खुलासा: रांची दंगों के 12 मास्टर माइंड आये थे यूपी के सहारनपुर से

रांची में हिंसा के लिए UP से आए थे लोग:सहारनपुर से 12 लोगों की टीम झारखंड पहुंची थी, कौम की दुहाई देकर युवाओं को उकसाया
रांची12 जून। भाजपा नेता नूपुर शर्मा के पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी को लेकर झारखंड की राजधानी रांची में 10 जून को हुई हिंसा में नया खुलासा हुआ है। हमने षड्यंत्र की पड़ताल की तो पता चला कि चार जून से ही उपद्रव की तैयारी शुरू हो गई थी। उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से 12 लोगों की टीम चार और सात जून को रांची पहुंची थी।

ये लोग मेन रोड में होटल-लॉज में रुके। यहां तीन टीमें बनीं। एक टीम खूंटी भी गई थी। इन्होंने ही इलाही नगर, हिंदपीढ़ी और गुदड़ी में बैठक कर जुलूस निकालने और हिंसक प्रदर्शन करने के लिए युवाओं को भड़काया।

10 जून को शहर के कई इलाकों में प्रदर्शन और हिंसा हुई थी, जिसके बाद से पूरे इलाके में धारा 144 लागू है। जगह-जगह भारी संख्या में पुलिस की तैनाती की गई है। अफवाहों को रोकने के लिए इंटरनेट बंद रहा।

रांची शहर के कुछ इलाकों में धारा 144 लगाई गई है। वहीं करीब 60 घंटे बाद इंटरनेट पर से बैन हटा लिया गया है।
रांची शहर के कुछ इलाकों में धारा 144 लगाई गई है। वहीं करीब 60 घंटे बाद इंटरनेट पर से बैन हटा लिया गया है।

16-24 उम्र वाले युवाओं को हिंसा को किया तैयार

कुछ लोगों ने आपत्ति की तो टीम ने 16 से 24 साल के युवाओं काे फांसना शुरू कर दिया। वे बहकावे में आ गए और उपद्रव का प्लाॅट तैयार हो गया। हिंसा के पीछे एक झामुमो कार्यकर्ता और पानी व्यवसायी का नाम आ रहा है। कार्यकर्ता से पुलिस ने पूछताछ भी की है।

16 से 24 साल के युवाओं काे जुलूस निकालने और हिंसक प्रदर्शन करने के लिए भड़काया।

यूपी की टीम आने के बाद से घटना तक की पूरी कहानी

1. कौम का हवाला देकर भड़काया

सहारनपुर से चार और सात जून को 12 लोग रांची पहुंचे। अलग-अलग जगह बैठक कर लोगों को भड़काया। कहा-उत्तर प्रदेश में कौम को परेशान किया जा रहा है। हमें अपनी ताकत दिखानी होगी। पूरे देश में नमाज के बाद प्रदर्शन होंगे। यहां भी पूरी मजबूती के साथ हमें विरोध करना है। सभी मस्जिदों से जुलूस निकाले जाएं। पर सहमति नहीं बनी।

2. सोशल मीडिया पर फैलाया मैसेज

समझदार लोग तैयार नहीं हुए तो कुछ स्थानीय छुटभैयों की मदद से युवाओं को फांसा। इन्हें अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने का जिम्मा दिया। फिर सोशल मीडिया पर मैसेज फैलाया कि शुक्रवार को नमाज के बाद डोरंडा रिसालदार बाबा मैदान, राजेंद्र चौक, रतन टॉकीज और छोटा तालाब के पास इकट्‌ठा हों। नूपुर शर्मा का पुतला फूंकना है। काला बिल्ला लगाकर आएं।

3. दुकानें बंद कराई, ईंट-पत्थर जुटाए

उत्तर प्रदेश से आई टीम और कुछ स्थानीय लोगों ने गुरुवार को ही दुकानदारों को दुकानें बंद रखने के लिए तैयार कर लिया, ताकि प्रदर्शन में ज्यादा लोग शामिल हो सकें और उनके दुकानों को नुकसान भी न हो। ईंट-पत्थर भी जुटा लिए गए। उसे तोड़कर कर कई स्थानों पर रखा गया। ताकि छोटी ईंटें दूर तक फेंकी जा सके।

4. शांति के पक्षधरों की बात नहीं मानी

मुस्लिम समाज के लोगों को विरोध की तैयारी की भनक लग गई थी। एदार-ए-शरीया और इमारत-ए-शरीया ने आह्वान किया कि नमाज के बाद जुलूस नहीं निकलेगा। प्रदर्शन नहीं होगा। इसलिए नमाज पढ़कर घर जाएं। लेकिन वॉट्स ग्रुप पर फिर मैसेज चला कि हमें प्रदर्शन करना है। नमाज के बाद बड़ी संख्या में लोग बिना अनुमति के ही फिरायालाल चौक की ओर बढ़ने लगे। पुलिस ने रोका तो भीड़ उग्र हो गई।

