प्रोफेसर पंत शैक्षणिक और औद्योगिक अनुसंधान में 30 वर्षों से अधिक के अनुभवी है और उन्हें 220 से अधिक प्रकाशन और पेटेंट का श्रेय प्राप्त है।

प्रोफेसर पंत देश के अग्रणी शिक्षाविदों में एक है जो कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्व की प्रौद्योगिकियों पर कार्यरत रहे हैं। उनमें शामिल हैं कोयले से मेथनॉल रूपांतरण ई-कचरा और प्लास्टिक प्रबंधन हाइड्रोजन उत्पादन, सीओट कैप्चर और रूपांतरण, बायोमास बैलोराइजेशन आदि जा उत्प्रेरण और प्रतिक्रिया इंजीनियरिंग से संभव होता है। वे कई प्रमुख कंपनियों और सरकारी एजेंसियों के साथ 50 से अधिक प्रभावी प्रोजेक्ट सफलतापूर्वक पूरे कर चुके हैं। प्रोफेसर पंत कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय अकादमियों के फैलो भी है, जिनने नेशनल एकेडमी ऑफ साइंस इंडिया (एनएएसआई) और इंडियन नेशनल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग (आईएनएई) शामिल हैं।

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