रूड़की मेयर गौरव गोयल का त्यागपत्र स्वीकार, विवादों में ही कार्यकाल अधबीच समाप्त

Political Uttarakhand,Roorkee Mayor Gaurav Goyal Resigns Due To Many Controversies

विवादों के बीच रुड़की के मेयर गौरव गोयल ने दिया त्यागपत्र, पढ़ें क्यों छोड़नी पड़ी कुर्सी

मेयर गौरव गोयल ने शुक्रवार को शासन को अपना त्यागपत्र भेजा था। प्रमुख सचिव रमेश कुमार सुधांशु ने इस्तीफा स्वीकार कर लिया है।

देहरादून 28 जुलाई। लंबे समय से चल रहे विवादों के बीच शुक्रवार को नगर निगम रुड़की के मेयर गौरव गोयल ने त्यागपत्र दे दिया। उनका त्यागपत्र शासन ने स्वीकार करते हुए जिलाधिकारी हरिद्वार को प्रशासक तय कर दिया है। निगम के रूटीन कार्य नगर आयुक्त देखेंगे।

मेयर गौरव गोयल ने शुक्रवार को शासन को अपना त्यागपत्र भेजा था। प्रमुख सचिव रमेश कुमार सुधांशु ने त्यागपत्र स्वीकार कर लिया है। उन्होंने नगर निगम रुड़की के मेयर पद को रिक्त घोषित कर हरिद्वार के जिलाधिकारी को निगम में प्रशासक नियुक्त कर दिया है। प्रमुख सचिव की ओर से जारी आदेश के अनुसार जिलाधिकारी के आदेशों से निगम में नगर आयुक्त सभी रूटीन काम करेंगे।

एक के बाद एक विवाद ने लिख दी ऐतिहासिक परिणिति की पटकथा

निरंतर विवादों, आरोप-प्रत्यारोपों ने अंततः मेयर गौरव गोयल को ऐतिहासिक मोड़ पर ला खड़ा कर दिया। भारी मतों से जीतकर आए मेयर गौरव गोयल अपना कार्यकाल भी पूरा नहीं कर पाए।

शहर के लिए 25 नवंबर 2019 आशा भरा था। निर्दलीय प्रत्याशी गौरव गोयल, भाजपा व कांग्रेस जैसी मजबूत पार्टियों के प्रत्याशियों को पछाड़ मेयर बने थे। युवा व समाजसेवी की पहचान वाले मेयर गौरव गोयल को लेकर सभी को लग रहा था कि शहर के लिए कुछ बड़ा होगा। लेकिन जल्दी ही जनता की आशायें हवा हो गई। अवसर मिलते ही गोयल भाजपा में शामिल हो गए लेकिन पिछले साल ही भाजपा ने दल विरोधी गतिविधियों में छह साल को बाहर का रास्ता दिखा दिया था।

निगम की पहली बोर्ड बैठक में ही पार्षद व मेयर अलग-अलग दिखे। इसके बाद जो भी बैठक हुई, सभी में हंगामा सामान्य बात रही। पार्षदों और मेयर के बीच खींचतान से बोर्ड चल नहीं पाया। पार्षदों के साथ-साथ अधिकारी ही नहीं, ठेकेदार और कर्मचारी तक मेयर से नाराज हो गए। उन्होंने इसकी शिकायत शासन तक की। यही कारण रहा कि मेयर शहर पर ध्यान देने के बजाए आरोप-प्रत्यारोपों में ही उलझे रह गए। आखिरी दिनों चर्चा रही कि मेयर पर छह साल के निष्कासन की कार्रवाई होनी थी।

पूर्व विधायक से माइक छीनना पड़ा भारी

बोर्ड बैठक में निर्वतमान झबरेड़ा विधायक देशराज कर्णवाल से माइक छीनना मेयर गौरव गोयल पर काफी भारी पड़ा। इसके बाद शिकायतों का क्रम शुरू हुआ। जांच रिपोर्ट से भी मेयर का संकट बढ़ा। इससे संगठन के लोग भी मेयर के खिलाफ हो गए थे। जिसका खामियाजा मेयर को कई रुप में भुगतना पड़ा।