हिंसा में 12 पुलिसकर्मी भी जख्मी हुए हैं। दो लोगों की मौत भी हुई थी।

मुख्यमंत्री ने बनाई जांच कमेटी

उपद्रव और हिंसक घटनाओं की जांच के लिए मुख्यमंत्री हेमंत साेरेन ने दाे सदस्यीय कमेटी बनाई है। आपदा प्रबंधन सचिव अमिताभ काैशल की अध्यक्षता वाली कमेटी में एडीजी ऑपरेशन संजय आनंद लाटकर काे शामिल किया गया है। कमेटी से एक सप्ताह में रिपाेर्ट मांगी गई है।

राज्यपाल ने एडीजी लाटकर काे किया तलब

राज्यपाल रमेश बैस ने शनिवार काे एडीजी ऑपरेशन संजय आनंद लाटकर काे तलब किया। बंद कमरे में करीब आधे घंटे तक बातचीत की। उनसे कानून-व्यवस्था के बारे में जानकारी ली। राज्यपाल ने कहा कि काेई चूक नहीं हाेनी चाहिए। किसी भी हाल में कानून-व्यवस्था नहीं बिगड़नी चाहिए।

पुलिस बोली- उपद्रवियों पर कार्रवाई शुरू

पुलिस ने शनिवार को मजबूत कदम उठाया। डीआईजी अनीष गुप्ता, एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा और सिटी एसपी आदि सुबह से ही सड़क पर उतरे। उपद्रवियों पर कार्रवाई शुरू कर दी। संदिग्धों से पूछताछ की। बड़ी संख्या में पुलिस बल को शहर में तैनात कर दिया और स्थिति नियंत्रण में आ गई।

रांची में प्रदर्शन कर रहे लोगों ने सड़कों पर जमकर आगजनी की। हिंसा मामले में 500 अज्ञात पर केस दर्ज किया गया है।

चार नामांकित सहित 500 अज्ञात पर केस

शनिवार देर शाम हिंदपीढ़ी थाने में दारोगा के बयान पर चार नामजद सहित 500 अज्ञात पर केस दर्ज किया गया है। इन पर बिना अनुमति जुलूस निकालने, भीड़ इकट्‌ठा कर तोड़फोड़ को उकसाने का आरोप है। वहीं डेली मार्केट थाने में घटना के 30 घंटे बाद भी केस दर्ज नहीं हुआ है। थानेदार आलोक सिंह ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज के आधार पर उपद्रवियों की पहचान की जा रही है। उधर डोरंडा के एक युवक नवाब चिस्ती से देर रात तक पूछताछ चल रही थी। उसने सोशल मीडिया पर लिखा था कि जुलूस में भीड़ इतनी होगी कि पुलिस के लिए कंट्रोल करना मुश्किल हो जाएगा। बाद में इसे डिलीट कर दिया था।

जानिए इनसाइड स्टोरी, पुलिस ने बताया यूपी से आए थे दंगाई

रांची पुलिस को प्रारंभिक जांच में जो जानकारी मिली है, इस उपद्रव के पीछे सुनियोजित षड्यंत्र थी और घटना से 24 घंटे पहले ही हिंसा की पटकथा लिख दी गई थी। रांची मेन रोड इलाके में दूसरे समुदाय के धार्मिक स्थल को भी निशाना बनाने की कोशिश की गई। हालांकि, पुलिसकर्मियों ने सूझबूझ से रोक दिया। मगर कई पुलिसकर्मी लहूलुहान हो गए।

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर दंगे के मास्टरमाइंड ने रचा था षड्यंत्र !

पुलिस को शुरुआती छानबीन में ये जानकारी मिली है कि राजधानी रांची के हिन्दपीढ़ी इलाके में पिछले कुछ दिनों से उत्तर प्रदेश से आए संदिग्ध लोग ठहरे थे। उत्तर प्रदेश के सहारनपुर दंगे के मास्टरमाइंड ने रांची में उपद्रव की साजिश रची थी। उसके निर्देश पर कई लोग पिछले एक सप्ताह से रांची आकर रूके थे, ये हिन्दपीढ़ी में धर्म विशेष के लोगों की ओर से उपद्रव के लिए तैयार कर रहे थे। यही कारण है कि जिस दिन हिंसा भड़की, उस भीड़ में अधिकांश कम उम्र के किशोर और युवा ही आगे थे और पुलिस पर पथराव कर रहे थे। छानबीन में ये बात सामने आई है कि भीड़ में जो सबसे ज्यादा उपद्रव में सक्रिय थे, वे अपने चेहरे को काले कपड़े से ढके थे और उनके हाथों में काला झंडा था और कुछ लोग काला चश्मा भी पहने हुए थे। ये भी सूचना मिली है कि उपद्रव में शामिल दर्जनों लोग रांची के एक पड़ोस के जिले से पहुंचे थे।

