राज्य सभा में भाजपा को चार सीटों का नुक़सान, कांग्रेस को एक का फायदा

राज्‍यसभा में बीजेपी का दबदबा कायम, पर 100 के जादुई आंकड़े से हो गई है दूर, चुनाव के बाद कितना बदला कैलकुलेशन?

हाल में संपन्‍न हुए चुनाव के बाद राज्‍यसभा में तस्‍वीर थोड़ी बदल गई है। इसके चलते बीजेपी के सदस्‍यों की संख्‍या कुछ घट गई है। वह 100 के मनोवैज्ञानिक आंकड़े से दूर चली गई है। अप्रैल में उसने अपने इतिहास में पहली बार राज्‍यसभा में इस आंकड़े को छुआ था। हालांकि, अब उसे इसके लिए थोड़ा इंतजार करना होगा।

Rajya Sabha Election 2022: अप्रैल में भारतीय जनता पार्टी (BJP) खुशी से फूली नहीं समा रही थी। कारण भी था। राज्‍यसभा में पहली बार उसके सदस्‍यों की संख्‍या 100 के पार जो पहुंची थी। हालांकि, शुक्रवार को संपन्‍न हुए द्विवार्षिक चुनावों के बाद राज्‍यसभा में तस्‍वीर बदल गई है। भगवा पार्टी के सदस्‍यों की संख्‍या 95 से घटकर 91 रह गई है। राज्यसभा की 57 सीटों के लिए ताजा चुनाव में उसे चार सीटों का नुकसान हुआ। यह और बात है कि अभी भी ऊपरी सदन में बीजेपी का दबदबा (BJP dominance in Upper House) कायम है। राज्‍यसभा में कुल 232 सीटें हैं। 2018 की शुरुआत में बीजेपी की इनमें से कुल 68 सीटें थीं। ताजा चुनाव के पहले तक उसने ये सीटें बढ़ाकर 95 तक कर ली थीं। इसी साल अप्रैल में वह उच्च सदन में 100 के आंकड़े पर पहुंच गई थी। इस मनोवैज्ञानिक आंकड़े को दोबारा हासिल करने के लिए फिलहाल बीजेपी को कुछ इंतजार करना पड़ सकता है। हालांकि, वह कुछ गुणा-गणित के साथ इस आंकड़े को हासिल भी कर सकती है।

कैसे बदल गई है तस्‍वीर?

राज्यसभा की ऑफिशियल वेबसाइट के अनुसार, रिटायर हो रहे 57 सदस्यों को मिलाकर अभी ऊपरी सदन के कुल 232 सदस्यों में बीजेपी के 95 मेंबर हैं। रिटायर हो रहे मेंबर्स में बीजेपी के 26 सदस्य शामिल हैं। वहीं, इस द्विवार्षिक चुनाव में उसके 22 सदस्यों ने जीत दर्ज की है। इस तरह उसे चार सीटों का नुकसान हुआ है। निर्वाचित सदस्यों के शपथ लेने पर बीजेपी के सदस्यों की संख्या 95 से घटकर 91 रह जाएगी। यानी फिर से 100 के आंकड़े तक पहुंचने के लिए बीजेपी को अभी और इंतजार करना पड़ेगा।

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जुगाड़ से 100 का आंकड़ा संभव

हालांकि, बीजेपी के पास अब भी एक जुगाड़ है। यह उसे 100 के आंकड़े तक पहुंचा सकता है। दरअसल, अभी भी राज्यसभा में सात मनोनीत सदस्यों सहित कुल 13 रिक्तियां हैं। मनोनीत सदस्यों की नियुक्ति और खाली सीटों को भरे के जाने के बाद बीजेपी के सदस्यों की संख्या 100 के करीब पहुंच सकती है। कारण है कि कुछ अपवादों को छोड़ दें तो आमतौर पर मनोनीत सदस्य अपने मनोनयन के छह माह के भीतर खुद को किसी दल से जोड़ लेते हैं। ट्रेंड रहा है कि यह दल सामान्‍य तौर पर सत्‍ताधारी पार्टी होती है।

100 के आंकड़े तक कैसे पहुंची थी बीजेपी?

