पाखंड: भारत को रुसी सस्ते कच्चे तेल को मना, EU दे चुका रूस को 29 खरब रु.

रुस से सस्ते कच्चे तेल के संकेतों के बाद विदेश मंत्री जयशंकर की अमेरिकी समकक्ष ब्लिंकन से की बात

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से बात की। बातचीत में मुख्य रुप से यूक्रेन के ताजा घटनाक्रम पर चर्चा की गई। एक हफ्ते में जयशंकर और ब्लिंकन के बीच टेलीफोन पर दूसरी बार बातचीत हुई है।

‘टू प्लस टू’ वार्ता से पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से बात की। बातचीत में मुख्य रुप से यूक्रेन के ताजा घटनाक्रम पर चर्चा की गई। एक हफ्ते में जयशंकर और ब्लिंकन के बीच टेलीफोन पर दूसरी बार बातचीत हुई है। यह वार्ता ऐसे वक्त हुई है जब रूस से बड़ी मात्रा में रियायती कच्चा तेल खरीदने के भारत के संकेत पर पश्चिमी देशों के बीच बेचैनी बढ़ गई है।

जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘हमारे बीच टू प्लस टू वार्ता से पहले विदेश मंत्री ब्लिंकन से बात की। द्विपक्षीय मुद्दों और यूक्रेन से संबंधित नवीनतम घटनाओं पर चर्चा की।’ कुछ दिनों पहले रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव भी दो दिवसीय यात्रा पर भारत आए थे। लावरोव ने कहा था कि मास्को ने पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों की ‘बाधाओं’ को दरकिनार करने के लिए भारत और अन्य भागीदारों के साथ राष्ट्रीय मुद्राओं में व्यापार करने की ओर बढ़ना शुरू कर दिया है।

पिछले हफ्ते अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय अर्थशास्त्र के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार दलीप सिंह ने भी भारत का दौरा किया था। सिंह ने आगाह किया था कि रूस के खिलाफ अमेरिकी प्रतिबंधों को ‘बाधित या नजरअंदाज’ करने के लिए सक्रिय रूप से प्रयास करने वाले देशों को परिणाम भुगतने होंगे और वॉशिंगटन रूस से ऊर्जा और अन्य वस्तुओं के भारत के आयात में ‘तेजी’ नहीं देखना चाहेगा।

 

Russia EU : यूक्रेन में युद्ध शुरू होने के बाद रूस को दिए 2 लाख 90 हजार करोड़ रुपये, EU ने पहली बार स्वीकारा सच

यूरोपीय संघ यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की लगातार निंदा कर रहा है। संघ ने रूस के खिलाफ कई तरह के प्रतिबंधों का ऐलान भी किया है। इसमें रूस के बैंकों को स्विफ्ट भुगतान प्रणाली से बाहर करने, रूसी संपत्तियों को जब्त करने और रूसी विमानों की आवाजाही को रोकना प्रमुख है।

हाइलाइट्स
1-यूरोपीय संघ ने यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद रूस को दिए 35 बिलियन यूरो
2-रूस से कोयला, तेल और गैस खरीद को लेकर किया गया भुगतान
3-रूस के खिलाफ कई कड़े प्रतिबंध लगा चुका है यूरोपीय यूनियन
european parliament

ब्रसेल्स: यूक्रेन में युद्ध शुरू होने के बाद से यूरोपीय संघ ने रूस को ऊर्जा जरूरतों के लिए हर दिन लगभग 1 बिलियन यूरो का भुगतान किया है। यूरोपीय संघ के विदेश मामलों के प्रमुख ने स्वीकार किया है कि 24 फरवरी के बाद से रूस को 35 बिलियन यूरो का भुगतान किया गया है। जोसेप बोरेल ने यूरोपीय संसद को बताया कि यूक्रेन को दी जाने वाली सहायता राशि रूसी गैस और तेल पर खर्च की गई राशि की तुलना में कम है। यूरोपीय संघ ने अभी तक यूक्रेन को सिर्फ 1 बिलियन यूरो के सैन्य उपकरणों की आपूर्ति की है। जोसेप बोरेल ने रूस के खिलाफ तेल और गैस आयात पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की वकालत भी की।