25 लाख रिश्वत मांगे जाने के ऑडियो ने धूमिल की छवि
लीज की संपत्ति स्थानांतरण को लेकर सुबोध गुप्ता से 25 लाख रुपये मांगे जाने का एक ऑडियो वायरल हुआ। जिसमें दावा किया गया था कि रुपये मेयर गौरव गोयल ने मांगे हैं। इस मामले में कोतवाली रुड़की में मुकदमा तक दर्ज हुआ। ऑडियो और मेयर की आवाज का मिलान भी कराया गया। हालांकि आवाज का मिलान नहीं हो पाया लेकिन इस प्रकरण से उनका नैतिक आधार खिसक गया।

महज संयोग था या फिर सच की आहट

इसे महज संयोग कहें या फिर सच की आहट। 25 जुलाई को हुई बोर्ड की बैठक में मेयर गौरव गोयल अपनी कुर्सी पर नहीं बैठ पाए। पार्षदों ने देरी से आने पर उनके स्थान पर अध्यक्ष के रुप में पार्षद चंद्र प्रकाश बाटा को मनोनीत कर उन्हें मेयर की कुर्सी पर बैठा दिया था।

हाईकोर्ट में डाली रिट ने बढ़ा दी थी मुश्किलें

नगर निगम रुड़की के मेयर गौरव गोयल खिलाफ गीतांजलि विहार निवासी अमित अग्रवाल ने उच्च न्यायालय में रिट दायर की थी जिसमें उन्होंने मेयर पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए जांच कराने व कार्रवाई की मांग की थी। इसमें उन पर लीज संपत्ति हस्तांतरण के नाम पर 25 लाख रुपये रिश्वत मांगने, निगम की पत्रावलियों में छेड़छाड़, ठेकेदारों को परेशान करने व कर्मचारियों से ठीक व्यवहार न करने आदि के आरोप थे। न्यायालय ने इस पर संज्ञान लिया। इसके चलते निर्वतमान जिलाधिकारी हरिद्वार विनय शंकर पांडेय ने मुख्य विकास अधिकारी प्रतीक जैन की अध्यक्षता में चार सदस्यीय कमेटी गठित की थी।

विधायक,पार्षद और पूर्व अधिकारी को बताया जिम्मेदार

मेयर गौरव गोयल ने त्यागपत्र के लिए शहर विधायक प्रदीप बत्रा, पार्षदों और निगम के एक पूर्व अधिकारी को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि इनसे त्रस्त होकर उन्हें त्यागपत्र देना पड़ा है। पूर्व नियोजित ढंग से हर बोर्ड बैठक में उन्हें लक्ष्य कर पार्षदों ने हंगामा किया। यह सब विधायक प्रदीप बत्रा के उकसाये हुआ। बता दें कि नगर निगम बोर्ड की 25 जुलाई बैठक में जमकर हंगामा हुआ था। बिना कोई प्रस्ताव पढ़े ही बोर्ड बैठक स्थगित हो गई थी। मेयर ने उसी दिन घोषणा कर दी थी कि वह पद से त्यागपत्र देंगे।

त्यागपत्र नहीं भी देते,तो भी मेयर का हटना था तय

विधायक प्रदीप बत्रा ने मेयर गौरव गोयल के सभी आरोपों को निराधार बताया। उन्होंने कहा कि मेयर गौरव गोयल के खिलाफ कई जांचें चल रही है जिनमें उन पर आरोप भी लगभग सिद्ध हो चुके हैं। न्यायालय इस मामले में संज्ञान ले रहा है। एक अगस्त मेयर गौरव गोयल पर आरोपों की सुनवाई है जिसमें उन पर कार्रवाई हो सकती है। इससे वह बौखलाए हुए हैं। जनता की सहानुभूति बटोरने को यह उनका राजनीतिक स्टंट हैं। अवरूद्ध शहर विकास उनके हटने से पटरी पर आयेगा।

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