अप्रैल में असम, त्रिपुरा और नगालैंड सीटों के लिए राज्‍यसभा चुनाव हुए थे। बीजेपी ने इन राज्‍यों में एक-एक सीट पर जीत हासिल की थी। इसके बाद बीजेपी अपने इतिहास में पहली बार राज्‍यसभा में 100 के आंकड़े पर पहुंची थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित पार्टी के कई नेताओं ने इसे बीजेपी की बड़ी उपलब्धि करार दिया था।

57 सीटों का गणित भी समझ लें

राज्यसभा की 57 सीटों के लिए द्विवार्षिक चुनावों की घोषणा के बाद 41 उम्मीदवारों को पिछले शुक्रवार को निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया था। इनमें उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, बिहार, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़, पंजाब, तेलंगाना, झारखंड और उत्तराखंड के उम्‍मीदवार शामिल थे। इन 41 उम्‍मीदवारों में बीजेपी के 14 कैंडिडेट निर्विरोध चुने गए थे। बीजेपी को यूपी में तीन सीटों का फायदा हुआ। वहां से उसके पांच सदस्य रिटायर हुए थे वहीं, उसके आठ सदस्य निर्वाचित हुए हैं। बिहार और मध्य प्रदेश में बीजेपी को दो-दो सीटें और उत्तराखंड और झारखंड में एक-एक सीटें मिलीं।

हरियाणा, राजस्थान, महाराष्ट्र और कर्नाटक की 16 सीट के लिए शुक्रवार को चुनाव हुए। इनमें से बीजेपी महाराष्ट्र और कर्नाटक में तीन-तीन सीटें और हरियाणा और राजस्थान में एक-एक सीट जीतने में सफल रही। पार्टी के दो उम्मीदवार और उसके समर्थन वाले एक निर्दलीय उम्मीदवार ने कर्नाटक, महाराष्ट्र और हरियाणा में जीत हासिल की। उनके जीतने की संभावनाएं बेहद कम थीं। इस तरह इन चार राज्यों में बीजेपी को कुल आठ सीटें मिलीं। ऐसे में कुल 57 सीटों में से 22 सीटों पर उसके उम्मीदवारों को जीत हासिल हुई।
हरियाणा में निर्दलीय चुनाव जीतने वाले कार्तिकेय शर्मा को बीजेपी और उसकी सहयोगी जननायक जनता पार्टी ने समर्थन दिया था। राजस्थान में बीजेपी ने निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चंद्रा का समर्थन किया था, लेकिन वह चुनाव हार गए।

कांग्रेस को मिली खुश होने की वजह

इन चुनावों में कांग्रेस को एक सीट का लाभ हुआ। उसने 57 में से कुल 10 सीटों पर जीत हासिल की। पार्टी को राजस्थान में 3 और छत्तीसगढ़ में एक सीट मिली, जबकि उत्तराखंड, पंजाब और कर्नाटक में उसे एक-एक सीट का नुकसान हुआ। हरियाणा में उसके उम्मीदवार अजय माकन जीतने में नाकाम रहे। एक सीट का मामूली फायदा कांग्रेस का कुछ मनोबल बढ़ा सकती है। वह हाल में सिलसिलेवार तरीके कई राज्‍यों में बीजेपी और क्षेत्रीय दलों से चुनाव हारी है। हालांकि, हरियाणा, कर्नाटक और महाराष्ट्र में हुए नुकसान से उसे चिंता होगी। दूसरा बड़ा फायदा आम आदमी पार्टी को हुआ है। पंजाब चुनाव में अपनी जीत को उसने भुनाया है। अरविंद केजरीवाल की पार्टी ने पंजाब की दोनों राज्यसभा सीटों पर जीत हासिल की। इससे राज्‍यसभा में आप के सदस्‍यों की संख्‍या बढ़कर 10 तक हो गई है।

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राज्‍यसभा चुनाव के नतीजे घोषित होते, उससे पहले ही कांग्रेस जश्‍न मनाने लग गई थी। बाद में साफ हुआ कि हरियाणा में अजय माकन को मीडिया बैरन कार्तिकेय शर्मा ने हरा दिया है। महाराष्‍ट्र में भी बीजेपी ने सत्‍ताधारी महाविकास आघाड़ी (MVA) को तगड़ा झटका दिया।

हाइलाइट्स
हरियाणा में कांग्रेस उम्‍मीदवार अजय माकन को बीजेपी समर्थित कार्तिकेय शर्मा ने हराया
जीत का जश्‍न बनाने लगी थी कांग्रेस, ‘बेहद कम अंतर’ से हार होने पर उठानी पड़ी शर्मिंदगी
महाराष्‍ट्र में सत्‍ताधारी गठबंधन को तगड़ा झटका, बीजेपी ने शिवसेना से जीती तीसरी सीट
धनंजय महादिक ने सेना के संजय पंवार को पछाड़ा