मोबाइल नंबर ट्रेस कर उपद्रवियों की पहचान की कोशिश

पुलिस अब इस बात की छानबीन में जुटी है कि भीड़ में शामिल लोग कहां से आये थे और वे लगातार किनसे बातचीत कर रहे थे, किन-किन लोगों से संपर्क में थे। इसे लेकर मोबाइल नंबर ट्रेस कर और तकनीकी आधार पर पुलिस छानबीन में जुटी है।

पीएफआई समर्थकों की भूमिका पर संदेह

पुलिस को इस घटना के पीछे झारखंड में प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की पॉलिटिकल विंग एसडीएफआई पर भी शक जाहिर की जा रही है। पीएफआई पर कुछ साल पहले संताल परगना इलाके में घटना को अंजाम देने का आरोप लगा था।

इबादत स्थल पर कहां से आए इतने पत्थर?

पुलिस इस बात की भी छानबीन में जुटी है कि हिंसक प्रदर्शन और पत्थरबाजी के दौरान मस्जिद में इतनी संख्या में छोटे-बड़े पत्थर कहां से पहुंचे? ऐसी आशंका जाहिर की जा रही है कि पूरी प्लानिंग से दंंगा किया गया।

रांची पुलिस की ओर से 9 प्राथमिकी दर्ज

उपद्रव की इस घटना को लेकर पुलिस-प्रशासन ने अब तक 9 प्राथमिकी दर्ज की हैैं। हिन्दपीढ़ी थाने में एक, डेली मार्केट थाने में तीन और लोअर बाजार थाना में पांच प्राथमिकी दर्ज की गई है। इस प्राथमिकी 20 नामजद समेत 10 हजार से अधिक अज्ञात लोगों पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। शहर सीओ अमित भगत की शिकायत पर डेली मार्केट में दर्ज तीन अलग-अलग प्राथमिकी में एक प्राथमिकी में बिहार के मंत्री नितिन नवीन की ओर से डीजीपी को भेजे गए ई-मेल के आधार पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।

घटना के बाद मिले बड़ी संख्या में खोखे

10 जून को डेली मार्केट थाना के निकट उपद्रव के बाद फायरिंग भी हुई थी। बताया गया है कि पुलिस के अलावा उपद्रवियों की ओर से भी फायरिंग की गई। घटना के दूसरे दिन भी बड़ी संख्या में लोगों को मौके से खोखे मिले। वहीं, एक खोखा अब भी बिजली पोल में फंसा हुआ नजर आ रहा है।

1967 में हुए दंगे में भी धार्मिक स्थल को निशाना नहीं बनाया गया था

रांची में 1967 में भी बड़ा दंगा हुआ था, लेकिन उस दंगे में भी किसी धार्मिक स्थल को निशाना नहीं बनाया गया था। ये पहली बार हुआ है, जब भीड़ ने दो धार्मिक स्थल को निशाना बनाया और पवित्र स्थल पर भी पथराव किया गया।

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बंगाल- मुर्शिदाबाद में इंटरनेट बंद

पैगम्बर माेहम्मद साहब पर भाजपा नेता की टिप्पणी के विराेध में बंगाल में शनिवार काे भी हिंसा हुई। पंचला बाजार में पुलिस की प्रदर्शनकारियाें से झड़प हुई। पथराव में कई पुलिसकर्मी घायल हुए। उपद्रवियाें काे खदेड़ने के लिए पुलिस ने आंसू गैस छाेड़ी। न्यू हावड़ा के पुलिस कमिश्नर और एसपी का तबादला। हावड़ा के बाद मुर्शिदाबाद में भी इंटरनेट बंद।

उत्तर प्रदेश -उपद्रवियों पर रासुका लगेगाा

उत्तर प्रदेश में उपद्रव के सिलसिले में शनिवार तक करीब 250 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। प्रशासन ने कानपुर से बुलडोजर की कार्रवाई शुरू कर दी है। प्रयागराज में पांच हजार अज्ञात उपद्रवियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। प्रशासन ने बलवा करने वालों पर रासुका की कार्रवाई की चेतावनी दी है। मास्टर माइंड जावेद से पूछताछ की जा रही है।

महाराष्ट्र- दिल्ली- एफआईआर दर्ज

जम्मू क्षेत्र की चिनाब घाटी के कुछ हिस्साें में कर्फ्यू लगाया गया है। महाराष्ट्र के औरंगाबाद में अवैध जमावड़े के सिलसिले में साै से ज्यादा लाेगाें पर केस दर्ज किया गया है। दिल्ली में जामा मस्जिद के बाहर प्रदर्शन करने वालों पर भी केस दर्ज किया गया है।

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