EU ने यूक्रेन को दी 1 बिलियन यूरो की मदद

उन्होंने कहा कि हमने यूक्रेन को 1 बिलियन यूरो दिए हैं। हमें यूक्रेन को हथियार देना जारी रखना होगा … और अधिक हथियार, यही यूक्रेनियन हमसे उम्मीद करते हैं। बोरेल के अनुसार, 24 फरवरी को यूक्रेन में संघर्ष शुरू होने के बाद से 27 देशों के मजबूत संघ ने रूस को 35 बिलियन यूरो के आसपास भुगतान किया है। रूस यूक्रेन संघर्ष को शुरू हुए 41 दिन हो चुके हैं। इसका मतलब है कि रूसी टैंकों के यूक्रेनी सीमा पर तैनात होने के बाद यूरोप से पुतिन के खजाने में लगभग 850 मिलियन यूरो जमा हुए हैं।

रूस के खिलाफ कई कड़े प्रतिबंध लगा चुका है ईयू

यूरोपीय संघ यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की लगातार निंदा कर रहा है। संघ ने रूस के खिलाफ कई तरह के प्रतिबंधों का ऐलान भी किया है। इसमें रूस के बैंकों को स्विफ्ट भुगतान प्रणाली से बाहर करने, रूसी संपत्तियों को जब्त करने और रूसी विमानों की आवाजाही को रोकना प्रमुख है। इसके बावजूद यूरोपीय संघ के कई देश अब भी रूस के तेल और गैस पर निर्भर हैं। इनमें जर्मनी और ऑस्ट्रिया प्रमुख हैं।

रूसी तेल और गैस आयात पर पूर्ण प्रतिबंध की तैयारी

यूरोपीय आयोग के प्रमुख उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने संसद को बताया कि यूरोपीय संघ रूस के खिलाफ और अधिक प्रतिबंध लगाएगा। इसमें रूस से तेल और गैस के आयात को प्रतिबंधित करने का फैसला भी किया जा सकता है। अब तक यूरोप आर्थिक मंदी के कारण रूस की तेल और गैस सप्लाई पर प्रतिबंध लगाने से पीछे हट रहा था। लेकिन, यूक्रेन में बड़े पैमाने पर आम लोगों की हत्याओं ने रूस के खिलाफ सख्त प्रतिबंधों को लगाने के लिए मजबूर कर दिया है।

ऊर्जा जरूरतों के लिए रूस पर निर्भर है यूरोप

शिपब्रोकर ब्रेमर एसीएम के अनुसार, मार्च में यूरोपीय देशों ने रूस से कुल 7.1 मिलियन टन थर्मल कोयले का आयात किया। यह आंकड़ा 2019 के मुकाबले 40 फीसदी ज्यादा है। इस कोयले का इस्तेमाल बिजली और हीट उत्पादन में किया जाता है। यूरोपीय आयोग की वेबसाइट के अनुसार, यूरोपीय संघ अपने कोयले के आयात के लगभग 45 प्रतिशत, अपने गैस आयात के 45 प्रतिशत और अपने तेल आयात के लगभग 25 प्रतिशत के लिए रूस पर निर्भर है।

 

US Russia Sanctions: रूस पर भारत को धमकाने वाला अमेरिका देख ले, यूरोपीय संघ में पड़ी फूट, रूबल देकर गैस खरीदेगा हंगरी

US Vs India On Russia Oil: रूस के खिलाफ प्रतिबंधों को लेकर यूरोपीय संघ में दरार पड़ती दिख रही है। हंगरी ने ऐलान किया है कि वह रूसी राष्‍ट्रपति पुतिन की मांग के अनुसार गैस की कीमत का भुगतान रूबल में करने के लिए तैयार है। हंगरी का यह बयान तब आया है जब अमेरिका भारत को तेल खरीदने पर धमका रहा है।

हाइलाइट्स
1-अमेरिका को अब उसके एक सहयोगी देश हंगरी ने बड़ा झटका दे दिया है
2-यूरोपीय संघ का सदस्‍य हंगरी रूबल में भुगतान करके रूस से गैस खरीदेगा
3-रूस के गैस पर बुरी तरह से निर्भर यूरोपीय संघ की मोर्चा बनाने की कोशिश फेल