राज्‍यसभा चुनाव 2022 नतीजों से पहले ही कांग्रेस जश्‍न में डूब चुकी थी। कई पदाधिकारी जिनके वेरिफाइड ट्विटर हैंडल्‍स हैं, ट्वीट करके अजय माकन को हरियाणा से जीत की बधाई देने लगे थे। मगर जैसे-जैसे रात से सुबह होनी शुरू हुई, कांग्रेसियों के चेहरे लटकते चले गए। तड़के पौने तीन बजे ANI से कांग्रेस विधायक भारत भूषण बत्रा की बाइट रिलीज की जाती है। बत्रा बता रहे होते हैं, ‘बेहद कम अंतर से अजय माकन हार गए हैं।’ मतलब बीजेपी वहां से मीडिया बैरन कार्तिकेय शर्मा को जिताने में कामयाब रही। बीजेपी ने ऐसी ही धोबी-पछाड़ महाराष्‍ट्र में कांग्रेस के सत्‍ताधारी गठबंधन को भी दी। राज्‍य की छह सीटों में तीन पर महाविकास आघाड़ी और तीन पर बीजेपी जीती। छठी सीट पर शिवसेना के साथ सीधी लड़ाई थी, मगर बीजेपी के धनंजय महादिक ने संजय पवार को मात दे दी।
संजय पवार बनाम धनंजय महादिक के नतीजों में बीजेपी के पक्ष में 10 ऐसे वोट पड़े जिनकी उसे भी उम्‍मीद नहीं थी। कुल मिलाकर हरियाणा और महाराष्‍ट्र में बीजेपी ने कांग्रेस पर 2-0 से सीधी जीत दर्ज की। हालांकि, शायद रात बहुत हो गई थी इसलिए जीत वाले प्री-मैच्‍योर ट्वीट डिलीट नहीं हो पाए। बहुत सारे कांग्रेसियों के बधाई संदेश अब भी ट्विटर पर मौजूद हैं।

कांग्रेस के लिए सबसे शर्मनाक परिस्थितियां हरियाणा में बनीं। यहां बीजेपी ने पूर्व कांग्रेस मंत्री विनोद शर्मा के बेटे कार्तिकेय शर्मा को समर्थन दिया था। उनका मुकाबला कांग्रेस के अजय माकन से था। गुरुवार को मतगणना देर रात तक चली। नतीजों की आधिकारिक घोषणा से पहले ही ट्विटर पर बधाई संदेशों की बाढ़ आ गई। कई वेरिफाइड हैंड्ल्‍स से माकन को जीत की बधाई दी गई। यहां तक कि हरियाणा कांग्रेस ने भी माकन को बधाई देते हुए ट्वीट किया कि ‘हरियाणा की राज्‍यसभा सीट पर कांग्रेस की विजय लोकतंत्र की जीत है।’ बाद में पता चला कि माकन चुनाव हार गए हैं। कांग्रेस के कई नेताओं ने अब भी माकन को बधाई वाले ट्वीट डिलीट नहीं किए हैं

राज्‍यसभा चुनाव में अजय माकन को जीत की बधाई देता हरियाणा कांग्रेस का ट्वीट

खबर लिखे जाने तक कई नेताओं ने नहीं डिलीट किए थे ट्वीट

खट्टर ने ली कांग्रेस से मौज

कांग्रेस की फजीहत पर मुख्‍यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने इशारों में मौज ली। उन्‍होंने बीजेपी उम्‍मीदवारों के लिए वोट करने वाले सभी विधायकों का शुक्रिया अदा किया। खट्टर ने कहा, ‘हमारे लिए खुशी की बात है। मैं कृष्‍ण पाल पंवार और कार्तिकेय शर्मा को जिताने के लिए सभी विधायकों का धन्‍यवाद करता हूं। यह लोकतंत्र की जीत है। मुझे उम्‍मीद है कि दोनों सदन में हरियाणा के लोगों से जुड़े मुद्दे उठाएंगे।’

