मस्जिद की बुलाई भीड़ ने की इंस्पेक्टर अश्विनी की हत्या

 

SDPO का बयान: इंस्पेक्टर अश्विनी कुमार की हत्या के लिए मस्जिद से अनाउंस कर जुटाई गई थी भीड़, देखें VIDEO
Kishanganj Inspector Murder Case: बिहार के किशनगंज जिले के थानेदार अश्विनी कुमार की पश्चिम बंगाल में रेड के दौरान पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी. हत्या से जुड़े इस मामले में पुलिस ने अभी तक 8 लोगों को गिरफ्तार किया है और आगे की जांच भी कर रही है
किशनगंज. पश्चिम बंगाल में भीड़ द्वारा किए गए हमले में शहीद हुए बिहार के जांबाज पुलिस इंस्पेक्टर अश्विनी कुमार (Inspector Ashwini Kumar Murder Case) की हत्या के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. दरअसल थानेदार की हत्या करने वाले भीड़ को वहां की एक मस्जिद से बकायदा अनाउंस करके जुटाया गया था. इस बात की जानकारी किशनगंज के एसडीपीओ जावेद अंसारी ने दी है. एसडीपीओ के मुताबिक दो लोगों ने हल्ला कर पहले लोगों को बुलाया और फिर देखते ही देखते भीड़ जमा हो गई. एसडीपीओ ने कहा कि थानाध्यक्ष की हत्या करने के मामले में मस्जिद से ऐलान कर लोगों को इकट्ठा किया गया था कि चोर आ गए हैं, डाकू आ गए हैं जिसके बाद भीड़ ने हमारे थानेदार की पीट-पीटकर हत्या कर दी.
थानेदार के मुताबिक इस मामले में अब तक पश्चिम बंगाल से पांच जबकि बिहार से तीन लोगों की गिरफ्तारी की गई है. मस्जिद से अनाउंस कर भीड़ इकट्ठा करने के मामले में पुलिस ने मास्टर माइंड फिरोज और इजराइल थे जिनको भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. मालूम हो के बंगाल के ग्वालपोखर थाना क्षेत्र के पंतापाड़ा गांव में बाइक चोरी मामले में छापेमारी करने गयी पुलिस टीम पर भीड़ ने हमला कर दिया था. मॉब लींचिंग की इस घटना में किशनगंज टाउन थानाध्यक्ष अश्विनी कुमार की मौके पर ही मौत हो गई थी.

मॉब लीचिंग और पुलिस टीम पर हमले की ये घटना शनिवार की अहले सुबह 3 बजे हुई थी. बाइक लूट में छापेमारी करने गए थे. शहीद अश्विनी कुमार 94 बैच के दारोगा थे बाद में उनकी इंस्पेक्टर पद पर प्रोन्नति हुई थी. पुलिस ने इस केस में आरोपी फिरोज आलम, भाई अबुजर आलम व फिरोज आलम की मां शाहीनूर खातून को गिरफ्तार किया था. इसी केस में लापरवाही बरतने और थानेदार को अकेला छोड़कर भागने वाले पुलिसकर्मियों को भी सस्पेंड किया गया है. इस मामले में बिहार के डीजीपी एसके सिंघल ने पश्चिम बंगाल के डीजीपी से भी बात की है. थानेदार की हत्या की खबर सुनते ही उनकी मां की भी मौत हो गई थी जिसके बाद रविवार को दोनों के शव का एक ही साथ अंतिम संस्कार किया गया था.

शहीद थानेदार अश्विनी कुमार की हत्या (Inspector Ashwini Kumar Murder Case) के मामले में नया खुलासा हुआ है. किशनगंज के निलंबित अंचल निरीक्षक मनीष कुमार ने पंतापाड़ा ओपी में प्राथमिकी (FIR) दर्ज करने के लिए जो आवेदन दिया है, उसमें स्पष्ट है कि जिस समय अश्विनी कुमार पुलिस टीम के साथ बाइक लुटेरों को गिरफ्तार करने पश्चिम बंगाल (West Bengal) के गांव में गए थे तो वहां के कुछ लोगों ने मस्जिद से लाउडस्पीकर से अनाउंस कर करीब 500 लोगों की भीड़ इकट्ठा करवाई थी. भीड़ में शामिल सभी लोगों के हाथ में लाठी, लोहे के रॉड और चाकू जैसे हथियार थे.

उन्‍मादी भीड़ ने पीट-पीटकर थाना प्रभारी अश्विनी कुमार को मरणासन्न हालत में पहुंचा दिया था. जब उनको इस्लामपुर अस्पताल लाया गया तो उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. पंतापाड़ा ओपी में एफआईआर संख्या 96/2021 में प्राथमिकी दर्ज की गई है, जिसमें 21 लोगों पर नामजद और 500 अज्ञात लोगों पर मॉब लीचिंग कर पीट-पीटकर हत्या करने का मामला दर्ज किया गया है.

IPC की धारा 147, 148, 149, 341, 332, 333, 353, 307, 302 और 34 में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. इस मामले में अभी तक कई आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार भी कर लिया है. चार डॉक्टरों के बोर्ड द्वारा शहीद अश्विनी कुमार का पोस्टमार्टम किया गया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी पूरे शरीर पर जख्म और पिटाई से मौत की बात सामने आई है. दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, अपराधियों और उग्र भीड़ ने एसएचओ की अमानवीय तरीके से पिटाई कर उनकी हत्या की है.
इससे पहले सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस घटना का जिक्र करते हुए कहा था कि एक बहादुर पुलिस ऑफिसर की बंगाल में पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. इस सदमे को उनकी मां भी बर्दाश्त नहीं कर पाईं और उनका भी निधन हो गया. एक साथ घर से मां और शहीद बेटे की अर्थी निकली थी. इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी ने बंगाल में कानून व्यवस्था को जिम्मेवार बताया था. शहीद अश्विनी कुमार की बेटी नैंसी ने भी सिस्टम पर कई सवाल छोड़े हैं. साथ ही इंसाफ की मांग की है. परिजन इस घटना की सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं.
सोमवार को ही किशनगंद के एसडीपीओ ने भी खुलासा किया था कि मस्जिद से अनाउंस कर ग्रामीणों की भीड़ जुटाई गई थी और मॉब लीचिंग कर थाना प्रभारी अश्विनी कुमार की पीट-पीटकर हत्या की गई थी.

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