रक्षामंत्री राजनाथ ने किया 670 करोड़ के पुल-सडकों का उद्घाटन

*रक्षा मंत्री ने किया 670 करोड़ रुपये की लागत से सात राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में बीआरओ निर्मित 29 पुलों और छह सड़कों का उद्घाटन*

*ये हैं दूर-दराज के क्षेत्रों में कनेक्टिविटी और रक्षा तैयारियां बढ़ाने और सामाजिक-आर्थिक विकास बढ़ाने वाली परियोजनाएं *

* सीमावर्ती क्षेत्र भारत का चेहरा; हमारी मुख्यधारा का हिस्सा हैं,बफर जोन नहीः राजनाथ सिंह*

*‘‘न्यू इंडिया’ का नया आत्मविश्वासः पहाड़ों पर हो रहा मौलिक ढांचे का विकास और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और सेना को प्रतिकूल परिस्थितियों से प्रभावी ढंग से निपटने में मदद करने को तैनात हो रही पहाड़ियों पर सेना’’*

* देवभूमि आगमन पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया रक्षा मंत्री का स्वागत।*

देहरादून 19 जनवरी 2024 । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज सीमांत क्षेत्र जोशीमठ ढाक से बीआरओ निर्मित 35 अवस्थापना परियोजनाएं देश को समर्पित की। इसमें सात राज्यों की 06 सड़कें और 29 ब्रिज शामिल है। परियोजनाएं बीआरओ ने 670 करोड़ की लागत से पूरी की हैं। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और गढवाल सांसद तीरथ सिंह रावत रक्षामंत्री भी रहे।

रक्षा मंत्री ने सात राज्यों की जिन परियोजनाओं का उद्घाटन किया उनमें उत्तराखंड में 03 ब्रिज,जम्मू-कश्मीर में 01 सड़क व 10 ब्रिज,लद्दाख में 03 सड़कें व 6 ब्रिज,हिमाचल प्रदेश में 01 ब्रिज,सिक्किम में 02 सडकें,अरूणाचल प्रदेश में 08 ब्रिज तथा मिजोरम में 01 ब्रिज शामिल है। उत्तराखंड राज्य में भारत-चीन सीमा जोड़ने वाले जोशमठ-मलारी मार्ग पर ढाक ब्रिज एवं भापकुंड ब्रिज और सुमना-रिमखिम मोटर मार्ग पर रिमखिम गाढ ब्रिज को शिवालित परियोजना से 33.24 करोड़ लागत से तीनों ब्रिज बनाए गए है जिससे सीमांत क्षेत्रों में आवागमन सुगम हो गया है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “भारत की सीमाओं की रक्षा को हम सभी को मिलकर काम करना होगा। इसमें हमें सबका सहयोग मिल रहा है। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की सेवा की सराहना करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि किसी परियोजना को समय पर पूरा करना संगठन की प्रतिबद्धता से संभव हुआ है। साथ ही उन्होंने पर्यावरण के अनुकूल अधिकतम राष्ट्रीय सुरक्षा और कल्याण के मंत्र के साथ काम करने का आह्वान भी किया।

रक्षा मंत्री राजनाथ ने देश के सीमावर्ती बुनियादी ढांचा मजबूत करने को बीआरओ की सराहना की और कहा कि सड़क, पुल आदि का निर्माण करके,संगठन दूर-दराज के इलाकों को भौगोलिक दृष्टि से देश के बाकी हिस्सों से जोड़ रहा है, साथ ही दूरदराज के ग्रामीणों दिल बाकी नागरिकों से भी जोड़ रहा है।

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार सीमावर्ती क्षेत्रों को मुख्यधारा का हिस्सा मानती है न कि बफर जोन। “एक समय था जब सीमा पर मौलिक तंत्र के विकास को ज्यादा महत्व नहीं दिया जाता था। सरकारें इस मानसिकता से काम करती थीं कि मैदानी क्षेत्रवासी ही मुख्यधारा के लोग हैं। उन्हें चिंता थी कि सीमा पर सुविधाओं इस्तेमाल दुश्मन अतिक्रमण में कर सकता है। इसी संकीर्ण मानसिकता से सीमावर्ती क्षेत्रों तक विकास कभी नहीं पहुंच सका। ये सोच अब बदल गई है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सरकार देश की सुरक्षा जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास को प्रतिबद्ध है। हम इन क्षेत्रों को बफर जोन नहीं मानते हैं। वे हमारी मुख्यधारा का हिस्सा हैं।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जलवायु परिवर्तन को सिर्फ मौसम संबंधी घटना नहीं,बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा बेहद गंभीर विषय बताया। उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्रालय इसे बहुत गंभीरता से ले रहा है और इस संबंध में मित्र देशों से सहयोग मांगेगा। श्री राजनाथ सिंह ने उत्तराखंड में फंसे मजदूरों को बचाने को हाल ही के सिलकियारा टनल ऑपरेशन में बीआरओ के योगदान का भी विशेष उल्लेख किया।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार संगठनकर्मियों की मेहनत को मान्यता देती है। हमने बीआरओ के स्थायी नागरिक कर्मियों को सशस्त्र बलों के तुल्य जोखिम और कठिनाई भत्ता सुनिश्चित किया है। कैजुअल मजदूरों का अनुग्रह क्षतिपूर्ति दो लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये की है। हाल ही में,मैंने सीपीएल को 10 लाख रुपये के बीमा के प्रावधान को मंजूरी दी है। इससे सशस्त्र बलों के कर्मियों,नागरिक कर्मचारियों और बीआरओ में सीपीएल का मनोबल बढ़ाने में मदद करेंगें।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जोशीमठ ढाक में सीमा सड़क संगठन जवानों से भी मिले और उनसे वार्ता कर उनका मनोबल बढ़ाया। विपरीत परिस्थितियों में देश की सीमाओं पर कनेक्टिविटी सुदृढ़ बनाने में बीआरओ के कार्याे की जमकर सराहना भी की।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देवभूमि आगमन पर रक्षा मंत्री का स्वागत एवं अभिनंदन करते हुए सीमांत क्षेत्रों की विकास परियोजनाओं के लोकार्पण पर आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राज्य के सामरिक, धार्मिक व पर्यावरणीय महत्व को समझते हुए बड़ी परियोजनाओं पर काम शुरू हुआ है। चारधाम ऑल वेदर रोड, ऋषिकेश- कर्णप्रयाग रेलवे लाइन, सीमांत क्षेत्र विकास परियोजना व पर्वतमाला जैसी योजनाएं विकास के साथ-साथ सुरक्षा की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हैं। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में उत्तराखंड राज्य में तेजी से विकास कार्याे को आगे बढाया जा रहा है। उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने को राज्य सरकार विकल्प रहित संकल्प से पूरे मनोरथ से काम कर रही है। सीमावर्ती क्षेत्रों में अवसंरचना विकास कार्याे को गति प्रदान करने को मुख्यमंत्री ने बीआरओ की पूरी टीम को बधाई एवं शुभकामनाएं दी।

इस अवसर पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट, कर्णप्रयाग विधायक अनिल नौटियाल, थराली विधायक भूपाल राम टम्टा, जिला अध्यक्ष रमेश मैखुरी, बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार, जिलाधिकारी हिमांशु खुराना,पुलिस अधीक्षक श्रीमती रेखा यादव,बीआरओ से लेफ्टिनेंट जनरल रघु श्रीनिवासन भी थे।

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