महाराष्‍ट्र में टीम ठाकरे ने मुंह की खाई

सत्‍ताधारी महाविकास आघाड़ी को तगड़ा झटका देते हुए बीजेपी ने तीसरी राज्‍यसभा सीट जीत ली। छह में से तीन सीटें MVA और तीन सीटें BJP के खाते में गईं। छठी सीट के लिए बीजेपी के धनंजय महादिक और शिवसेना के संजय पवार में कड़ा मुकाबला था। शनिवार तड़के आए नतीजों में महादिक के पक्ष में 10 ऐसे वोट पड़े जिनकी उम्‍मीद बीजेपी ने नहीं की थी। जीत के लिए उम्‍मीदवार को 41 वोट चाहिए थे और महादिक ने यह आंकड़ा छू लिया।

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महादिक के अलावा बीजेपी से पीयूष गोयल और अनिल बोंदे राज्‍यसभा पहुंचे हैं। कांग्रेस के इमरान प्रतापगढ़ी, NCP के प्रफुल्‍ल पटेल और शिवसेना के संजय राउत भी चुनाव जीते। राज्‍यसभा चुनाव के नतीजों का असर विधान परिषद चुनाव और निकाय चुनाव पर पड़ने की संभावना है।

हरियाणा में कांग्रेस नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन (Congress Leader Ajay Maken) राज्यसभा चुनाव (Rajya Sabha Election) हार गए हैं। निर्दलीय व भाजपा समर्थित उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा (Kartikeya Sharma) चुनाव जीत गए हैं। देर रात हुई मतगणना के बाद कांग्रेस विधायक भारत भूषण बत्रा ने कहा कि बहुत कम अंतर से अजय माकन हार गए हैं। हरियाणा की दो सीटों पर बीजेपी के कृष्ण लाल पंवार और निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा की जीत हासिल हुई है। वहीं महाराष्ट्र में बीजेपी के सभी तीन उम्मीदवार चुनाव जीत गए हैं। हरियाणा और महाराष्ट्र में देर रात चुनाव आयोग की अनुमति के बाद मतगणना शुरू हो सकी।
कांग्रेस ने अपने ट्विटर हैंडल से अजय माकन को विजयी घोषित कर दिया था। हालांकि बाद में वह ट्वीट डिलीट कर दिया गया। जीत के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने हरियाणा से राज्यसभा के लिए नवनिर्वाचित दोनों उम्मीदवारों- भाजपा उम्मीदवार कृष्ण लाल पंवार और भाजपा-जेजेपी समर्थित उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा को बधाई दी।

महाराष्ट्र में बीजेपी के सभी उम्मीदवार जीते

महाराष्ट्र से राज्यसभा की छह सीट पर चुनाव के लिए शुक्रवार वोटिंग हुई। आरोप-प्रत्यारोप के बीच चुनाव आयोग ने देर रात मतगणना  की अनुमति दी । देर रात आए नतीजों में बीजेपी के सभी तीन उम्मीदवार विजयी घोषित हुए। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तीन उम्मीदवार उतारे जबकि शिवसेना ने दो और कांग्रेस तथा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने एक-एक उम्मीदवार खड़ा किया। इस प्रकार, छह सीट के लिए सात उम्मीदवार मैदान में थे।

भाजपा ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल, राज्य के पूर्व मंत्री अनिल बोंडे और पूर्व सांसद धनंजय महादिक को मैदान में उतारा था। तीनों ही उम्मीदवार विजयी हुए। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जीत बाद कहा कि यह हमारे लिए खुशी का क्षण है।

राज्यसभा में कहां किसकी जीत किसकी हार

राज्यसभा की खाली सीटों पर चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी ने अपनी पूरी ताकत झोंकी थी। विधायकों की बाड़ेबंदी और रिजॉर्ट पॉलिटिक्स भी चरम पर थी। 11 राज्यों में राज्यसभा की खाली हुईं 57 सीटों में से 41 पर तो निर्विरोध निर्वाचन हो गया । 4 राज्यों की 16 सीटों को ही शुक्रवार को वोट डाले गए। ये राज्य हैं- राजस्थान, हरियाणा, महाराष्ट्र और कर्नाटक। इसमें राजस्‍थान से कांग्रेस को तीन तो बीजेपी को एक सीट पर जीत म‍िली। वहीं कर्नाटक में इसका उलटा हुआ। कर्नाटक में बीजेपी को 3 और कांग्रेस को एक सीट मिली है। हरियाणा की दो सीटों पर एक पर बीजेपी और दूसरी सीट पर बीजेपी समर्थित निर्दलीय कार्तिकेय शर्मा चुनाव जीत गए। वहीं महाराष्ट्र में 3 सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की।

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