तेल की बढ़ती कीमतों के बीच भारत को रूस से सत्‍ता क्रूड ऑयल खरीदने पर धमकाने वाले अमेरिका को अब उसके एक सहयोगी देश ने बड़ा झटका दे दिया है। यूरोपीय संघ के सदस्‍य देश हंगरी ने व्‍लादिमीर पुतिन के आगे झुकते हुए ऐलान किया कि वह रूबल में भुगतान कर रूस से गैस खरीदेगा। इससे पहले रूस के गैस पर बुरी तरह से निर्भर यूरोपीय संघ ने पुतिन के रुबल में भुगतान की मांग से निपटने को संयुक्‍त मोर्चा बनाने की कोशिश की थी लेकिन अब हंगरी ने उसे झटका दे दिया है।

यूरोपीय संघ से अलग रुख लेते हुए हंगरी के प्रधानमंत्री विक्‍टोर ओरबान ने एक संवाददाता सम्‍मेलन कहा कि अगर रूस उसे रूबल में भुगतान के लिए कहेगा तो वह ऐसा कर देगा। इससे पहले पुतिन ने यूरोप को चेतावनी दी थी कि अगर उसने रूबल में भुगतान नहीं किया तो गैस की सप्‍लाइ में कटौती का खतरा पैदा हो जाएगा। पुतिन ने यूक्रेन में जारी रूसी हमलों के खिलाफ अमेरिकी प्रतिबंधों का जवाब देने के लिए रुबल में भुगतान का दांव चला है। इससे गिरते रूबल को संभालने में मदद मिलेगी।

‘यूरोपीय संघ की रूस के साथ गैस की आपूर्ति में कोई भूमिका नहीं’

उधर, यूरोपीय आयोग ने कहा कि जिन देशों ने यूरो या डॉलर में भुगतान का समझौता किया है, वे समझौते पर डटे रहें। हंगरी के विदेश मंत्री पीटर स्जिज्‍जार्टो ने इससे पहले कहा था कि यूरोपीय संघ के प्राधिकरणों की रूस के साथ गैस की आपूर्ति में कोई भूमिका नहीं है। उन्‍होंने कहा क‍ि यह एक द्विपक्षीय गैस समझौता है जो हंगरी की कंपनी का रूस की गजप्राम कंपनी से हुआ है। हंगरी यूरोपीय संघ के उन देशों में है जिन्‍होंने यूक्रेन पर हमले के बाद रूस के खिलाफ लगाए गए ऊर्जा प्रतिबंध खारिज कर दिये है।

हंगरी के प्रधानमंत्री विक्‍टोर ओरबान की सरकार का एक दशक से रूस के साथ घनिष्‍ठ बिजनस संबंध है। रविवार को हुए चुनाव में विक्‍टोर लगातार चौथी बार चुनाव जीते हैं। उन्‍होंने वादा किया था कि हंगरी के लोगों के घरों में गैस की सप्‍लाइ होती रहेगी। पुतिन के रुबल में भुगतान की मांग का यूरोप के कई देशों में विरोध हो रहा है और वे अब ऊर्जा कंपनियों से बातचीत कर रहे हैं। ये देश अपनी एक तिहाई गैस आपूर्ति के लिए रूस पर निर्भर है

रूस से तेल खरीदने पर अमेरिका ने भारत को दी चेतावनी

इस बीच एक तरफ जहां हंगरी यूरोपीय यूनियन और अमेरिका से अलग रुख ले रहा है, वहीं बाइडन प्रशासन भारत को धमकाने में जुटा है। अमेरिकी राष्‍ट्रपति के शीर्ष सलाहकार ने धमकी दी कि भारत ने रूस के साथ रणनीतिक गठजोड़ किया तो उसे लंबे समय तक भारी खामियाजा भुगतना होगा। अमेरिकी राष्‍ट्रपति की प्रवक्‍ता जेन साकी ने भी चेताया है कि भारत को रूस से तेल खरीद को बढ़ाना नहीं देना चाहिए। यह भारत के हित में नहीं होगा। अब हंगरी के रुख से अमेरिका को बड़ा झटका लगा है और यूरोपीय संघ में दरार आ गई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *